पिंजरा तोड़ गà¥à¤°à¥à¤ª या देशतोड़ गà¥à¤°à¥à¤ª
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Rajeev ChoudharyDate
03-Jun-2020Category
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खबर है कि दिलà¥à¤²à¥€ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ सà¥à¤ªà¥‡à¤¶à¤² सेल ने जाफराबाद में हà¥à¤ दंगों के मामले में पिंजरा तोड़ संगठन की सदसà¥à¤¯ नताशा और देवांगना कलिता को गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° किया है। सीà¤à¤ कानून के विरोध में पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ को लेकर महिलाओं को à¤à¥œà¤•à¤¾à¤¨à¥‡ और जगह जगह सà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤œà¤¿à¤¤ तरीके से à¤à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ शà¥à¤°à¥‚ करवाने में पिंजरा तोड़ गà¥à¤°à¥à¤ª की अहम à¤à¥‚मिका निकली है। नताशा और देवांगना की पीà¤à¤«à¤†à¤ˆ के कई लोगों समेत दंगों से जà¥à¥œà¥‡ लोगों के साथ कई बार मीटिंग हà¥à¤ˆ जिसमें नताशा और देवांगना समेत दूसरे पिंजरा तोड़ के लोगों को à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤ à¤à¥œà¤•à¤¾à¤¨à¥‡ और माहौल गरम करने को बोला गया। यानि अà¤à¥€ तक दंगे आगजनी और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¿à¤°à¥‹à¤§à¥€ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठहिजबà¥à¤², लशà¥à¤•à¤°à¥‡ तैयबा जैश समेत पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की आई. à¤à¤¸. आई. का नाम सà¥à¤¨à¤¾ था अब अचानक से ये पिंजरा तोड़ संगठन कहाठसे आ गया?
बताया जा रहा है कि पिंजरा तोड़ गà¥à¤°à¥à¤ª कॉलेज की छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं का à¤à¤• कथित संगठन है, जिसमें दिलà¥à¤²à¥€ यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ के नामी कॉलेजों की लड़कियां बताई जाती हैं। ये संगठन कॉलेज हॉसà¥à¤Ÿà¤² के नियमों के खिलाफ काम करता है। मसलन होसà¥à¤Ÿà¤² में आने जाने आजादी, कोई रात को होसà¥à¤Ÿà¤² में आये जाये उसे ना रोका जाये। इस किसà¥à¤® की अनेकों वाहियात आजादी इस गà¥à¤°à¥à¤ª की लडकियों को चाहिà¤à¥¤ इस संगठन में कॉलेज की मौजूदा छातà¥à¤°à¤¾à¤à¤‚ तो होती ही हैं, साथ ही उस कॉलेज से पà¥à¤•à¤° निकल चà¥à¤•à¥€ पूरà¥à¤µ छातà¥à¤°à¤¾à¤à¤‚ à¤à¥€ होती हैं।
2015 में गरà¥à¤®à¥€ की छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बाद इस संगठन की नीव पड़ी थी। दिलà¥à¤²à¥€ यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ खà¥à¤²à¥€ तो जामिया मिलिया इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤¯à¤¾ की छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं को à¤à¤• नोटिस जारी किया था। जिसके तहत लड़कियों को 8 बजे से बाद बाहर रहने की इजाजत नहीं थी। दिलà¥à¤²à¥€ महिला आयोग ने इसका विरोध किया बस यहीं से पिंजरा तोड़ गà¥à¤°à¥à¤ª की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ हà¥à¤ˆ इसकी अधिकांश लड़कियां हिनà¥à¤¦à¥‚ है। शायद इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ महिला अधिकार पितृसतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• सोच, फांसीवाद, नारीवादी नारे लगाकर महिला आजादी के नाम पिंजरा तोड़ संगठन से जोड़ा गया हो! जामिया से शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ के बाद अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ दिलà¥à¤²à¥€, लेडी शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® कॉलेज फॉर वीमेन, दिलà¥à¤²à¥€ तकनीकी विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं जोड़ा गया। अब यह गैंग राषà¥à¤Ÿà¥€à¤¯ बन गया और इस गà¥à¤°à¥à¤ª ने देश à¤à¤° में, कई कॉलेजों, जैसे केरल à¤à¤¨à¤†à¤ˆà¤Ÿà¥€ कालीकट, आईआईटी-रà¥à¥œà¤•à¥€, पंजाबी यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ तक अपने पैर पसार लिà¤à¥¤
