अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸: जेब के साथ जीठà¤à¥€ काट रहा है.
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Rajeev ChoudharyDate
07-Aug-2019Category
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RajeevUpload Date
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घर के दरवाजे पर नीबू, मिरà¥à¤š टांगना, बाहर निकलते समय घर के लोगों को दही, चीनी खाने को कहना, अगर कोई छींक दे, तो अशà¥à¤ मान कर रà¥à¤• जाना, बिलà¥à¤²à¥€ सामने से गà¥à¤œà¤¾à¤° जाà¤, तो वहीं रà¥à¤• जाना यकीन मानिये ये अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ अब पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ पड़ चà¥à¤•à¥‡ है। अब पिछले कई दिनों से छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ॠके कोरबा जिले के करतला-सेनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤ªà¤¾à¤²à¥€ में लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ के घर पूजा का सामान लेकर लोगों की à¤à¤¾à¤°à¥€ à¤à¥€à¥œ जà¥à¤Ÿ रही है। लोग लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ इस कदर आसà¥à¤¥à¤¾à¤µà¤¾à¤¨ हो गये कि उसके लिठà¤à¤• तंबू à¤à¥€ लगा दिया है। अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥€ à¤à¤•à¥à¤¤ लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ ने à¤à¤—वान शिव को रिà¤à¤¾à¤¨à¥‡ अपनी जीठकाटकर à¤à¤—वान शिव में अरà¥à¤ªà¤£ कर दी। और जैसा कि हमारे देश में होता है à¤à¤•à¥à¤¤ के इस अराधना की खबर लगते ही शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं का वहां पर तांता लग गया है। लोग उसके पास आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पाने के लिठनारियल, फूल और अगरबतà¥à¤¤à¥€ लेकर पहà¥à¤‚च रहे हैं। à¤à¤¸à¤¾ इस लिठहो रहा है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसने अपनी जीठकाटकर शिवलिंग पर चà¥à¤¾ दी है और गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ इसे चमतà¥à¤•à¤¾à¤° मानने लगे है. लेकिन आप इसे अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ की पराकाषà¥à¤ ा कह सकते है।
देखा जाये देश में हर महीने कोई न कोई धारà¥à¤®à¤¿à¤• तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° या उतà¥à¤¸à¤µ मनाया जाता है किनà¥à¤¤à¥ सावन का महीना à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ महीना है जिसमें शिव मंदिर में à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की लमà¥à¤¬à¥€ कतार लगी दिखाई देती है। लेकिन इस à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ पर जब हमें धकà¥à¤•à¤¾ लगता है जब इस à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ की आड़ में अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ को फैलाया जाता है। इसे à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ की पराकाषà¥à¤ ा या पागलपन की हद ही कह सकते हैं, जब à¤à¤• जीठकाटने वाले मानसिक रूप से विकृत इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ को à¤à¥€ à¤à¤—वान का दरà¥à¤œà¤¾ दिया जाने लगे। शायद यही कारण है जो आज à¤à¥€ हमारे देश की पहचान दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में à¤à¤• शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤—तिशील देश के बजाय पिछड़े हà¥à¤ देशों की शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ में रखा जाता है। छोटी-छोटी बातों पर टोना टोटका करना तो आम बात है ही लेकिन अब तो लोग शिव की अराधना मे अपनी जीठमंदिरों में चà¥à¤¾ रहे हैं।
यह कोई इकलोती घटना नहीं है अगर पिछले कà¥à¤› सालों में देखा जाये तो जीठकाटने के अनगिनत मामले पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ में आये। जिन पर यह कहा गया कि यह आसà¥à¤¥à¤¾ से जà¥à¥œà¤¾ मामला है इसे विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और कानून में नही लाया जा सकता। इस कारण à¤à¥€ मामले बà¥à¤¤à¥‡ जा रहे है। पिछले वरà¥à¤· उड़ीसा के राउरकेला में शिव को पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ करने के लिठछतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ॠके à¤à¤• अठारह वरà¥à¤·à¥€à¤¯ यà¥à¤µà¤• अशà¥à¤µà¤¿à¤¨à¥€ पटेल ने अपनी जीठकाट कर चà¥à¤¾ दी थी। इससे कà¥à¤› दिन पहले हैदराबाद के à¤à¤• मंदिर में आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के यà¥à¤µà¤• ने अपनी जीठकाटकर à¤à¤—वान वेंकटेशà¥à¤µà¤° को चà¥à¤¾ दी थी। वह चाहता था कि उसके चहेते दो बड़े नेता ही आंधà¥à¤° और तेलंगाना के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ बनें।
