बगदादी मीडिया के लिठआतंकी या संत महातà¥à¤®à¤¾
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Rajeev ChoudharyDate
07-Nov-2019Category
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दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सबसे बड़े आतंकी संगठन का सरगना जिसने इंसानियत और मानवता को शरà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤° किया हो, जिसने मजहब के नाम पर लाखों जाने ली हो, आखिरकार वह मारा गया। आपके और मेरे लिठशायद ये राहत की बात होगी लेकिन ये खबर सà¥à¤¨à¤•à¤° दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° के वामपंथी मीडिया की साà¤à¤¸à¥‡ अटक गई। पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में दहशत फैलाने और लाखों लोगों की हतà¥à¤¯à¤¾ करने वाले आतंकी संगठन इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ ऑफ इराक à¤à¤‚ड सीरिया (आईà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤à¤¸) के बारे में जो लोग जानते हैं वह बगदादी के मारे जाने का मतलब समठसकते हैं। अबू-बकर अल-बगदादी जिसे बगदादी के नाम से पहचाना गया, उसका खातà¥à¤®à¤¾ हो गया है। जब à¤à¤¾à¤°à¤¤ में दीपावली मनायी जा रही थी ठीक उसी समय अमेरिकी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ डोनालà¥à¤¡ टà¥à¤°à¤‚प ने टà¥à¤µà¥€à¤Ÿ कर बताया कि कà¥à¤› बहà¥à¤¤ बड़ा हà¥à¤† है। यह हà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤Ÿ हाउस के लिठवासà¥à¤¤à¤µ में किसी बड़ी खबर का संकेत था। जहां खà¥à¤¦ टà¥à¤°à¤‚प à¤à¥€ दीपावली उतà¥à¤¸à¤µ में शरीक हà¥à¤ थे। अमेरिकी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ ने बाद में बगदादी के मारे जाने का दावा किया था।
बगदादी कितना खतरनाक था इसे अमेरिकी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ के शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ से समà¤à¤¾ जा सकता है उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने लिखा कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सबसे हिंसक और कà¥à¤°à¥‚र संगठन का चीफ मारा गया। लेकिन जब इसी खबर लेकर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° की मीडिया सामने आई तो उनके शीरà¥à¤·à¤• देखकर à¤à¤¸à¤¾ लगा जैसे बगदादी कोई आतंकी नहीं बलà¥à¤•à¤¿ कोई संत रहा हो, दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित समाचार पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ में शà¥à¤®à¤¾à¤° वाशिंगटन पोसà¥à¤Ÿ ने लिखा कि “इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ के शीरà¥à¤· धारà¥à¤®à¤¿à¤• विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ बगदादी की 48 साल की उमà¥à¤° में मौत” जैसे ही इस शीरà¥à¤·à¤• को लेकर बवाल मचा तो अखबार की तरफ से इस खबर की हेडलाइन बदल दी गई।
वाशिंगटन पोसà¥à¤Ÿ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• आईà¤à¤¸ का आतंकवादी उसका मà¥à¤–िया à¤à¤• धरà¥à¤®à¤¿à¤• विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ था। अब जिसने à¤à¥€ यह खबर पà¥à¥€ होगी उसे कà¥à¤¯à¤¾ सोचा होगा! शायद यही कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में पà¥à¤°à¥‡à¤® और शांति के किसी मसीहा की मौत हो गयी हैं। कितने लोग खबर की तह तक गये होंगे? जबकि मीडिया के लोग सà¥à¤¨à¤¯à¥‹à¤œà¤¿à¤¤ तरीके से à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ इंसान का महिमामंडन कर रहे थे जिसने सालों तक दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में दहशत का माहौल बनाठरखा, जिसने हजारों लोगों को विसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर दिया, मासूम छोटी यजीदी बचà¥à¤šà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को हजारों की संखà¥à¤¯à¤¾ में यौनदासी बनाया और ना जाने कितने मासूमों की जान ले ली, वो à¤à¥€ सिरà¥à¤« मजहब के नाम पर?
