अगले बà¥à¥à¤¾à¤ªà¥‡ का कà¥à¤¯à¤¾ होगा जरा सोचिà¤!
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Vinay AryaDate
06-May-2019Category
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RajeevUpload Date
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साल 2013 में à¤à¤• फिलà¥à¤® आई थी जिसका नाम था ये जवानी है दीवानी’ फिलà¥à¤® का नायक आज के दौर के यà¥à¤µà¤•à¥‹à¤‚ और यà¥à¤µà¤• होते किशोरों को अपनी जिंदगी अपनी शरà¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर जीना सीखा रहा था। उसे शादी बà¥à¤¯à¤¾à¤¹ में यकीन नहीं था। उसके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤²à¤¾ कोई à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के साथ सालों साल à¤à¤• ही चाहरदीवारी के बीच कैसे गà¥à¤œà¤¾à¤° सकता है। यानि फिलà¥à¤® का नायक यह बता रहा था कि शादी विवाह बेकार के पचड़े है, मसà¥à¤¤à¥€ करों और à¤à¤• दिन दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से चले जाओं। यह फिलà¥à¤® यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के लिठकाफी लà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¥€ थी। किनà¥à¤¤à¥ इस फिलà¥à¤® में नायक जीवन के à¤à¤• हिसà¥à¤¸à¥‡ का जिकà¥à¤° करना à¤à¥‚ल गया था और वह हैं बà¥à¥à¤¾à¤ªà¤¾à¥¤ उमà¥à¤° की इस अवसà¥à¤¥à¤¾ में इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ को सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अपनों की जरूरत पड़ती है कि कोई देखà¤à¤¾à¤² करें अपनापन के साथ उसे सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ का आà¤à¤¾à¤¸ कराà¤à¥¤
à¤à¤²à¥‡ ही जीवन के उस पड़ाव पर फिलà¥à¤® के निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ न दे पाठहो लेकिन पिछले साल संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की à¤à¤• रिपोरà¥à¤Ÿ ने इस ओर सबका धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ खींचा हैं। संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की à¤à¤• रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° साल 2018 के अंत में 65 साल से अधिक उमà¥à¤° के बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों की संखà¥à¤¯à¤¾ 5 साल से कम उमà¥à¤° के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ से अधिक हो गई हैं। यानि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों की संखà¥à¤¯à¤¾ हो गयी है। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के लगà¤à¤— आधे देशों में आबादी के मौजूदा आकार को बरकरार रखने के लिठपरà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ बचà¥à¤šà¥‡ नहीं हैं। यानि कल जब आप इस मौज मसà¥à¤¤à¥€ की जिनà¥à¤¦à¤—ी से निकलकर बाहर आयेंगे तो अपने आपको नितानà¥à¤¤ अकेले में या किसी वृदà¥à¤§ आशà¥à¤°à¤® में पाà¤à¤à¤—े।
इसे कà¥à¤› इस तरह समà¤à¤¿à¤¯à¥‡ कि अधिकांश शहरी परिवारों में दादा-दादी है माठऔर पिता है लेकिन बचà¥à¤šà¤¾ à¤à¤• है। आने वाले समय में जब वह बचà¥à¤šà¤¾ थोडा बड़ा होगा तो उसके कंधे पर चार इंसानी जिंदगियों का बोठहोगा। यदि वह लड़का है और किसी à¤à¤¸à¥‡ ही परिवार की अकेली लड़की से शादी करेगा तो दोनों के कंधो पर आठबà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ होगी। आप सà¥à¤µà¤¯à¤‚ में इस जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ को महसूस करें कà¥à¤¯à¤¾ आप यह बोठआप वहन कर पाà¤à¤‚गे? यदि कर à¤à¥€ पाठतो कितने दिन?
à¤à¤²à¥‡ ही कà¥à¤› लोग आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ को à¤à¤• यà¥à¤µà¤¾ देश मानते हो कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि देश की 60 फीसदी से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आबादी नौजवानों की है। आगे बà¥à¤¤à¥‡ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की ताकत à¤à¥€ ये नौजवान है लेकिन अगले 20 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ की तसà¥à¤µà¥€à¤° à¤à¤•à¤¦à¤® बदल जाने वाली है। तब à¤à¤¾à¤°à¤¤ के साथ वही होगा जो अमेरिका और जापान के साथ हो रहा है। आज अमेरिका, यूरोप और जापान में बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों की संखà¥à¤¯à¤¾ बॠगई हैं इस कारण आज ये बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— अपने देश के यà¥à¤µà¤¾à¤“ं लिठउतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• कम और बोठजà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हो गये है। फेमिली पà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¿à¤‚ग जैसे फलसफे के चलते à¤à¤•-à¤à¤• बचà¥à¤šà¤¾ पैदा किया आज उस à¤à¤• बचà¥à¤šà¥‡ के ऊपर परिवार के कई-कई बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ो की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ आन पड़ी हैं।
यदि चिंता को à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संदरà¥à¤ में देखें तो पिछले दो दशकों में à¤à¤¾à¤°à¤¤ में गांवों से शहरों की ओर लोगों की आमद à¤à¥€ बहà¥à¤¤ बà¥à¥€ है। समाज आधà¥à¤¨à¤¿à¤• हो गया। इस आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ से à¤à¤•à¤² परिवार बà¥à¥‡à¥¤ यानी हम दो हमारा à¤à¤• की नीति चल पड़ी। इस माहौल में यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को à¤à¤²à¥‡ ही निजता मिल रही है, अपनी मरà¥à¤œà¥€ से जीने का मौका मिल रहा हो लेकिन कल वह दो और उनका वह à¤à¤• कैसे अपने परिवार के साथ उन बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों को जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ से समà¥à¤¹à¤¾à¤² पायेगा?
