सोचिà¤! कहीं आप à¤à¥€ तो मांसाहारी नहीं..?
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Vinay AryaDate
20-Aug-2019Category
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HindiTotal Views
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RajeevUpload Date
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इंसानी अतीत से à¤à¤• बहस चली आ रही है कि शाकाहारी और मांसहारी à¤à¥‹à¤œà¤¨ दोनों में से कौनसा उतà¥à¤¤à¤® है! हालाà¤à¤•à¤¿ अà¤à¥€ तक यह बहस सिरà¥à¤« धरà¥à¤® और नैतिकता के तराजू में रखकर होती थी, लेकिन आजकल सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिठकौनसा खाना जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ फायदेमंद है इसके लिठचरà¥à¤šà¤¾ होती है। किनà¥à¤¤à¥ इन दलीलों के बीच अब à¤à¤• नई परेशानी खड़ी हो गयी है कि आज के फासà¥à¤Ÿà¤«à¥‚ड के यà¥à¤— में हमें कैसे पता चले कि कà¥à¤¯à¤¾ चीज शाकाहार है और कà¥à¤¯à¤¾ मांसाहार? कहीं à¤à¤¸à¤¾ तो नहीं आप शाकाहारी होने का दंठà¤à¤°à¤¤à¥‡ रहे पर अनजाने में शादी विवाह से लेकर होटल और रेसà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ में आप को मांसाहार परोसा जा रहा हो?
यह सवाल इसलिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अà¤à¥€ हाल ही में à¤à¤• रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कई à¤à¤¸à¥‡ खादय पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ का पता चला है जो à¤à¤• शाकाहारी, à¤à¥‹à¤œà¤¨ करने वाले के माथे पर सलवटें खड़ी कर सकती है। जैसे कि आप चाव से नान खाना पसंद करते है, वो अलग बात है कि अगर आप शाकाहारी हैं और घर पर नान बनाते हैं। उसे नरम लचीला बनाने के लिठअंडे की जगह कà¥à¤› और इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करते हों, लेकिन होटल वाले नान को मà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤® और लचीला करने के लिठअंडे का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करते हैं। दूसरा अकà¥à¤¸à¤° टीवी विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨à¥‹à¤‚ में कà¥à¤•à¤¿à¤‚ग ऑयल में ओमेगा-3 और विटामिन डी आदि को सेहत के लिठखासकर आंखों और दिल के लिठबड़ा उपयà¥à¤•à¥à¤¤ बताया जाता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ओमेगा 3 मछली और विटामिन डी à¤à¥‡à¥œ की हडà¥à¤¡à¥€ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया जाता है और उसे तेल में मिलाया जाता है।
असल में कई à¤à¤¸à¥€ चीजें है जिनका उपयोग लोग दैनिक जीवन में करते है लेकिन वह पूरà¥à¤£à¤¤à¤¯à¤¾ शाकाहार नहीं है। जैसे चीनी जिसे शà¥à¤—र à¤à¥€ कहा जाता है अगर आप रिफाइंट शà¥à¤—र का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करते हैं तो जान ले कि चीनी को सफेद बनाने के लिठलिठनैचà¥à¤°à¤² कारà¥à¤¬à¤¨ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया जाता है जो जानवरों की हडà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से बनाया जाता है।
इसके अलावा जैम, जैली और होटल आदि में मिलने वाले सूप में à¤à¥€ जानवरों और मछलियों आदि पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की गई कई चीजों का मिशà¥à¤°à¤£ होता है। यही नहीं बहà¥à¤¤ से लोग जो शराब या बियर पीते है लेकिन मांस नहीं खाते वह अकà¥à¤¸à¤° कहते पाठजाते कि वह पूरà¥à¤£ शाकाहारी है। लेकिन बियर, वाइन या अनà¥à¤¯ रिफाइंड शराब को साफ करने के लिठइजिनगà¥à¤²à¤¾à¤¸ नाम के पदारà¥à¤¥ का उपयोग किया जाता है, जो कि मछली के बà¥à¤²à¥‡à¤¡à¤° से बनाया जाता है, इसलिठये à¤à¥€ पूरी तरह से शाकाहारी नहीं है।
