बिहार में संवेदनाओं का अकाल
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Vinay AryaDate
27-Jun-2019Category
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RajeevUpload Date
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à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤• विशाल जनसà¤à¤–à¥à¤¯à¤¾ बहà¥à¤² देश है पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• आपदाओं समेत अनà¥à¤¯ हादसे होना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन जब राजनितिक हादसे हो या लापरवाही तो पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ खड़े करना à¤à¤• आम आदमी का अधिकार à¤à¥€ है और उसका करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ à¤à¥€à¥¤ हाल ही में बिहार के मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤ªà¥à¤° में 140 से अधिक मासूम बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की मौत के बाद à¤à¥€ बिहार के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नीतीश कà¥à¤®à¤¾à¤° समेत देश सà¤à¥€ नेताओं की चà¥à¤ªà¥à¤ªà¥€ बरकरार है। जबकि टीम इंडिया के बलà¥à¤²à¥‡à¤¬à¤¾à¤œ शिखर धवन की अंगà¥à¤²à¥€ में चोट लगने पर पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ समेत देश के अनेकों दिगà¥à¤—जों ने संवेदना पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ की लेकिन मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤ªà¥à¤° मे चमकी नामक बà¥à¤–ार से पीड़ित बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की मौत पर किसी ने संवेदना पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करना उचित नहीं समà¤à¤¾à¥¤
पिछले à¤à¤• हफà¥à¤¤à¥‡ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ समय से बिहार में चमकी बà¥à¤–ार ने जो तांडव मचाया है उससे सेंकडों परिवारों के घरों के चिराग बà¥à¤ गये है। हालात ये तक बताये जा रहे है कि पिछले कई दिनों में असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤²à¥‹à¤‚ से ठीक होकर घर वापस जाने के बजाय बचà¥à¤šà¥‡ मर कर ही वापस गठहै।. à¤à¤¸à¤¾ नहीं है कि बिहार सरकार पहली बार इस बीमारी का सामना कर रही हो बलà¥à¤•à¤¿ इससे पहले à¤à¥€ या हर साल यह बीमारी अपना मà¥à¤‚ह खोलकर मासूमों को अपना निवाला बनाती है। किनà¥à¤¤à¥ अà¤à¥€ तक सरकार ने इस पर कोई बड़े वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• कदम नहीं उठाय।. किसी तरह कà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ मैच व अनà¥à¤¯ गैर जरà¥à¤°à¥€ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ से निकली मीडिया ने जब इस पर सवाल उठाया तो उलà¥à¤Ÿà¤¾ उसी पर सवाल उठने लगे। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नितीश कà¥à¤®à¤¾à¤° से लेकर बिहार के उपमà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ सà¥à¤¶à¥€à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° मोदी इतनी बड़ी तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¥à¤¦à¥€ पर चà¥à¤ª हैं और पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के चमकी बà¥à¤–ार को लेकर सवाल करने पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बाहर जाने के लिठकह देते हैं।
यहाठतक किसी दलित और मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® के साथ हà¥à¤ कथित à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ को लेकर संसद तक शोर मचा देने वाला विपकà¥à¤· à¤à¥€ इस पर मौन है। बिहार में विपकà¥à¤· के नेता तेजसà¥à¤µà¥€ यादव à¤à¥€ दिखाई नहीं दे रहे हैं। पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ ये à¤à¥€ है कि आखिर इतनी बड़ी तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¦à¥€ पर सारे राजनेता मौन कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ हैं? कà¥à¤¯à¤¾ मौन की à¤à¤• वजह इन नेताओं की आतà¥à¤®à¤—à¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¿ समà¤à¥€ जाये कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ये जवाब देने की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में नही हैं। पिछले à¤à¤• दशक से ये बीमारी मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤ªà¥à¤° के हजारों बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को लील गई लेकिन उसका कोई इलाज आज तक नहीं निकला। देखा जाये बिहार में नीतीश कà¥à¤®à¤¾à¤° सरकार के 14 वरà¥à¤· पूरे होने जा रहे हैं। नितीश सरकार तो इसके लिठजिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° है लेकिन विपकà¥à¤· à¤à¥€ अपनी à¤à¥‚मिका से बच नहीं सकता। इस बीमारी ने à¤à¤• बार फिर नेताओं की पोल खोल के रख दी है।