यदि यह सब इसी तरह चलता रहा तो आने वाले à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के कनà¥à¤§à¥‹à¤‚ पर पारिवारिक जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ समेत मानव सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के संतà¥à¤²à¤¨ को बनाठरखने का जो बोठबà¥à¥‡à¤—ा। इससे समाज को बनाठरखना बहà¥à¤¤ मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² होगा। यानि पोते-पोतियों से अधिक दादा-दादी नाना नानी वाले समाज में इसके सामाजिक और आरà¥à¤¥à¤¿à¤• परिणामों के बारे में सोचिà¤!
असल में 1960 में महिलाओं की औसत पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ दर लगà¤à¤— 5 बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की थी। करीब 60 साल बाद यह आधे से à¤à¥€ कम रह गई है। जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° परिवारों में à¤à¤• बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ का चलन यह कहकर चल पड़ा है कि शिकà¥à¤·à¤¾ समेत आज परवरिश महंगी हो गयी है तो दो या तीन बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का बोठहम नहीं उठा सकते। अनà¥à¤¯ वजहों से à¤à¥€ कई परिवार बचà¥à¤šà¥‡ पैदा करने की योजना टाल देते हैं। जिन परिवारों में महिलाà¤à¤‚ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¥€-लिखी हैं, वे मां की परंपरागत à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¨à¥‡ को तैयार नहीं हैं।
हाठकà¥à¤› देशों ने इस गंà¤à¥€à¤° चिंता पर कदम उठाने जरà¥à¤° शà¥à¤°à¥‚ कर दिठहै पिछले दिनों यूरोपीय देश हंगरी के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ विकà¥à¤Ÿà¤° ऑरà¥à¤¬à¤¨ ने à¤à¤• घोषणा करते हà¥à¤ कहा था कि जिन महिलाओं के चार या उससे अधिक बचà¥à¤šà¥‡ होंगे, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जीवनà¤à¤° आयकर से छूट दिया जाà¤à¤—ा। यही नहीं उपायों के तौर पर वहां के यà¥à¤µà¤¾ जोड़ों को करीब 26 लाख रà¥à¤ªà¤ का बà¥à¤¯à¤¾à¤œ मà¥à¤•à¥à¤¤ करà¥à¤œ दिया जाà¤à¤—ा। उनके तीन बचà¥à¤šà¥‡ होते ही यह करà¥à¤œ माफ कर दिया जाà¤à¤—ा।
हालाà¤à¤•à¤¿ इस à¤à¤• दूसरा पहलॠà¤à¥€ है जो यह दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¤¾ है कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की कà¥à¤² आबादी बॠरही है। 2024 में वैशà¥à¤µà¤¿à¤• आबादी 8 अरब हो सकती है। अकेले à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¤²à¥‡ ही जनसà¤à¤–à¥à¤¯à¤¾ बड़ी तेजी से बॠरही हो लेकिन आबादी का बड़ा हिसà¥à¤¸à¤¾ बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— है और बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ो की संखà¥à¤¯à¤¾ बà¥à¤¨à¥‡ का मतलब यह है कि काम करने वाले लोगों की संखà¥à¤¯à¤¾ घट जाना। इससे आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास तो बाधित होगा ही साथ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• सामाजिक परिवरà¥à¤¤à¤¨ दिखाई देंगे। जनसांखà¥à¤¯à¤¿à¤•à¥€ विशेषजà¥à¤ž के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° आगे संसाधनों की मांग बà¥à¥‡à¤—ी इससे पेंशन और सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ सेवा कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ पर दबाव बढेगा। जिन देशों में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ कम होगी वहां अपà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ संखà¥à¤¯à¤¾ में पहà¥à¤‚चेगे जिसके कारण उस देश के सामाजिक धारà¥à¤®à¤¿à¤• ताने बाने से लेकर उनकी सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर à¤à¥€ खतरा होगा।
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