अब हो सकता है बहà¥à¤¤ से लोग यह सोचे कि जब इन चीजों में मांस का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया जाता है तो आखिर शाकाहार कà¥à¤¯à¤¾ है? असल में शाकाहार की à¤à¤• सरल सी परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ ये है कि शाकाहार में वे सà¤à¥€ चीजें शामिल हैं जो वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ आधारित हैं, पेड़ पौधों से मिलती हैं à¤à¤µà¤‚ पशà¥à¤“ं से मिलने वाली चीजें जिनमें कोई पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ जनà¥à¤® नहीं ले सकता। उदाहरण के लिये दूध, शहद आदि से बचà¥à¤šà¥‡ जनà¥à¤® नहीं लेते जबकि अंडे जिसे कà¥à¤› तथाकथित बà¥à¤¦à¥à¤§à¤œà¥€à¤µà¥€ शाकाहारी कहते है, उनसे बचà¥à¤šà¥‡ जनà¥à¤® लेते हैं इस वजह से अंडे मांसाहार है।
कà¥à¤› समय पहले मांसाहार पर कई तथà¥à¤¯ और शोध पढने को मिले इनमें à¤à¤• था कि मांस हमें इस वजह से नहीं खाना चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह à¤à¤‚जाइमों से à¤à¤°à¤¾ होता है। इसके माधà¥à¤¯à¤® से नकारातà¥à¤®à¤•à¤¤à¤¾ और à¤à¤¯ का संचार होता है। जब जानवरों को वधशाला या बूचड़खाना लाया जाता है, तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पता होता है कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मारा जायेगा। इस कारण अपने-आप ही उनके अंदर à¤à¤¯, पीड़ा और दà¥à¤– का à¤à¤¾à¤µ आ जाता है। उनकी इन à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° उनके संपूरà¥à¤£ शरीर में होने लगता है। à¤à¤¯ और पीड़ा के कारण उनके शरीर में à¤à¤¡à¥à¤°à¤¾à¤²à¤¿à¤¨ नामक à¤à¤‚जाइम का सà¥à¤°à¤¾à¤µ होता है जिसका पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ रकà¥à¤¤ की धारा में होने लगता है। इस कारण इससे जà¥à¥œà¥€ हर चीज नकारातà¥à¤®à¤• हो जाती है। आप à¤à¤²à¥‡ की मांस को कितना à¤à¥€ पका लें, आप इन गà¥à¤£à¥‹à¤‚ को कà¤à¥€ à¤à¥€ नषà¥à¤Ÿ नहीं कर पायेंगे। दूसरा वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• रूप से हमारे दांतों की बनावट à¤à¤¸à¥€ नहीं है कि हम मांस को खा सकें। और ना ही हमारा पाचन तंतà¥à¤° मांसों को पचा सकता है। जब हम फल खाते हैं तो इसे à¤à¤• घंटे में पचा सकते हैं। सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को हम दो घंटे में पचा सकते हैं, जबकि मांस को पूरी तरह से पचने में 72 घंटे लगते हैं। जब मांस इतने लंबे समय तक हमारी आंतों में रहता है तो यह विषाकà¥à¤¤ हो जाता है और इसी कारण हमें कई बीमारियां होती हैं।
à¤à¤• मà¥à¤–à¥à¤¯ बिंदॠयह à¤à¥€ है कि मांस, मछली और अणà¥à¤¡à¥‡ हमारे शरीर में दà¥à¤–, अशांति और तनाव पैदा करते हैं। जबकि शाकाहारी à¤à¥‹à¤œà¤¨ का सेवन करने वाले लोग सेहतमंद तो होते ही हैं साथ ही à¤à¤¸à¥‡ लोगों को थकान à¤à¥€ बहà¥à¤¤ कम लगती है। कà¥à¤› समय पहले à¤à¥‹à¤œà¤¨ के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पर शोधकरà¥à¤¤à¤¾à¤“ं ने à¤à¤• निषà¥à¤•à¤°à¥à¤· निकाला था कि इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ से अलग जो जानवर शाकाहारी होते हैं वो मांसाहारी की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में जलà¥à¤¦à¥€ हार नहीं मानते हैं और अधिक परिशà¥à¤°à¤®à¥€ à¤à¥€ होते हैं। जैसे हाथी, बैल, घोड़ा, हिरन और ऊंट इसके विपरीत मांसाहारी जानवर कà¥à¤› देर तो दौड़ सकते है लेकिन वह जलà¥à¤¦à¥€ ही हांफ जाते है। इसलिठअब आप जब कà¥à¤› खाà¤à¤‚ तो थोडा संà¤à¤²à¤•à¤° खाà¤à¤‚ कहीं à¤à¤¸à¤¾ न हो खà¥à¤¦ को आधà¥à¤¨à¤¿à¤• दिखाने के चकà¥à¤•à¤° में आप à¤à¥€ जलà¥à¤¦à¥€ बीमारियों को पकड़कर न हांफ जाà¤à¤à¥¤
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