नशे में हिंदी सिनेमा या फिर समाज..?
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Vinay AryaDate
10-Aug-2019Category
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RajeevUpload Date
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साल 1961 में à¤à¤• फिलà¥à¤®à¤« रिलीज हà¥à¤ˆ “हम दोनों” देवानंद अà¤à¤¿à¤¨à¥€à¤¤ इस फिलà¥à¤® à¤à¤• गाना बड़ा मशहूर हà¥à¤† था। मैं जिंदगी का साथ निà¤à¤¾à¤¤à¤¾ चला गया, हर फिकà¥à¤° को धà¥à¤à¤à¤‚ में उड़ाता चला गया। आज à¤à¥€ यह गाना नई पीà¥à¥€ के मà¥à¤‚ह से खूब सà¥à¤¨à¤¾ जा सकता है। इसके बाद साल 1984 में आयी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ मेहरा की फिलà¥à¤® “शराबी” में अमिताठबचà¥à¤šà¤¨ को शराब पीते रहते ही दिखाया गया है। यह दोनों फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ हमने 90 के दशक में टीवी पर कई बार देखी। उस समय यह लगने लगा था सिगार या शराब बà¥à¤°à¥€ चीज नहीं है अगर बà¥à¤°à¥€ चीज होती तो फिलà¥à¤®à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के इतने बड़े सितारें कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पीते?
अब यह सवाल à¤à¤• बार फिर उà¤à¤°à¤•à¤° सामने आया है। अà¤à¥€ हाल ही में अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोशल मीडिया पर à¤à¤• वीडियो पोसà¥à¤Ÿ की जिसमें हिंदी सिनेमा कई सितारे दीपिका पादà¥à¤•à¥‹à¤£, शाहिद कपूर, विकà¥à¤•à¥€ कौशल, रणबीर कपूर, अरà¥à¤œà¥à¤¨ कपूर, और मलाइका अरोड़ा कारण जौहर के घर पर थे और नशा कर रहे थे। इस वीडियो को जवाब देते हà¥à¤ उनकी ओर से कहा गया कि बॉलीवà¥à¤¡ में अगर आप कोकीन नहीं लेते तो आप आधà¥à¤¨à¤¿à¤• और मसà¥à¤¤ नहीं हैं। हालाà¤à¤•à¤¿ बॉलीवà¥à¤¡ में यह सब चलता रहता है नशा और हिंदी से जà¥à¥œà¥‡ का बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ संबंध है। फिलà¥à¤®à¤•à¤¾à¤° नायक नायिकाओं के कह देते है कि ये रहे नशे के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करें और रोल करें। परनà¥à¤¤à¥ यह सब अà¤à¥€ तक छिपा हà¥à¤† था लेकिन आज यह तेजी से अधिक बाहर आता दिख रहा है मानो यह उनकी लगà¤à¤— à¤à¤• आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ बन गई है।
पिछले कà¥à¤› दशकों से देखा जाये सिनेमा मनोरंजन का à¤à¤• बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ माधà¥à¤¯à¤® बना हà¥à¤† है, यही नहीं समय के साथ सिनेमा जगत ने सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• और सामाजिक वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° पर à¤à¥€ काफी असर डाला है। अगर आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ से फैशन तक के विसà¥à¤¤à¤¾à¤° में फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ की सकारातà¥à¤®à¤• à¤à¥‚मिका मानी जा सकती है, तो फिर हिंसा, अपराध, नशाखोरी जैसी बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करने में उसके योगदान को कैसे खारिज किया जा सकता है? सà¤à¥€ जानते हैं कि सिगरेट पीना सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥ के लिठहानिकारक है, बावजूद इसके हिंदी सिनेमा के परà¥à¤¦à¥‡ पर धà¥à¤à¤‚ का छलà¥à¤²à¤¾à¤¸ खूब उड़ता है। किसी को शौक, किसी को तनाव तो कोई गम और खà¥à¤¶à¥€ में पीता है।
पिछले कà¥à¤› सालों में मनोचिकितà¥à¤¸à¤• à¤à¥€ इस बात को मानते आये कि फिलà¥à¤®à¤¾à¤ गये नशे के दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का असर यà¥à¤µà¤¾à¤“ं और किशोरों पर होता है। अकà¥à¤¸à¤° देखने में आया कि फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में नायक तनाव होता है या पà¥à¤°à¥‡à¤® विचà¥à¤›à¥‡à¤¦ तो उसे शराब या सिगरेट का सहारा लेते हà¥à¤ दिखाया जाता है, जैसे इस हादसे कि सिरà¥à¤« यही सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® जड़ी बूटी हो। इसके अलावा à¤à¥€ फिलà¥à¤®à¥€ दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में गंà¤à¥€à¤° मामलों में जैसे किसी केस की जाà¤à¤š वगेरह में पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के बड़े अधिकारीयों को सिगरेट के कश लगाते हà¥à¤ दिखाया जाता है। यानि धूमà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¨ करने वाले चरितà¥à¤°à¥‹à¤‚ को अकà¥à¤¸à¤° महान वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ या विशेष रूप से सबसे पà¥à¤°à¤®à¥à¤– वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के तौर पर दिखाया जाता है। à¤à¤¸à¥‡ दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के