10 वरष पहले दकषिण भारत में आरय समाज दवारा किया गया राहत कारय

25 दिसमबर 2004 को दिलली में विशवपरसिदध सवामी शरदधानंद बलिदान शोभायातरा में वयवसथा कारय और शकति परदरशन की थकान उतरी भी नहीं थी कि अगले ही दिन आरय वीर दल दिलली परदेश के आरय वीरों की क न मिशन पर जाने की तैयारी परारमभ करनी पड़ी. शरी विजेंदर आरय (संयोजक, आरय वीर दल सेवा समीति) ने उचचाधिकारियों को भारत के दकषिणी तट पर सनामी से भीषण तबाही होने की सूचना दी. 
 
तरंत ही आपात बैठक आहूत कर आरयवीरो की क सरवे टीम बनाई गई और परभावित कषेतर में भेज दिया गया. दूसरी ओर दिलली में आरय वीर दल के अधिकारीयों ने राहत कारयों हेत अनय तैयारियां परारंभ कर दीं.
 
नागपटटनम पहच कर शरी विजेंदर आरय ने वासतविक सथिति के बारे में सूचित किया. उनके दवारा भेजी गई रिपोरट अतयंत भयावह थी. समदर की लहरें जमीन पर 10 किमी अंदर तक चली गई थी और वापसी में गाव के गाव अपने साथ बहा कर ले गई थीं. ना जीवितों का पता था और न ही लाशों का. वनसपति का भी बरा हाल था. कोई करंदन नहीं था, केवल मरघट का सननाटा पसरा था.
 
बहत ढूढने पर जो लोग जीवित मिले उनका जीवन भी दरह हो चूका था. समदर के पानी से पीने के पानी के सभी सरोत नषट हो चके थे और भोजन के भंडार बह ग थे. सर पर छत नहीं थी और पहनने के लि कपडे नहीं थे. 
 
इस सब के बीच में भाषा की बड़ी समसया थी. हिंदी सनते ही भड़क जाते थे, समना तो दूर की बात थी. इस सबके बीच विजेंदर जी ने जैसे तैसे काम चलाया.
 
सरवे टीम दवारा भेजी रिपोरट के आधार पर सारवदेशिक आरय परतिनिधि सभा ने राहत सामगरी भेजना परारंभ किया. राहतकारयों को गति परदान करने के लि आरय वीरों के जतथे भी भेजे जाने लगे. 
 
आरय वीरों ने अपनी सपरसिदध पदधति से राहत कारय शरू कर दिया. पहले चयनित कषेतरों में सरवे टीम जाती थी और सूचि बनाती थी, फिर अगले दिन राहत सामगरी बाटने आरय वीर जाते थे.
 
कल मिलाकर 2 महीने तक चले राहत कारय में आरय समाज ने नागपटटनम और वानगिरी गांवों में 250 घर बना कर दि.
 
इस विपदा को आज 10 वरष बीत चके हैं, लेकिन वहां राहत कारय करने वाले आरय वीरों के जेहन में आज भी वह भयानक मंजर ताज़ा है. लेकिन अपने सामरथय से अधिक राहत कारय करने का संतोष भी है.
 

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