पालघर की घटना खबर नहीं à¤à¤• कलंक है
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Rajeev ChoudharyDate
26-Apr-2020Category
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महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के पालघर में महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की ही मौजूदगी में कैसे संतों की हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी पूरे मामले पर सोशल मीडिया में कई सवाल पूछे जा रहे हैं. आखिर लॉकडाउन में 300 लोगों की à¤à¥€à¥œ कैसे इकटà¥à¤ ा हà¥à¤ˆ थी ? पà¥à¤²à¤¿à¤¸ संतों के बचाने के बजाय कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤¾à¤— रही थी? पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने संतों को बचाने के लिठहवाई फायरिंग कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं की? ये à¤à¥€ कहा जा रहा है कि आदिवासी कà¤à¥€ à¤à¥€ संत पर हमला नहीं करते हैं। लेकिन सवाल ये à¤à¥€ है कि दोनों संतों को बचाने की किसी ने बीच बचाव करने की कोशिश कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं की?
वीडियो देखकर किसी के à¤à¥€ मन में à¤à¤¸à¥‡ सवाल उतना लाजिमी है जैसे घटना किसी सोची समà¤à¥€ साजिश के तहत हो। जिसमें दो निरपराध सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को खà¥à¤¦ राजà¥à¤¯ के रकà¥à¤·à¤• पà¥à¤²à¤¿à¤¸ बल ही à¤à¥‚खे à¤à¥‡à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के à¤à¥à¤£à¥à¤¡ में फैंक देते हो? और जिस तरह हमलावर लोग सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पहले सड़क के बीच से खदेड़ते हà¥à¤, पीटते हà¥à¤ लाते हैं, पूरे हंगामे में सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ सिर पर हाथ रखकर मार खाते रहते है, दया की à¤à¥€à¤– मांगते रहते है। जैसे शिकारी कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के बीच घिरा हà¥à¤† कोई मेमना हो। लेकिन हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥€ à¤à¥€à¥œ से कोई à¤à¤• आवाज सामने नहीं आती कोई यह नहीं कहता कि अरे ये गलत है!
जहाठअकà¥à¤¸à¤° छोटे बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ हिंसा से डरकर इधर उधर छिप जाते है लेकिन यहाठबचà¥à¤šà¥‡à¤‚ à¤à¥€ शामिल होते है। हमलावर à¤à¥€à¥œ में हर किसी के सिर पर ख़ून सवार है और वो जितना उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पीटते हैं उनका गà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾ उतना ही बà¥à¤¤à¤¾ जाता है। यहाठतक कि सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° को पीट-पीट कर मार कर देने के बावजूद उनके सिर से खून नहीं उतरता, बताया जा रहा है उनकी आà¤à¤–े तक निकाली गयी। लेकिन गà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾ बरकरार रहता है और खड़ी सफेद रंग की à¤à¤• गाड़ी को à¤à¥€ पतà¥à¤¥à¤° मार मारकर तोड़ देते है।
कहाठसे पैदा हà¥à¤ˆ ये नफरत कौन इस नफरत की सपà¥à¤²à¤¾à¤ˆ कर रहा है इस ओर किसी का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं है बेशक समाज और दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ जैसे-जैसे आगे बॠरहे है आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ से लोग जà¥à¥œà¤¤à¥‡ जा रहे है लेकिन इस घटना को देखकर लगता है मानों मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² का कोई जिरगा पंचायत का फरमान हो।
जब हम खून से लथपथ हà¥à¤ à¤à¤• साधॠको पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वाले का हाथ पकड़ जाते हà¥à¤ या फिर à¤à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤°à¤¾à¤‚त हो उनका कनà¥à¤§à¤¾ थामने की कोशिश करते देखते हैं तो यकीन मानिठउस वकà¥à¤¤ पूरी मानवता à¤à¤• साथ शरà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤° होती है। तà¥à¤°à¤‚त पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ उठता है कि कà¥à¤¯à¤¾ इससे à¤à¥€ बà¥à¤°à¥€ कोई तसà¥à¤µà¥€à¤° कà¤à¥€ देखी है हमने?
हिंसा का वीडियो जिसने à¤à¥€ देखा उसने पहला सवाल यही किया कि पास खड़े पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के जवान बेबस कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दिखाई दे रहे है? à¤à¤• दो नहीं बलà¥à¤•à¤¿ पà¥à¤°à¥‡ पनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¹ जवान वहां तैनात थे, किसलिठतैनात थे जà¥à¤°à¥à¤® रोकने के लिठया जà¥à¤°à¥à¤® करवाने के लिठकि आप लोग जो कर सकते है कर लीजिये कोई à¤à¥€ बाधा आपकी हिंसा में पैदा नही होने देंगे?
कहा जा रहा है कि पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वाले डर गये थे ये लोजिक समठसे बाहर है। अगर कल पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ सीमा हमला हो जाये और आरà¥à¤®à¥€ के जवान इधर उधर छिप जाये कि हमें तो डर लग रहा है तो इसे कà¥à¤¯à¤¾ कहेंगे?
