जब है समाधान तो क्यों हैं परेशान फ़ोन उठाये और मौलवी और बाबाओं के बाबा तांत्रिकों के तांत्रिक और महान सम्राट आपसे मिलने को है बेकरार, प्यार में धोखा खाए हुए व्यक्ति एक बार संपर्क जरुर करें। पति पत्नी में अनबन हो या हो गृह क्लेश, अगर बना बनाया काम बिगड जाता हो या रूठे प्यार को मनाना हो नौकरी में तरक्की चाहिए या पड़ोसन को वश में करना हो बस फ़ोन घुमाइए बाबा सिकंदर शाह आपकी हर मुराद पूरी करेंगे। ये अचानक राम, कृष्ण बुद्ध और नानक जी की भूमि पर ये बंगाली बाबाओं की बाढ़ कहाँ से आ गयी? आखिर चाँद मियां से सुल्तान मियां तक, साईं बाबा से जीशान बाबा तक का राज क्या है?

असल में दुनिया बहुत तेज गति से आगे बढ़ रही है या कहो अभी एक अनूठे फेज में इंसानी उम्मीद उसी खतरनाक स्पीड पर आगे बढ़ रही है। वो है अखबारों, दीवारों, मीनारों में संकट मोचक बंगाली बाबाओं के विज्ञापन। ऑटो में बैठों में मुंह के सामने पांच चार बंगाली बाबाओं के पोस्टर चिपके होते है, बस में सिर के ऊपर, रेल में सामान टांगने की जगह बंगाली बाबाओं के स्टीकर लटके होते है। इसके बाद रोज सुबह अखबार खोलते हैं तो सभी अख़बारों में मानों एक पेज तो इन्हीं बंगाली बाबा के नाम हो गया। अखबारों के अलावा इनके विज्ञापन बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और बाज़ारों में दिख जाते हैं। ट्रक से लेकर और माल ढोने वाले टेम्पो के पीछे भी इनका पोस्टर लगा होता है। सार्वजनिक शौचालयों और प्याऊ के ऊपर तो इनका ही पता होता है।

हर जगह बंगाली और रूहानी बाबाओं के विज्ञापनों को देखकर तो लगता है कि देश को सरकार नहीं, यही चला रहे हैं। इनके विज्ञापनों से समस्याओं की कुछ कैटगरी इस प्रकार है। पति पत्नी अनबन, लव मैरिज...खोया प्यार,.. प्यार में धोखा खाए प्रेमी प्रेमिका एक बार ज़रूर संपर्क करें। बेटा आपकी बात नहीं मानता है तो हमारे पास आइये। इनके पास मनचाहे प्यार का समाधान है और सौतन से भी छुटकारा दिला देते हैं। बेशक आपका घर तक बिक जाये। जमीन विवाद मिनटों में सुलझाने की केटेगरी भी इनके पास है, पता नहीं आज तक डोकलाम से लेकर पाकिस्तान के साथ जितने जमीनी विवाद है उन्हें इन्होने क्यों नहीं सुलझाया!

यही नहीं पिछले दिनों एक बंगाली बाबा ने सभी केटेगरी लिखकर नीचे लिखा था कि मौत को छोड़कर सब समस्याओं का समाधान। लेकिन इसके बाद एक दूसरा बंगाली बाबा सामने आया जिसने लिखा था मरे हुए लोगों को जिन्दा किया जाता है आल इंडिया खुला चेलेंज। यही नहीं अब कुछ बंगाली बाबा ऐसे भी आ गये जो कहते है अगर बंगाली बाबाओं ने लूटा हो तो हमारे पास आइये। मसलन अगर कुछ बच गया हो तो ये उसे भी खा जायेंगे।

