टेलीविजन या अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ का विजन
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Vinay AryaDate
09-Dec-2019Category
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RajeevUpload Date
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निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ गà¥à¤²à¤–ान दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बनाया गया सीरियल “ये जादू है जिनà¥à¤¨ का” धडलà¥à¤²à¥‡ से टीवी सà¥à¤•à¥à¤°à¥€à¤¨ पर चल रहा है। नकारातà¥à¤®à¤• किरदारों से लेकर आलोकिक शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, जिनà¥à¤¨, डायन, à¤à¥‚त-पà¥à¤°à¥‡à¤¤ से à¤à¤°à¤ªà¥‚र ये सीरियल टीआरपी के लिहाज से तीसरे नंबर पर चल रहा है। दूसरा à¤à¤¸à¤¾ ही सीरियल है “कà¥à¤‚डली à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯” कहने को तो इसमें पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾ और बà¥à¤²à¤¬à¥à¤² की लंबे समय से खोई हà¥à¤ˆ छोटी बहनों, पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¾ और सृषà¥à¤Ÿà¤¿ की कहानी है लेकिन अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के तडके से यह सीरियल दरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ के लिठजायकेदार हो जाता है। à¤à¤¸à¥‡ न जाने कितने सीरियल आज टीवी पर परोसे जा रहे है जो समाज को दिन पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ की ओर ले जा रहे है।
मनोरंजन के लिठपरोसे जा रहे ये सीरियल बड़ी आसानी से लोगों की दिनचरà¥à¤¯à¤¾ में शामिल हो रहे हैं। सिरà¥à¤« शामिल ही नहीं हो रहे है बलà¥à¤•à¤¿ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ से लेकर बड़ों तक के मन में अपनी मजबूत पकड़ बना चà¥à¤•à¥‡ है। साल 2013 में राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के गंगापà¥à¤° सिटी की घटना से सà¤à¥€ परिचित होंगे। जब à¤à¤• परिवार अपने घर में टीवी पर अगर कà¥à¤› देखता था तो सिरà¥à¤« à¤à¤• देवता शिव पर केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¤ धारावाहिक देवों के देव महादेव देखता था। à¤à¤• दिन परिवार ने इसी धारावाहिक को देखा और फिर शिव के आने का इंतजार करते हà¥à¤ पूजा में लग गया। शाम तक शिव का इंतजार किया जब कोई नहीं नहीं आया तो समूचे परिवार ने खà¥à¤¦ शिव से मिलने की ठानी और सà¥à¤µà¤°à¥à¤— जाने की बातचीत करते हà¥à¤ बहà¥à¤¤ सहज à¤à¤¾à¤µ से सबने जहर खा लिया. आठमें से तीन तो किसी तरह पड़ोसियों के आ जाने बचाठजा सके लेकिन पांच की मौत हो गयी थी। यह घटना अपने आप में इतना बताने के लिठकाफी है समाज में पहले से पसरे अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के अलावा कोई टीवी धारावाहिक किस कदर लोगों के सोचने समà¤à¤¨à¥‡ की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ को खतà¥à¤® कर सकता है। जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ, 2018 को बà¥à¤°à¤¾à¥œà¥€ के संत नगर में सामूहिक आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ की घटना न केवल दिलà¥à¤²à¥€, बलà¥à¤•à¤¿ पूरे देश में खासी सà¥à¤°à¥à¤–ियों में रही थी धारà¥à¤®à¤¿à¤• मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं को लेकर à¤à¤• हà¤à¤¸à¤¤à¥‡ खेलते à¤à¤• ही परिवार के 11 लोगों ने फांसी लगाकर आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ की थी।
इतना ही नहीं मेरठमें 25 साल की à¤à¤• यà¥à¤µà¤¤à¥€ आरती के पति की à¤à¤• दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ में मौत हो गयी थी। कà¥à¤› समय पहले उसकी पांच साल की à¤à¤¤à¥€à¤œà¥€ ने कहा बà¥à¤† आप सफेद साड़ी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं पहनती है। आप तो विधवा हो यह बात सà¥à¤¨à¤•à¤° आरती अवाक रह गयी थी। लेकिन उसकी à¤à¤¤à¥€à¤œà¥€ को लगा कि यह बेवकूफ है जो उसकी बात नहीं समठरही है। इसके बाद à¤à¤¤à¥€à¤œà¥€ ने अपनी बà¥à¤† को कलरà¥à¤¸ टीवी पर पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ होने वाले धारावाहिक गंगा की मिसाल देते हà¥à¤ समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ था कि गंगा मेरे जितनी छोटी बचà¥à¤šà¥€ है और उसका पति मर गया इसलिठवह सफेद साड़ी पहनती है। à¤à¤• तरफ जहाठआरती के घरवाले उसे सामानà¥à¤¯ जीवन की और मोड़ने की कोशिश में जà¥à¤Ÿà¥‡ थे तà¤à¥€ उसके सामने छोटी सी बचà¥à¤šà¥€ का खोफनाक सवाल खड़ा हो उठता है।
