“वेदों के तमिल अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤• ऋषि à¤à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€ मनकà¥à¤•à¤² रामसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जमà¥à¤¬à¥à¤¨à¤¾à¤¥à¤¨â€
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Manmohan Kumar AryaDate
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09-Mar-2019Download PDF
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ऋषि दयाननà¥à¤¦ वेदों के संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤µà¤‚ हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦ आंशिक à¤à¤µà¤‚ यजà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ का समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤µà¤‚ हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में किया। उनका गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ ‘ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¾à¤¦à¤¿à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¤à¥‚मिका’ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ में वैदिक साहितà¥à¤¯ की à¤à¤• अनà¥à¤ªà¤® कृति है। इस गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ को पà¥à¤•à¤° ही वेदों के महतà¥à¤µ से परिचित हà¥à¤† जा सकता है। ऋषि दयाननà¥à¤¦ के वेदà¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ को समà¤à¤¨à¥‡ के लिये à¤à¥‚मिका गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ आवशà¥à¤¯à¤• है। ऋषि दयाननà¥à¤¦ की वेदà¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ शैली à¤à¥€ अतà¥à¤¯à¥à¤¤à¥à¤¤à¤® है। वेदà¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ में वह पहले मनà¥à¤¤à¥à¤° के पाठो का पदचà¥à¤›à¥‡à¤¦ करते हैं। इसके बाद अनà¥à¤µà¤¯ देते हैं। अनà¥à¤µà¤¯ के बाद अनà¥à¤µà¤¯ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में पदारà¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ उसके बाद हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में पदारà¥à¤¥ और अनà¥à¤¤ में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤µà¤‚ हिनà¥à¤¦à¥€ में à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤¦ देते हैं। ऋषि दयाननà¥à¤¦ का वेदà¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ उनसे पूरà¥à¤µ के उपलबà¥à¤§ सà¤à¥€ वेदà¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ में सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® है। ऋषि दयाननà¥à¤¦ के किये हà¥à¤ अरà¥à¤¥ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ पारमारà¥à¤¥à¤¿à¤• हैं जिससे हमें अà¤à¥à¤¯à¥à¤¦à¤¯ à¤à¤µà¤‚ निःशà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¸ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ में सहायता à¤à¤µà¤‚ मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ मिलता है। इसकी परीकà¥à¤·à¤¾ पाठक सà¥à¤µà¤¯à¤‚ पà¥à¤•à¤°, विचार कर व अनà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को देखकर कर सकते हैं।
आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ में ऋषि दयाननà¥à¤¦ जी के बाद अनेक वेदà¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° हà¥à¤ हैं जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने न केवल ऋषि दयाननà¥à¤¦ जी के अवशिषà¥à¤Ÿ à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ के कारà¥à¤¯ को पूरा करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया अपितॠउस à¤à¤¾à¤— का à¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ किया जिस पर ऋषि दयाननà¥à¤¦ का à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ उपलबà¥à¤§ है। हम जानते हैं कि देश में अधिकांश लोग हिनà¥à¤¦à¥€ बोलते, समà¤à¤¤à¥‡ व पà¥à¤¤à¥‡ हैं। हमारे देश में अनेक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ हैं जहां आज à¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤¨à¥‡ की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ लोगों में नहीं है। à¤à¤¸à¥‡ लोगों को उनकी à¤à¤¾à¤·à¤¾ में ही वेदà¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ सहित वैदिक साहितà¥à¤¯ के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ को उपलबà¥à¤§ कराना आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ का करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है। इसी की पूरà¥à¤¤à¤¿ तमिल à¤à¤¾à¤·à¤¾ के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ ऋषि à¤à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€ à¤à¤®. आर. जनà¥à¤¬à¥à¤¨à¤¾à¤¥à¤¨ जी ने की है। डॉ0 à¤à¤µà¤¾à¤¨à¥€à¤²à¤¾à¤² à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जी ने इनका अति संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ परिचय अपनी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• ‘वेदो के वेद सेवक विदà¥à¤µà¤¾à¤¨’ में दिया है। हम वहीं से शà¥à¤°à¥€ जमà¥à¤¬à¥à¤¨à¤¾à¤¥à¤¨ जी का परिचय पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर रहे हैं।
तमिलà¤à¤¾à¤·à¤¾ में वैदिक साहितà¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤£à¥‡à¤¤à¤¾ à¤à¤®.आर. जमà¥à¤¬à¥à¤¨à¤¾à¤¥à¤¨ का जनà¥à¤® 23 अगसà¥à¤¤ सनॠ1896 को तमिलनाडॠके तिरà¥à¤šà¤¿à¤°à¤¾à¤ªà¤²à¥à¤²à¥€ जिले के मनकà¥à¤•à¤² गà¥à¤°à¤¾à¤® में हà¥à¤†à¥¤ इनका पूरा नाम मनकà¥à¤•à¤² रामसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जमà¥à¤¬à¥à¤¨à¤¾à¤¥à¤¨ था। तमिल, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ तथा अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में आपका उचà¥à¤šà¤¸à¥à¤¤à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ ऋषि दयाननà¥à¤¦ की विचारधारा से परिचय पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर आपने वैदिक धरà¥à¤® को अंगीकार किया ओर अपनी मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾ तमिल में वैदिक साहितà¥à¤¯ का पà¥à¤°à¤£à¤¯à¤¨ किया। 18 दिसंमà¥à¤¬à¤° 1978 को आपका निधन हà¥à¤†à¥¤ शà¥à¤°à¥€ जमà¥à¤¬à¥à¤¨à¤¾à¤¥à¤¨ ने चारों वेदों का तमिल à¤à¤¾à¤·à¤¾ में अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ किया है जिसका विवरण इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° है--ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦ (1978), यजà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦-शà¥à¤•à¥à¤² à¤à¤µà¤‚ कृषà¥à¤£ (1938), सामवेद (1934), अथरà¥à¤µà¤µà¥‡à¤¦ (1940), शतपथ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ की कथायें (1933), उपनिषदॠकथाà¤à¤‚ (1932), कठोपनिषदॠ(तमिल) 1932 में। तमिल जैसी पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ तथा पà¥à¤°à¤¾à¤‚जल à¤à¤¾à¤·à¤¾ में वेदों का आपका किया अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कारà¥à¤¯ है।
इणà¥à¤Ÿà¤°à¤¨à¥ˆà¤Ÿ पर उपलबà¥à¤§ जानकारी के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° शà¥à¤°à¥€ à¤à¤®.आर. जमà¥à¤¬à¥à¤¨à¤¾à¤¥à¤¨ जी ने सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ के अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ सहित सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी और सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी के जीवन à¤à¤µà¤‚ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पर à¤à¥€ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ की रचना की है। योग à¤à¤µà¤‚ योगासनों पर à¤à¥€ आपने अनेक पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ लिखी हैं। हम आशा करते हैं कि पाठकों के लिये यह संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ परिचय किंचित लाà¤à¤ªà¥à¤°à¤¦ होगा। ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤•à¥à¤¤, ऋषि à¤à¤•à¥à¤¤, आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के पोषक à¤à¤µà¤‚ वेद सेवक विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥€ à¤à¤®.आर. जमà¥à¤¬à¥à¤¨à¤¾à¤¥à¤¨ जी को सादर नमन à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि। ओ३मॠशमà¥à¥¤
-मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯
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