कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤° वामपंथ की अंतिम उमà¥à¤®à¥€à¤¦ है..?
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Rajeev ChoudharyDate
26-Apr-2019Category
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जावेद अखà¥à¤¤à¤° ने à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¤µà¤¾à¤° गिरिराज सिंह हो हराने के लिठमà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ से कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤° के à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ होकर वोट करने को कहा हैं। देखा जाये तो à¤à¤• समय हिंदी à¤à¤¾à¤·à¥€ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में अपनी मजबूत पकड़ और संसदीय उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ रखने वाले वामपंथी दल और उनकी विचारधारा आज सिमट कर सिरà¥à¤« बिहार की बेगà¥à¤¸à¤°à¤¾à¤¯ सीट तक सीमित हो चà¥à¤•à¥€ है। अगर बेगूसराय से कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤° किसी कारण जीत जाते है तो वामपंथ की राजनीति को कà¥à¤› समय के लिठजीवन मिल सकता है, हालाà¤à¤•à¤¿ संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ कम है। इसी कारण कई पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से लेकर तमाम छोटे बड़े वामपंथी नेता और सेकà¥à¤²à¤°à¤µà¤¾à¤¦ की आड़ में इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤µà¤¾à¤¦ परोसने वाले कई अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾ आज इस चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में अपने यà¥à¤µà¤¾ सितारे के कंधे पर सवार होकर अपने असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ की अंतिम लड़ाई लड़ते हà¥à¤ बेगूसराय की गलियों में वोट मांगते दिख जायेंगे।
पिछले दिनों जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ छातà¥à¤° संघ के पूरà¥à¤µ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤° ने देशदà¥à¤°à¥‹à¤¹ के केस में जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद कहा था कि मà¥à¤à¥‡ जेल में दो कटोरे मिले। à¤à¤• का रंग नीला था और दूसरे का रंग लाल था। मैं उस कटोरे को देखकर बार-बार ये सोच रहा था कि इस देश में कà¥à¤› अचà¥à¤›à¤¾ होने वाला है कि à¤à¤• साथ लाल और नीला कटोरा है वो नीला कटोरा मà¥à¤à¥‡ आंबेडकर मूवमेंट लग रहा था और वो लाल कटोरा मà¥à¤à¥‡ वामपंथी मूवमेंट लग रहा था। लेकिन कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤° इसमें वह à¤à¤• तीसरे कटोरे का जिकà¥à¤° करना à¤à¥‚ल गये जो हरा कटोरा बेगà¥à¤¸à¤°à¤¾à¤¯ सीट से चà¥à¤¨à¤¾à¤µ लड़ रहे वामपंथी दलों के साà¤à¤¾ उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¤µà¤¾à¤° कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤° के पकà¥à¤· में पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करने पहà¥à¤‚चे जावेद अखà¥à¤¤à¤° के जाने के बाद दिखा।
ये सच है कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤° की बेगà¥à¤¸à¤°à¤¾à¤¯ सीट से हार माओवाद, लेनिन और मारà¥à¤•à¥à¤¸à¤µà¤¾à¤¦ की à¤à¤¾à¤°à¤¤ में अंतिम कबà¥à¤°à¤—ाह साबित होगी। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पिछले अनेकों वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से धरà¥à¤® को अफीम बता-बताकर मारà¥à¤•à¥à¤¸à¤µà¤¾à¤¦ का धतूरा गरीब जनता को खिलाकर जिस तरह देश माओवादी, नकà¥à¤¸à¤²à¥€ खड़े कर देश में अनेकों नरसंहार किये है यह हार उनकी इस विचारधारा के ताबूत की अंतिम कील साबित होगी।
देश के कई राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में अनेकों वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक नकà¥à¤¸à¤²à¤µà¤¾à¤¦ के नाम पर हिंसा मारà¥à¤•à¥à¤¸à¤µà¤¾à¤¦ के नाम पर सतà¥à¤¤à¤¾ सà¥à¤– à¤à¥‹à¤—ने वाले वामपंथी नेताओं को आज अपनी विचारधारा के लिठराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजनीति ने कोई जगह दिखाई नहीं दे रही है शायद यही वजह रही होगी कि कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤° ने जेल से निकलने के बाद बिहार तक पहà¥à¤‚चते हà¥à¤ अपनी राजनीतिक महातà¥à¤µà¤¾à¤•à¤¾à¤‚कà¥à¤·à¤¾ का इजहार कर दिया था। कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤° ने आजादी, जय à¤à¥€à¤® और पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ लाल सलाम’ के नारे के साथ वामपंथी राजनीति को नठदौर में नठसिरे से गà¥à¤¨à¥‡ की कोशिश की थी।
जो लोग आज इसे सिरà¥à¤« राजनितिक नारा समठरहे है उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यह सब नारे से आगे समà¤à¤¨à¤¾ होगा कि आज आजादी किसका नारा है और लाल सलाम किसका? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जिस तरह दलितों को हिनà¥à¤¦à¥‚ समाज में बाà¤à¤Ÿà¤¨à¥‡ का काम हो रहा है और जावेद अखà¥à¤¤à¤° सरीखे चेहरे बेगà¥à¤¸à¤°à¤¾à¤¯ पहà¥à¤à¤šà¤•à¤° कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤° के मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ के वोट मांग रहे है कहीं ये देश पर शà¥à¤°à¥‚आती वैचारिक आकà¥à¤°à¤®à¤£ तो नहीं है?
