कà¥à¤¯à¤¾ इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ फिर अतीत बन जायेगा ?
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Rajeev ChoudharyDate
15-Apr-2020Category
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धरती की शकà¥à¤² समय बीतने के साथ इतनी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बदलती रही है कि कोई बाहरी पà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¤• अगर इन बदलावों को फासà¥à¤Ÿ फॉरवरà¥à¤¡ करके देखे तो उसे लगेगा कि à¤à¤• से आकार वाले कई अलग-अलग गà¥à¤°à¤¹ उसकी आंखों के सामने से गà¥à¤œà¤° रहे हैं. दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की सूरत कितनी तेजी से बदली पता ही नहीं चला लगता है à¤à¤• तशà¥à¤µà¥€à¤° में कोई कलाकार बार-बार रंग à¤à¤° रहा है.
असल में हम आप जो à¤à¥€ चीज देख रहे हैं, उसका अतीत बन जाना तय है. पृथà¥à¤µà¥€ पर जीवन का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¥€ इसमें शामिल है. à¤à¤• दिन ये à¤à¥€ अतीत बन जाà¤à¤—ा. लेकिन कब?
पिछले दिनों à¤à¤¸à¥‡ कई लोगों से मिलना हà¥à¤† जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कोरोना के कारण हà¥à¤ˆ लाखों मौतों पर चिंता जाहिर करते हà¥à¤ इसे दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का अंत बता डाला.
लेकिन हर à¤à¤• बताने वाले के चेहरे पर à¤à¤• अजीब सी शांति दिखी जैसे उसको इससे कà¥à¤› नहीं होगा. फिर मà¥à¤à¥‡ यà¥à¤§à¤¿à¤·à¥à¤ िर और यकà¥à¤· संवाद का वो पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ याद आता है जब यकà¥à¤· ने यà¥à¤§à¤¿à¤·à¥à¤ िर से पूछा था कि षà¥à¤¸à¤‚सार का सबसे बड़ा आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ कà¥à¤¯à¤¾ है..?
यà¥à¤§à¤¿à¤·à¥à¤ िर ने बिना पल गवांये पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤‰à¤¤à¥à¤¤à¤° में बताया था कि षà¥à¤¸à¤‚सार में रोजाना हजारों लोग मरते है लेकिन फिर हर à¤à¤• जीवित इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ आशा में जीता है कि उसका कà¥à¤› नहीं बिगड़ने वाला..
लेकिन आज जब कोरोना से महामारी देखी, इंसानों को घरों में कैद और à¤à¤• दूसरे से दूर à¤à¤¾à¤—ते देखा तो लगा शायद यà¥à¤§à¤¿à¤·à¥à¤ िर गलत साबित हो रहा है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ मौत से डरकर छिप गया है..
दरअसल लोग à¤à¤²à¥‡ ही अà¤à¥€ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ न करें लेकिन जीवाशà¥à¤®à¥‹à¤‚ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पृथà¥à¤µà¥€ पर जीवन के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को करीब 3.5 अरब साल हो चà¥à¤•à¥‡ हैं. इतने समय में पृथà¥à¤µà¥€ ने कई तरह की आपदाà¤à¤ à¤à¥‡à¤²à¥€ हैं दृ यà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¥‡à¤²à¥‡ महामारी से लेकर आपसी टकराव à¤à¥€ देखें इसके अलावा अंतरिकà¥à¤· की चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का टकराना, पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में बड़े पैमाने पर जहर का फैलना, जला कर सब कà¥à¤› राख कर देने वाली रेडिà¤à¤¶à¤¨ देखी..
जाहिर है यदि जीवन को à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥€à¤·à¤£ ख़तरा पैदा हो तब à¤à¥€ पृथà¥à¤µà¥€ से पूरी तरह से जीवन का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ ख़तà¥à¤® अà¤à¥€ नहीं हो पाà¤à¤—ा.
कà¥à¤¯à¤¾ इसके बाद पृथà¥à¤µà¥€ बंजर à¤à¥‚मि में तबà¥à¤¦à¥€à¤² हो जाà¤à¤—ी या कब तक रहेगा पृथà¥à¤µà¥€ पर जीवन? पृथà¥à¤µà¥€ पर जीवन के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ से जà¥à¥œà¥€ संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं और आशंकाओं पर पिछले दिनों à¤à¤• रिपोरà¥à¤Ÿ पà¥à¥€ थी..
