जनà¥à¤® व मृतà¥à¤¯à¥ से जà¥à¥œà¥‡ कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ पर विचार
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Manmohan Kumar AryaDate
08-Jan-2019Category
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HindiTotal Views
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Vikas KumarUpload Date
08-Jan-2019Download PDF
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मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¤• शरीर धारी जीवातà¥à¤®à¤¾ को कहते हैं जो मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के समान आकृति सहित मननशील पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ होता है। जीवातà¥à¤®à¤¾ à¤à¤• चेतन ततà¥à¤µ है जो सतà¥à¤¯, à¤à¤•à¤¦à¥‡à¤¶à¥€, ससीम, अलà¥à¤ªà¤œà¥à¤ž, अलà¥à¤ª सामरà¥à¤¥à¥à¤¯, जनà¥à¤®-मरण धरà¥à¤®à¤¾, करà¥à¤®à¥‹à¤‚ को करने वाला व ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से उनके फल à¤à¥‹à¤—ने वाला है। मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को मनà¥à¤·à¥à¤¯-जनà¥à¤® उसके पूरà¥à¤µ जनà¥à¤®à¥‹à¤‚ के करà¥à¤®à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। यदि मनà¥à¤·à¥à¤¯ जनà¥à¤® में मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के करà¥à¤®à¥‹à¤‚ के खाते में पà¥à¤£à¥à¤¯ करà¥à¤® पाप करà¥à¤®à¥‹à¤‚ से अधिक हैं तो उसका मनà¥à¤·à¥à¤¯ जनà¥à¤® होता है अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ करà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° उसका ., पतंग आदि योनियों में होता है। इस जनà¥à¤® में मनà¥à¤·à¥à¤¯ योनि में हमारा जनà¥à¤® हà¥à¤† है। इसका अरà¥à¤¥ है कि इस जनà¥à¤® से पूरà¥à¤µ जनà¥à¤® में हम मनà¥à¤·à¥à¤¯ ही रहे होंगे और हमारे शà¥à¤ करà¥à¤® अशà¥à¤ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ से कà¥à¤› अधिक रहे होंगे। संसार में à¤à¤• नियम कारà¥à¤¯ कर रहा है कि जिसका जनà¥à¤® होता है उसकी मृतà¥à¤¯à¥ अवशà¥à¤¯ होती है। अतः मृतà¥à¤¯à¥ होने पर जनà¥à¤® होना à¤à¥€ निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ होता है। यह जà¥à¤žà¤¾à¤¤à¤µà¥à¤¯ है कि मृतà¥à¤¯à¥ होने पर जीवातà¥à¤®à¤¾ का अà¤à¤¾à¤µ नहीं होता अपितॠवह आकाश व वायॠमें विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ रहता है और पूरà¥à¤µ जनà¥à¤® के संचित करà¥à¤®à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° ईशà¥à¤µà¤° उसकी जाति, आयॠऔर à¤à¥‹à¤— निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ कर उसे जनà¥à¤® पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हैं। जिस मनà¥à¤·à¥à¤¯ के शà¥à¤ करà¥à¤® अशà¥à¤ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ से कम होते हैं वह निमà¥à¤¨ योनियों में जनà¥à¤® लेते हैं। संसार में मनà¥à¤·à¥à¤¯ व अनà¥à¤¯ योनियों के जीवों को देखकर यह नियम पूरà¥à¤£ सतà¥à¤¯ सिदà¥à¤§ होता है।
बालà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² से लेकर वृदà¥à¤§à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ तक अनेक कारणों से मनà¥à¤·à¥à¤¯ आदि पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की मृतà¥à¤¯à¥ के समाचार हमें सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ व पà¥à¤¨à¥‡ को मिलते रहते हैं। कà¤à¥€ कà¤à¥€ हमारे अपने ही किसी परिचित व संबंधी की मृतà¥à¤¯à¥ हमारी ही उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में हो जाती है। कोई निदà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में ही मृतà¥à¤¯à¥ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो जाता है तो कोई हृदया घात से और कई लोग रोगों से तà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ होकर मृतà¥à¤¯à¥ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होते हैं। कई लोगों की मृतà¥à¤¯à¥ का कारण सड़क, रेल व अनà¥à¤¯ अनेक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ à¤à¥€ हà¥à¤† करती