धरà¥à¤® à¤à¤µà¤‚ मज़हब में अंतर
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Dr. Vivek AryaDate
10-Jul-2016Category
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HindiTotal Views
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12-Jul-2016Download PDF
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NDTV के कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤® हमलोग में ज़ाकिर नाईक पर चरà¥à¤šà¤¾ में मà¥à¤‚बई पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के पूरà¥à¤µ कमिशà¥à¤¨à¤° डॉ सतà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² सिंह जी वकà¥à¤¤ के रूप में शामिल हà¥à¤à¥¤ अपने विचार रखते हà¥à¤ डॉ सतà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² सिंह जी ने à¤à¤‚कर से यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के आतंकवादी बनने से बचने के लिठधरà¥à¤® को अपनाने à¤à¤µà¤‚ मजहब के बहिषà¥à¤•à¤¾à¤° करने का पकà¥à¤· रखा। à¤à¤‚कर नगमा सहर को धरà¥à¤® à¤à¤µà¤‚ मज़हब में अंतर नहीं मालूम था। इसलिठनगमा ने उसे सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं किया। डॉ सतà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² सिंह जी ने जो बात उनके सामने रखी वह बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। कà¥à¤¯à¥‚ंकि अगर आज विशà¥à¤µ धरà¥à¤® और मजहब में अंतर समठजाये तो समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ से आतंकवाद का सफाया हो जाये। पाठकों के लिठधरà¥à¤® और मजहब में अंतर को इस लेख दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ किया गया हैं।
धरà¥à¤® संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ का शबà¥à¤¦ हैं जोकि धारण करने वाली धृ धातॠसे बना है। "धारà¥à¤¯à¤¤à¥‡ इति धरà¥à¤®:" अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ जो धारण किया जाये वह धरà¥à¤® है। अथवा लोक परलोक के सà¥à¤–ों की सिदà¥à¤§à¤¿ के हेतॠसारà¥à¤µà¤œà¤¾à¤¨à¤¿à¤• पवितà¥à¤° गà¥à¤£à¥‹à¤‚ और करà¥à¤®à¥‹à¤‚ का धारण व सेवन करना धरà¥à¤® है। दूसरे शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में यहà¤à¥€ कह सकते हैं की मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन को उचà¥à¤š व पवितà¥à¤° बनाने वाली जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¾à¤¨à¥à¤•à¥à¤² जो शà¥à¤¦à¥à¤§ सारà¥à¤µà¤œà¤¾à¤¨à¤¿à¤• मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पदà¥à¤¯à¤¤à¤¿ है वह धरà¥à¤® है।
धरà¥à¤® और मजहब में अंतर कà¥à¤¯à¤¾ हैं?
पà¥à¤°à¤¾à¤¯:अपने आपको पà¥à¤°à¤—तिशील कहने वाले लोग धरà¥à¤® और मज़हब को à¤à¤• ही समà¤à¤¤à¥‡ हैं।
मज़हब अथवा मत-मतानà¥à¤¤à¤° अथवा पंथ के अनेक अरà¥à¤¥ हैं जैसे वह रासà¥à¤¤à¤¾ जी सà¥à¤µà¤°à¥à¤— और ईशà¥à¤µà¤° पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ का हैं और जोकि मज़हब के पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤• ने बताया हैं। अनेक जगहों पर ईमान अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के अरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ आता हैं।
1. धरà¥à¤® और मज़हब समान अरà¥à¤¥ नहीं है और न ही धरà¥à¤® ईमान या विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ का पà¥à¤°à¤¾à¤¯: है।
2. धरà¥à¤® कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• वसà¥à¤¤à¥ हैं मज़हब विशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• वसà¥à¤¤à¥ है।
3. धरà¥à¤® मनà¥à¤·à¥à¤¯ के सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µ के अनà¥à¤•à¥‚ल अथवा मानवी पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का होने के कारण सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है और उसका आधार ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ अथवा सृषà¥à¤Ÿà¤¿ नियम है। परनà¥à¤¤à¥ मज़हब मनà¥à¤·à¥à¤¯ कृत होने से अपà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• अथवा असà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• हैं। मज़हबों का अनेक व à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ होना तथा परसà¥à¤ªà¤° विरोधी होना उनके मनà¥à¤·à¥à¤¯ कृत अथवा बनावती होने का पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ है।
4. धरà¥à¤® के जो लकà¥à¤·à¤£ मनॠमहाराज ने बतलाये हैं वह सà¤à¥€ मानव जाति के लिठà¤à¤• समान है और कोई à¤à¥€ सà¤à¥à¤¯ मनà¥à¤·à¥à¤¯ उसका विरोधी नहीं हो सकता। मज़हब अनेक हैं और केवल उसी मज़हब को मानने वालों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° होते है। इसलिठवह सारà¥à¤µà¤œà¤¾à¤¨à¤¿à¤• और सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• नहीं है। कà¥à¤› बातें सà¤à¥€ मजहबों में धरà¥à¤® के अंश के रूप में है इसलिठउन मजहबों का कà¥à¤› मान बना हà¥à¤† है।