यानि कई महिलावादी मà¥à¤¦à¤¦à¥‡ उठा उठाकर इसमें देश à¤à¤° की छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं को जोड़ा गया और पूरा तामà¤à¤¾à¤® खड़ा किया गया। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बताया गया शादी बेकार चीज है, बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ पैदा करना बेकार काम है जिनà¥à¤¦à¤—ी का असली मजा मसà¥à¤¤à¥€ है। जबकि हॉसà¥à¤Ÿà¤² के गेट किसी की आजादी को खतà¥à¤® करने के लिठबंद नहीं किठजाते, बलà¥à¤•à¤¿ समाज की घटिया सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को देखते हà¥à¤, उनकी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ हेतॠबचाव में उठाया गया à¤à¤• कदम है, लड़कियाठके माठबाप हॉसà¥à¤Ÿà¤² कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ चà¥à¤¨à¤¤à¥‡ हैं? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लगता है कि बाहर किसी किराये वाले मकान में रहने से बेहतर कैमà¥à¤ªà¤¸ के सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ माहौल में रहना है। लेकिन इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वो गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ दिखी और शायद इसी कारण आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ खड़ा किया हो कि होसà¥à¤Ÿà¤²à¥‹ में वाई फाई देकर किसी के आने जाने की रोक हटाकर इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अयà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ के अडà¥à¤¡à¥‡ बनाये जाये?
बताया जा रहा है कà¥à¤› महतà¥à¤µà¤•à¤¾à¤‚कà¥à¤·à¥€ लड़कियां और कà¥à¤› वामपंथनी मिलकर जब इनकी संखà¥à¤¯à¤¾ देश à¤à¤° में बà¥à¥€ तो अब इनका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया। खोखली आजादी के नारे और नारीवाद की बूंद इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सोशल मीडिया के गà¥à¤°à¥à¤ª से इस कदर पिलाई जाने लगी कि उसके नशे में ये वो सब करने लगी जो इनके आका फरमान देते। बाहर के सामाजिक वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के आवरण होता तो कोई à¤à¥€ महिला तोड़ देती है लेकिन पिंजरा तोड़ने के अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ में ये लड़कियां à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ पिंजरे में जा रही थी जिसे आज पà¥à¤²à¤¿à¤¸ तोड़ रही है।
हालाà¤à¤•à¤¿ बहà¥à¤¤ पहले से ही डीयू कैमà¥à¤ªà¤¸ में अलग वैचारिक ‘कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति’ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ हो चà¥à¤•à¥€ थी। हर à¤à¤• बात को देश के यà¥à¤µà¤¾à¤“ं की आवाज’ बता कर नाचने वाले लमà¥à¤ªà¤Ÿà¥‹à¤‚ को à¤à¤• नया उदà¥à¤¯à¥‹à¤— मिल गया था। लड़कियां à¤à¥€ शामिल इसी तरà¥à¤œ पर पिंजरा तोड़ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की थी। लेकिन पिंजरा तोड़ बà¥à¤°à¤¿à¤—ेड को नहीं पता था कि कैसे इनका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² वामपंथी और देश विरोधी ताकतें कर रही है। पहले इनसे à¤à¤²à¤¬à¥€à¤œà¥€à¤Ÿà¥€ परेड में शाहीन बाग वाले देशदà¥à¤°à¥‹à¤¹ के आरोपी शरजील इमाम के समरà¥à¤¥à¤¨ में उरà¥à¤µà¤¶à¥€ चà¥à¤¡à¤¾à¤µà¤¾à¤²à¤¾ सहित अनेकों लडकियों से नारे लगवाठऔर फिर इनके हाथों में पोसà¥à¤Ÿà¤° थमा दिठजिनमें फà¥à¤°à¥€ साईंफा उर रहमान, फà¥à¤°à¥€ सफà¥à¤°à¤¾ जरगर, फà¥à¤°à¥€ सरजील इमाम, फà¥à¤°à¥€ मीरान हैदर न जाने कितने देश दà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पकà¥à¤· में ये आधà¥à¤¨à¤¿à¤• कà¥à¤°à¤¨à¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¥€ लड़कियां उठखड़ी हà¥à¤ˆà¥¤