होने की जरूरत कहानी के हिसाब से हो सकती है, लेकिन सिनेमा में à¤à¤¸à¤¾ चलन है कि उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ को दिखाकर परोकà¥à¤· रूप से उनका विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ किया जाता है। à¤à¤¸à¥‡ में वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• कारणों से दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को कहानी के à¤à¥€à¤¤à¤° रखा à¤à¥€ जा सकता है। बरसों तक सिनेमा में शराब का सांकेतिक पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— à¤à¥€ होता रहा है। किनà¥à¤¤à¥ हाल के बरसों में शराब को मादकता के साथ आइटम नाच-गानों में परोसने तथा सामानà¥à¤¯ रूप से शराब पीते दिखाने का चलन बà¥à¤¾ है।
फिलà¥à¤®à¥€ गानों में उचà¥à¤š वरà¥à¤— के मॉडल और साथियों की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ à¤à¥€ धूमà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¨ का पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¨ बिना किसी रोक-टोक के जारी है। चूंकि किशोर इन लोगों से अधिक पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होते हैं, इसलिठमाता पिता, सà¥à¤•à¥‚ल और सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सिगरेट से बचाने की कोशिशें अकà¥à¤¸à¤° असफल सिदà¥à¤§ होती जा रही हैं। इसके देखा देखी आज समाज में यà¥à¤µà¤¾ और किशोर ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ कम उमà¥à¤° की लड़कियों में à¤à¥€ बियर और सिगरेट पीने का चलन खूब बॠरहा है। पिछले कà¥à¤› दिनों में मà¥à¤à¥‡ बहà¥à¤¤ से à¤à¤¸à¥‡ परिवार मिले जो यह कहते दिखे कि हमने तो अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को इन सब चीजों से बचाने के लिठघर में टेलीविजन नहीं लिया बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को कंपà¥à¤¯à¥‚टर दिला दिया। अब हो सकता है उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह सही कदम उठाया हो किनà¥à¤¤à¥ सिनेमा देखने-दिखाने के चैनल अब इंटरनेट पर à¤à¥€ हैं, जहां सरकार की कोई गाइड लाइन काम ही नहीं करती।
आज समाज को तीन चीजें आगे लेकर बॠरही है साहितà¥à¤¯, धरà¥à¤® और सिनेमा इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¥¤ देखा जाये तीनों ही अपना गैर जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° अपना रहे है। धरà¥à¤® से जà¥à¥œà¥‡ आरà¥à¤¯ समाज जैसे कà¥à¤› संगठनों को छोड़ दिया जाये तो आप हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° जाओं या पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤—राज अखाड़ों के बाबाओं के हाथ में चिलम दिखाई देती है। साहितà¥à¤¯ à¤à¥€ आज दिन पर दिन विषेला होता जा रहा है। इसके बाद सिनेमा के उदहारण तो सà¤à¥€ लोग जानते है कि à¤à¤• दौर à¤à¤¸à¤¾ था, जब शराब और उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤• दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के सहारे दरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ को लà¥à¤à¤¾à¤¨à¥‡ की कोशिश होती थी, यहां तक कि बलातà¥à¤•à¤¾à¤° को à¤à¥€ इसके लिठकहानी में डाला जाता था। हालाà¤à¤•à¤¿ आज बलातà¥à¤•à¤¾à¤° के दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की कमी आई है। à¤à¤¸à¤¾ शराब और नशे के साथ à¤à¥€ हो सकता है।
अब पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ यह है कि रासà¥à¤¤à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ हो सकता है। पहली बात तो यह कि अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को फिलà¥à¤®à¥€ नायक-नायिकाओं की निजी जिनà¥à¤¦à¤—ी के बारे बताना चाहिठकि कितने लोग नशे आदि के कारण अपनी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त जिनà¥à¤¦à¤—ी तबाह किये बैठे है। उनकी जिनà¥à¤¦à¤—ी की ये हिसà¥à¤¸à¥‡, हमें परà¥à¤¦à¥‡ पर नहीं दिखते हैं। इन फिलà¥à¤®à¥€ सितारों की निजी जिनà¥à¤¦à¤—ी देखने के बाद पता चलता है कि फिलà¥à¤®à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾, उतनी à¤à¥€ रंगीन और खà¥à¤¶ नहीं है, जितना ये दिखाई देती है। दूसरा फिलà¥à¤®à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को समà¤à¤¨à¤¾ होगा नशा à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° तबाही है और सिनेमा को इसे बà¥à¤¾à¤µà¤¾ नहीं देना चाहिà¤à¥¤ नशे के दृशà¥à¤¯ न डाले जाà¤à¤‚ और गीतों में इसे महिमंडित करने से बचें ताकि आने वाली पीà¥à¥€ इस महामारी से बच सकें।
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