अब à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता की मूरà¥à¤¤à¤¿ पर à¤à¤« आई आर
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Rajeev ChoudharyDate
25-May-2020Category
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अà¤à¥€ तक मंदिरों देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के नारों और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ उतà¥à¤¸à¤µà¥‹à¤‚ से जिन लोगों की धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ आहत हà¥à¤† करती थी अब उनकी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ तमिलनाडॠमें कनà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ से कà¥à¤› ही दूर à¤à¤• तिराहे पर à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता की मूरà¥à¤¤à¤¿ देखकर आहत हो गयी। ईसाई मिशनरियों ने शिकायत दरà¥à¤œ करी कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता की मूरà¥à¤¤à¤¿ उनकी धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को आहत करती है.. विडमà¥à¤¬à¤¨à¤¾ देखिये तमिलनाडॠकी पà¥à¤²à¤¿à¤¸ à¤à¤²à¥‡ ही किसी और चीज की रकà¥à¤·à¤¾ करने से चूक जाà¤à¤ पर धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं की रकà¥à¤·à¤¾ बड़ी मà¥à¤¸à¥à¤¤à¥‡à¤¦à¥€ से करती है, इसी कारण पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने तà¥à¤°à¤‚त मूरà¥à¤¤à¤¿ को कपडे से लपेट कर ढक दिया और इसका विरोध करने वाले हिंदà¥à¤“ं को गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° कर लिया।
हम सब बड़े गरà¥à¤µ से कहते है 1947 में हमने हजारों साल से बेड़ियों में जकड़ी à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता को मà¥à¤•à¥à¤¤ कराया था अब à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° है लेकिन आज 2020 में उसे बोरी से लपेट दिया गया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ माता के बेटों की à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता की मूरà¥à¤¤à¤¿ से à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ जो आहत होने लगी है। हालाà¤à¤•à¤¿ ये à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता की मूरà¥à¤¤à¤¿ से à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ आहत होने का आज का पहला मामला नही है।कोई कहता है हम à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता की जय नहीं बोलेंगे तो किसी को मूरà¥à¤¤à¤¿ ही रास नहीं आई।
केवल इतना à¤à¤° नहीं है à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¥‚मि से जà¥à¥œà¥‡ किसी à¤à¥€ तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° उतà¥à¤¸à¤µ या महापà¥à¤°à¥à¤· से नफरत के पà¥à¤°à¥‡ कांसेपà¥à¤Ÿ समà¤à¤¿à¤¯à¥‡à¥¤ कà¥à¤› समय पहले रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन पर मेहंदी लगाकर जब कà¥à¤› छातà¥à¤°à¤¾ फतेहपà¥à¤° के सैंट मेरिज कॉनà¥à¤µà¥‡à¤‚ट मिशनरी सà¥à¤•à¥‚ल में पहà¥à¤‚ची तो वहां के ईसाई पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन ने सà¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥‚ छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं को सजा के तौर पर धूप में खड़ा कर दिया था। बात इतने तक नहीं रà¥à¤•à¥€ बलà¥à¤•à¤¿ सà¥à¤•à¥‚ल की पà¥à¤°à¤¿à¤‚सपल सिसà¥à¤Ÿà¤° सरिता ने मेहà¤à¤¦à¥€ उतरवाने के लिठछातà¥à¤°à¤¾à¤“ं के हाथ पतà¥à¤¥à¤° से तब तक घिसवाठजब तक उनके हाथों से बà¥à¤²à¥€à¤¡à¤¿à¤‚ग नहीं होने लगी। और छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं के हाथों में बंधी राखियों को à¤à¥€ काटकर फेंक दिया गया।
