मेहà¥à¤¬à¥à¤¬à¤¾ जी, जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° à¤à¥€ रहेगा और हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ à¤à¥€ रहेगा
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Rajeev ChoudharyDate
15-Apr-2019Category
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RajeevUpload Date
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जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ का à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ हिसà¥à¤¸à¤¾ रहा है जो पिछले 70 सालों से कशà¥à¤®à¥€à¤° के राजनेताओं की राजनीति की खà¥à¤°à¤¾à¤• बना हà¥à¤† है। à¤à¤• बार फिर देश में लोकसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ है तो जाहिर सी बात है कशà¥à¤®à¥€à¤° की तीन सीटों पर à¤à¥€ अगले कà¥à¤› चरणों में मतदान होगा। किनà¥à¤¤à¥ मतदान से पहले जिस तरह के बयान सामने आ रहे है वह कशà¥à¤®à¥€à¤° की वादियों को आग में à¤à¥‹à¤•à¤¨à¥‡ वाले सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ पड़ रहे है। घाटी की अनंतनाग सीट से चà¥à¤¨à¤¾à¤µ लड़ रही महबूबा मà¥à¤«à¥à¤¼à¤¤à¥€ अपनी सीट बचाने के लिठहर वो तरीका अपना रही है चाहे उसके लिठघाटी में आग कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न लग जाà¤à¤à¥¤
असल में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनता पारà¥à¤Ÿà¥€ के चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ घोषणा पतà¥à¤° में धारा 370 ख़तà¥à¤® करने की बात कही गई है। इस पर जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° की पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ महबूबा मà¥à¤«à¥à¤¤à¥€ ने चेतावनी देते हà¥à¤ है कि “अगर इसे ख़तà¥à¤® किया गया तो à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ को मेरी चेतावनी है कि न जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° रहेगा न हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ रहेगा।” “वो आग के साथ खेलना बंद कर दे, जमà¥à¤®à¥‚ कशà¥à¤®à¥€à¤° बारà¥à¤¦ है, आप चिंगारी फेंकोगे तो न जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° रहेगा न हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ रहेगा”
ये तीखे बोल किसी अलगाववादी के नहीं है ये बोल है राजà¥à¤¯ में कई वरà¥à¤· मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤¤à¥à¤°à¥€ रही à¤à¤• जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° महिला नेता महबूबा मà¥à¥žà¥à¤¤à¥€ के। लेकिन सवाल उठता है कि कà¥à¤¯à¤¾ यह बयान वोट लेने के लिठदिया है या फिर सचमà¥à¤š ही कशà¥à¤®à¥€à¤° को आग में à¤à¥‹à¤–ने का इरादा है? या इसके कारण और निवारण कहीं और छिपे हैं, यदि à¤à¤¸à¤¾ है तो धारा 370 जो कशà¥à¤®à¥€à¤° में समसà¥à¤¯à¤¾ बनी है उसका समाधान कैसे होगा?
हालाà¤à¤•à¤¿ यह मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ पूरे à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लिठबेहद संवेदनशील है, पर जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° के लिठकà¥à¤› जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• है। बीजेपी के संकलà¥à¤ª पतà¥à¤° में इसे ख़तà¥à¤® करने की कोशिश का à¤à¤²à¤¾à¤¨ करने के बाद पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ फारूक अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾ ने कहा कि “यदि à¤à¤¸à¤¾ हà¥à¤† तो जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° का à¤à¤¾à¤°à¤¤ में विलय का पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ à¤à¥€ ख़तà¥à¤® हो जाà¤à¤—ा और राजà¥à¤¯ आजाद हो जाà¤à¤—ा”
अब इसमें पहला सवाल तो यही है कि कशà¥à¤®à¥€à¤° राजà¥à¤¯ किससे आजाद हो जायेगा? रोज होती आतंकी घटनाओं से, या अलगावादियों से? कà¥à¤¯à¤¾ कशà¥à¤®à¥€à¤° आजाद हो जायेगा अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾ और मà¥à¤«à¥à¤¤à¥€ खानदान के चंगà¥à¤² से? सोचने वाली बात ये à¤à¥€ है कि अलगाव ये बेतà¥à¤•à¥€ मांग सिरà¥à¤« घाटी से ही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ उठती है जबकि जमà¥à¤®à¥‚ और लदà¥à¤¦à¤¾à¤– à¤à¥€ इसी राजà¥à¤¯ का हिसà¥à¤¸à¤¾ है. आज कबूतर की तरह आà¤à¤– बंद कर लेने से इस समसà¥à¤¯à¤¾ का समाधान नहीं होगा बलà¥à¤•à¤¿ समà¤à¤¨à¤¾ होगा कि समसà¥à¤¯à¤¾ कहीं घाटी में à¤à¤• ही मजहब की बहà¥à¤²à¤¤à¤¾ इसका असली कारण तो नहीं जिसका पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ मजहबी रूप से à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• फायदा उठाना तो नहीं चाह रहा?