इससे पहले वरà¥à¤· 2016 में छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ॠके रायगॠजिले अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के कारण 11 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ à¤à¤• आदिवासी बालिका चमेली सिदार ने अपनी जीठकाटकर शिव लिंग पर चà¥à¤¾ दी थी। यही पिछले कà¥à¤› समय पहले मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के नीमच जिले में तो आंतरी माता मंदिर में 6 à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने अपनी जीठकाट कर चà¥à¤¾ दी थी। यहां मनोवांछित फल की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होने पर जबान काटकर माता के चरणों में चà¥à¤¾à¤¨à¥‡ की परंपरा है। चौकाने वाली बात यह है कि अà¤à¥€ तक पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ और सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कोई कदम नहीं उठाया गया जबकि जबकि यहाठसैकड़ों लोग अपनी जीठकाटकर चà¥à¤¾ चà¥à¤•à¥‡ हैं।
यह सब देखकर आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ होता है कि हमारे देश में आज à¤à¥€ कैसा अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ कूट-कूट कर à¤à¤°à¤¾ हà¥à¤† है। यह तब अतिवाद पर पहà¥à¤‚च जाता है जब मंतà¥à¤°à¥€ और आईà¤à¤à¤¸,आईपीà¤à¤¸ अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ की शरण में दिखाई देते हैं। यानि पà¥à¥‡ लिखे सà¥à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ तबका जो देश में गरीबी दर à¤à¥€ जानता हैं और समाज में फैले अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ को à¤à¥€, अपना पैसा समाज की शिकà¥à¤·à¤¾ और जागरूकता पर खरà¥à¤š करने के बजाय इन अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ और कथित धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥à¤“ं पर लूटा रहा है।
इसी का नतीजा है हर रोज नये-नये कथित धारà¥à¤®à¤¿à¤• टैलीविजन चैनल खà¥à¤² रहे हैं। इन चैनलों पर नाग-नागिन और à¤à¥‚त-पà¥à¤°à¥‡à¤¤ की कहानियों को परोसा जा रहा है। इसका अलावा मीडिया ने अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ बाजार को बड़ा रूप देने का à¤à¤• किसà¥à¤® से ठेका ले लिया है। हर रोज सà¥à¤¬à¤¹ राशिफल और जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· शासà¥à¤¤à¥à¤° से शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ टीवी कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® रात तक धारावाहिकों में आतà¥à¤®à¤¾, जादू टोने में बदल जाते है ताकि लोगों में डर पैदा किया जा सके और धरà¥à¤® संबंधी वसà¥à¤¤à¥à¤“ं के बाजार को सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया जा सके। मीडिया अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ को फैलाने में इस समय अहम à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾ रहा है। वह à¤à¤¯ के मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ को à¤à¥à¤¨à¤¾ रहा है।
इसके दो नतीजे समाज में देखने को मिल रहे है। इनसें जहाठà¤à¤• ओर मधà¥à¤¯à¤® वरà¥à¤— की तो जेब कट रही दूसरी और निमà¥à¤¨ जिसके पास पैसा नहीं वह अपनी जीठकाट रहा है। धरà¥à¤® पर धंधा हावी है वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• सोच को तबाह कर इस धारणा को मजबूत किया जा रहा है कि अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के बिना तो दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ चल ही नहीं सकती। इससे मीडिया और बाबाओं दोनों का बाजार फल फूलता है। 2017 में जब चोटी कटने वाली अफवाह को मीडिया ने जमकर विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ और खबरों के माधà¥à¤¯à¤® से खूब बेचा तो वही पाखणà¥à¤¡ से जà¥à¥œà¥‡ लोगों ने तनà¥à¤¤à¥à¤°-मनà¥à¤¤à¥à¤° खूब धन बटोरा। जब लोगों ने रूचि लेनी बंद की इसके बाद उस कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• हजà¥à¤œà¤¾à¤® का आज तक कोई सà¥à¤°à¤¾à¤— नहीं लग पाया। साफ कहा जाये तो आज देश में आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ और अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ कदम ताल करते हà¥à¤ चल रहे है। इस कारण हमें खà¥à¤¦ ही पता नहीं चल पा रहा है कि हम आधà¥à¤¨à¤¿à¤• हो रहे हैं या अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥€à¥¤ à¤à¤• बड़े विरोधाà¤à¤¾à¤¸ के बीच से à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज गà¥à¤œà¤° रहा है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इसमें ईशà¥à¤µà¤° के नाम पर अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आसà¥à¤¥à¤¾ खड़ी की जा रही है और जब तरà¥à¤• और सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ के ऊपर अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ हावी हो जाता है तो जेब और जीठका कटना शà¥à¤°à¥‚ हो ही जाता है।
-राजीव चौधरी
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