अखंड भारत क वो शबद है जो हर भारतीय को गरव कराता है कि अब हमारा देश  à¤–ंड-खंड नही होगा और हम अखंड राषटर के रप में दनिया के सामने सीना ताने खडे़ रहेगें। किनत ये बात तो हम १९१० में भी कहते थे, और आज भी कह रहे है, जयादा पराना इतिहास नही उठाता न ही चनदरगपत मौरय के शासन काल का भारत का मानचितर दिखाता। बस आखें खोलने के लिये वो नकसा काफी है जब भारत की सीमा 13 अगसत १९४७  à¤•à¥‹ ईरान अफगानिसतान से मिलती थी। और अखंड भारत कहते-कहते 14 अगसत १९४७ यानि के क दिन बाद हमारा भारत लाहौर और ढाका भी अपने हाथों से गवां चका था। हमने फिर कहा अखंड भारत और कछ दिन बाद कशमीर  à¤•à¤¾ आधा हिससा गवां दिया। पर हमने हार नही मानी और अखंड भारत कहते- कहते १९६२  à¤®à¥‡à¤‚ तिबबत और कशमीर का वो हिससा गवां दिया जो अकसाई चिन कहा जाता है। हम अब भी खद को अखंड भारत कहते है। पर कब तक पता नहीं! कयोंकि मिडिया के मताबिक माने तो भारतीय मसलिमों का नया मसीहा अरथात नया जिनना औवेशी खडा हो गया जो माईक थामें कह रहा है  कि ६० साल से तम बोलते रहे और हम सनते रहे, तम हमे गंगा, बहरा समे हो अब वो दिन गये जब तम बोलते थे और हम सनते थे अब हम बोलेगें तम सनना,  à¤¹à¤¿à¤¨à¤¦à¤“ं से कहता हू जब तम गाय को मारकर खाओगें तो तमहें टेसट का पता चलेगा। शायद यह भारत सरकार को वो ही चनौती थी जो  माउंटबेटन को जिनना ने दी थी कि मे गाय का गोसत खाना है हिनदू मे रोकेगा जो मेरे लिये अहसहानीय होगा।

हमे अलग ही देश दे दिजि । चूकि उस समय मसलिम रियासते जिनना के साथ थी और मसलमि  बहल इलाके नये देश नये धवज की चाह में पलक पावडे बिछाये बैठे थे। महातमा गांधी ने इस मजहबी पागलपन का विरोध कर कहा, मे विशवास  है दोनों धरम के लोग हिनदू और मसलमान शनति और सोहारद बनाकर क साथ रह सकते है।

महातमा गांधी जी का यह बयान आज भी धरमनिरपेकष दल रट रहे है। पर उस वकत का जिनना कहता था । कि हिनदू और मसलमान दो अलग-अलग संसकृतियां है जिसमें दोनो क दूसरे के विपरीत है और विपरीत संसकृति का मेल संभव नही है। यह तब का जिनना था पर आज का  à¤œà¤¿à¤¨à¤¨à¤¾ कह कहा है कि हिनदूसतान में हम २५  à¤•à¤°à¥‹à¤¡ है तम 100  à¤•à¤°à¥‹à¤¡ हो १५  à¤®à¤¿à¤¨à¤Ÿ पलिस हटा दो हम बता देगें। पर इस जिनना के बयान में क सच निकलकर आया कि सरकार के आकडें में मसलिम 17.22 करोड है और औवेसी बंधवरो के आंकड़ो में 25 करोड है; पता नही कौन सही है पर इतना पता है । कि उस समय देश  à¤®à¥‡à¤‚ 18 फीसदी मसलिम थे जब भारत खंडित हआ था और अब भी आकडें उसी हिसाब से है। 18 परतिशत पर पाकिसतान बना था अब फिर यह आंकडा उसी दिशा में बढ रहा है। सोचने की बात यह है कि मसलमानों का नया जिनना आ गया तो कया अब पाकिसतान भी आ जायेगा?  तब मसलिम रियासते साथ थी आज भारत के इसलाम बहल राजय साथ है 

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