विशà¥à¤µ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मेले में सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जरà¥à¤°à¥€ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚
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Rajeev ChoudharyDate
01-Jan-2019Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
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RajeevUpload Date
01-Jan-2019Download PDF
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कà¥à¤¯à¤¾ आप नये साल में कà¥à¤› नये संकलà¥à¤ª लेने की तलाश कर रहे है, तो सà¤à¥€ अचà¥à¤›à¥‡ संकलà¥à¤ªà¥‹à¤‚ के बीच हम à¤à¤• संकलà¥à¤ª और ले सकते हैं। वह संकलà¥à¤ª जो आज से सैंकड़ों वरà¥à¤· पहले महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने राषà¥à¤Ÿà¥à¤° और धरà¥à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठलिया था। वह संकलà¥à¤ª जिसे बाद में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤‚द, पं. रामपà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ बिसà¥à¤®à¤¿à¤², वीर अशफाक उलà¥à¤²à¤¾, शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤œà¥€ कृषà¥à¤£à¤µà¤°à¥à¤®à¤¾, लाला लाजपतराय, à¤à¤¾à¤ˆ परमानंद, वीर सावरकर पंडित लेखराम न जाने और कितनी महान विà¤à¥‚तियों ने धारण कर इस राषà¥à¤Ÿà¥à¤° और मानव जाति की रकà¥à¤·à¤¾ की।
कà¥à¤› लोग सोच रहे होंगे कि आज तो देश सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° और हम शकà¥à¤¤à¤¿ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ है अब à¤à¤¸à¥‡ संकलà¥à¤ªà¥‹à¤‚ की कà¥à¤¯à¤¾ जरूरत है। तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यह à¤à¥€ पता होगा आज à¤à¤²à¥‡ ही बाहरी शतà¥à¤°à¥à¤“ं को हम रोकने में सकà¥à¤·à¤® हों, किनà¥à¤¤à¥ अंदर ही अंदर कà¥à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की दीमक धीरे-धीरे हमारी आने वाली नसà¥à¤² को चट कर रही हैं। इसे बचाने के लिठहमें इस संकलà¥à¤ª की अतà¥à¤¯à¤‚त जरà¥à¤°à¤¤ हैं और वह जरूरत हर घर में सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ से बेहतर कà¥à¤¯à¤¾ हो सकती है।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि केवल कà¥à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¤¾à¤° ही नहीं आज हमारी नई पीà¥à¥€ के ऊपर à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤ˆ, मजहबी, पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से लेकर अनà¥à¤¯ पंथों के लोग हमारे यà¥à¤µà¤•-यà¥à¤µà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को बरगलाने का कारà¥à¤¯ कर रहे हैं। पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤œà¤¾à¤², à¤à¥à¤°à¤®à¤œà¤¾à¤², अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ का जाल या फिर सिनेमा के माधà¥à¤¯à¤® से विचारों का à¤à¤¸à¤¾ जाल फेंक रहे हैं कि जिसमें हमारा यà¥à¤µà¤¾ उलà¤à¤¤à¤¾ जा रहा हैं। विडमà¥à¤¬à¤¨à¤¾ देखिये! इस बात का पता सबको है लेकिन अधिकांश तो ये सोचकर संतोष वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ कर रहे कि हमारे बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ अà¤à¥€ सही हैं, किनà¥à¤¤à¥ अनेकों इस संतोष में रहते-रहते अपनी औलादों को अपने हाथों से खो à¤à¥€ चà¥à¤•à¥‡ हैं।
ये à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¦à¥€ है जिसका हर रोज कोई न कोई à¤à¤• शिकार हो रहा है। आरà¥à¤¯ समाज इस सामाजिक, धारà¥à¤®à¤¿à¤• तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¦à¥€ से à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में पड़ने वाले पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ का समठरहा है। इससे बचाने के लिठही आरà¥à¤¯ समाज पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· विशà¥à¤µ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मेले में जाकर यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को 50 रूपये की कीमत का सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ 10 रूपये में उपलबà¥à¤§ कराता है। वह सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जिसने à¤à¤¾à¤°à¤¤ से अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸, सती पà¥à¤°à¤¥à¤¾ को खतà¥à¤® किया, जिसनें नारी शिकà¥à¤·à¤¾ पर जोर दिया, विधवा विवाह शà¥à¤°à¥‚ कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नया जीवन दिया। यदि सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ न होता तो कà¥à¤¯à¤¾ देश में à¤à¤• विधवा नारी इंदिरा गाà¤à¤§à¥€ देश की पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ बन पाती? बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ की जड़ें खोखली कर देने वाले इस अमर गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ ने इस देश को संजीवनी दी।