हैं। मृतà¥à¤¯à¥ से पूरà¥à¤µ समय तक मनà¥à¤·à¥à¤¯ की शà¥à¤µà¤¾à¤‚स कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ मनà¥à¤·à¥à¤¯ की à¤à¤¾à¤‚ति पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ चलती रहती है। अचानक शà¥à¤µà¤¾à¤‚स कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ का रूक जाना ही मृतà¥à¤¯à¥ का कारण माना जाता है। मृतà¥à¤¯à¥ की अवसà¥à¤¥à¤¾ में हृदय à¤à¥€ काम करना बनà¥à¤¦ कर देता है और शरीर में होने वाली सà¤à¥€ बाहà¥à¤¯ व आनà¥à¤¤à¤¿à¤°à¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ बनà¥à¤¦ हो जाती हैं। इस अवसà¥à¤¥à¤¾ के बाद शरीर का विचà¥à¤›à¥‡à¤¦à¤¨ व उसमें विकृति आरमà¥à¤ हो जाती है और शरीर से दà¥à¤°à¥à¤—नà¥à¤§ à¤à¥€ आने लगती है। मृतà¥à¤¯à¥ की अवसà¥à¤¥à¤¾ में जीवातà¥à¤®à¤¾ शरीर को छोड़कर निकल जाती है। शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करने पर जà¥à¤žà¤¾à¤¤ होता है कि जीवातà¥à¤®à¤¾ के साथ उसका सूकà¥à¤·à¥à¤® शरीर à¤à¥€ साथ जाता है। यह सूकà¥à¤·à¥à¤® शरीर आंखों से दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤—ोचर नहीं होता। यह सà¥à¤¥à¥‚ल शरीर से à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ होता है जो कि पà¥à¤°à¤²à¤¯ काल तक सà¤à¥€ योनियों में जीवातà¥à¤®à¤¾ के जनà¥à¤® व मृतà¥à¤¯à¥ में à¤à¤• समान रहकर सà¥à¤¥à¥‚ल शरीर के साथ काम करता है।
जनà¥à¤® का कारण पूरà¥à¤µ जनà¥à¤® के करà¥à¤® व संचित करà¥à¤® जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤¬à¥à¤§ कहते हैं, होता है। यह पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤¬à¥à¤§ हमें इस जनà¥à¤® में सà¥à¤– व दà¥à¤ƒà¤–ों के à¤à¥‹à¤— के रूप में परमातà¥à¤®à¤¾ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ जनà¥à¤® उà¤à¤¯ योनि है जिसमें मनà¥à¤·à¥à¤¯ पूरà¥à¤µ जनà¥à¤® के किठहà¥à¤ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ को à¤à¥‹à¤—ते अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ खरà¥à¤š करते हैं और नये करà¥à¤® व पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ कर संचित करà¥à¤®à¥‹à¤‚ में वृदà¥à¤§à¤¿ à¤à¥€ करते हैं। इसका परिणाम à¤à¤¾à¤µà¥€ समय में जनà¥à¤®, जाति, आयॠव à¤à¥‹à¤— के रूप में हमें पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ जनà¥à¤® के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ पर विचार करने पर जà¥à¤žà¤¾à¤¤ होता है कि जनà¥à¤® मरण की बार बार पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ से दीरà¥à¤˜ काल के लिठअवकाश और उस अवकाश काल में ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ आननà¥à¤¦ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है जिसे शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में मोकà¥à¤· व मà¥à¤•à¥à¤¤ अवसà¥à¤¥à¤¾ के नाम से बताया गया है। यह मोकà¥à¤· शà¥à¤à¤•à¤°à¥à¤®à¥‹à¤‚ सहित ईशà¥à¤µà¤° साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° और जीवनमà¥à¤•à¥à¤¤ अवसà¥à¤¥à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होने पर होता है। इस मोकà¥à¤· अवसà¥à¤¥à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठही ईशà¥à¤µà¤° हमें मनà¥à¤·à¥à¤¯ जनà¥à¤® पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हैं। यह जीवातà¥à¤®à¤¾ की à¤à¤¸à¥€ अवसà¥à¤¥à¤¾ होती है जिसमें उसे दà¥à¤ƒà¤– लेशमातà¥à¤° à¤à¥€ नहीं होता। इस अवसà¥à¤¥à¤¾ में जीवातà¥à¤®à¤¾ ईशà¥à¤µà¤° के सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ में रहकर समाधि की à¤à¤¾à¤‚ति अकà¥à¤·à¤¯ सà¥à¤– वा आननà¥à¤¦ का à¤à¥‹à¤— करता है और वह जो इचà¥à¤›à¤¾ करता है वह पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ सà¤à¥€ पूरà¥à¤£ होती है। संसार में जितने à¤à¥€ जीव है वह à¤à¤• व अनेक बार मोकà¥à¤· में आ जा चà¥à¤•à¥‡ हैं और संसार की पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ सà¤à¥€ योनियों में अनेक बार उनका जनà¥à¤® व मृतà¥à¤¯à¥ हो चà¥à¤•à¥€ है। इसका कारण यह है कि