इन मौतों के लिठपहले लीची को जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° ठहराया गया फिर कहा गया नहीं गरीबी और कà¥à¤ªà¥‹à¤·à¤£ की वजह से बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की मौत हो रही है। यदि ये मौते कà¥à¤ªà¥‹à¤·à¤£ की वजह से हो रही है तो इसके लिठकोई और नहीं बलà¥à¤•à¤¿ जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° सरकार ही हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को कà¥à¤ªà¥‹à¤·à¤£ से बचाने के लिठकेंदà¥à¤° और राजà¥à¤¯ सरकार कई योजनाà¤à¤‚ चला रही है। उसके लिठकरोड़ों का बजट है, समाज कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ विà¤à¤¾à¤— का à¤à¤• à¤à¤¾à¤°à¥€ à¤à¤°à¤•à¤® अमला है, गाà¤à¤µ और बà¥à¤²à¤¾à¤• सà¥à¤¤à¤° पर आंगनवाड़ी सेविकाà¤à¤ है, बाल विकास परियोजना से हर à¤à¤• जिले में अधिकारी नियà¥à¤•à¥à¤¤ होते है। यदि फिर à¤à¥€ à¤à¥‚ख और कà¥à¤ªà¥‹à¤·à¤£ से बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की मौत हो रही है तो इन पर à¤à¥€ सवाल उठने चाहिठगरीब और कà¥à¤ªà¥‹à¤·à¤¿à¤¤ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का निवाला कहीं à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿ अधिकारियों के जेब में तो नहीं जा रहा है? इसकी à¤à¥€ पड़ताल जरà¥à¤°à¥€ है।
हालाà¤à¤•à¤¿ राजà¥à¤¯ सरकार की तरफ से कई ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ कदम उठाठगठहैं, बाहर से डाकà¥à¤Ÿà¤° à¤à¥€ बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¥‡ गà¤? असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² के सिसà¥à¤Ÿà¤® को मीडिया के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिखाने के बाद ठीक किया गया। आईसीयू के अनà¥à¤¦à¤° बेड कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बà¥à¤¾à¤ गठलेकिन ये तमाम कारà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¹à¥€ इस बात की ओर इशारा कर रही हैं कि सरकार इस विपतà¥à¤¤à¤¿ के लिठपहले से तैयार नहीं थी जबकि ये विपतà¥à¤¤à¤¿ हर साल आती है। कà¥à¤¯à¤¾ सरकारों को अपने सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤“ं को लेकर गंà¤à¥€à¤° सोच नही बनानी चाहिà¤? आज उपमà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ इस बीमारी के रिसरà¥à¤š के 100 करोड़ रूपये की मांग कर रहे हैं, यह काम पहले à¤à¥€ हो सकता था। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ डा. हरà¥à¤·à¤µà¤°à¥à¤§à¤¨ जी ने कई साल पहले इसी बीमारी के दौरान मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤ªà¥à¤° आये थे और यह बयान दिया था कि इस बीमारी का पता लगाने के लिठअनà¥à¤¸à¤‚धान किया जाà¤à¤—ा लेकिन कई वरà¥à¤· बीत गये अà¤à¥€ तक इस कितना आगे बढे यह सवाल à¤à¥€ देश की सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤“ं की पोल खोल रहा है। सरकार कोई à¤à¥€ हो वह नींद में रहती है। उसे लगता है कि संसद में बैठकर कानून बना देने से और आयà¥à¤·à¥à¤®à¤¾à¤¨ योजना का à¤à¤²à¤¾à¤¨ कर देने मातà¥à¤° से लोगों की मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤²à¥‡à¤‚ हल हो जाती हैं पर à¤à¤¸à¤¾ नहीं है। बताया जाता है आप किसी मरीज को असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में ले जाते हैं तो आपको उसी वकà¥à¤¤ बताना होता कि आप आयà¥à¤·à¥à¤®à¤¾à¤¨ कारà¥à¤¡ वाले हैं, बाद में बताà¤à¤‚गे तो यह योजना मानà¥à¤¯ नहीं होगी और अगर आपने आयà¥à¤·à¥à¤®à¤¾à¤¨ का नाम लिया तो असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² फिर कोई बहाना बताकर इलाज से कई बार इंकार à¤à¥€ कर देता है। नीतीश के इस कथन में जरà¥à¤° दम है कि लोगों के बीच जागरूकता की कमी है। इस बीमारी की जड़ें गरीबी और कà¥à¤ªà¥‹à¤·à¤£ से जà¥à¥œà¥€ हैं, ये बिहार की à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ समसà¥à¤¯à¤¾ है। इस कारण सरकार को सबसे जà¥à¤¼à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कà¥à¤ªà¥‹à¤·à¤£ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखकर à¤à¤• बड़ी लड़ाई लड़नी होगी ताकि किसी के घर का चिराग इलाज की कमी की वजह से ना बà¥à¤à¥‡à¥¤
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