अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ से मिलेगी कोरोना मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿
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Vinay AryaDate
08-Apr-2020Category
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RajeevUpload Date
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जहाठà¤à¤• ओर आरà¥à¤¯ समाज की संसà¥à¤¥à¤¾ देश à¤à¤° में गरीब बेसहारा लोगों को à¤à¥‹à¤œà¤¨, राशन, फल सामगà¥à¤°à¥€ उपलबà¥à¤§ करा रही है, इस संकट के समय में लोगों का सहारा बन रही है और कोरोना को लेकर बार-बार अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ से बचने की सलाह दी जा रही है इसके बाद à¤à¥€ गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ आंचलो से इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की खबर आ रही है कि कà¥à¤› ओà¤à¤¾ अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के नाम पर पोंगा पंथी कर लोगों को बहका रहे है। कहने को यह 21वीं सदी का वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• दौर है लेकिन सोच अà¤à¥€ à¤à¥€ कà¥à¤› लोगों की वही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ और दकियानूसी। मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के जिला à¤à¤¿à¤‚ड को ही लीजिà¤, यहां लोग आजकल रात के समय अपने घर के बाहर यमदीप चला रहे हैं और तरà¥à¤• यह है कि इस दीपक से यमराज पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होंगे और मृतà¥à¤¯à¥ उन लोगों से दूर रहेगी।
दूसरा कà¥à¤› दिन पहले बांकेगंज, गà¥à¤²à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ और तिकà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ कसà¥à¤¬à¥‡ में रात को नौ बजे अधिकांश महिलाओं ने नलों से बालà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में पानी à¤à¤°à¤¨à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ कर दिया। और फिर मंदिर के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कà¥à¤à¤‚ में यह पानी लौटा दिया। जिस महिला की जितनी संतान थी उसके हिसाब से बालà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¤°à¥€à¥¤ फिर वापिस आकर घरों की देहरी पर दिठजलाà¤à¥¤ ताकि उनका घर पति और संतान महामारी से बचे रहें।
बताया जा रहा है कि गà¥à¤²à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ नामक गांव में तो महिलाà¤à¤‚ सब लोगों से दस दस रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ इकटà¥à¤ ा करती दिखी। जिसके पीछे उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ था दूसरे के रà¥à¤ªà¤ से हरी चूड़ियां खरीद कर पहनना. ताकि उनकी संताने जीवित रह सके। अà¤à¥€ हाल में ही à¤à¤• हिंदी मूवी आई थी सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¥¤ उसी की नकल करते हà¥à¤, आजकल काशी की गलियों में ‘ओ कोरोना कल आना’ के पोसà¥à¤Ÿà¤° लगाठगये हैं। दूसरी और जमीयत उलेमा हिंद मेरठ,के शहर काजी ने à¤à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤¸ विजà¥à¤žà¤ªà¥à¤¤à¤¿ में कहा कि सब लोग पाà¤à¤š समय नमाज करें। और अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ से रो-रोकर दà¥à¤† मांगे। उनके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में लोग जब अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की ना फरमानी करते हैं तà¤à¥€ à¤à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤ª होते हैं।
इन दिनों ईरान, तेहरान, चीन, में हर रोज हालात बद से बदतर हो रहे हैं और à¤à¤¸à¥‡ में लोग धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ का दरवाजा चाट रहे हैं। ताकि कोरोना का पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤ª उन पर असर ना करें। सिरà¥à¤« इतना ही नहीं इसके अलावा जेल में बंद रामपल के कà¥à¤› चेले à¤à¥€ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ को चिठà¥à¤ ी लिख रहे है कि कोरोना महामारी को संत रामपाल जी महाराज जी खतà¥à¤® कर सकते हैं इसलिठà¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ से अपील है कि संत रामपाल जी महाराज से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करें।