à¤à¤²à¤¾ कोई इनसे पूछे की महिला आजादी के नाम पर ये नारे लगा रही है कि चाà¤à¤¦ बाग से राजघाट चलो ये दिलà¥à¤²à¥€ होसà¥à¤Ÿà¤² में पढने आई थी या राजनीती करने? और कà¥à¤¯à¤¾ राजनीती à¤à¥€ अपने ही देश के खिलाफ.? ‘पिंजरा तोड़’ में पिंजरा है ही नहीं, ये वामपंथियों की à¤à¤• साजिश है कि वो किसी तरह देश के अनà¥à¤¯ शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚, जाधवपà¥à¤°, अलीगॠऔर जामिया जैसे वैसे संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बना दें। जो अपनी शिकà¥à¤·à¤¾ के कारण नहीं, वामपंथियों की हिंसा, सेकà¥à¤¸, जिहाद, आतंकवाद,नकà¥à¤¸à¤²à¤µà¤¾à¤¦ समेत हर वैसे मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ पर चरà¥à¤šà¤¾ में आठजिसका छातà¥à¤° जीवन से कोई वासà¥à¤¤à¤¾ नहीं। शायद ये देश के हर कैमà¥à¤ªà¤¸ को बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ करना चाहते हैं, मà¥à¤–à¥à¤¯ काम देश के यà¥à¤µà¤¾ शकà¥à¤¤à¤¿ यà¥à¤µà¤¾ महिलाओं को तबाह करना इनके à¤à¤œà¥‡à¤‚डे का à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ हिसà¥à¤¸à¤¾ हो?
कà¥à¤› महिलावादी लेखिका जिनका पेट à¤à¤°à¤¾ हà¥à¤† है, जिन पर समाज और परिवार का कोई दबाव नहीं है वो इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आजादी सिखाती है। इसके बाद उचà¥à¤š वरà¥à¤— की अनेकों लड़कियां जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पढने नहीं बलà¥à¤•à¤¿ केमà¥à¤ªà¤¸ में मजे लूटने आना है जिनके ऊपर पढाई का कोई दबाव नहीं होता, जैसा 18 20 साल की पà¥à¤°à¤¥à¤® वरà¥à¤· की किसी लड़की पर होता है। बाहरी राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की माधà¥à¤¯à¤® निमà¥à¤¨ वरà¥à¤— की लड़कियां इनके आजादी और पोरà¥à¤¨ के à¤à¤¾à¤·à¤£ सà¥à¤¨à¤¤à¥€ है और सोचती है दीदी सही कहती है कि जब लड़के बारह बजे तक घूमते हैं, तो हमारे हॉसà¥à¤Ÿà¤² पर आठबजे ताला कà¥à¤¯à¥‹à¤‚?
इससे पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ बाहरी राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से आई लड़कियां इस वामपंथी पà¥à¤°à¥‹à¤ªà¥‡à¤—ेंडा का हिसà¥à¤¸à¤¾ बन जाती है जो हर उस विषय पर à¤à¥€à¥œ की शकà¥à¤² ले कर पहà¥à¤à¤š जाता है, जो वामपंथियों के बड़े à¤à¤œà¥‡à¤‚डे का हिसà¥à¤¸à¤¾ होता है। आप इनके टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° अकाउंट देखिये फेसबà¥à¤• देखिये इनका बà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤µà¤¾à¤¸ इस तरीके से किया गया है कि इनकी पोसà¥à¤Ÿ में अपने हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® का विरोध होगा या इस राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की अखंडता का विरोध होगा।
इनके हर पोसà¥à¤Ÿ से आपको या तो हिनà¥à¤¦à¥‚-घृणा नजर आà¤à¤—ी या फिर ये समाज को जातियों की तरà¥à¤œ पर तोड़ने की बातें करती दिखेंगी, यानि इनका à¤à¤œà¥‡à¤‚डा साफ है कि हॉसà¥à¤Ÿà¤² के ताले तो बस à¤à¤• छलावा हैं, इनकी शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤² आतà¥à¤®à¤¾ उसी रकà¥à¤¤à¤ªà¤¿à¤ªà¤¾à¤¸à¥ वामपंथी à¤à¤œà¥‡à¤‚डे पर चल रही है जो देश के हर राजà¥à¤¯ को अलग करने का सपना देखता है, इसलिà¤, ‘पिंजरा तोड़’ नकà¥à¤¸à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की समà¥à¤®à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¦à¥‹à¤¹à¥€ सेना से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं कहा का जा सकता बाकि पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की जाà¤à¤š के बाद अà¤à¥€ और चेहरे उजागर होने बाकि है।
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