इमरान खान ने जो कहा उसमें कितना सच है..?
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Rajeev ChoudharyDate
10-Aug-2019Category
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HindiTotal Views
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अतीत का इतिहास बिना पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ के अतिशयोकà¥à¤¤à¤¿ बन जाता है. इसलिठइतिहास की बात आये तो पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ होने जरà¥à¤°à¥€ हो जाते है। हाल ही में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ इमरान ख़ान ने इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• दिवस पर आयोजित à¤à¤• समारोह को संबोधित करते हà¥à¤ कहा कि “बंदूक की नोंक पर या जबरदसà¥à¤¤à¥€ शादियां करके किसी को मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ बनाना गैर-इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ है, ये ताकत तो अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ ने पैगंबर तक को नहीं दी थी कि किसी को जबरन ईमान में लाà¤, कà¥à¤°à¤¾à¤¨ के अंदर हà¥à¤•à¥à¤® है कि दीन में कà¥à¤› à¤à¥€ जबरदसà¥à¤¤à¥€ नहीं है” बंदूक़ की नोंक पर किसी को आप मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ बनाà¤à¤‚ या किसी को मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ नहीं होने के कारण मारें यह पूरी तरह से गैर-इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• है। यही नहीं आगे इमरान खान ने ये à¤à¥€ कहा कि पैगंबर ने अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤•à¥‹à¤‚ को धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ दी थी और उनके धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ की रकà¥à¤·à¤¾ à¤à¥€ की थी।
मà¥à¤à¥‡ नहीं पता इमरान खान को इस संरà¥à¤¦à¤ में कितनी जानकारी है लेकिन उनके à¤à¤¾à¤·à¤£ से ये जरà¥à¤° दिख रहा है कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने न कà¥à¤°à¤¾à¤¨ का अधà¥à¤¯à¤¨ किया और न इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• इतिहास का। आमतौर पर पैगंबर के बारे में यही कहा जाता है कि मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ साहब अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिठगठशांति के सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤• थे। लेकिन इसà¥à¤²à¤¾à¤® की यह शाबà¥à¤¦à¤¿à¤• शानà¥à¤¤à¤¿ वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• रूप में कितनी परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ हो पाई इससे विशà¥à¤µ इतिहास के पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® à¤à¤°à¥‡ पड़े है। कहा जाता है किसी à¤à¥€ मत को समà¤à¤¨à¤¾ या धारण करना हो तो पहले उसका इतिहास जान लेना चाहिà¤à¥¤ यानि किसी à¤à¥€ मत की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤à¤‚ उसके इतिहास से पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ होती हैं।
शायद इमरान खान किसी और मत की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• पà¥à¥€ होगी वरना à¤à¤¸à¤¾ बयान नहीं देते कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कà¥à¤°à¤¾à¤¨ मजीद, सूरा 9, आयत 5 कहती हैं कि जब पवितà¥à¤° महीने बीत जाà¤à¤‚, तो ‘मà¥à¤¶à¥à¤°à¤¿à¤•à¥‹’ (मूरà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥‚जको ) को जहाà¤-कहीं पाओ कतà¥à¤² करो, और पकड़ो और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ घेरो और हर घात की जगह उनकी ताक में बैठो। इसके अलावा कà¥à¤°à¤¾à¤¨ सूरा 4, आयत 56 जिन लोगों ने हमारी ”आयतों” का इनà¥à¤•à¤¾à¤° किया (इसà¥à¤²à¤¾à¤® व कà¥à¤°à¤¾à¤¨ को मानने से इंकार) , उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम जलà¥à¤¦ अगà¥à¤¨à¤¿ में à¤à¥‹à¤‚क देंगे। जब उनकी खालें पक जाà¤à¤‚गी तो हम उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दूसरी खालों से बदल देंगे ताकि वे यातना का रसासà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¨ कर लें। à¤à¤• और आयत कà¥à¤°à¤¾à¤¨ सूरा 9, आयत 123 कहती हे कि ‘ईमान’ लाने वालों! (मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚) उन ‘काफिरों’ (गैर-मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹) से लड़ो जो तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ आस पास हैं, और चाहिठकि वे तà¥à¤®à¤®à¥‡à¤‚ सखती पायें।”