यही नहीं इन पागलो ने साथ में पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ को à¤à¤• मनà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¥€ टेग किया जो कोरोना का समापà¥à¤¤ कर देगा मनà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¥€ सà¥à¤¨ लीजिये बंदी छोड़ कबीर साहेब की जय, जगतगà¥à¤°à¥ संत रामपाल जी महाराज की जय। पता नहीं ये मनà¥à¤¤à¥à¤° है या टीका...मतलब चीन अमेरिका इटली सà¥à¤ªà¥‡à¤¨ में हजारों लोग मर रहे है वहां के डॉकà¥à¤Ÿà¤° पसà¥à¤¤ है पर लेकिन ये टीका रामपाल के चेलों ने बना दिया। राम पाल ही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ फेसबà¥à¤• पर राम रहीम वाले à¤à¥€ इस दौड़ में पीछे नहीं है राम रहीम वाले कह रहे है à¤à¥à¤—तों नतीजे संत गà¥à¤°à¤®à¥€à¤¤ जी को गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° करने के गà¥à¤°à¤®à¥€à¤¤ जी के कारण ही कोरोना फैला है।
यह सब अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ को लेकर कà¥à¤› उदाहरण है, जो इन इन दिनों देश में ही नहीं विदेशों में à¤à¥€ लोगों की मानसिकता पर असर करने लगे हैं। अगर इन मामलों को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ से देखें तो दो चीजें साफ नजर आती है à¤à¤• तो ये चीजें हमारे समाज में बहà¥à¤¤ गहरी है। सालों पहले चिकितà¥à¤¸à¤¾ के कम साधन थे तो उस समय इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ टोने टोटको के à¤à¤°à¥‹à¤¸à¥‡ हमारा समाज चल रहा था कोई किसà¥à¤®à¤¤ से ठीक हो गया तो चमतà¥à¤•à¤¾à¤° वरना उस पर à¤à¥‚त पà¥à¤°à¥‡à¤¤ बà¥à¤°à¥€ आतà¥à¤®à¤¾ का साया मान लिया जाता था। हालात कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ हो गठहैं कि लोग à¤à¤¸à¥‡ समय में à¤à¥€ दूसरे को ठगने या बेवकूफ बनाने से बाज नहीं आ रहे। डरे हà¥à¤ लोगों को किसà¥à¤¸à¥‡ कहानियों के जरिठउनकी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को दूर करने का विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ दिलाकर और सब परेशानियों से बचाने का आशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨ देकर ठगविदà¥à¤¯à¤¾ जोरो से चालू है। यदि कोई समà¤à¤¦à¤¾à¤° इन अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाले तो उसको पूरी तरह से खारिज कर बेवकूफ करार दिया जा रह है। साथ ही अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ फैलाकर इतनी à¤à¥à¤°à¤¾à¤®à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पैदा की जा रही हैं कि इंसान फंसा हà¥à¤† महसूस कर आने को मजबूर है।
इस देश में आज à¤à¥€ लोग बीमारियों का इलाज माहिर डाकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ से न करा कर बाबाओं, पीरफकीरों की शरण में खोजते हैं। à¤à¤¸à¥‡ में हर रोज हजारों लोगों को पाखंड और पोंगापंथ के चकà¥à¤•à¤° में अपनी जान गंवानी पड़ती है। à¤à¤• तो लोग à¤à¤¾à¥œà¤«à¥‚ंक के चकà¥à¤•à¤° में पड़ कर अपनी बीमारी को गंà¤à¥€à¤° बना लेते हैं या मौत के मà¥à¤‚ह में चले जाते हैं। कई बार मरीजों को à¤à¤¾à¥œà¤«à¥‚ंक न कराने की सलाह देने पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥€ लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है। इसमें कई बार तो पà¥à¥‡ लिखे à¤à¥€ फंस जाते है इन लोगों की इलाज के लिठबाबाओं के आगे लाइन लगाने की खास वजह यह होती है कि उन के मन में बचपन से ही अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ को ले कर डर बैठा दिया जाता है जिसे वे बड़ा होने पर à¤à¥€ अपने मन से निकाल नहीं पाते हैं।
à¤à¤¸à¥€ बीमारियों में डाकà¥à¤Ÿà¤°à¥€ इलाज का सहारा लेना चाहिà¤, न कि बेसिरपैर की बातों में फंस कर अपनी जेब ढीली कर दी जाà¤à¥¤ आज कोरोना को लेकर à¤à¥€ à¤à¤¸à¥€ ही à¤à¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ समाज में पाली जा रही है। धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखिये लॉक डाउन कोई टोटका नहीं है बलà¥à¤•à¤¿ यह à¤à¤• बचाव का तरीका है ताकि सामाजिक दà¥à¤°à¥€ बने रहे और वायरस जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ न फैल पाà¤à¥¤ लेकिन इसे समà¤à¤¨à¥‡ के बजाय कà¥à¤› लोग नमाज से तो कà¥à¤› अनà¥à¤¯ टोटके अपनाकर इसे à¤à¤—ाना चाह रहे है।
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