कà¥à¤¯à¤¾ दलित पिछड़े हिनà¥à¤¦à¥‚ नहीं है...
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Vinay AryaDate
14-May-2020Category
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RajeevUpload Date
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जब से सोशल मीडिया आया है तब से à¤à¤• नया यà¥à¤¦à¥à¤§ शà¥à¤°à¥‚ हो गया है इसे वैचारिक यà¥à¤¦à¥à¤§ कहा जा रहा है, इसमें फेक नà¥à¤¯à¥‚ज है, पà¥à¤°à¥‹à¤ªà¤—ेंडा नà¥à¤¯à¥‚ज है और à¤à¤¸à¥‡ फरà¥à¤œà¥€ समाचार है जो à¤à¤• आम इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ के दिमाग को पंगॠबना डालते है। इन पà¥à¤°à¥‹à¤ªà¤—ेंडा नà¥à¤¯à¥‚ज से वही जीत सकता है जिसके पास असली तथà¥à¤¯ है और जो खà¥à¤¦ सोचने की हिमà¥à¤®à¤¤ रखता है।
अà¤à¥€ पिछले कà¥à¤› दिनों से सोशल मीडिया के अनेकों पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¤¾à¤°à¥à¤® पर आपको à¤à¤• नà¥à¤¯à¥‚ज घà¥à¤®à¤¤à¥€ दिखाई दे रही है जिसमें कहा जा रहा है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संविधान के अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 330 -342 से पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤¤ है कि अनà¥.जाति. जनजाति à¤à¤µà¤‚ पिछड़े वरà¥à¤— के लोग हिनà¥à¤¦à¥‚ नही हैं। और इसमें दावा किया जा रहा है कि यदि किसी में दम है तो पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤¤ करके बताये कि अनà¥.जाति, जनजाति à¤à¤µà¤‚ पिछड़े वरà¥à¤— के लोग हिनà¥à¤¦à¥‚ हैं। अब यहाठबात सामने आती है पहली तो यह कि हम बाबा साहब आंबेडकर जी बात माने या इनके नाम पर फरà¥à¤œà¥€ पà¥à¤°à¥‹à¤ªà¤—ेंडा नà¥à¤¯à¥‚ज चलाने वाले तथाकथित उनके चेलों की?
दरअसल आज वामपंथ की विचारधारा दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से मिटने के कगार पर है तो ये लोग जाते जाते इस देश में विà¤à¤¾à¤œà¤¨ के बीज बोने का काम कर रहे है। बाबा साहेब के नाम पर मूलनिवासी वाद चलाया जा रहा है, कà¤à¥€ पेरियार की वामपंथी विचारधारा को आंबेडकर जी नाम पर थोपते है। तो कà¤à¥€ मà¥à¤—लों को à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ बताते है और आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को बाहरी विदेशी बताने लगते है।
इसी अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 330, 340 और 342 जिसमें यह लोग हिनà¥à¤¦à¥‚ समाज को आपस में बाà¤à¤Ÿ रहे है। इनके इस पà¥à¤°à¥‹à¤ªà¤—ेंडा नà¥à¤¯à¥‚ज को जानने के लिठअगर सबसे पहले अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 330 को देखें तो à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संविधान का अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 330 का धरà¥à¤® से कोई लेना देना नहीं है। ये अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ धरà¥à¤® के संबंध में नहीं है. अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 330 में धरà¥à¤® या हिनà¥à¤¦à¥‚ शबà¥à¤¦ मिलेगा ही नहीं. अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 330 à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संसद में दलित पिछड़ों को आरकà¥à¤·à¤£ देता और यह अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ अनà¥.जाति, जनजाति के लिठà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसद में सीटो को आरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ करता है।
इसी तरह अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 340 को देखें इसका à¤à¥€ धरà¥à¤® से कोई लेना देना नहीं। अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 340 में à¤à¥€ कही आपको धरà¥à¤® या हिनà¥à¤¦à¥‚ शबà¥à¤¦ नहीं मिलेगा। अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 340 पिछड़ा वरà¥à¤— के लिठकमीशन बनाने के लिठहै पिछड़ा वरà¥à¤— कि लिसà¥à¤Ÿ में कौन शामिल होगे? कà¥à¤¯à¤¾ इसके मापदंड होगे? और कà¥à¤¯à¤¾ सिफारिशें कि जाà¤à¥¤
बलà¥à¤•à¤¿ इस संबंध में कमीशन को अपनी रिपोरà¥à¤Ÿ तैयार करने को कहा गया है. इसी अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ के तहत कई कमीशन बने। जिनमें से à¤à¤• मंडल कमीशन à¤à¥€ बना और उसी मंडल कमीशन ने पिछड़ा वरà¥à¤— की लिसà¥à¤Ÿ में कौन शामिल होगा उसके लिठमापदंड बनाठà¤à¤µ पिछड़ा वरà¥à¤— के लिठसिफारिशें की गयी।
अब अगर आरà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤² 342 को देखें तो अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 342 à¤à¤¸ टी जातियों की लिसà¥à¤Ÿ तैयार करने के संबंध में है। इस अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿, राजà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ केनà¥à¤¦à¥à¤° शासित राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² के माधà¥à¤¯à¤® से à¤à¤¸ टी कोटे की लिसà¥à¤Ÿ जारी कर सकेगे। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसद à¤à¥€ कानून बनाकर à¤à¤¸à¤Ÿà¥€ की लिसà¥à¤Ÿ से किसी à¤à¥€ जाति को शामिल या बाहर कर सकते हैं। इसमें à¤à¥€ धरà¥à¤® या हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® के संबंध नहीं है. इस पूरे अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ में कहीं à¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥‚ या धरà¥à¤® शबà¥à¤¦ नहीं लिखा है।