5. धरà¥à¤® सदाचार रूप हैं अत: धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾ होने के लिये सदाचारी होना अनिवारà¥à¤¯ है। परनà¥à¤¤à¥ मज़हबी अथवा पंथी होने के लिठसदाचारी होना अनिवारà¥à¤¯ नहीं है। अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ जिस तरह तरह धरà¥à¤® के साथ सदाचार का नितà¥à¤¯ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ है उस तरह मजहब के साथ सदाचार का कोई समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ नहीं है। कà¥à¤¯à¥‚ंकि किसी à¤à¥€ मज़हब का अनà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¥€ न होने पर à¤à¥€ कोई à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾ (सदाचारी) बन सकता है।
परनà¥à¤¤à¥ आचार समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होने पर à¤à¥€ कोई à¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯ उस वकà¥à¤¤ तक मज़हबी अथवा पनà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ नहीं बन सकता जब तक उस मज़हब के मंतवà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पर ईमान अथवा विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नहीं लाता। जैसे की कोई कितना ही सचà¥à¤šà¤¾ ईशà¥à¤µà¤° उपासक और उचà¥à¤š कोटि का सदाचारी कà¥à¤¯à¥‚ठन हो वह जब तक हज़रात ईसा और बाइबिल अथवा हजरत मोहमà¥à¤®à¤¦ और कà¥à¤°à¤¾à¤¨ शरीफ पर ईमान नहीं लाता तब तक ईसाई अथवा मà¥à¤¸à¥à¤²à¤®à¤¾à¤¨ नहीं बन सकता।
6. धरà¥à¤® ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ को मनà¥à¤·à¥à¤¯ बनाता है अथवा धरà¥à¤® अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ धारà¥à¤®à¤¿à¤• गà¥à¤£à¥‹à¤‚ और करà¥à¤®à¥‹à¤‚ के धारण करने से ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¤¤à¥à¤µ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करके मनà¥à¤·à¥à¤¯ कहलाने का अधिकारी बनता है। दूसरे शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में धरà¥à¤® और मनà¥à¤·à¥à¤¯à¤¤à¥à¤µ परà¥à¤¯à¤¾à¤¯ है। कà¥à¤¯à¥‚ंकि धरà¥à¤® को धारण करना ही मनà¥à¤·à¥à¤¯à¤¤à¥à¤µ है। कहा à¤à¥€ गया है-
खाना,पीना,सोना,संतान उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करना जैसे करà¥à¤® मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ और पशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के à¤à¤• समान हैं। केवल धरà¥à¤® ही मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ में विशेष हैं जोकि मनà¥à¤·à¥à¤¯ को मनà¥à¤·à¥à¤¯ बनाता हैं। धरà¥à¤® से हीन मनà¥à¤·à¥à¤¯ पशॠके समान हैं। परनà¥à¤¤à¥ मज़हब मनà¥à¤·à¥à¤¯ को केवल पनà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ या मज़हबी और अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸à¥€ बनाता हैं। दूसरे शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में मज़हब अथवा पंथ पर ईमान लेन से मनà¥à¤·à¥à¤¯ उस मज़हब का अनà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¥€ अथवा ईसाई अथवा मà¥à¤¸à¥à¤²à¤®à¤¾à¤¨ बनता हैं नाकि सदाचारी या धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾ बनता हैं।
7. धरà¥à¤® मनà¥à¤·à¥à¤¯ को ईशà¥à¤µà¤° से सीधा समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ जोड़ता है और मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ निमित धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾ अथवा सदाचारी बनना अनिवारà¥à¤¯ बतलाता है परनà¥à¤¤à¥ मज़हब मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठवà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को पनà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ अथवा मज़हबी बनना अनिवारà¥à¤¯ बतलाता हैं। और मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठसदाचार से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आवशà¥à¤¯à¤• उस मज़हब की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं का पालन बतलाता है।
जैसे अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ और मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ साहिब को उनके अंतिम पैगमà¥à¤¬à¤° मानने वाले जनà¥à¤¨à¤¤ जायेगे चाहे वे कितने à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤à¤¿à¤šà¤¾à¤°à¥€ अथवा पापी हो जबकि गैर मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ चाहे कितना à¤à¥€ धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾ अथवा सदाचारी कà¥à¤¯à¥‚ठन हो वह दोज़ख अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ नरà¥à¤• की आग में अवशà¥à¤¯ जलेगा कà¥à¤¯à¥‚ंकि वह कà¥à¤°à¤¾à¤¨ के ईशà¥à¤µà¤° अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ और रसूल पर अपना विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नहीं लाया है।
