à¤à¤• बिगà¥à¤² धडिचा पà¥à¤°à¤¥à¤¾ के विरà¥à¤¦à¥à¤§
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Vinay AryaDate
25-Sep-2019Category
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RajeevUpload Date
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आपने पशà¥à¤“ं की मंडी सà¥à¤¨à¥€ होगी, सबà¥à¤œà¥€ मंडी या अनà¥à¤¯ रोजमरà¥à¤°à¤¾ के सामान की मंडियां सà¥à¤¨à¥€ होगी लेकिन कà¥à¤¯à¤¾ कà¤à¥€ आपने सà¥à¤¨à¤¾ है कि इस 21 वीं सदी में देश के अनà¥à¤¦à¤° औरतों को मंडियां सजाकर जानवरों की तरह खरीद फरोखà¥à¤¤ किया जा रहा है। à¤à¤²à¥‡ ही देश में आये दिन महिलाओं के साथ होने वाले शोषण के खिलाफ नठऔर सखà¥à¤¤ से सखà¥à¤¤ कानून बनाये जा रहे हो लेकिन सखà¥à¤¤ कानून बनाये जाने के बावजूद à¤à¥€ कई जगह अà¤à¥€ à¤à¥€ कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾à¤“ं के नाम पर महिलाओं पर अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° हो रहे हैं, बेशक देश में नेता नारी सशकà¥à¤¤à¤¿à¤•à¤°à¤£ की बड़ी-बड़ी बातें करते हो पर यह सà¥à¤¨à¤•à¤° आपको दà¥à¤ƒà¤– होगा कि à¤à¤¸à¥‡ दौर में à¤à¥€ देश के अनà¥à¤¦à¤° बीवियां किराठपर मिलती हैं वो à¤à¥€ बाकायदा मंडी लगाकर।
असल में मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के शिवपà¥à¤°à¥€ में चल रही इस पà¥à¤°à¤¥à¤¾ को धडिचा पà¥à¤°à¤¥à¤¾ कहा जाता है। इस पà¥à¤°à¤¥à¤¾ अनà¥à¤¸à¤¾à¤° यहां हर साल à¤à¤• मंडी लगाई जाती हैं जिसमें à¤à¥‡à¥œ-बकरियां, गधे-घोडे नहीं लड़कियों को खड़ा किया जाता हैं। बताया जा रहा है कि यहां हर साल पà¥à¤°à¥à¤· आते हैं और अपनी मनपसंद की लड़की को चà¥à¤¨à¤•à¤° उसकी कीमत तय करते हैं। इन लड़कियों और महिलाओं की बोली तक लगाई जाती हैं। किराठकी कीमत इस बात पर निरà¥à¤à¤° करती हैं कि यà¥à¤µà¤¾ महिला का परिवार कितना गरीब हैं और उसे पैसों की कितनी जरूरत हैं।
सà¥à¤¨à¤•à¤° à¤à¤²à¥‡ ही दà¥à¤ƒà¤– हà¥à¤† हो लेकिन आज के अतà¥à¤¯à¤¾à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤• यà¥à¤— में à¤à¥€ धडिचा पà¥à¤°à¤¥à¤¾ जारी है इस कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾ के नियम अनà¥à¤¸à¤¾à¤° दस रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ के सà¥à¤Ÿà¤¾à¤®à¥à¤ª पर औरतों की खरीद फरोखà¥à¤¤à¤¾ होती है। दरअसल इस पà¥à¤°à¤¥à¤¾ की आड़ में गरीब लड़कियों का सौदा होता है। बताया जाता है यह सौदा सà¥à¤¥à¤¾à¤‚ई और असà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ दोनों तरह का होता है। सौदा तय होने के बाद बिकने वाली औरत और खरीदने वाले पà¥à¤°à¥à¤· के बीच à¤à¤• अनà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¬ किया जाता है। यह अनà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ खरीद की रकम के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• 10 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ से लेकर 100 तक के सà¥à¤Ÿà¤¾à¤¬à¤®à¥à¤ª पर किया जाता है।
सामानà¥à¤¯ तौर पर अनà¥à¤¬à¤‚ध छह माह से कà¥à¤› वरà¥à¤· तक के होते हैं। अनà¥à¤¬à¤‚ध बीच में छोड़ने का à¤à¥€ रिवाज है। इसे छोड़- छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ कहते हैं। इसमें à¤à¥€ अनà¥à¤¬à¤‚धित महिला सà¥à¤Ÿà¤¾à¤‚प पर शपथपतà¥à¤° देती है कि वह अब अनà¥à¤¬à¤‚धित पति के साथ नहीं रहेगी। à¤à¤¸à¥‡ à¤à¥€ बहà¥à¤¤ मामले हैं, जिसमें अनà¥à¤¬à¤‚ध के माधà¥à¤¯à¤® से à¤à¤• के बाद à¤à¤• आठसे दस अलग-अलग धड़ीचा पà¥à¤°à¤¥à¤¾ के विवाह हà¥à¤ हैं। इस कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾ के फलने फूलने का मà¥à¤–à¥à¤¯ कारण गरीबी और लडकियों की अशिकà¥à¤·à¤¾ है।