सोचिये कà¥à¤¯à¤¾ इस à¤à¤¾à¤°à¤¤ देश में किसी सà¥à¤•à¥‚ल में किसी ईसा मसीह के कà¥à¤°à¥‰à¤¸ या चितà¥à¤° पहने छातà¥à¤° को अगर सà¥à¤•à¥‚ल से बाहर फेंक दिया जाये तो इसकी गूंज कहाठतक जाà¤à¤—ी? शायद शाम तक वेटिकन से फोन आ जाये या सारे विशà¥à¤µ के पादरी अपनी धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ की गठरी लेकर सड़कों पर उतर जाये कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के साथ कà¥à¤¯à¤¾ हो रहा है। लेकिन हमारी धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ उस समय मर जाती है, जब हैदराबाद के सेंट à¤à¤¡à¤®à¥à¤¸ हाई सà¥à¤•à¥‚ल, चिकà¥à¤•à¤¡à¤¾à¤ªà¤²à¥à¤²à¥€ में à¤à¤• हिनà¥à¤¦à¥‚ बचà¥à¤šà¥‡ को ईसाई सà¥à¤•à¥à¤² ने बाहर सिरà¥à¤« इसलिठफेंक दिया जाता है। कà¥à¤¯à¥‚ंकि वो à¤à¤—वान का लॉकेट पहनकर सà¥à¤•à¥‚ल गया था। ये नफरत लाकेट से नहीं थी आप उस सà¥à¤•à¥‚ल में जीसस के लाकेट पहनिठकोई रोक टोक नहीं बस नफरत आपके देवताओं से है।
हमारे बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ जिंगल बेल जिंगल बेल गाते है हम बड़े खà¥à¤¶ होते उस समय हमारी धरà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ के ठेके पर बोतल लेने चली जाती है, उसके नशे में हम सर पर लाल केप लगाकर सेंटा बन जाते है। लेकिन जब उनके बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ को सà¥à¤•à¥‚ल की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ में असतो माठसद गमय गाना पड़ता है, तो नया-नया ईसाई बना विनायक शाह अपने बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ की धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठसà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ में खड़ा हो जाता है कि साहब ये असतो माठसद गमय वाली पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ बंद कर दो कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हमारी और हमारे बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ की धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ इससे आहत होती है। और जज साहब à¤à¥€ उसे लताड़ने के बजाय केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में होने वाली इस पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ पर केंदà¥à¤° सरकार को नोटिस जारी कर पूछते है कि कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न इस पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ को बंद कर दिया जाये?
बात यही तक नहीं रूकती जब मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के खंडवा में सेंट पायस सà¥à¤•à¥‚ल में संसà¥à¤•à¤¾à¤° बंसल नाम का सातवीं ककà¥à¤·à¤¾ का à¤à¤• छातà¥à¤° अपने जनà¥à¤® दिन पर सà¥à¤•à¥‚ल में माथे पर तिलक लगाकर और हाथ में कलावा बांधकर जाता है तो सà¥à¤•à¥‚ल के पà¥à¤°à¤¿à¤¸à¤‚पल की धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ आहत हो जाती है और बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ को तब तक पीटा जाता है जब तक बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ का तिलक नहीं मिट जाता।
सिरà¥à¤« इतना नही देश à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ में इनकी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ अलग-अलग तरह से कà¥à¤²à¤¾à¤šà¥‡ मारती है, कà¥à¤› समय पहले शà¥à¤°à¥€à¤²à¤‚का में हà¥à¤ चरà¥à¤š पर हमले के बाद हमारे देश के चरà¥à¤š और मिशनरी सà¥à¤•à¥‚लों में वहां के मृतकों की आतà¥à¤®à¤¾ की शांति के लिठपà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की गयी थी, देखा जाये तो मानवता के लिहाज इसे इसमें कोई बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ नहीं लेकिन बरेली के बिशप कॉनराड चाइलà¥à¤¡ केयर सà¥à¤•à¥‚ल में शà¥à¤°à¥€à¤²à¤‚का के चरà¥à¤š में हà¥à¤ आतंकी हमले के वीà¤à¤¤à¥à¤¸ दृशà¥à¤¯ दिखाकर ईसाई समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के धारà¥à¤®à¤¿à¤• रीति-रिवाज के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° शांति पाठकराया गया। वहां उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤• बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ ने जब यह सवाल पूछा कि पà¥à¤²à¤µà¤¾à¤®à¤¾ में शहीद हà¥à¤ हमारे जवानों के लिठआपने शांति पाठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं किया तो बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ की पिटाई की जाती है।