आज à¤à¤• बार फिर देश उसी माहौल में जाता दिख रहा हैं। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ की चकाचोंध दिखाकर नई पीà¥à¥€ को à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿ करने की कोशिश जारी है, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ के गपोडे सà¥à¤¨à¤¾à¤•à¤° कहा जा रहा है तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ धरà¥à¤® तो à¤à¥‚ठऔर अवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• है। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बताया जा रहा है मांस का à¤à¤•à¥à¤·à¤£ करो, ये तो तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡à¤‚ वेदों में à¤à¥€ लिखा हैं। अब घर में न वेद हैं न सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶, वह यà¥à¤µà¤¾ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ कर लेता है और कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤— पर निकल पड़ता हैं। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आधà¥à¤¨à¤¿à¤• दिखने की होड़ में हम अपने बेटी-बेटे उनके कोमल मन पर वैदिक सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ की छाप छोड़ने में पीछे रह गये और विधरà¥à¤®à¥€ अपना जाल लगातार फैला रहे हैं।
आखिर कितने घरों में सतà¥à¤¯ का आइना दिखाने वाली तरà¥à¤•à¥‹à¤‚ की कसोटी पर खरी उतरने वाली विशà¥à¤µ की à¤à¤• मातà¥à¤° पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ है? आखिर हम इन छोटी-छोटी अलà¥à¤ª मूलà¥à¤¯ की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ à¤à¥€ अपने घर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं रख पाà¤? कà¥à¤¯à¤¾ अगली पीà¥à¥€ को संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤µà¤¾à¤¨ बनाने का कारà¥à¤¯ हमारा नहीं है? मैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ साधॠसंत बनाने की नहीं कह रहा, बस इतना कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤°, धरà¥à¤®, समाज और परिवार के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूक होकर à¤à¤• बेहतर समाज का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करे।
हालाà¤à¤•à¤¿ à¤à¤¸à¤¾ नहीं है सब लोग धरà¥à¤® से विमà¥à¤– हैं बस यह सोचते है कà¥à¤¯à¤¾ होगा वेद पढने से, कà¥à¤¯à¤¾ हासिल होगा सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ पढने से? ये सब पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ बातें हैं, आज आधà¥à¤¨à¤¿à¤• जमाना है ये सब चीजें कोई मायने नहीं रखती आदि-आदि सवालों से अपने मन को बहला लेते हैं। आखिर यह बात अगली पीà¥à¥€ को कौन बतायेगा कि हमारा जनà¥à¤® कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ हà¥à¤†? दो जून का à¤à¥‹à¤œà¤¨ सैर-सपाटा तो जानवर à¤à¥€ कर लेते हैं। या फिर सिरà¥à¤« इसलिठकि हम बस मोबाईल पर गेम खेले, अपने परिवार तक सिमित रहें? जिस महान सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ में वेदों की à¤à¥‚मि में हमारा जनà¥à¤® हà¥à¤† कà¥à¤¯à¤¾ हम पर उसका उतà¥à¤¤à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤µ नहीं है कि इसका सà¥à¤µà¤°à¥‚प बिना बिगाड़े हम अगली पीà¥à¥€ के हाथ में सौपने का कारà¥à¤¯ करें?
सà¤à¥€ जानते हैं हर वरà¥à¤· दिलà¥à¤²à¥€ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मेले में देश-विदेश से हजारों की संखà¥à¤¯à¤¾ में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨, धारà¥à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤¥à¤¾à¤à¤‚, पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से अपनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करने यहाठआते हैं, नि:शà¥à¤²à¥à¤• कà¥à¤°à¤¾à¤¨ और बाइबिल यह बांटी जाती हैं। चà¥à¤ªà¤šà¤¾à¤ª धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण के जाल यहाठबिछाये जाते हैं। अब तो सब समठगये होंगे कि आरà¥à¤¯ समाज का पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मेले में जाना कोई वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤¨ नहीं है और आपका संकलà¥à¤ª लेना निररà¥à¤¥à¤• नहीं। बलà¥à¤•à¤¿ आरà¥à¤¯ समाज अपनी महान वैदिक सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ का पहरेदार बनकर जाता है 50 रूपये की कीमत का सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ दानी महानà¥à¤à¤¾à¤“ं के सहयोग से 10 रूपये में उपलबà¥à¤§ कराया जाता है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा था à¤à¤• धरà¥à¤®, à¤à¤• à¤à¤¾à¤µ और à¤à¤• लकà¥à¤·à¥à¤¯ बनाठबिना à¤à¤¾à¤°à¤¤ का पूरà¥à¤£ हित और उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ असंà¤à¤µ है। ठीक यही बात आज हमारे बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ पर à¤à¥€ लागू होती है कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने धरà¥à¤®, अपने राषà¥à¤Ÿà¥à¤° अपने परिवार का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ हà¥à¤ बिना उनकी à¤à¥€ उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ संà¤à¤µ नहीं है। याद रखिये, अपने धरà¥à¤®, अपनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ अपनी à¤à¥‚मि की रकà¥à¤·à¤¾ हमें खà¥à¤¦ करनी होती है, चाहे हमला हथियारों से हो या विचारों से। यदि हमला हथियारों से है तो हमारी सेना सकà¥à¤·à¤® हैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जवाब देने के लिठकिनà¥à¤¤à¥ जब हमला विचारों से होगा तब आप सकà¥à¤·à¤® हैं शायद नहीं इसलिठआइयें पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मेले में कम से कम इस बार à¤à¤• संकलà¥à¤ª लीजिये कि जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ नहीं तो घर में à¤à¤• सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ तो जरà¥à¤° रखेंगे...
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