लिखा था संà¤à¤µ है कि पृथà¥à¤µà¥€ पर जीवन जà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¾à¤®à¥à¤–ियों के विसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿ से 25 करोड़ साल में खतà¥à¤® हो जाà¤à¤—ा. à¤à¤¸à¤¾ होने पर पृथà¥à¤µà¥€ पर मौजूद 85 फीसदी जीव नषà¥à¤Ÿ हो जाà¤à¤‚गे जबकि 95 फीसदी समà¥à¤¦à¥à¤°à¥€ जीवों का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ नषà¥à¤Ÿ हो जाà¤à¤—ा.
इस दौरान जà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¾à¤®à¥à¤–ी से जो लावा निकलेगा, वो बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¨ के आकार से आठगà¥à¤¨à¤¾ बड़ा होगा. लेकिन जीवन अपने आप गायब नहीं होगा.
ये सामानà¥à¤¯ जानकारी है कि पृथà¥à¤µà¥€ पर से डायनासोर पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ का बड़े गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ के टकराने के कारण अंत हà¥à¤† था. अगर à¤à¤• à¤à¤¾à¤°à¥€-à¤à¤°à¤•à¤® गà¥à¤°à¤¹ के टकराने से विशालकाय डायनासोर लà¥à¤ªà¥à¤¤ हो सकते हैं तो फिर à¤à¤• दूसरी टकà¥à¤•à¤° से पृथà¥à¤µà¥€ पर जीवन à¤à¥€ नषà¥à¤Ÿ हो सकता है.
इस विषय पर 2003 में हॉलीवà¥à¤¡ में शà¥à¤¦ कोरशॠनाम से फिलà¥à¤® बन चà¥à¤•à¥€ है. इस फिलà¥à¤® की कहानी है- पृथà¥à¤µà¥€ का केंदà¥à¤° रोटेट करना बंद कर देता है, तब अमरीकी सरकार पृथà¥à¤µà¥€ के केंदà¥à¤° तक डà¥à¤°à¤¿à¤²à¤¿à¤‚ग करके रोटेशन को सही करने की कोशिश करती है. à¤à¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤µ कोर नहीं होने से पृथà¥à¤µà¥€ का चà¥à¤‚बकीय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° ख़तà¥à¤® हो जाà¤à¤—ा और इससे पृथà¥à¤µà¥€ का पूरा जीवन ख़तरे में आ सकता है.
लेकिन अब लगता है यह रिपोरà¥à¤Ÿ निराधार निकली कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जो हमलावर है उसका असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ विशालकाय नहीं है बलà¥à¤•à¤¿ बेहद सूकà¥à¤·à¥à¤® है जो इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ को बाहर से नहीं अनà¥à¤¦à¤° से तोड़ रहा है खोखला करके खा रहा है. सिरà¥à¤« इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ ही नहीं बड़ी शकà¥à¤¤à¤¿ सेना और अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ गटक रहा है. इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ बाहरी शकà¥à¤¤à¤¿ से लड़ सकता है उस पर मिसाइल दाग सकता है लेकिन अनà¥à¤¦à¤° डालने के लिठà¤à¤• छोटी कà¥à¤› à¤à¤®à¤œà¥€ की दवा के लिठमारा मारा फिर रहा है.
हो सकता है à¤à¤• बार फिर इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ अपने इस सूकà¥à¤·à¥à¤® शतà¥à¤°à¥ को हरा दे, उसका वजूद समापà¥à¤¤ कर दे लेकिन इस शतà¥à¤°à¥ ने इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ को यह अहसास तो करा दिया कि वो कितना लाचार है और उसकी बनाई टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ उसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ विकसित सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ कà¤à¥€ à¤à¥€ समापà¥à¤¤ हो सकती है. लेकिन इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ ने अà¤à¥€ तक बहà¥à¤¤ महामारी देखी है इस बार à¤à¥€ आशा है कि इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ फिर जीत जायेगा ?
राजीव चौधरी
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