नये टà¥à¤°à¥‡à¤«à¤¿à¤• नियम कà¥à¤› जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ हमारी à¤à¥€
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Rajeev ChoudharyDate
09-Sep-2019Category
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RajeevUpload Date
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मोटर वà¥à¤¹à¥€à¤•à¤² à¤à¤•à¥à¤Ÿ 2019 à¤à¤• सितमà¥à¤¬à¤° से लागू हो गया है। जिससे टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• नियम तोड़ने वालों को à¤à¤¾à¤°à¥€ जà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¾ à¤à¥à¤—तना पड़ेगा। इस à¤à¤•à¥à¤Ÿ को बीती महीने ही संसद से मंजूरी मिली है। इन नियमों का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ लोगों में टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• नियमों को तोड़ने का à¤à¤¯ à¤à¤°à¤¨à¤¾ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अà¤à¥€ तक जà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¨à¥‡ की राशि बहà¥à¤¤ कम होती थी जिसकी वजह से लोग 100-50 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ थमाकर टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• के नियमों को तोड़ना अपनी शान समà¤à¤¤à¥‡ थे। लेकिन लागू हà¥à¤ इन नये नियमों के खिलाफ मजाक में सही सोशल मीडिया पर ढेरों मीमà¥à¤¸ बने, अनेकों चà¥à¤Ÿà¤•à¥à¤²à¥‡ à¤à¤µà¤‚ मजाक बनी यहाठतक à¤à¥€ कहा गया कि नये नियमों में फांसी की सजा छोड़कर बाकि सब कà¥à¤› शामिल है।
जब कà¥à¤› दिन पहले मैंने नया मोटर वà¥à¤¹à¥€à¤•à¤² à¤à¤•à¥à¤Ÿ 2019 के बारे में सà¥à¤¨à¤¾ था तब मà¥à¤à¥‡ लगा था कि आम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ इसका तहेदिल से सà¥à¤µà¤¾à¤—त करेंगे। लेकिन à¤à¤¸à¤¾ हो नहीं पाया जबकि मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ मजाक का नहीं बलà¥à¤•à¤¿ बेहद गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ का है। जो यह सोचने पर मजबूर कर देता कि आखिर टà¥à¤°à¥‡à¤«à¤¿à¤• पà¥à¤²à¤¿à¤¸ को यह कानून कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ लाने पड़े!
पिछले साल फरवरी 2018 घटना की घटना ही उठाकर देख लीजिये दिलà¥à¤²à¥€ रोहिणी के पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त विहार के सेकà¥à¤Ÿà¤° 11 की लालबतà¥à¤¤à¥€ पर 25 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ यà¥à¤µà¤• मंजीत सड़क पार कर रहा था। तà¤à¥€ रेड लाइट जमà¥à¤ª करते हà¥à¤ à¤à¤• सैंटà¥à¤°à¥‹ कार तेज रफà¥à¤¤à¤¾à¤° से आई और उसने मंजीत को जबरदसà¥à¤¤ टकà¥à¤•à¤° मार दी। टकà¥à¤•à¤° लगते ही मंजीत उछल कर दूर जा गिरा और उसे गंà¤à¥€à¤° चोटें आई, पर कार नहीं रà¥à¤•à¥€, हादसे को अंजाम देने के बाद कार चालक ने रफà¥à¤¤à¤¾à¤° और बà¥à¤¾ दी। लेकिन वो कार संà¤à¤¾à¤² नहीं पाया और डिवाइडर से टकरा कर रà¥à¤• गया। कार में कà¥à¤² चार लोग सवार थे। कार à¤à¤• 16 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ नाबालिग लड़का चला रहा था।
उसी दौरान इंदौर के तà¥à¤•à¥‹à¤—ंज इलाके में आनंद नाम के कॉटन वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¥€ को, à¤à¤• वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¥€ के नाबालिग बेटे ने अपनी बीà¤à¤®à¤¡à¤¬à¥à¤²à¥‚ गाड़ी से रोंद दिया था। à¤à¤¸à¥€ न जाने कितनी घटनाà¤à¤ हर रोज पà¥à¤²à¤¿à¤¸ थानों में दरà¥à¤œ होती है और अखबार के किसी छोटे मोटे कोनों में छपती है। चूà¤à¤•à¤¿ आज अधिकांश लोग सोशल मीडिया पर रहते है और उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ खबरों को पà¥à¤¤à¥‡ है जो पढाई जाती है मसलन हिनà¥à¤¦à¥‚-मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®, à¤à¤¾à¤°à¤¤-पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ इसके अलावा दरà¥à¤¦ à¤à¤°à¥€ शायरी जैसी पोसà¥à¤Ÿ पढने को मिलती है। इस कारण हमारे लिठये खबरें कोई खास मायने नहीं रखती न हम तक पहà¥à¤à¤š पाती।
आप अगर दिलà¥à¤²à¥€ से बाहर रहते है और दिलà¥à¤²à¥€ से लगती इसकी किसी à¤à¥€ सीमा आप रोज कà¥à¤°à¥‹à¤¸ कर अपनी डà¥à¤¯à¥‚टी पर पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ है तो दिल पर हाथ रखकर कितने लोग सच बता सकते है कि घर से निकलते ही पहला खà¥à¤¯à¤¾à¤² ये ना आता हो कि हे à¤à¤—वान बस कहीं टà¥à¤°à¥‡à¤«à¤¿à¤• जाम न मिले। पर कà¤à¥€ सोचा है ये टà¥à¤°à¥‡à¤«à¤¿à¤• जाम किस कारण लगता है? वाहन जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हो गये या सड़कें पतली रह गयी?