जहाठआज टीवी धारावाहिक ये जादू है जिनà¥à¤¨ का, डर सबको लगता है, à¤à¥‚त पà¥à¤°à¥‡à¤¤ नाग नागिन के साथ दरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ को मनोरंजन की खà¥à¤°à¤¾à¤• पेश कर रहे है। वही गंगा जैसे धरावाहिक विधवा जीवन का कड़ाई से पालन करने वाली à¤à¤• विधवा को नायिका बना देते है। à¤à¤• या दो सीरियल की बात नहीं यदि धà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• देखा जाये तो इन जड़ों को मजबूती सारे सीरियल दे रहे हैं। कहीं अघोरी, तो किसी पर नजर, दिवà¥à¤¯-दृषà¥à¤Ÿà¥€ कोई डायन तो कोई कà¥à¤‚डली à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ जैसे कई सीरियल शामिल हैं। इनमें डायन से लेकर पिशाच तक को दिखाया जाता है। यहां कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• कहानियों को इस तरह से आकरà¥à¤·à¤• बनाकर दिखाया जाता है कि बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ और कई बार तो महिलाà¤à¤‚ à¤à¥€ उसे सच मान लेते हैं।
यानि आज धारावाहिक पर वही चीजें दिखाई जा रही जिसके खिलाफ लड़ते हà¥à¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने न केवल अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ और विधवा विवाह जैसी अनेकों कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾à¤“ं के खिलाफ à¤à¤• लमà¥à¤¬à¥€ लड़ाई लड़ी बलà¥à¤•à¤¿ अपने पà¥à¤°à¤¾à¤£ तक समाज के लिठनà¥à¤¯à¥‹à¤›à¤¾à¤µà¤° कर दिà¤à¥¤ जिस बात को सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी और विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ ने साबित कर दिया कि चà¥à¥œà¥ˆà¤² या डायन à¤à¥‚त, पà¥à¤°à¥‡à¤¤, जैसी कोई चीज होती ही नहीं है। लेकिन टीवी ऑन करते ही विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ चैनलों पर ये दिख जाते हैं। आलोकिक और कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• घटनाओं पर आधारित सीरियलों का पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ इतनी बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में हो रहा है, इनसे न केवल बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के मन और मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• पर विपरीत पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पड़ रहा है, बलà¥à¤•à¤¿ अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के कारण होने वाली घटनाà¤à¤‚ à¤à¥€ दिनों दिन बॠरही है। विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‹à¤œà¥€ ने जो चीजें नकार दी आज उसी विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‹à¤œà¥€ के सहारे उसे फिर उसी अà¤à¤§à¥‡à¤°à¥‡ में ले जाने की कवायद खà¥à¤²à¥‡à¤†à¤® चल रही है।
आखिर कौन इसका लाठले रहा है किसको इसका फायदा है, कौन है ये लोग जो पà¥à¤¨: समाज को रसातल में ले जा रहे है उनà¥à¤¨à¤¤ सोच के बजाय यह पाखंड बेच रहा है? à¤à¤¸à¥‡ सवालों के बजाय अखबारों से इन सीरियलों का विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ लगातार जारी है। समाज में जागरूकता का आà¤à¤¾à¤µ है या ये आà¤à¤¾à¤µ पैदा किया जा रहा है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जिस तरीके से यह सीरियल बड़ी आसानी से लोगों की दिनचरà¥à¤¯à¤¾ में शामिल हो रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि बड़ी विशाल अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया जा रहा है। हालाà¤à¤•à¤¿ सरकार की ओर से इस तरह के चीजों को रोकने और समाज में अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ फैलने से रोकने के लिठसेंसर बोरà¥à¤¡ का गठन किया है, लेकिन अफसोस वे इसे रोक नहीं पा रहे हैं। à¤à¤¸à¥‡ में वे ही कही न कही इस अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ को फैलाने में अपना योगदान दे रहे हैं।
जबकि आज à¤à¤¸à¥‡ सीरियलों की जरूरत है जो रूà¥à¥€à¤µà¤¾à¤¦à¥€ à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚तियों को तोड़े और लोगों के सामने किसी à¤à¥€ चीज का वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ पेश करें। लेकिन अफसोस की अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ केवल धारà¥à¤®à¤¿à¤• चैनल ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ सà¥à¤¬à¤¹ की नà¥à¤¯à¥‚ज से लेकर पà¥à¤°à¤—तिशील मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ पर बहस कराने वाले चैनल à¤à¥€ तनà¥à¤¤à¥à¤° मनà¥à¤¤à¥à¤° के नाम पर लोगों के दिमाग के दरवाजे बंद करने पर जà¥à¤Ÿà¥‡ है। ये लोग टीवी के जरिये à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ अà¤à¤§à¤¾ यà¥à¤— ला रहे है जहाठतरà¥à¤• और विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के सà¤à¥€ दरवाजे बंद है। कà¥à¤¯à¤¾ सरकार और मीडिया इन चीजों से अनजान है जबकि à¤à¤¸à¥‡ सीरियल लोगों की बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ को समापà¥à¤¤ कर रहे है । जिसका लाठगली मोहलà¥à¤²à¥‹à¤‚ में बैठे बंगाली बाबा से à¤à¤¾à¥œ फूंक वाले उठा रहे है और देश के कई राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में डायन के नाम पर हतà¥à¤¯à¤¾à¤“ं जैसे अपराध का गà¥à¤°à¤¾à¤« सर उठाये खड़ा हैं।
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