ईरान अमेरिका यà¥à¤¦à¥à¤§ हà¥à¤† तो कà¥à¤¯à¤¾ होगा..
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Rajeev ChoudharyDate
13-Jan-2020Category
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ईरान और अमेरिका की जंग को लेकर कई कयास लगाये जा रहे है कि अगर ये यà¥à¤¦à¥à¤§ हà¥à¤† तो किसकी हार होगी, किसकी जीत. किसके दम पर ईरान à¤à¤• सà¥à¤ªà¤° पावर को आà¤à¤– दिखा रहा है। आज यह सवाल दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में सोशल मीडिया से लेकर सà¤à¥€ जगह छाठहà¥à¤ है. लेकिन अगर इस मामले को थोडा पीछे जाकर देखें तो 16 मई 2019 को लेबनान की राजधानी बेरà¥à¤¤ में कटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थी संगठन हिजà¥à¤¬à¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ के नेता नसरलà¥à¤²à¤¾à¤¹ ने ईरान की इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के 40 वरà¥à¤· पूरे होने पर à¤à¤• बड़ी रैली में मजबूती से संदेश दिया था कि अगर अमेरिका ईरान से यà¥à¤¦à¥à¤§ छेड़ता है तो इस लड़ाई में ईरान अकेला नहीं होगा, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हमारे इलाके का à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• रिपबà¥à¤²à¤¿à¤• से जà¥à¥œà¤¾ है। शायद इन पिछले लगà¤à¤— सात महीनो में अमेरिका और ईरान की जबानी जंग के बीच ईरान ने लेबनान से लेकर सीरिया, इराक, यमन और गजा पटà¥à¤Ÿà¥€ तक में हिजबà¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ जैसे हथियारबंद गà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ में हजारों शिया लड़ाके इकà¥à¤•à¤ े किये जो ईरान के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ निषà¥à¤ ा जताते हैं।
जिसका नतीजा अब देखने को मिल रहा है 3 जनवरी को इराक में बगदाद हवाई अडà¥à¤¡à¥‡ पर अमेरिकी हवाई हमले में ईरानी कमांडर कासिम सà¥à¤²à¥‡à¤®à¤¾à¤¨à¥€ की हतà¥à¤¯à¤¾ होने बाद ईरान ने बदला बताते हà¥à¤ अमेरिका के कई सैनà¥à¤¯ ठिकानों पर हमला किया गया इससे साफ हो जाता है कि हिजà¥à¤¬à¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ जैसे हथियारबंद गà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ ने अपना काम करना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया है। इस बात की पूरी आशंका है कि अमेरिका के साथ चल रहा तनाव अगर यà¥à¤¦à¥à¤§ की परिणति तक पहà¥à¤‚चता है तो वह इन लड़ाकों को à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ कर इनका बड़ा इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करेगा। ईरान दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किये हमलों से संदेश दिया कि ईरान अब अमेरिकी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मधà¥à¤¯ पूरà¥à¤µ में खिंची रेखाओं का उलà¥à¤²à¤‚घन करेगा और न जाकर पीछे से यà¥à¤¦à¥à¤§ में शामिल होगा। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ईरान दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किये हमलें में देखा जाये तो कोई à¤à¥€ मिसाइल à¤à¤¸à¥€ जगह à¤à¤¸à¥‡ समय नहीं दागी गयी जिससे अमेरिका को à¤à¤¾à¤°à¥€ नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ हो। ईरान ने जानबूà¤à¤•à¤° à¤à¤¸à¤¾ किया है ताकि जो यà¥à¤¦à¥à¤§ का संकट मंडरा रहा है वो कहीं नियंतà¥à¤°à¤£ से बाहर ना हो जाà¤à¥¤
ईरान सिरà¥à¤« अपने लोगों की तसà¥à¤¸à¤²à¥€ à¤à¤° के लिठà¤à¤¸à¥‡ जोखिम उठा रहा है। ताकि ईरान और सऊदी के मधà¥à¤¯ चली आ रही इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ वरà¥à¤šà¤¸à¥à¤µ की इस जंग में कहीं ईरान से जà¥à¥œà¥‡ शिया बाहà¥à¤² देश और कटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थी संगठन उसे कमजोर न समठले। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पिछले कई महीनों में ईरानियों ने होरà¥à¤®à¥à¤œ की खाड़ी पर अमेरिकी निगरानी डà¥à¤°à¥‹à¤¨ को मार गिराया था, à¤à¤• बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ तेल टैंकर को जबà¥à¤¤ कर लिया था और सऊदी अरब के तेल के बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ ढांचे आरमको पर बमबारी की थी। इसके बाद 27 दिसंबर हिजबà¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ ने अमेरिकी ठेकेदार की हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी और इराक के किरकà¥à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤‚त में अमेरिकी ठिकाने के पास रॉकेट हमले में कई अमेरिकी और इराकी सैनà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को घायल कर दिया था।