देखा जाये तो इस लिसà¥à¤Ÿ में वाशिंगटन पोसà¥à¤Ÿ ही शामिल नहीं है बहà¥à¤¤ सारे मीडिया समूह है जो चाह कर à¤à¥€ अपने मन का शोक छà¥à¤ªà¤¾ नहीं पा रहे है। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को इस आतंकी संगठन के बारे में आगाह करने कि जगह बीबीसी हमेशा से ही लोगों को à¤à¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ करने वाली खबरे ही पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ करता रहा है। लगता है ये मीडिया संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ कà¤à¥€ à¤à¥€ बगदादी को आतंकवादी मानते ही नहीं थे। हमेशा इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ अपनी खबरों और लेखों में उसे लीडर कह कर संबोधित किया है, बीबीसी ने अपने सà¤à¥€ आरà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤² में बगदादी को इतना समà¥à¤®à¤¾à¤¨ दिया है मानो वो कोई संत या महातà¥à¤®à¤¾ हो। बगदादी को मारे हà¥à¤ अà¤à¥€ कà¥à¤› ही दिन गà¥à¤œà¤°à¥‡ है à¤à¤• बड़े चैनल तो इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿà¥à¤¸ का नया सरगना तलाशना à¤à¥€ शà¥à¤°à¥‚ कर दिया। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इस बात की चिंता सता रही है की कहीं इस संगठन के आतंकी अब अनाथ न हो जाà¤à¥¤
बीबीसी अपने लेख में लिखता है, “बगदादी ‘कथित‘ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ के ‘मà¥à¤–िया थे, बगदादी का परिवार धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤·à¥à¤ था, बगदादी कंठसà¥à¤¥ करने के लिठजाने जाते थे। वह रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को सतरà¥à¤• नजर से देखते थे कि इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• कानून का पालन हो रहा है या नहीं। वो क़ैदियों को इसà¥à¤²à¤¾à¤® की शिकà¥à¤·à¤¾ देते थे बगदादी फà¥à¤Ÿà¤¬à¥‰à¤² कà¥à¤²à¤¬ के सà¥à¤Ÿà¤¾à¤° थे।” à¤à¤¸à¥‡ लेख शायद बीबीसी ने किसी महातà¥à¤®à¤¾ के मरने पर à¤à¥€ नहीं लिखे होंगे। किनà¥à¤¤à¥ दूसरी तरफ यही लोग à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संवैधानिक पदों पर आसिन योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ जैसे लोगों के कटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थी लिखते है। यानि à¤à¤• आतंकवादी संगठन के मà¥à¤–िया को इतनी इजà¥à¤œà¤¤ और à¤à¤• किसी देश के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¥€ या मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ के लिठमिलिटेंट और कटà¥à¤Ÿà¤° हिनà¥à¤¦à¥‚ जैसे शबà¥à¤¦, ये काम सिरà¥à¤« वाशिंगटन पोसà¥à¤Ÿ और बीबीसी जैसे संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ ही कर सकते हैं।
मामला यही तक नहीं बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤¾à¤°à¤¤ का à¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित नà¥à¤¯à¥‚ज चैनल को बगदादी में à¤à¤• महान फà¥à¤Ÿà¤¬à¥‰à¤² पà¥à¤²à¥‡à¤¯à¤° नजर आ गया, इनके अलावा हमारे देश की कथित सेकà¥à¤²à¤° मीडिया और नेताओं का बगदादी के मारे जाने पर कोई बयान नहीं आया। लगता है ये लोग अà¤à¥€ उस सदमे से उबर नहीं पाठहैं। यह सब आज ही नहीं हà¥à¤† याद कीजिठबà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ वानी के बाद किस तरह उसे à¤à¥€ महिमामंडित किया था। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¤à¤• बड़ी पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° बरखादतà¥à¤¤ ने लिखा था कि à¤à¤• सà¥à¤•à¥‚ल हेडमासà¥à¤Ÿà¤° का बेटा बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ मर गया। जहाठदेश की आम जनता ने à¤à¤• आतंकी के मारे जाने पर राहत की सांस ली थी वही वामपंथी मीडिया के à¤à¤• बड़े वरà¥à¤— ने तà¥à¤°à¤¨à¥à¤¤ ही बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ को रà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¤¤ का लिहाफ ओà¥à¤¾à¤¨à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ कर दिया था।
देश की जनता का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• कटà¥à¤Ÿà¤°à¤µà¤¾à¤¦ और आतंकवाद से हटाने के लिà¤, बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ को पोसà¥à¤Ÿà¤° बॉय से लेकर à¤à¤—त सिंह तक की उपमाओं से नवाजने की घृणित कोशिशें होने लगी हैं। यह बात आम लोगों की समठसे परे की है कि आखिर à¤à¤¸à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ वजह है कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का à¤à¤• तथाकथित बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€ वरà¥à¤— à¤à¤• घोषित आतंकी के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सहानà¤à¥‚ति रखता हà¥à¤† दिख रहा है। दरअसल आतंकवादियों को शहादत जैसे शबà¥à¤¦ का जामा पहना कर और मानवतावाद के तराजू में तौल कर, हर जगह संपà¥à¤°à¤à¥ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ की खिलà¥à¤²à¥€ उड़ाई जा रही है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आज वामपंथ को अपना असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ समापà¥à¤¤ हो जाने का डर है। डरे हà¥à¤ वामपंथी किसी à¤à¥€ तरह से दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से लोकतंतà¥à¤° को असफल और असà¥à¤¥à¤¿à¤° करने की फिराक में इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• आतंकवाद से हाथ मिलाने को तैयार दिख रहे हैं। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि दोनों ही विचारधाराà¤à¤ सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¥€ अवधारणा में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ रखती है। इसलिठवरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ वामपंथ और सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ इसà¥à¤²à¤¾à¤® आपको à¤à¤• ही कोने में बैठे दिख रहे है।
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