इस तरह ये à¤à¥€ सफेद à¤à¥‚ठहै कि अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 330,340 à¤à¤µà¤‚ 342 के अनà¥.जाति, जनजाति à¤à¤µà¤‚ पिछड़े वरà¥à¤— के लोग हिनà¥à¤¦à¥‚ नही हैं। कोई à¤à¥€ अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 330 ,340 à¤à¤µà¤‚ 342 पढ सकता है और सच जान सकता है।
अब आते हैं कि संविधान के किस अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ में लिखा है कि हिनà¥à¤¦à¥‚ कौन है? संविधान में साफ उलà¥à¤²à¥‡à¤– है कि हिनà¥à¤¦à¥‚ कौन है। संविधान के अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 25 (2) बी के तहत जैन, सिख, बौदà¥à¤§ हिनà¥à¤¦à¥‚ हैं, इसके अतिरिकà¥à¤¤ हिनà¥à¤¦à¥‚ मैरिज à¤à¤•à¥à¤Ÿ सेकà¥à¤¶à¤¨ 2 में à¤à¥€ बताया गया है कि हिनà¥à¤¦à¥‚ कौन हैं।
हिनà¥à¤¦à¥‚ मैरिज à¤à¤•à¥à¤Ÿ सेकà¥à¤¶à¤¨ 2 के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वीरशैव, लिंगायत, आरà¥à¤¯ समाज, पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ समाज, बà¥à¤°à¤®à¥à¤¹à¤¾ समाज हिनà¥à¤¦à¥‚ है। दà¥à¤¸à¤°à¥‡ खंड में जैन, सिख, बौदà¥à¤§ हिनà¥à¤¦à¥‚ है। और मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®, ईसाई, पारसी, यहूदी को छोड़कर शेष सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में रहने वाले नागरिक हिनà¥à¤¦à¥‚ है।
इस तरह ये दावा गलत और à¤à¥‚ठा है और à¤à¤• सà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤œà¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¥‹à¤ªà¥‹à¤—ेंडा है जिसका वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ से कोई लेना देना नही, जबकि à¤à¤• बात और कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संविधान में हिनà¥à¤¦à¥‚ शबà¥à¤¦ और उसके अरà¥à¤¥ दोनो मिलते है मगर यह मूलनिवासी शबà¥à¤¦ पूरे संविधान में कही नही है। जिसे लेकर आज अलगाव की राजनीती की जा रही है।
पहली बात तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ में मूलनिवासी कौन है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सारे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ यहां के मूलनिवासी हैं। न तो कोई न पहले आया, न बाद में। मूलनिवासी के बारे में विशà¥à¤µ में जो संकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ है, वैसा यहां कोई मूलनिवासी समाज नहीं है। मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समाज का बड़ा हिसà¥à¤¸à¤¾ जो खà¥à¤¦ को अरबी तà¥à¤°à¥à¤•à¥€ समठरहा है अगर कà¥à¤› वरà¥à¤· पीछे जाये तो उनके पूरà¥à¤µà¤œ à¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥‚ ही मिलेंगे।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संविधान ने जिस समाज को अनà¥à¤¸à¥‚चित जनजाति के रूप में घोषित किया उसके विकास हेतॠकई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ चल रहे हैं। संविधान में जनजाति समाज के लिये कई अधिकारों का पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ है. इस लिठमूल निवासियों के अधिकारों की लड़ाई और à¤à¤¾à¤°à¤¤ में जनजाति अधिकारों की बात में बहà¥à¤¤ अंतर है।
हाठà¤à¤• बात है कि सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के बाद जनजाति समाज के विकास हेतॠजिन योजनाओं की सरकार ने आज तक घोषणा की है उसका लाठवासà¥à¤¤à¤µ में जनजाति समाज को उतना नहीं मिला उतना नहीं मिला कà¥à¤› सरकारी अधिकारियों के रवैये के कारण समाज के अंतिम पंकà¥à¤¤à¤¿ में खडे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ तक लाठनहीं पहà¥à¤‚चा।
इसके लिये जनजाति समाज को अपनी बात करना उचित à¤à¤µà¤‚ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤£ कह सकते हैं। परनà¥à¤¤à¥ उनके अधिकारों के नाम पर आज जिस तरह अनेकों राजनितिक संगठन बनाकर या कठà¥à¤¤ सामाजिक संगठन बनाकर विदà¥à¤µà¥‡à¤· आपसी फूट के बीज आज रोप जा रहे है, जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की à¤à¤¾à¤·à¤¾ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया जा रहा है..यह सब तो बाबा साहब के बनाये संविधान के ही खिलाफ है।
मूलनिवासियों के नाम पर उनके अधिकारों के नाम पर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ धराधाम से जà¥à¥œà¥‡ महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की असà¥à¤®à¤¿à¤¤à¤¾ पर हमला किया जा रहा है, लाखों वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से इस देश में चले आ रहे उतà¥à¤¸à¤µà¥‹à¤‚ पर सवाल उठाये जा रहे है. इस देश के धारà¥à¤®à¤¿à¤• गà¥à¤°à¤‚थो पर सवाल उठाये जा रहे है।
आखिर à¤à¤¸à¤¾ करके कौनसे अधिकार हासिल करना चाहते है..? हम दावे के साथ कह सकते है इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की कलà¥à¤·à¤¿à¤¤ मानसिकता à¤à¤¾à¤°à¤¤ के किसी इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ की नहीं हो सकती ये मानसिकता विदेशी है. यह शà¥à¤¦à¥à¤§ रूप से विदेशी चंदे से चल रही और विदेशी मानसिकता है।
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