इसके अलावा यदि इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• इतिहास देखा जाये तो 613 में मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ ने उपदेश देना शà¥à¤°à¥‚ किया था तब मकà¥à¤•à¤¾, मदिना सहित पूरे अरब में यहूदी मà¥à¤¶à¤°à¤¿à¤•, सबायन, ईसाई आदि आदि अनेकों मतों को मानने वाले लोग थे। लोगों ने मोहमà¥à¤®à¤¦ का विरोध किया। विरोध करने वालों में यहूदी सबसे आगे थे, तो यà¥à¤¦à¥à¤§ शà¥à¤°à¥‚ हो गया। इसके बाद वह सन 622 मकà¥à¤•à¤¾ से निकलकर मदीना के लिठकूच कर गà¤à¥¤ मदीना में मोहमà¥à¤®à¤¦ ने लोगों को इकà¥à¤Ÿà¥à¤ ा करके à¤à¤• इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• फौज तैयार की और फिर शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤† जंग का सफर. खंदक, खैबर, बदर और फिर मकà¥à¤•à¤¾ को फतह कर लिया गया। इसका सीधा अरà¥à¤¥ है यह जंग फूलों से तो नहीं लड़ी गयी होगी? जंग नाम ही इंसानियत का कतà¥à¤² का है। इसके बाद इसà¥à¤²à¤¾à¤® ने यहूदियों को अरब से बाहर खदेड़ दिया वह इसराइल और मिसà¥à¤° में सिमट कर रह गà¤. कहा जाता जंग-à¤-बदर के बाद यहूदियों जो कि अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• थे जिसने इसà¥à¤²à¤¾à¤® सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया उनकी जान बच गयी बाकियों को या तो मरना पड़ा या वहां से à¤à¤¾à¤—ना पड़ा।
सातवीं वीं शताबà¥à¤¦à¥€ आते-आते इसà¥à¤²à¤¾à¤® समूचे अरब जगत का मत बन चà¥à¤•à¤¾ था इसने à¤à¤¾à¤°à¤¤, और अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾ का रà¥à¤– किया जब यह कथित शांति की विचारधारा विशà¥à¤µ à¤à¤° में फैली तो इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤µà¤¾à¤¦ ने बेहद तेज गति से अपने पंख फैलाये, सिरà¥à¤« फैलाये ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ सामने आने किसी à¤à¥€ दूसरी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के पर à¤à¥€ काटे। उदहारण के लिठअरब से चली कथित शांति की यह विचारधारा जब ईरान पहà¥à¤‚ची तो यहाठका मूल निवासी पारसी था जो जरथà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤¤ को अपना पैगमà¥à¤¬à¤° मानता था। यहाठजिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना पैगमà¥à¤¬à¤° बदल लिया सिरà¥à¤« उनकी जान बची बाकियों का वही हाल हà¥à¤† जो सूरा 9, आयत 5 कहती हैं। इसके बाद जब यह विचारधारा अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ आई तो यहाठमहातà¥à¤®à¤¾ बà¥à¤¦à¥à¤§ के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ और हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं का निवास था। जिन लोगों ने पैगमà¥à¤¬à¤° को अपना मसीहा माना उनकी जिनà¥à¤¦à¤—ी बकà¥à¤¶ दी गयी, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इंकार किया उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मरना पड़ा या à¤à¤¾à¤—ना पड़ा। इसके बाद बलूचिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की हिनà¥à¤¦à¥‚-बौदà¥à¤§ मिशà¥à¤°à¤¿à¤¤ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ खतà¥à¤® हà¥à¤ˆ आज à¤à¥€ खंडहरों को संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ अवशेषों के रूप में देखा जा सकता हैं। आगे बà¥à¥‡ तो खà¥à¤¦ जहाठखड़ा होकर इमरान à¤à¤¾à¤·à¤£ दे रहे है वहां गà¥à¤°à¥ नानक की जनà¥à¤®à¤à¥‚मि का पवितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ था, लाहौर जो कà¤à¥€ सिखों का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ था और कशà¥à¤®à¥€à¤° जो कà¤à¥€ पंडितों की à¤à¥‚मि थी आज किसी उदहारण की मोहताज नहीं हैं। न ही किसी धारà¥à¤®à¤¿à¤• विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ की! बाकि बची शेष जगहों पर à¤à¥€ धारà¥à¤®à¤¿à¤• आसà¥à¤¥à¤¾ के लिठचà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ कà¥à¤¯à¤¾ कम हैं?
लेकिन इसके बाद à¤à¥€ इसà¥à¤²à¤¾à¤® से जà¥à¥œà¥‡ लोग सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करने को तैयार नहीं होते कि इसà¥à¤²à¤¾à¤® की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚à¤à¤¿à¤• शताबà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ मे जिहाद की वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रà¥à¤ª से आकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤• और विसà¥à¤¤à¤¾à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ रही जब विजय का सिलसिला थम गया। तब जिहाद की सूफी अवधारणा गà¥à¥€ गयी कि मतलब आतà¥à¤® विकास और आतà¥à¤® अवलोकन है। किनà¥à¤¤à¥ कटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थी संगठन आज à¤à¥€ सातवीं सदी इस परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का पालन कर रहे है।
इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• इतिहास कहता है जब खैबर के लोगों ने इसà¥à¤²à¤¾à¤® नहीं कबूला तो उन पर अचानक आकà¥à¤°à¤®à¤£ कर दिया गया और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ संà¤à¤²à¤¨à¥‡ का मौका तक नहीं दिया गया औरतों को बंदी बना लिया गया और लà¥à¤Ÿ के माल के तरह उनको à¤à¥€ बाà¤à¤Ÿ लिया गया। खैबर की समà¥à¤ªà¤¦à¤¾ लूट ली गयी। इसà¥à¤²à¤¾à¤® के इतिहास की ये केवल à¤à¤• घटना नहीं है। इतिहास में अनेकों à¤à¤¸à¥€ घटनायें हैं। अपने मत से सहमत न होने पर किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ या समूह या देश पर आकà¥à¤°à¤®à¤£ कर उसे तबाह कर देना समà¥à¤ªà¤¦à¤¾ को लूट लेना औरतों को लूट के माल की तरह बाà¤à¤Ÿ लेना और इसको शानà¥à¤¤à¤¿ का सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ करार देना कहाठतक तरà¥à¤•à¤¸à¤‚गत है, इमरान खान खà¥à¤¦ विचार करें?..
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