à¤à¤¸à¥‡ à¤à¤• दो जगह नहीं बलà¥à¤•à¤¿ देश के अलग-अलग हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में यह सब चल रहा है। कà¥à¤› समय पहले ही गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ की राजधानी गांधीनगर के सेकà¥à¤Ÿà¤°-21 के à¤à¤• मिशनरी सà¥à¤•à¥‚ल में रकà¥à¤·à¤¾ बंधन से अगले दिन जब हिनà¥à¤¦à¥‚ बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ राखी बांधकर सà¥à¤•à¥‚ल पहà¥à¤‚चे तो मिशनरी सà¥à¤•à¥‚ल की धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ आहत हो गयी। और सà¤à¥€ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को लाइन में खड़ा करके बà¥à¤²à¥‡à¤¡ से सà¤à¥€ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की राखी काट कर फेंक दी गयी।
सेकà¥à¤²à¤° देश में धरà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ आहत ये कोई à¤à¤• दो मामले नहीं है ईसाई मिशनरी सà¥à¤•à¥‚ल, कानà¥à¤µà¥‡à¤‚ट सà¥à¤•à¥‚लों से इस तरह की खबरे लगà¤à¤— रोज ही आती है, जिनमे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मीडिया बड़ी खामोशी से दबा देती है, हिनà¥à¤¦à¥‚ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ पर तरह-तरह के अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° होते है. कà¤à¥€ रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन की राखी काटकर फेंकी जाती है. बचà¥à¤šà¥‡ की पिटाई की जाती है. कà¤à¥€à¤•à¤¿à¤¸à¥€ बचà¥à¤šà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को इसलिठमारा जाता है कà¥à¤¯à¥‚ंकि वो अपने तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° के दिन मेहà¤à¤¦à¥€ लगाती है और वो बचà¥à¤šà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¥€ फिर अगले दिन सà¥à¤•à¥‚ल इसलिठचली जाती है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसी रात खबर का गला घोट कर मौत की नींद सà¥à¤²à¤¾ दिया जाता है.
अब समà¤à¤¨à¤¾ होगा कि आज जिन लोगों की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता की मूरà¥à¤¤à¤¿ देखकर आहत हो गयी सोचिये आपके मंदिर आपके धरà¥à¤® सà¥à¤¥à¤², आपके तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° उतà¥à¤¸à¤µ देखकर वो अपने अनà¥à¤¦à¤° का जहर किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पी रहे होंगे, अà¤à¥€ उनका वश नहीं है अà¤à¥€ वो à¤à¤¾à¤°à¤¤ में जीसस की विशाल पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ और माता मरियम के मंदिर बना रहे है जिस दिन उनका काम पूरा हो जायेगा उस दिन वो खà¥à¤²à¤•à¤° अपना विषवामन शà¥à¤°à¥‚ करेंगे।
आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता की मूरà¥à¤¤à¤¿ से जिनकी धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ आहत हà¥à¤ˆ उनके लिठहम सिरà¥à¤« इतना कहना चाहते कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता का मतलब à¤à¤• सिरà¥à¤« मूरà¥à¤¤à¤¿ नहीं है, बलà¥à¤•à¤¿ वह हमारा करोड़ों वरà¥à¤· का इतिहास है वो हमारी जननी जनà¥à¤®à¤à¥‚मि है, जीवनदातà¥à¤°à¥€ है, वह हमारी थाती है। इसीलिठउसे सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ मिलता है। यही कारण था कि बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ माता के वंशजों से अपनी à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता की मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठलड़ने वाले हमारे कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारी बलिदानी à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता की तशà¥à¤µà¥€à¤° अपने पास रखते थे। और शान से कहते थे तेरा वैà¤à¤µ अमर रहे मां हम दिन चार रहें न रहें।
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