ईशà¥à¤µà¤° व जीव अनादि व नितà¥à¤¯ हैं। इसका अरà¥à¤¥ है कि ईशà¥à¤µà¤° व जीव का न तो आरमà¥à¤ है और न ही अनà¥à¤¤à¥¤ यह जड़ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¥€ अनादि व नितà¥à¤¯ है और यह कारà¥à¤¯-सृषà¥à¤Ÿà¤¿ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ से अनादि है। सृषà¥à¤Ÿà¤¿ की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿, सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ और पà¥à¤°à¤²à¤¯ की अवसà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ तथा जीवातà¥à¤®à¤¾ के जनà¥à¤® व मृतà¥à¤¯à¥ सहित मोकà¥à¤· व बनà¥à¤§à¤¨ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ अननà¥à¤¤ काल तक चलती रहेंगी।
जिस जीव का मनà¥à¤·à¥à¤¯ योनि में जनà¥à¤® होता है उसे ईशà¥à¤µà¤° के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ माता-पिता और à¤à¤¾à¤ˆ-बहिन सहित अनेक संबंधी और à¤à¥€ मिलते हैं। समाज के लोगों से मितà¥à¤°à¤¤à¤¾ व अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ à¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ होते हैं। वह शिशॠके रूप में जनà¥à¤® लेता है, बालक बनता है, फिर किशोर होता है, इसके बाद यà¥à¤µà¤¾, पà¥à¤°à¥Œà¥ होकर वृदà¥à¤§à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। वृदà¥à¤§à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में कà¥à¤› वरà¥à¤· रहकर किसी रोग आदि से गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ होकर मृतà¥à¤¯à¥ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो जाता है। मृतà¥à¤¯à¥ के समय शारीरिक सà¥à¤–ों के पà¥à¤°à¤²à¥‹à¤à¤¨ व पारिवारिक समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ संचित धन आदि के पà¥à¤°à¤²à¥‹à¤à¤¨ के कारण यह मरना नहीं चाहता। यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ वह जानता है कि मृतà¥à¤¯à¥ अवशà¥à¤¯à¤®à¥à¤à¤¾à¤µà¥€ है फिर à¤à¥€ वह जीने की इचà¥à¤›à¤¾ रखता है और मृतà¥à¤¯à¥ से पूरà¥à¤µ इसका जà¥à¤žà¤¾à¤¨ हो जाने पर इसे à¤à¤¾à¤°à¥€ कà¥à¤²à¥‡à¤¶ होता है। मृतà¥à¤¯à¥ का समय निकट आने पर अनेकों की आंखें अशà¥à¤°à¥à¤“ं से à¤à¤° जाती है। इसे मृतà¥à¤¯à¥ का डर सताता है।
कई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के रोगों में तो शारीरिक कषà¥à¤Ÿ ही इतने अधिक होते हैं कि उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ से कà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¿à¤¤ रहकर उनसे मà¥à¤•à¥à¤¤ होने की मनà¥à¤·à¥à¤¯ इचà¥à¤›à¤¾ करता है परनà¥à¤¤à¥ इस अवसà¥à¤¥à¤¾ में à¤à¥€ कà¥à¤› अनà¥à¤•à¥‚ल और अनेक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥‚ल सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से गà¥à¤œà¤°à¤¨à¤¾ पड़ता है। मृतà¥à¤¯à¥ का समय आने पर बैठे हà¥à¤ ही या लेटे हà¥à¤ आतà¥à¤®à¤¾ व पà¥à¤°à¤¾à¤£ शरीर से निकल कर वायॠव आकाश में चले जाते हैं। जिस शकà¥à¤¤à¤¿ की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ से यह जीवातà¥à¤®à¤¾ व सूकà¥à¤·à¥à¤® शरीर के रूप में पà¥à¤°à¤¾à¤£, मन, बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿, चितà¥à¤¤, अहंकार आदि सूकà¥à¤·à¥à¤® अवयव निकलते हैं उस शकà¥à¤¤à¤¿ को ईशà¥à¤µà¤° कहते हैं। यह अवसà¥à¤¥à¤¾ मृतक के लिठतो रोदन व दà¥à¤ƒà¤– की होती ही है साथ ही मृतक के समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¥€ रूदन व दà¥à¤ƒà¤– की होती है। सà¤à¥€ पारिवारिक जनों के परसà¥à¤ªà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ वा हित जà¥à¥œà¥‡ रहते हैं। मृतà¥à¤¯à¥ के समय व उसके बाद में जीवातà¥à¤®à¤¾, किसी माता के गरà¥à¤ में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने से पूरà¥à¤µ, किनà¥à¤¹à¥€à¤‚ अजà¥à¤žà¤¾à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की यातà¥à¤°à¤¾ करता है। शरीर रहित होने से उसे इसका किंचित जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं होता। अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯ तो इसे जीवन का अनà¥à¤¤ ही समà¤à¤¤à¥‡ हैं। जो जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ हैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥€ पता नहीं होता कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उनके करà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° नीच योनियों में à¤à¥€ जाना हो सकता है जहां जीवन à¤à¤° दà¥à¤ƒà¤– ही दà¥à¤ƒà¤– मिलते हैं। à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का सतà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ ही मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के दà¥à¤ƒà¤– वा शोक से दूर करता है। हमारा मृतक जनों से जितना गहरा समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ व राग, मोह आदि होता है उतना ही अधिक दà¥à¤ƒà¤– हमें पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। हमारा जà¥à¤žà¤¾à¤¨ इस अवसर पर काम नहीं आता। जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€à¤œà¤¨ à¤à¥€ इस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में अपना विवेक वा सनà¥à¤¤à¥à¤²à¤¨ खो बैठते हैं और दीरà¥à¤˜ सà¥à¤µà¤° से आरà¥à¤¤à¤¨à¤¾à¤¦ व रà¥à¤¦à¤¨ करने लगते हैं। हम सà¤à¥€ के जीवन में यह अवसà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ आती हैं। यदि हम पूरà¥à¤µ काल में ही इसका विचार कर लें और इसके लिठशासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ की शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं पर दृषà¥à¤Ÿà¤¿ डाल लें व उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ समठलें तो à¤à¤¸à¥‡ वियोग के अवसर पर हम सà¥à¤¥à¤¿à¤° व शानà¥à¤¤ रह सकते हैं।
दिनांक 14 नवमà¥à¤¬à¤°, 2017 को रातà¥à¤°à¤¿ लगà¤à¤— 1 बजे आरà¥à¤¯à¤œà¤—त के उचà¥à¤š कोटि के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨, समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤•, ईशà¥à¤µà¤°-वेद-ऋषि à¤à¤•à¥à¤¤, वानपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥ साधक आशà¥à¤°à¤®, रोजड़ के संचालक विशà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ यशसà¥à¤µà¥€ साधक नेता का आकसà¥à¤®à¤¿à¤• निधन हो गया। पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ यह समाचार समूचे आरà¥à¤¯à¤œà¤—त में फैल गया। यह समाचार सà¥à¤¨à¤•à¤° आरà¥à¤¯à¤œà¤—त को गहरा आघात लगा। à¤à¤¸à¤¾ लगा कि हमारा अपना कोई अति पà¥à¤°à¤¿à¤¯ बनà¥à¤§à¥ जिससे हमें बहà¥à¤¤ आशायें थी, वह सदा के लिठहमसे दूर चला गया है। वह जो कारà¥à¤¯ कर रहे थे वह जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व अनà¥à¤à¤µ समà¥à¤à¤µà¤¤à¤ƒ उनके अनà¥à¤¯ सहयोगियों के पास नहीं है। इससे आने वाले समय में उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किये जाने वाले कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होने की आशंका है। इस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से सà¤à¥€ ऋषि à¤à¤•à¥à¤¤ चिनà¥à¤¤à¤¿à¤¤ हो गये हैं। इस समाचार को सà¥à¤¨à¤•à¤° आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का विवेक कारà¥à¤¯ नहीं कर रहा था। हम संसार में अनेक महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की मृतà¥à¤¯à¥ के समाचार सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ हैं परनà¥à¤¤à¥ उससे उस सीमा तक आहत नहीं होते जितना अपनों के à¤à¤¸à¥‡ समाचारों से होते हैं। इसका कारण आचारà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° जी के आरà¥à¤¯à¤œà¤—त में किये जा रहे ऋषि मिशन को पूरा करने वाले पà¥à¤°à¤¶à¤‚सनीय कारà¥à¤¯ ही हैं। विवेक से विचार करने पर जà¥à¤žà¤¾à¤¤ होता है कि मृतà¥à¤¯à¥ में जीवातà¥à¤®à¤¾ सहित सूकà¥à¤·à¥à¤® शरीर का सà¥à¤¥à¥‚ल शरीर से निषà¥à¤•à¤¾à¤¸à¤¨ ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ का परिणाम होता है। हमें हर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में ईशà¥à¤µà¤° व उसकी वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ रखना चाहिये।