देखा जाये तो इस लड़ाई में ईरान के पास जो ताकत है वह है उसके सशसà¥à¤¤à¥à¤° बल 'रिवोलà¥à¤¯à¥‚शनरी गारà¥à¤¡ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तैयार किये संगठित संगठन है जो यमन ईराक फिलिसà¥à¤¤à¥€à¤¨ समेत कई देशों में फैले है। हिजà¥à¤¬à¥à¤¬à¥à¤²à¤¾à¤¹ की बात करें तो इस संगठन नीव लेबनान के गृहयà¥à¤¦à¥à¤§ के दौरान 1980 के दशक में रखी थी। आज यह इलाके का सबसे पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ हथियारबंद गà¥à¤Ÿ है जो ईरान के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ को इजराइल के दरवाजे तक ले जा सकता है। इस गà¥à¤Ÿ के पास रॉकेट और मिसाइलों के अलावा कई हजार अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ लड़ाके हैं जिनके पास जंग लड़ने का खूब अनà¥à¤à¤µ है। पिछले छह साल से सीरिया में लड़ रहा हिजबà¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ जंग के मैदान में अपनी काबिलियत को दिखा कर रहा है।
इसके अलावा पिछले कà¥à¤› वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से सऊदी अरब और अमेरिका के लिठसिर बने यमन के शिया विदà¥à¤°à¥‹à¤¹à¥€ जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हूथी के नाम से जाना जाता है वह à¤à¥€ ईरान के साथ कनà¥à¤§à¤¾ मिलाकर खड़ा है। ईरान दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हथियार दिठहैं, इनमें लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों की à¤à¥€ बात कही जाती है जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सऊदी अरब की राजधानी रियाद पर à¤à¥€ पिछले के सालों में हमले किठहैं। अगर अमेरिका और ईरान यà¥à¤¦à¥à¤§ के मà¥à¤¹à¤¾à¤¨à¥‡ पर पहà¥à¤‚चते है तो फलसà¥à¤¤à¥€à¤¨à¥€ संगठन गजा का हमास और दूसरे छोटे शिया इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• जिहादी गà¥à¤Ÿ à¤à¥€ ईरान की ओर से इजराइल पर हमले से लेकर अनेकों विरà¥à¤¦à¥à¤§ गतिविधियों को अंजाम देने से पीछे नहीं हटेगा। हालाà¤à¤•à¤¿ माना जाता है कि ईरान इन गà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ को सैनà¥à¤¯ मदद तो दे रहा है लेकिन इस गà¥à¤Ÿ को आरà¥à¤¥à¤¿à¤• जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मदद कतर से मिल रही है। à¤à¤¸à¥‡ में उमà¥à¤®à¥€à¤¦ कम है कि यह कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ यà¥à¤¦à¥à¤§ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में ईरान के साथ जाà¤à¤—ा। लेकिन मजहब के नाम पर सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ चरमपंथियों का यह गà¥à¤Ÿ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• जिहाद के लिहाज से ईरान के जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ करीब है।
इसके अलावा इराक में शिया मिलिशिया गà¥à¤Ÿ पीà¤à¤®à¤à¤« à¤à¥€ ईरान के साथ इस लड़ाई में शामिल हो सकता है। à¤à¤• दशक से यह गà¥à¤Ÿ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ से लड़ता आया है। खास बात ये है कि इस गà¥à¤Ÿ में असैब अहल अल हक, कातेब हिजà¥à¤¬à¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ और बदà¥à¤° संगठन शामिल हैं। इन तीनों का नेतृतà¥à¤µ à¤à¤¸à¥‡ लोगों के हाथ में है जिनके जनरल कासेम सà¥à¤²à¥‡à¤®à¤¾à¤¨à¥€ से करीबी संबंध थे। सà¥à¤²à¥‡à¤®à¤¾à¤¨à¥€ की मौत का बदला लेने को ये गà¥à¤Ÿ ईरान के साथ शामिल हो सकता है। कà¥à¤² मिला कर इनमें करीब 1 लाख 40 हजार लड़ाके हैं। à¤à¤²à¥‡ ही यह संगठन औपचारिक रूप से इराकी पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ के पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ में है लेकिन राजनीतिक रूप से पीà¤à¤®à¤à¤« के लोग ईरान के साथ जà¥à¥œà¥‡ हैं। हालाà¤à¤•à¤¿ à¤à¤• समय अमेरिकी सेना और पीà¤à¤®à¤à¤« इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ से जंग में मिल कर लड़े थे लेकिन अब यह दोसà¥à¤¤à¥€ लगà¤à¤— टूट चà¥à¤•à¥€ है। इसी का लाठईरान को मिल रहा है। पिछले कà¥à¤› वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में ईरान ने सऊदी से लगते देशों में अपनी मजबूत पैठतैयार की है इनà¥à¤¹à¥€ के बल पर ईरान अमेरिका को आà¤à¤– दिखा रहा है। देखना यही होगा कि 7 जनवरी को आई ईरानी मिसाइल हमलों को देखते हà¥à¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ डोनालà¥à¤¡ टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª कैसे जवाब देंगे? और नाटो के सदसà¥à¤¯ देश अमेरिकी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ के मधà¥à¤¯ पूरà¥à¤µ के इस यà¥à¤¦à¥à¤§ में शामिल होने के उनके अनà¥à¤°à¥‹à¤§ का जवाब कैसे देंगे?
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