ये à¤à¥€ बताया जा रहा है कि यहां हर साल करीब 300 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ महिलाओं को दस से 100 रूपये तक के सà¥à¤Ÿà¤¾à¤‚प पर खरीदा और बेचा जाता है। सà¥à¤Ÿà¤¾à¤‚प पर शरà¥à¤¤ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° खरीदने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को महिला या उसके परिवार को à¤à¤• निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रकम अदा करनी पड़ती है। रकम अदा करने व सà¥à¤Ÿà¤¾à¤‚प पर अनà¥à¤¬à¤‚ध होने के बाद महिला निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ समय के लिठउसकी पतà¥à¤¨à¥€ बन जाती है। मोटी रकम पर संबंध सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ होते हैं, वरना संबंध समापà¥à¤¤à¥¤ अनà¥à¤¬à¤‚ध समापà¥à¤¤ होने के बाद मायके लौटी महिला का दूसरा सौदा कर दिया जाता है। अनà¥à¤¬à¤‚ध की राशि समयानà¥à¤¸à¤¾à¤° 50 हजार से 4 लाख रूपये तक हो सकती है। हालाà¤à¤•à¤¿ यह अनà¥à¤¬à¤‚ध पूरी तरह से गैरकानूनी है, कई बार इसे सरकार के समकà¥à¤· उठाया गया। लेकिन, महिलाà¤à¤‚ या पीड़ित सामने नहीं आती हैं। जिस कारण यह कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾ आज à¤à¥€ चल रही है।
चैकाने वाली बात यह हैं कि आज तक इसके खिलाफ कोई कारवाई नहीं की गई हैं। सरà¥à¤•à¤¸ में, सिनेमा में जानवरों के इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² पर रोक लगाने वाले मानवाधिकार आयोग का इस ओर आज तक खà¥à¤¯à¤¾à¤² ही नहीं गया! à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होता हैं कि गरीब परिवारों की महिलाà¤à¤‚ और लड़कियों की कीमत इन जानवरों से à¤à¥€ गई गà¥à¤œà¤°à¥€ हैं! ”बेटी बचाओं बेटी पà¥à¤¾à¤“ं” की केंदà¥à¤° सरकार की योजना के बाद à¤à¥€ हमारे अपने देश में बेटियों को à¤à¥‡à¥œ-बकरियों की तरह बेचा जा रहा हैं! ताजà¥à¤œà¥à¤¬ की बात तो यह à¤à¥€ हैं कि आज तक बड़ी-बड़ी नारी सशकà¥à¤¤à¤¿à¤•à¤°à¤£ की संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं ने à¤à¥€ इनकी सà¥à¤§ नहीं ली।
यानि इस पà¥à¤°à¤¥à¤¾ का मूल कारण अशिकà¥à¤·à¤¾ ही कहा जाये कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ समाज à¤à¤¸à¥€ बà¥à¤°à¥€ कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾à¤“ं का तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर देता है। यही कारण है कि आरà¥à¤¯ समाज ने अपने शà¥à¤°à¥‚आती काल से ही नारी को शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ करने का शà¥à¤°à¥‚आती कदम उठाकर लड़कियों को शिकà¥à¤·à¤¾ दिलाने की वकालत की वो à¤à¥€ उस समय जब लडकियों को परà¥à¤¦à¥‡ की चीज समà¤à¤¾ जाता था। कौन à¤à¥‚ल सकता है रेगर समाज की लडकियों के उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का वह चरण जब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अछूत समà¤à¤¾ जाता था और कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾à¤“ं के कारण कई जगह तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देहवà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° में धकेल दिया जाता था।
हालत à¤à¤¸à¥‡ बताये जाते है कि अनेको लोग उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हेय दà¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ से देखने लगे थे किनà¥à¤¤à¥ आरà¥à¤¯ समाज की अगà¥à¤µà¤¾à¤ˆ में सà¥à¤µ महातà¥à¤®à¤¾ नारायण सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने जनवरी 1929 में मकर सकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के दिन आरà¥à¤¯ कनà¥à¤¯à¤¾ पाठशाला की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की आरमà¥à¤ में केवल पांच छातà¥à¤°à¤¾à¤à¤‚ ही शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठआगे आई थी किनà¥à¤¤à¥ इसके बाद आज इस पाठशाला से निकली अनेकों बेटियां उचà¥à¤š पदों पर आसीन हà¥à¤ˆà¥¤ यह सब शिकà¥à¤·à¤¾ का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ था à¤à¤¸à¥‡ ही आज धडिचा पà¥à¤°à¤¥à¤¾ के विरà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¥€ आरà¥à¤¯ समाज को आगे बà¥à¤¨à¤¾ होगा ताकि उन बेटियों को à¤à¥€ समाज में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा और समà¥à¤®à¤¾à¤¨ से जीने का अवसर मिले। इस पर à¤à¥€ गहरे चिनà¥à¤¤à¤¨-मनन करने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। वरना हमारे महापà¥à¤°à¥‚षों ने जो रासà¥à¤¤à¤¾ दिखाया है, उस पर दृॠपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤œà¥à¤ž होकर चले बिना असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µà¤µ को बरकरार रखना संà¤à¤µ नहीं हो पाà¤à¤—ा।
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