पà¥à¤°à¤¿à¤¯ संबंधी के वियोग की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में à¤à¥€ उस कषà¥à¤Ÿ को सहन करना चाहिये। मनà¥à¤·à¥à¤¯ व संसार के सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ मरण धरà¥à¤®à¤¾ है। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तो आज या कालानà¥à¤¤à¤° में अवशà¥à¤¯à¤®à¥‡à¤µ मरना ही है। अतः à¤à¤¸à¥‡ अवसरों पर ईशà¥à¤µà¤° का चिनà¥à¤¤à¤¨ व धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ करना ही दà¥à¤ƒà¤– व वà¥à¤¯à¤¥à¤¾ को दूर करता है। ओ३मॠका जप करके व ईशà¥à¤µà¤° व जीवातà¥à¤®à¤¾ क गà¥à¤£, करà¥à¤® व सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ का विचार कर हमें अपने दà¥à¤ƒà¤– को हटाना चाहिये। मृतà¥à¤¯à¥ होने पर मृतक का पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¨à¥à¤® निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ होता है। यह ईशà¥à¤µà¤° का अटल विधान है। कà¥à¤› सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में मृतक को मोकà¥à¤· à¤à¥€ मिल सकता है। हमें अपने जीवन व करà¥à¤®à¥‹ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ आचरण पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¤ कर अपने करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का निरà¥à¤µà¤¾à¤¹ पूरà¥à¤£ सावधानी से करना चाहिये। दिवंगत आतà¥à¤®à¤¾ का यदि कोई सदà¥à¤—à¥à¤£ हम में नहीं है, तो उसे हमें अपनाने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करना चाहिये। हम वेद पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° में जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से à¤à¥€ सहयोगी हो सकते हैं, विचार कर उसे यथाशकà¥à¤¤à¤¿ करना चाहिये। ईशà¥à¤µà¤°à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ और सदाचरण ही हमारे अपने वश में है। हम अपने सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखें। 40 या 50 वरà¥à¤· की अवसà¥à¤¥à¤¾ के बाद समय समय पर अपनी चिकितà¥à¤¸à¥€à¤¯ जांच कराते रहें जिससे कà¥à¤› रोग वृदà¥à¤§à¤¿ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होने से पूरà¥à¤µ ही संजà¥à¤žà¤¾à¤¨ में आ सकें।
धà¥à¤¯à¤¾à¤¨, योग, उपासना, à¤à¥à¤°à¤®à¤£, वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤®, शà¥à¤¦à¥à¤§ व पवितà¥à¤° सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤§à¤• à¤à¥‹à¤œà¤¨ आदि का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखें और ईशà¥à¤µà¤° को अपना जीवन समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर निशà¥à¤šà¤¿à¤¨à¥à¤¤ जीवन वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करें। यदि जीवन में ऋषि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ व उपनिषद आदि का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करते रहेंगे तो इससे उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से हमारा अनà¥à¤¤à¤¿à¤® समय में शायद à¤à¤¸à¤¾ करने से शानà¥à¤¤à¤¿ से वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ हो सकता है और हम मृतà¥à¤¯à¥ का सामना कर सकेंगे। वेद कहता है कि मृतà¥à¤¯à¥ के समय मनà¥à¤·à¥à¤¯ को ओ३मॠका उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ करना चाहिये। ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने à¤à¥€ अपनी मृतà¥à¤¯à¥ के समय ओ३मॠका जप, वेद मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ से सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿, पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ व उपासना सहित à¤à¤¾à¤·à¤¾ में सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया था। हो सके तो हम à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ ही करें। हमने जनà¥à¤® व मृतà¥à¤¯à¥ पर कà¥à¤› विचार किया है। शायद इससे किसी पाठक को कà¥à¤› लाठहो। इति ओ३मॠशमà¥à¥¤
-मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯
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