कब तक पलायन करते रहेंगे हिनà¥à¤¦à¥‚?
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Rajeev ChoudharyDate
08-Jul-2019Category
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कैराना के बाद अब इसी उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का मेरठशहर का पà¥à¤°à¤¹à¤²à¤¾à¤¦à¤¨à¤—र à¤à¥€ अखबारों की सà¥à¤°à¥à¤–ियों में है। वजह यहां से à¤à¥€ बड़ी तादाद में हिंदू परिवारों के पलायन का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ जोर पकड़ता जा रहा है। सन 1947 में देश की आजादी के दौरान बंटवारे के बाद मेरठकी पà¥à¤°à¤¹à¤²à¤¾à¤¦à¤¨à¤—र कॉलोनी शरणारà¥à¤¥à¥€ कॉलोनी के रूप में बसाई गई थी। लेकिन आज 70 साल बाद à¤à¤• बार फिर लोगों को यहां से जाने के हालात पैदा हो रहे हैं। यहाठसे à¤à¥€ पलायन करने का वही है जो पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ और कशà¥à¤®à¥€à¤° में रहा था। आठदिन मोहलà¥à¤²à¥‡ की महिलाओं, बेटियों से छेड़खानी की घटनाà¤à¤‚ आम बात होना, गलियों में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लड़के बेखौफ आठदिन बाइकों पर गलियों मे चकà¥à¤•à¤° लगाते हैं और परेशान करते हैं। मेरठके इस मà¥à¤¹à¤²à¥à¤²à¥‡à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का आरोप है, यà¥à¤µà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर फबà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ कसना और मारपीट करना इन यà¥à¤µà¤•à¥‹à¤‚ का शगल बन चà¥à¤•à¤¾ है। इन सà¤à¥€ बातों और वारदातों से परेशान होकर इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ अपना यहां का घर बेच दिया और परिवार सहित मेरठके किसी दूसरे मà¥à¤¹à¤²à¥à¤²à¥‡ में जाकर बस गà¤à¥¤ यह सिरà¥à¤« पà¥à¤°à¤¹à¥à¤²à¤¾à¤¦ नगर में ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ इस मोहलà¥à¤²à¥‡ से सटी दूसरी कालोनियां जैसे कि सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ बैंक कॉलोनी, राम नगर, हरिनगर, इशà¥à¤µà¤°à¤ªà¥à¤°à¥€, विकासपà¥à¤°à¥€ जैसे दरà¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ मोहलà¥à¤²à¥‡ à¤à¤¸à¥‡ हैं जो à¤à¤• खास समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लोगों के कबà¥à¤œà¥‡ आ चà¥à¤•à¥‡ हैं और हिंदू परिवारों का पलायन हो चà¥à¤•à¤¾ है।
कà¥à¤› समय पहले दिलà¥à¤²à¥€ के सराय रोहिलà¥à¤²à¤¾ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ तà¥à¤²à¤¸à¥€à¤¨à¤—र और दिलà¥à¤²à¥€ के नॉरà¥à¤¥ ईसà¥à¤Ÿ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤ªà¥à¤°à¥€ इलाके से लोगों के पलायन की खबरें आई थीं। यहां à¤à¥€ लोगों ने अपने घरों के बाहर यह मकान बिकाऊ है लिखना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया था। यही नहीं इस समय देश में कम से कम 17 राजà¥à¤¯ है, जहां से हिंदà¥à¤“ं को अपनी जनà¥à¤®à¤à¥‚मि वाले सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को छोड़ने के लिठमजबूर किया जा रहा है। यह à¤à¤• किसà¥à¤® से जमीन जिहाद है यानि हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के मोहलà¥à¤²à¥‹à¤‚ में à¤à¤¸à¥€ हरकते की जाये ताकि वह अपनी जमीन ओने पौने दामों में बेचकर दूसरी जगह चले जाà¤à¤! जमà¥à¤®à¥‚ कशà¥à¤®à¥€à¤°, हरियाणा का मेवात, उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के कई इलाके, बिहार, आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, तेलंगाना, बिहार, असम, तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾, पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤, महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤°, तमिलनाडà¥, केरल और करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• के अनेकों जिलों में हिंदà¥à¤“ं को पलायन के लिठमजबूर करने के अलावा उनकी लड़कियों को अपमानित किया जा रहा है, उनकी जमीन जबरन कबà¥à¤œà¤¾à¤ˆ जा रही है, मंदिरों पर हमले हो रहे हैं, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को नहीं मनाने दिया जाता है।
à¤à¤• समय कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडितों को रातों रात अपने घरों को छोड़कर à¤à¤¾à¤—ना पड़ा था। पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से जिया-उल-हक की तानाशाही से लेकर तालिबान के अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ तक पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं का जीवन दूà¤à¤° ही रहा है। आजादी के वकà¥à¤¤ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में कà¥à¤² 428 मंदिर थे, जिनमें से अब सिरà¥à¤« 26 ही बचे हैं। मानवाधिकार आयोग की वरà¥à¤· 2012 की रिपोरà¥à¤Ÿ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के सिंध पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ में हर महीने 20 से 25 हिनà¥à¤¦à¥‚ लड़कियों का अपहरण होता है और जबरदसà¥à¤¤à¥€ धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ कराया जाता है। इसी तरह अब à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥‚ जाति कई कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में अपना असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ बचाने में लगी हà¥à¤ˆ है। इसके कई कारण हैं, इस सच से हिनà¥à¤¦à¥‚ सदियों से ही मà¥à¤‚ह चà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¾ रहा है जिसके परिणाम समय-समय पर देखने को à¤à¥€ मिलते रहे हैं। इस समसà¥à¤¯à¤¾ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ शà¥à¤¤à¥à¤°à¥à¤—मà¥à¤°à¥à¤— बनी à¤à¤¾à¤°à¤¤ की राजनीति निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ ही हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के लिठघातक ही सिदà¥à¤§ हो रही है। पिछले 70 साल में हिनà¥à¤¦à¥‚ अपने ही देश à¤à¤¾à¤°à¤¤ के 8 राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• हो चला है।
कशà¥à¤®à¥€à¤° में हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं पर हमलों का सिलसिला 1989 में जिहाद के लिठगठित संगठनों ने शà¥à¤°à¥‚ किया था जिनका नारा था- “तà¥à¤® à¤à¤¾à¤—ो या मरो” इसके बाद कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडितों ने घाटी छोड़ दी। करोड़ों के मालिक कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडित अपनी पà¥à¤¶à¥à¤¤à¥ˆà¤¨à¥€ जमीन-जायदाद छोड़कर शरणारà¥à¤¥à¥€ शिविरों में रहने को मजबूर हो गà¤à¥¤ असम कà¤à¥€ 100 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ हिनà¥à¤¦à¥‚ बहà¥à¤² राजà¥à¤¯ हà¥à¤† करता था किनà¥à¤¤à¥ आज असम के 27 जिलों में से 9 मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® बहà¥à¤² आबादी वाले जिले बन चà¥à¤•à¥‡ हैं, जहां आतंक का राज कायम है पिछले चार दशक से जारी घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ के दौरान बंगलादेशी घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ ियों ने वहां बोडो हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं की खेती की 73 फीसदी जमीन पर कबà¥à¤œà¤¾ कर लिया अब बोडो के पास सिरà¥à¤« 27 फीसदी जमीन है। सरकार ने वोट की राजनीति के चलते कà¤à¥€ à¤à¥€ इस सामाजिक बदलाव पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं दिया इसी कारण असम के लोग अब अपनी ही धरती पर शरणारà¥à¤¥à¥€ बन गठहैं।
वोट की राजनीति के चलते राजनितिक दलों ने बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶à¥€ घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ ियों को असम, उतà¥à¤¤à¤° पूरà¥à¤µà¤¾à¤‚चल और à¤à¤¾à¤°à¤¤ के अनà¥à¤¯ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में बसने दिया। राजनीति के कारण ही बंगाल के कई इलाके मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® बहà¥à¤² हो चà¥à¤•à¥‡ हैं और हिंदà¥à¤“ं का इन इलाकों में जीना à¤à¥€ दूà¤à¤° हो गया है। राजà¥à¤¯ में अवैध रूप से रहने वाले बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶à¥€ घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ ियों की संखà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤• करोड़ से à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हो चà¥à¤•à¥€ है। अवैध घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ ने राजà¥à¤¯ की जनसंखà¥à¤¯à¤¾ का समीकरण बदलकर दिया है। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सियासत के चकà¥à¤•à¤° में देश में वोटर कारà¥à¤¡, राशन कारà¥à¤¡ जैसी सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚ मà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ करवा दी जाती हैं और इसी आधार पर वे देश की आबादी से जà¥à¥œ जाते हैं और कà¥à¤› दिन बाद दूसरे समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ की महिलाओं और जमीन पर कबà¥à¤œà¥‡ की कोशिश शà¥à¤°à¥‚ कर देते है। बंगाल से केरल तक अनेकों खबरें अखबारों से लेकर मीडिया में शोर सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ आ रहे है।
जमà¥à¤®à¥‚ बंगाल और केरल की बात बहà¥à¤¤ दूर की है। आज हालात ये हो गये है कि विशà¥à¤µ के सबसे बड़े लोकतंतà¥à¤° की राजधानी में लोगों को असà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के कारण पलायन करना पड़े, उनके सामने दà¥à¤°à¥à¤—ा, शिव, राम, हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ समेत अनà¥à¤¯ हिनà¥à¤¦à¥‚ देवी देवताओं की à¤à¤¾à¤‚कियों वाले मंदिर में तोड़फोड़ कर दी जाये। लेकिन इसके बावजूद लà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤‚स मीडिया को अब तक दिलà¥à¤²à¥€ में रहने वाले हिंदà¥à¤“ं की पीड़ा नजर नहीं आई। ये वही मीडिया है जो सीरिया और बागà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ के लोगों के पलायन करने पर खूब मातम मनाती है रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ को लेकर रोती दिखती है लेकिन जब देश की राजधानी के आसपास हिंदू पलायन करने पर मजबूर हैं तो उसने चà¥à¤ªà¥à¤ªà¥€ साध रखी है। सवाल पलायनवादी हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं से à¤à¥€ है कि कब तक, कहाठतक पलायन करेंगे?
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