बहुत बार व्यापार में घाटा खाए, पति से तकरार होने या नौकरी के छुट जाने या फिर गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप के बाद कुछ लोग सोचते है चलो एक बार कॉल कर लेने में जाता ही क्या है? बस यही से इनका खेल शुरू हो जाता है। ये ग्राहक की परेशानी सुनते ही तुरंत अपना ऐसा जाल फेंक देते है कि उससे बाहर आने के लिए या तो मोटी रकम चुकानी पड़ती है या अपनी इज्जत दांव पर लगनी पड़ती है। अगर किसी महिला ने एक बार अपनी इज्जत दांव पर लगा भी दी तो ये उसका विडियो बना लेते है और ब्लेकमेल करके पैसे लेने लगते है या फिर दूसरी महिला या उनकी सगी बेटी को लाने की डिमांड रखने लगते है। इस स्थिति में इन्सान के पास दो रास्ते बचते है या तो इनकी डिमांड पूरी करें या आत्महत्या।

आठ अप्रैल 2016 भोपाल में कासिम शेख उर्फ मेंहदी हसन नाम के बंगाली बाबा  à¤¨à¥‡ 1 ही परिवार की 7 लड़कियों से रेप किया था। कासिम शेख उर्फ मेंहदी हसन नाम के इस बंगाली बाबा ने टोने-टोटके की सामग्री के नाम पर एक लंबी-चौड़ी लिस्ट परिवार को बतायी थी। इस सामग्री की कीमत 10 से 15 लाख रुपये थी। अपने तंत्र का डर दिखाकर हसन ने पीड़ित परिवार से टोटके की सामग्री के बहाने 15 लाख रूपये लिए लेकिन सामग्री तो कभी आई नही, उल्टा हसन तंत्र के नाम पर इन नाबालिग बच्चियों को एकांत में ले जाकर बलात्कार करता रहा। कोई एक दो बार नहीं बल्कि लगातार चार से पांच साल तक हसन उन बच्चियों की आबरू से खेलता रहा।

 

इसी तरह पिछले दिनों पहले ही एक गारमेंट व्यापारी महिला थी उसका बेटा पढाई में कमजोर था, महिला को एक बंगाली बाबा का पोस्टर दिख गया जिसमें एक केटेगरी पढाई में कमजोर बच्चों के लिए भी थी। 36 साल की उस महिला को दुराचारी बाबा ने उसके बेटे को पढ़ाई लिखाई में इंटेलीजेंट बनाने की बात कह बहला फुसलाकर दुष्कर्म कर डाला। दुःख की बात ये भी है कि महिला ने अपना इतना दिमाग नहीं लगाया कि अगर इसके टोटके से पढाई लिखाई में इंटेलीजेंट बना जाता तो ये खुद पीएचडी क्यों नहीं कर लेता!

दूसरा अगर इनके पास कोई पुरुष चला जाये क्योंकि इनकी केटेगरी में नौकरी और नौकरी में तरक्की से लेकर सत्ता सुख और इंटरकास्ट मेरिज तक की केटेगरी है तो ये उसे यकीन दिला देंगे कि उसका काम पक्का हो जायेगा। लेकिन इसके लिए पूजा करनी पड़ेगी जिसके लिए पहाड़ी उल्लू का पंजा, मोर के आंसू लंगूर की मूछ का बाल, कोबरा सांप का दांत मसलन ऐसी चीजें लाने के लिए कहेंगे जो न आपने पहले सुनी होगी और जो न कहीं मिल सकती। अब इन चीजों को कौन लाये जैसे ही वह आदमी इन्हें लाने में असमर्थता जताता है ये तुरंत बोल उठेंगे पैसे दो हम ले आयेंगे। जैसे इन्हें पैसे ट्रांसफर होते है फिर ये उसका फ़ोन या तो उठाते नही या धमकी देना शुरू कर देते है।