कà¥à¤› लोग कह रहे है कि सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ खà¥à¤¦ सिपाही का बाजू पकड़कर बाहर आया लेकिन वीडियो में देखिये वो आ नही रहा है बलà¥à¤•à¤¿ लाया गया। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसे पीछे से à¤à¥€ लात मारी जा रही थी। कà¥à¤¯à¤¾ इससे साफ नहीं हो जाता कि à¤à¥‚खे दरिंदो के à¤à¥à¤£à¥à¤¡ में वयोवृदà¥à¤§ सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ को फेंका गया कि लो नोच लो इसकी बोटी?
à¤à¤• पल को मान लीजिये कि वहां के लोग रात में चोरी के डर से पहरा देते है लेकिन इसका अरà¥à¤¥ ये है कि वहां से गà¥à¤œà¤°à¤¨à¥‡ वाला हर कोई चोर है और उस गाà¤à¤µ के लोग नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤ªà¤¾à¤²à¤¿à¤•à¤¾? मान à¤à¥€ लिया जाये संदेह में हिंसा हो सकती, मान लो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥€ संदेह हà¥à¤† कि ये चोर है लेकिन जब पà¥à¤²à¤¿à¤¸ आ गयी तो फिर संदेह का आधार कà¥à¤¯à¤¾ बचता है ?लेकिन फिर à¤à¥€ संदेह बरकरार रहा और हिंसा तब तक जारी रही जब तक उनके पà¥à¤°à¤¾à¤£ नहीं निकल गये।
इस निरà¥à¤®à¤® हतà¥à¤¯à¤¾ के पीछे à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ ने वामपंथी विचारधारा को जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° बताया है। आरà¤à¤¸à¤à¤¸ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤• रहे सà¥à¤¨à¥€à¤² देवघर ने टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° के माधà¥à¤¯à¤® से वामदलों पर हमलावर होते हà¥à¤ कहा कि आदिवासी कà¤à¥€ à¤à¤—वाधारी पर हमला नहीं कर सकते। वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से वामपंथियों का गॠरहे इस दहानू कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का à¤à¤®à¤à¤²à¤ à¤à¥€ सीपीà¤à¤®-à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤ªà¥€ गठबंधन का है। जिस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में लिंचिंग हà¥à¤ˆ, वह ईसाई मिशनरी गतिविधि का केंदà¥à¤° है, जिन पर अपने à¤à¤œà¥‡à¤‚डे को आगे बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठआदिवासियों को à¤à¥œà¤•à¤¾à¤¨à¥‡ देने का आरोप है। ईसाई मिशनरियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से à¤à¤¾à¤°à¥€ मातà¥à¤°à¤¾ में धरà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤£ हà¥à¤ हैं। वह लगातार लोगों में हिनà¥à¤¦à¥‚ देवी-देवताओं और साधà¥-संतों के खिलाफ जहर à¤à¤°à¤¨à¥‡ में लगे रहते हैं।
साजिश किसकी है यह अà¤à¥€ जाà¤à¤š का विषय है, कोई फैसला अà¤à¥€ नही सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¾ जा सकता। लेकिन जिस तरह नव वामपंथ और मिशनरी छदà¥à¤® ईसाई गठजोड़ से आदिवासी इलाकों में नफरत का कारोबार बॠरहा है इससे आगे à¤à¥€ किसी घटना से इंकार नही किया जा सकता। मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¤¾à¤°à¤–णà¥à¤¡ कई आदिवासी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में रेडिकलाईजेशन करना चालू है और उसी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में ईसाई मिशनरी सबसे अधिक सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ होते जहाठअशिकà¥à¤·à¤¾ और गरीबी हैं। दोनों साधà¥à¤“ं के à¤à¤—वा वेश के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¤¸à¥€ घृणा ईसाई मिशनरी पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° और हिंसा का अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ नकà¥à¤¸à¤²à¥€ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ से संà¤à¤µ संपनà¥à¤¨ दिख रहा है।
à¤à¤²à¥‡ ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥‚मि को साधू संतों की à¤à¥‚मि कहा जाता है साधू संतों à¤à¥€ अपना à¤à¤• अलग जीवन जीते रहते है इनकी à¤à¤• अलग दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ है चाहें वह किसी अखाड़े या समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ से जà¥à¥œà¥‡à¤‚ हो। कलà¥à¤ªà¤µà¥ƒà¤•à¥à¤· गिरी और सà¥à¤¶à¥€à¤² गिरी à¤à¥€ जूना अखाड़े से जà¥à¥œà¥‡à¤‚ थे।
जो à¤à¥€ हà¥à¤† पालघर मामले ने हमें à¤à¤• बार फिर ये सिखाया है कि à¤à¥€à¥œ का कोई धरà¥à¤® नहीं होता, न हिंसा कोई धरà¥à¤® मानती है। अफवाहों के कारोबारी बड़ी चालाकी से लोगों के बीच नफरत का जहर फैलाते हैं और वो जहर इस तरह की à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤• घटनाओं के रूप में बाहर निकलता है। इस जहर को काटने का à¤à¤• ही तरीका है कि समाज में कानून का राज कायम होने दें, जो धरà¥à¤®, जाति की सीमाओं के परे जाकर सबके लिठसमान रहे। तà¤à¥€ हम खà¥à¤¦ को बचा पाà¤à¤‚गे।
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