आज लोगों को à¤à¤• बार वामपंथ का इतिहास à¤à¥€ देख लेना चाहिठइसके बाद उनका निषà¥à¤•à¤°à¥à¤· उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जरà¥à¤° à¤à¤• कà¥à¤°à¥‚र सच की तरफ ले जायेगा। बताया जाता है वामपंथ की विचाधारा को लेकर आधà¥à¤¨à¤¿à¤• चीन की नींव रखने वाले माओ तà¥à¤¸à¥‡ तà¥à¤‚ग यानि माओ की सनक ने 4.5 करोड़ अपने लोगों का रकà¥à¤¤ बहाया था। रूस में सà¥à¤Ÿà¤¾à¤²à¤¿à¤¨ के 31 साल के शासन में लगà¤à¤— 2 करोड़ से अधिक लोग मारे गà¤à¥¤ यही नहीं बताया जाता है कि इथियोपिया के कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ वामपंथी तानाशाह से अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ लाल सलाम अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ छेड़ा। 1977 से 1978 के बीच ही उसने करीब 5,00,000 लाख लोगों की हतà¥à¤¯à¤¾ करवाई। à¤à¤• किसà¥à¤® से देखा जाये तो अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजनीति में सà¥à¤Ÿà¤¾à¤²à¤¿à¤¨ से लेकर माओ या फिर अà¤à¥€ तक मारà¥à¤•à¥à¤¸à¤µà¤¾à¤¦ के नाम पर अपराध और लूट हतà¥à¤¯à¤¾ हिंसा की इन लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¸à¥€ à¤à¥€à¤·à¤£ परियोजनाà¤à¤‚ चलाई कि जिनका जिकà¥à¤° किसी आम इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ को शरà¥à¤®à¤¿à¤¦à¤¾ कर सकता हैं।
आज वामपंथियों को समà¤à¤¨à¤¾ होगा कि विशà¥à¤µ के लगà¤à¤— सà¤à¥€ देशों से मारà¥à¤•à¥à¤¸à¤µà¤¾à¤¦ की विचारधारा का अंत हो चà¥à¤•à¤¾ है? कहा जाता है सोवियत रूस का पहला वाला असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ आज नहीं बचा जहाठमारà¥à¤•à¥à¤¸à¤µà¤¾à¤¦ का पहला पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया था इसी विचारधारा के कारण वह ढह चूका है। पूरà¥à¤µà¥€ यूरोप के कई देश धूल में मिल गठकà¥à¤› तो गायब हो गठजहां वामपंथी शासन वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ थी. पूरà¥à¤µà¥€ जरà¥à¤®à¤¨à¥€, चेकोसà¥à¤²à¥‹à¤µà¤¾à¤•à¤¿à¤¯à¤¾ जैसे देश नकà¥à¤¶à¥‡ में नहीं मिलते हंगरी-पोलैंड से à¤à¥€ यह विचारधारा आई गई हो चà¥à¤•à¥€ है। à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ में चीन का मारà¥à¤•à¥à¤¸à¤µà¤¾à¤¦ अब बाजारवाद से गले मिलता दिख रहा है à¤à¤¾à¤°à¤¤ में मारà¥à¤•à¥à¤¸à¤µà¤¾à¤¦ बंगाल और तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ नकार चà¥à¤•à¥‡ है और केरल में वामपंथी आज संघरà¥à¤· सिमटता दिखाई दे रहा है।
छतीसगॠà¤à¤¾à¤°à¤–णà¥à¤¡ और बंगाल को तीसरे दिन दहलाने वाले नकà¥à¤¸à¤²à¤µà¤¾à¤¦à¥€ à¤à¤•-à¤à¤• कर आतà¥à¤®à¤¸à¤®à¤°à¥à¤ªà¤£ कर मà¥à¤–à¥à¤¯à¤§à¤¾à¤°à¤¾ के जीवन की ओर लौट रहे है। अब जो यह ताजा बिहार का बेगूसराय चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ मैदान है यह वामपंथियों की अवसरवादी राजनीति की सवारी है किसी तरह संसद में छलांग लगा कर विचारधारा को जीवित करने की चेषà¥à¤ ा है इसमें मनà¥à¤µà¤¾à¤¦ को गाली देते हà¥à¤ मेकअप में सजे कथित बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की कतार है. सेकà¥à¤²à¤°à¤µà¤¾à¤¦ का ढोंग है। आंबेडकर जी के नाम पर दलितों को सà¥à¤¨à¤¹à¤°à¤¾ सपना बेचने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ है। जो लोग इसे समाजवाद से जोड़कर देख रहे है या à¤à¤¯ à¤à¥‚ख की आजादी नाम पर à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के सपने संजोये है, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बाद में वही मिलेगा जो 35 साल बंगाल में सतà¥à¤¤à¤¾ में रहने पर बंगाल के लोगों को मिला है।
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