8. धरà¥à¤® में बाहर के चिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ का कोई सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ नहीं है कà¥à¤¯à¥‚ंकि धरà¥à¤® लिंगातà¥à¤®à¤• नहीं हैं -न लिंगम धरà¥à¤®à¤•à¤¾à¤°à¤£à¤‚
अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ लिंग (बाहरी चिनà¥à¤¹) धरà¥à¤® का कारण नहीं है।
परनà¥à¤¤à¥ मज़हब के लिठबाहरी चिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ का रखना अनिवारà¥à¤¯ हैं जैसे à¤à¤• मà¥à¤¸à¥à¤²à¤®à¤¾à¤¨ के लिठजालीदार टोपी और दाड़ी रखना अनिवारà¥à¤¯ है।
9. धरà¥à¤® मनà¥à¤·à¥à¤¯ को पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ बनाता है कà¥à¤¯à¥‚ंकि वह जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• सतà¥à¤¯ आचरण से ही अà¤à¥à¤¯à¥à¤¦à¤¯ और मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ की शिकà¥à¤·à¤¾ देता है परनà¥à¤¤à¥ मज़हब मनà¥à¤·à¥à¤¯ को आलसà¥à¤¯ का पाठसिखाता है कà¥à¤¯à¥‚ंकि मज़हब के मंतवà¥à¤¯à¥‹à¤‚ मातà¥à¤° को मानने à¤à¤° से ही मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ का होना उसमें सिखाया जाता है।
10. धरà¥à¤® मनà¥à¤·à¥à¤¯ को ईशà¥à¤µà¤° से सीधा समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ जोड़कर मनà¥à¤·à¥à¤¯ को सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° और आतà¥à¤® सà¥à¤µà¤¾à¤²à¤‚बी बनाता हैं कà¥à¤¯à¥‚ंकि वह ईशà¥à¤µà¤° और मनà¥à¤·à¥à¤¯ के बीच में किसी à¤à¥€ मधà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¥ या à¤à¤œà¥‡à¤‚ट की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ नहीं बताता। परनà¥à¤¤à¥ मज़हब मनà¥à¤·à¥à¤¯ को परतंतà¥à¤° और दूसरों पर आशà¥à¤°à¤¿à¤¤ बनाता हैं कà¥à¤¯à¥‚ंकि वह मज़हब के पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤• की सिफारिश के बिना मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ का मिलना नहीं मानता।
11. धरà¥à¤® दूसरों के हितों की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठअपने पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ की आहà¥à¤¤à¤¿ तक देना सिखाता है जबकि मज़हब अपने हित के लिठअनà¥à¤¯ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ और पशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¾à¤£ हरने के लिठहिंसा रà¥à¤ªà¥€ क़à¥à¤°à¤¬à¤¾à¤¨à¥€ का सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ देता है।
12. धरà¥à¤® मनà¥à¤·à¥à¤¯ को सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ मातà¥à¤° से पà¥à¤°à¥‡à¤® करना सिखाता है, जबकि मज़हब मनà¥à¤·à¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का माà¤à¤¸à¤¾à¤¹à¤¾à¤° और दूसरे मज़हब वालों से दà¥à¤µà¥‡à¤· सिखाता है।
13. धरà¥à¤® मनà¥à¤·à¥à¤¯ जाति को मनà¥à¤·à¥à¤¯à¤¤à¥à¤µ के नाते से à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के सारà¥à¤µà¤œà¤¾à¤¨à¤¿à¤• आचारों और विचारों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤• केंदà¥à¤° पर केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¤ करके à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ और विरोध को मिटाता हैं तथा à¤à¤•à¤¤à¤¾ का पाठपà¥à¤¾à¤¤à¤¾ है। परनà¥à¤¤à¥ मज़हब अपने à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ मंतवà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के कारण अपने पृथक पृथक जतà¥à¤¥à¥‡ बनाकर à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ और विरोध को बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ और à¤à¤•à¤¤à¤¾ को मिटाते है।
14. धरà¥à¤® à¤à¤• मातà¥à¤° ईशà¥à¤µà¤° की पूजा बतलाता है जबकि मज़हब ईशà¥à¤µà¤° से à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ मत पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤•/गà¥à¤°à¥/मनà¥à¤·à¥à¤¯ आदि की पूजा बतलाकर अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ फैलाते है।
धरà¥à¤® और मज़हब के अंतर को ठीक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से समठलेने पर मनà¥à¤·à¥à¤¯ अपने चिंतन मनन से आसानी से यह सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करके के शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को करने में पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ करना धरà¥à¤® कहलाता हैं इसलिठउसके पालन में सà¤à¥€ का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ हैं।
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