कुछ समय पहले दिल्ली के खजूरी इलाके में रात को एक युवती टीवी देख रही थी, ब्रेक में एक बंगाली बाबा का विज्ञापन आया। युवती ने सोचा टीवी पर विज्ञापन आ रहा है जरुर इसमें सच्चाई होगी, युवती को अपने मनचाहें प्यार की तलास थी एक दो पर वशीकरण भी करना था युवती बंगाली बाबा इरशाद के चक्कर में आ गयी और अपने सारे जेवर औऱ 11 हजार रुपये गंवा दिए।

 

ऐसे एक दो नहीं हजारों किस्से थानों के फ़ाइल् में धुल फांक रहे है और इनसे कई गुना अधिक वो किस्से जो या तो दर्ज नहीं होते या अपनी इज्जत आबरू रुपया पैसा लुटाकर चुपचाप घर बैठ जाते है। ताकि उनकी मुर्खता पर कोई ना हँसे। क्योंकि इन्हीं आश्वासनों और घटिया हथकंडो का सहारा लेकर भोले-भाले और मूर्ख लोगों या खासकर महिलाओं को उनकी तकलीफों, समस्याओं, गृह कलेशों, आर्थिक व् पारिवारिक अप्तियों,प्रेम संबंधों आदि से छुटकारा दिलाने का झूठा और बेबुनियाद झांसा देकर फसाया जाता है। उनका आर्थिक ,मानसिक और शारीरिक शोषण किया जाता है और उनके दुःख  à¤¦à¤°à¥à¤¦ आदि का नाजायज फ़ायदा उठाया जाता हैं और उन्हें मानसिक रूप से विकृत बना दिया जाता हैं।

 

जबकि इन बदमाश औलिया, मौलवियों,बंगाली बाबाओं, मियां जादूगर बाबाओ और तांत्रिको आदि के पास ऐसी कोई आलोकिक शक्ति या इल्म आदि नहीं होता जिससे ये किसी का भला कर सकें बल्कि ये खुद नशेडी, ऐयाश, चालबाज़, धोकेबाज़ और अपराधिक प्रवृति के होते हैं। इनके क्या किसी के पास भी नहीं होता अपनी मेहनत और ईश्वर पर विश्वास ही हमारा सबसे बड़ा सहायक होता है।

जबकि हम हर रोज अखबारों में पढ़ते हैं समाचारों में देखते हैं की आये दिन फलां मौलवी, औलिया या बंगाली बाबा ने किसी महिला को नशीला पदार्थ खिला कर उसका शील भंग कर दिया और उसकी विडियो फिल्म बना कर उसे ब्लैकमेल करने लगा। या किसी व्यक्ति का कोई काम करवाने के एवज़ में लाखो रूपये ठग लिए या किसी निसंतान महिला से किसी बच्चे कि बली दिलवा दी लेकिन फिर भी लोग किसी आलोकिक चमत्कार के चक्कर में इनके बिछाये जाल में फंस जाते है।

अब इनका सबसे बड़ा कमाल देखिये जो लोग ये मानते है कि साईं बाबा हिन्दू भगवान है उन्हें ये लोग खुलकर आइना दिखाते है और हिन्दुओं का कैसे बेवकूफ बनाते है। इनके विजिटिंग कार्ड, पम्लेट, पोस्टर ध्यान से देखिये एक पर भी आपको श्रीराम जी, श्री कृष्ण जी हनुमान जी या शिवजी की तश्वीर नहीं मिलेगी। क्योंकि इनका मजहब इन्हें इसकी इजाजत नहीं देता। लेकिन जितने मुस्लिम बंगाली बाबा है सबके कार्ड पम्पलेट पर आपको साईं की लगी फोटो नजर आएगी। क्योंकि ये सारे मियां जानते है कि साईं बाबा हिन्दू नहीं बल्कि एक मुस्लिम चाँद थे यानि इस पुरे खेल की शुरुआत दशकों पहले चाँद मियां ने साईं बाबा बनकर की थी, जिसे आज बाबा आजाद बंगाली, बाबा सुल्तान बंगाली बनकर ये लोग चला रहे है।

लेख-राजीव चौधरी


 

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