देश के अन्य आर्य प्रांतीय सभाओ का योगदान

कोराना वायरस आज पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय बना हुआ है...अगर अपने देश की बात करें तो यहां ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है जो रोज कमाते और खाते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन ने ऐसे लोगों के रोजी-रोटी को भी लॉकडाउन कर दिया है...हालांकि इस लॉकडाउन के दौरान कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जरूरतमंदों के लिए भोजन व राशन की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन करीब 135 करोड़ की आबादी वाले इस देश में इस काम को कर पाना तब तक संभव नहीं हो पायेगा जब तक हम सबकी भागीदारी नहीं होगी...ऐसे में राष्ट्र और उसके नागरिकों पर आये संकट के समय में आर्य समाज, सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला के खड़ा नजर आ रहा है। अपने स्थापना के  145 साल में  आजादी की लड़ाई  से ले पर प्राकर्तिक आपदा आदि जब भी राष्ट्र पर कोई भी संकट आया है तो आर्यसमाज संगठन के कार्यकर्तओ ने तनमन धन से राष्ट्र सेवा में अपना योगदान दिया है..

भोजन और राशन  वितरण

आर्यसमाज की सर्वोच्च सभा सार्वदेशिक आर्य प्रतिनधि सभा के आह्वान पर  दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के अंतर्गत आर्यसमाज मंदिरों में प्रतिदिन लगभग 80 हजार से अधिक लोगों के लिए दोनों समय के भोजन की व्यवस्था की जा रही...आर्य समाज से राष्ट्रीय प्रवक्ता विनय आर्य ने बताया की  राष्ट्री राजधानी के आर्य समाज के कार्यकर्ता प्रीत विहार , विकास नगर, डिफेन्स कॉलोनी  विकासपुरी, नौरोजी नगर, कीर्ति नगर, रामपुरा, ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 बाहरी रिंगरोड, द्वारका, जनकपुरी, नरेला,  जैसे विभिन्न इलाकों के जरूरतमंदों, बेसहारा लोगो में  राशन , फल, सब्जी, और भोजन के पैकिट  वितरित कर रहे हैं .. सरकारी आश्रय घरों में भी  रह रहे हजारों गरीबों को राशन और भोजन के पैकेट्स वितरित कर रहे हैं...इन इलाकों में रह रहे जरूरतमंदों को हर रोज अब आर्य समाज के कार्यकर्ताओं का इंतजार रहता है... श्री विनय आर्य  के अनुसार राशन और भोजन वितरित करते समय एक जगह लोग जमा न हो इसके लिए दिल्ली पुलिस और प्रशासन का भी पूरा सहयोग मिल रहा है...

वहीं आर्य समाज के कार्यकर्ता सामाजिक दूरी के निर्देश देकर भी लोगों को जागरूक कर सरकार के इस अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं...इनके अलावा इस समय आर्य समाज के शीर्ष नेता और एम.डी.एच समूह के चेयरमैन पद्मभूषण महाशय धर्मपाल जी के प्रेरणा से चल रही सहयोग परियोजना के कार्यकर्ता भी जरूरतमंद परिवारों में राशन वितरण का कार्य कर रहे हैं...दिल्ली के अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी आर्यसमाज के कार्यकर्ता लॉक डाउन के समय असहाय लोगों की सहायता करते हुए राष्ट्र और मानव सेवा में जुटे हुए हैं... 

 

दुर्गम और आदिवासी बाहूल्य इलाके में सेवा

अखिल भारतीय दयानंद सेवाश्रम संघ के अंतर्गत मध्यप्रदेश के झाबुआ में स्थित महाशय धर्मपाल एम.डी.एच दयानंद आर्य विद्या निकेतन बामनिया के कार्यकर्ताओं द्वारा आदिवासी बाहूल्य इलाके के अनेक गरीब जरूरतमंद लोगों को राशन सामग्री वितरण किया जा रहा है।   

देश के अन्य आर्य प्रांतीय सभाओ का योगदान

उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार , पंजाब , तेलन्गाना, मध्यप्रदेश, हरयाणा , उत्तराखंड गुजरात, महाराष्ट्र  आदि के प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभाओ से सम्बंधित आर्य समाज मंदिर और आर्य वीर दल के कार्यकर्ताओ द्वारा असहायों और जरुरतमंदों को भोजन के पैकेट वितरित किये गये...वहीं कई परिवारों को आटा दाल व तेल आदि राशन का वितरण भी किया जा रहा है ..

सेनेटाईजेशन

आर्यसमाज सूरसागर जोधपुर  के कार्यकर्ताओं द्वारा  पुलिस प्रशासन की सहायता के इलाके में सेनेटाईजेशन का कार्य किया जा रहा है

भवन के स्थान देना

जोधपुर की महर्षि दयानंद सरस्वती स्मृति भवन न्यास ने अपने  सभागार के 42 कमरे कोरोना पीड़ितों के आइसोलेटेड वार्ड बनाने की सुविधा के लिए जिला प्रशासन को स्वइच्छा से दे दिए गये हैं.. 

              वहीं हरियाणा आर्य प्रतिनिधि सभा दयानंद मठ रोहतक में ठहरे  सेकड़ो प्रवासी मजदूर परिवारों का जहा भोजन और रहने की व्यस्था की जा रही है वही योग ध्यान यज्ञ आदि के द्वारा उन के स्वस्थ्य का ध्यान भी रखा जा रहा है

अन्तरराष्ट्रीय योगदान

दक्षिण अफ्रीका में लॉकडाउन के चलते आर्य समाज दक्षिण अफ्रीका द्वारा डेनिस हर्ले सेंटर के सहयोग से मूसा मोबीदा स्टेडियम और आसपास के 2000 बेघर लोगों की देखभाल की जा रही है और भोजन की व्यस्था की गई है ..

आर्थिक सहायता

आर्य समाज के शीर्ष नेता और एम.डी.एच समूह के चेयरमैन पद्मभूषण महाशय धर्मपाल जी  द्वारा जहाँ 5 करोड़ रुपया देने की घोषणा की गई ।  महाशय जी  द्वार प्रधानमंत्री राहत कोष में 2.5 करोड़ रुपये, दिल्ली मुख्यमंत्री राहत कोष में 1 करोड़ रुपये, हरियाणा सरकार के कोरोना राहत कोष में 1 करोड़ रुपये, देश भर में आर्य समाज द्वारा  कोरोना पीड़ितों के लिए बनाए  राहत कोष में 50 लाख रुपये दिए गए हैं। देश भर में फैली 12 हजार से अधिक आर्यसमाज की संस्थाओ द्वारा विभिन सरकारी राहत कोषो में लाखो रुपय दान सवरूप भी निरंतर  भेजे जा रहे हैं  


 

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