दूसरा सवाल ये à¤à¥€ है कि अपना पूरा जीवन राजनीति करके कà¥à¤¯à¤¾ फारूक़ अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾ बता सकते है कि कशà¥à¤®à¥€à¤° को वो गà¥à¤²à¤¾à¤® समà¤à¤¤à¥‡ है? महबूबा मà¥à¤«à¥à¤¤à¥€ आज बारूद के ढेर की बात कर रही है कà¥à¤¯à¤¾ यह बात उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तब à¤à¥€ उठाई थी जब à¤à¤¾à¤°à¥€ संखà¥à¤¯à¤¾ में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ आतंकी कशà¥à¤®à¥€à¤° में आ घà¥à¤¸à¥‡ थे? और आईà¤à¤¸à¤†à¤ˆ की शह पर कशà¥à¤®à¥€à¤° अलगाववादियों का अडà¥à¤¡à¤¾ बन गया था। आठदिन सड़कों पर हथियार लहराते हà¥à¤ हिंसक जलूस निकालना और सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ बलों पर गोलियां दागना उनका पà¥à¤°à¤¿à¤¯ शगल हो गया था। कà¥à¤¯à¤¾ उस समय कशà¥à¤®à¥€à¤° फूलों की सेज पर बैठा था?
कà¥à¤¯à¤¾ फारà¥à¤– अबà¥à¤¦à¥à¤¦à¥à¤²à¤¾ à¤à¥‚ल गये कि 1989 के नवंबर में बà¥à¤°à¥€ तरह बिगड़ी समाजिक, राजनीतिक और कानून वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ के घाटी में कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडितों के कतà¥à¤²à¥‡à¤†à¤® और उनके रहते उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ घाटी से बाहर खदेड़ने का सिलसिला शà¥à¤°à¥‚ हो गया था। घाटी से जान हथेली पर लेकर à¤à¤¾à¤—े कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडितों का पहला जतà¥à¤¥à¤¾ नई दिलà¥à¤²à¥€ 30 दिसंबर, 1989 को पहà¥à¤‚चा था। कà¥à¤¯à¤¾ कशà¥à¤®à¥€à¤° जब आजाद था या फिर इसà¥à¤²à¤¾à¤® के नाम यह सब कतà¥à¤²à¥‡à¤†à¤® करने की खà¥à¤²à¥€ आजादी उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने खà¥à¤¦ दी थी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उस समय कशà¥à¤®à¥€à¤° में वही मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ थे?
असल में इन कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ नेताओं और अलगाववादियों ने अपना राजनितिक चूलà¥à¤¹à¤¾ जलाये रखने के लिठकशà¥à¤®à¥€à¤° में यह आग कà¤à¥€ बà¥à¤à¤¨à¥‡ ही नही दी। खà¥à¤¦ कशà¥à¤®à¥€à¤° में à¤à¤• समय राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² रहे जगमोहन ने कशà¥à¤®à¥€à¤° पर अपनी बहà¥à¤šà¤°à¥à¤šà¤¿à¤¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• “कशà¥à¤®à¥€à¤° समसà¥à¤¯à¤¾ और विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£” में विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ वरà¥à¤£à¤¨ किया है। वो लिखते उस समय कशà¥à¤®à¥€à¤° में कानून-वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का नामोनिशान नहीं बचा था। मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ से कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडितों के ख़िलाफ नारे लग रहे थे। पड़ोसी कह रहे थे, आजादी की लड़ाई में शामिल हो या वादी छोड़कर à¤à¤¾à¤—ो। कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडित हिंसा, आतंकी हमले और हतà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के माहौल में जी रहे थे। सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾à¤•à¤°à¥à¤®à¥€ थे लेकिन इतने नहीं कि वो उनकी जान और सामान की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ कर सकें।
आठदिन जलूस, धरने और पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ हो रहे थे जिनमें सरेआम आजादी के नारे लगते और पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ à¤à¤‚डा फहराया जाता, à¤à¥€à¥œ में शामिल हथियारबंद अलगाववादी जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के जवानों और सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ बलों को अपना निशाना बनाते जिसकी जवाबी कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ में निरà¥à¤¦à¥‹à¤¶ मारे जाते थे।
कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडितों का कतà¥à¤²à¥‡à¤†à¤® करके उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ घाटी से निकाल बाहर करने की साजिश à¤à¥€ बदसà¥à¤¤à¥‚र जारी रही। जगमोहन पर कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडितों के देश निकाले की अनदेखी के आरोप à¤à¥€ लगे। ऊपर से यही फारूक अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾ और पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ राजीव गांधी की राजनीतिक पैंतरेबाजी ने à¤à¤¸à¥‡ हालात बनाठकि वहां जगमोहन का टिकना मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हो गया।
वहां हमेशा मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ और राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² बदलते रहे लेकिन हालात कà¤à¥€ नहीं बदले। नई दिलà¥à¤²à¥€ में बैठे नेता शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का ताना-बाना बà¥à¤¨à¤•à¤° इसे à¤à¤¾à¤°à¤¤ का अà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ अंग बताते रहे लेकिन कà¥à¤¯à¤¾ मातà¥à¤° अà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ अंग बताने से कशà¥à¤®à¥€à¤° समसà¥à¤¯à¤¾ का समाधान संà¤à¤µ होगा। इसलिठआज à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के संकलà¥à¤ª पतà¥à¤° से समूचे देश में फिर आस जगी है कि कशà¥à¤®à¥€à¤° समसà¥à¤¯à¤¾ का हल धारा 370 ख़तà¥à¤® करने के अलावा कà¥à¤› नहीं होगा। अपनी राजनितिक रोटी सेकते रहने के लिठकशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ राजनितिक दल दिलà¥à¤²à¥€ को गरियाते रहेंगे जो देश के लिठहितकारी नहीं है। आज लोग इस संकलà¥à¤ª पतà¥à¤° को आशाओं के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• के रूप में देख रहे हैं इसी से जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° à¤à¥€ रहेगा और हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ à¤à¥€ रहेगा।
Very Nice