यदि आप à¤à¤¸à¤¾ सोचते है तो आप अà¤à¥€ कà¥à¤› दिन और पबजी खेल सकते है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अधिकांश जाम टà¥à¤°à¥‡à¤«à¤¿à¤• नियम तोड़कर पहले निकलने के चकà¥à¤•à¤° में आपाधापी में लगते है। दूसरा आप रेड लाइट पर खड़े होकर देखिये कितने लोग à¤à¤¸à¥‡ है जो जेबà¥à¤°à¤¾ कà¥à¤°à¥‹à¤¸à¤¿à¤‚ग से पीछे खड़े होते है? कई बार मैंने देखा कि किसी बाइक वाले को जरा सा रासà¥à¤¤à¤¾ दिख जाये तो वह सारे नियम ताक पर रखकर सबसे आगे निकलकर खड़े होते है।
मेरा à¤à¤• मितà¥à¤° है वो उस समय जरà¥à¤®à¤¨à¥€ में था। वह वहां पर अपना डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤¿à¤‚ग लाइसेंस बनवाने के लिठतीन बार परिवहन विà¤à¤¾à¤— में गया। हर बार फैल हà¥à¤†à¥¤ जबकि वह गाड़ी अचà¥à¤›à¥‡ से चलाता है। आखिरी चांस में उसनें वहां के परिवहन अधिकारी से पूछा, आखिर उसकी गलती कà¥à¤¯à¤¾ रह जाती है जो उसे फ़ैल कर दिया जाता है? तो उसनें बताया आप हर बार जेबà¥à¤°à¤¾ कà¥à¤°à¥‹à¤¸à¤¿à¤‚ग पर बिना बà¥à¤°à¥‡à¤• लिठऔर दोनों तरफ देखें सीधे सà¥à¤ªà¥€à¤¡ से निकल जाते है। उसे उस दिन जेबà¥à¤°à¤¾ कà¥à¤°à¥‹à¤¸à¤¿à¤‚ग की à¤à¤¹à¤®à¤¿à¤¯à¤¤ का पता चला। इसमें उसकी कोई गलती नहीं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अपने यहाठवाहन चालकों को जेबà¥à¤°à¤¾ कà¥à¤°à¥‹à¤¸à¤¿à¤‚ग से कोई मतलब है ही नहीं शायद यह सोचकर निकल जाते है कि सरकार के पास सफेदी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ थी जो सड़क पोत दी।
यही नहीं इसके अलावा à¤à¥€ दिलà¥à¤²à¥€ से लगती सीमाओं पर ऑटों में पीछे तीन की सीट पर चार और आगे डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° सीट पर à¤à¥€ दो तीन लोग बैठा लेते है। छोटे-छोटे नाबालिग बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ बाइक लिठआसानी से दिख जाते है। बाइक पर तीन बैठाना आम बात है और हेलमेट तो कोई ही विरला à¤à¤¸à¤¾ है जो किसी अचà¥à¤›à¥€ कमà¥à¤ªà¤¨à¥€ का खरीदता हो। बस सौ दो सौ रूपये दिठहेलमेट लिया और चल देते है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हम à¤à¤• धारणा में जीते है कि यदि किसी कारण पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने हमें रोका à¤à¥€ तो सौ पचास रूपये देकर निकल जायेंगे। हालाà¤à¤•à¤¿ इसमें काफी हद तक सतà¥à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¥€ है।
आप सडक पर जाइये कितने लोग à¤à¤¸à¥‡ मिलेंगे जो हेलमेट अपनी सà¥à¤µà¤¯à¤‚ की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठलगाते है। जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° यही कहेंगे कि चालान कटने के डर से हेलमेट लगाया है। सीट बेलà¥à¤Ÿ से लेकर हमारे जीवन उपयोगी वो नियम जो हमारी रकà¥à¤·à¤¾ करते है हम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ उनका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² सिरà¥à¤« और सिरà¥à¤« चालान कटने के डर से करते है। इसके अलावा यदि हम सड़क दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ के आंकड़ों पर नजर डाले तो देश में हर मिनट à¤à¤• सड़क दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ होती है, हर चार मिनट में à¤à¤• मौत हो जाती है। सालाना करीब 1.35 लाख सड़क हादसों का शिकार होते हैं। सड़क दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤“ं का यह आंकड़ा दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में सबसे बड़ा है और अधिकांश दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ लापरवाही में होना पाई जाती है। इसलिठसà¤à¥€ गलतियाठयातायात पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की मत निकालिठअपनी à¤à¥€ जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ समà¤à¤¿à¤¯à¥‡à¥¤ जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° नागरिक बनिà¤, वरना कोसते रहिये पà¥à¤²à¤¿à¤¸ को। बनवाते रहिये नये-नये नियम और कानून à¤à¥à¤—तते रहिये चालान। देश की पà¥à¤²à¤¿à¤¸ आपकी सेवा में ततà¥à¤ªà¤° रहेगी चाहें चालान के पैसे दीजिये या अपनी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ समà¤à¤¿à¤¯à¥‡à¥¤ आपकी सोशल मीडिया वाली मजाक से पà¥à¤²à¤¿à¤¸ को कोई फरà¥à¤• नहीं पड़ने वाला।
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