आजादी के नाम पर आतंक
Author
Rajeev ChoudharyDate
13-Jul-2016Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
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amitUpload Date
14-Jul-2016Download PDF
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2010 के बाद à¤à¤• बार फिर घाटी में हालात खराब है| कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ यà¥à¤µà¤¾ à¤à¤²à¥‡ ही इसके लिठपà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ को दोषी मानकर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वॠसेना के जवानों पर हमला कर रहे हो| किनà¥à¤¤à¥ अपने अंतरà¥à¤®à¤¨ में à¤à¤¾à¤‚क कर देखे तो इसके लिठखà¥à¤¦ कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ ही जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° है| जब हर à¤à¤• मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ पर कशà¥à¤®à¥€à¤° के लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ थानों, चोकियों समेत सेना के जवानों को निशाना बनाया जा रहा हो तो कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ किस आधार पर यह अपेकà¥à¤·à¤¾ कर रहे है कि पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ बà¥à¤¤ बनकर संयम का परिचय दे? पिछले कà¥à¤› अरसे से सोशल मीडिया पर छाठहà¥à¤ हिजबà¥à¤² मà¥à¤œà¤¾à¤¹à¤¿à¤¦à¥€à¤¨ के कमांडर बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ वानी के मà¥à¤ à¤à¥‡à¥œ में मारे जाने के खिलाफ आयोजित विरोध पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ के हिंसक मोड़ लेने की वजह से अà¤à¥€ तक पà¥à¤²à¤¿à¤¸à¤•à¤°à¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ समेत 20 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोग मर चà¥à¤•à¥‡ है अब हो सकता है इस हिंसक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से निकलने के लिठखà¥à¤¦ आम कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ सोच रहा हो कि या तो बारिश आ जाये या किसी तरह अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ ही इन लोगों के दिमाग से यह मजहबी जूनून निकाल दे| परनà¥à¤¤à¥ इतना सब कà¥à¤› होने के बाद à¤à¥€ अलगाववादियों के लगातार बंद के आहवान और विपकà¥à¤· के नेता उमर अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾ हिजà¥à¤¬à¥à¤² कमांडर बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ वानी की मौत पर अपनी रोटियां सेकने से बाज नहीं आ रहे है|
बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ वानी मारा गया लेकिन राजनीति के साथ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ जिनà¥à¤¦à¤¾ हो गये| आखिर घाटी के लोगों को आजादी किससे चाहिà¤? अपने देश से या फिर घाटी को रकà¥à¤¤ रंजित करने के लिठआजादी चाहिठ? सबने सà¥à¤¨à¤¾ किस तरह कशà¥à¤®à¥€à¤° का कंधार कहे जाने वाले वानी के पैतृक सà¥à¤¥à¤² तà¥à¤°à¤¾à¤² में मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ के सà¥à¤ªà¥€à¤•à¤°à¥à¤¸ पर आजादी के गीत गाठजा रहे है ‘खà¥à¤¦à¤¾ के दीन के लिà¤, ये सरफरोश चल पड़े, ये दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥‹à¤‚ की गरà¥à¤¦à¤¨à¥‡à¤‚ उड़ाने आज चल पड़े किसी में इतना दम कहां कि इनके आगे डट सके’ जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सà¥à¤¨à¤¾à¤•à¤° लोगों को à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं में बांधकर à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ के साथ जोड़ा जा रहा था| जो लोग अà¤à¥€ तक यह कह रहे थे कि आतंकवादी किसी धरà¥à¤® का नहीं होता सबने देखा किस तरह à¤à¤• दस लाख के इनामी आतंकी के जनाजे में हजारों मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® जमा हो रहे थे| जहाठअà¤à¥€ तक यही समà¤à¤¾ जा रहा था कि कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ कशà¥à¤®à¥€à¤° की आजादी के लिठलड़ रहा है किनà¥à¤¤à¥ जिस तरह बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ की माठने रोते हà¥à¤ कहा कि ‘मेरा दूसरा बेटा à¤à¥€ इसà¥à¤²à¤¾à¤® की राह पर शहीद हà¥à¤† है, मà¥à¤à¤¸à¥‡ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ खà¥à¤¶à¤¨à¤¸à¥€à¤¬ कौन सी मां होगी.’‘वो कशà¥à¤®à¥€à¤° में इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ निजाम कायम करने के लिठलड़ रहा था, और वो काफिरों से लड़ते हà¥à¤ मारा गया| इससे सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ होता है कि कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को ना अपने लिठशिकà¥à¤·à¤¾ की जरूरत ना विकास और मौलिक सà¥à¤– सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं की उसे तो बस जरूरत है तो सिरà¥à¤« कशà¥à¤®à¥€à¤° को इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• गणराजà¥à¤¯ बनाने की| पर कà¥à¤¯à¤¾ कà¤à¥€ इन यà¥à¤µà¤¾à¤“ं ने शांति के साथ सोचा है कि मजहब के नाम पर अलग होने वाला देश पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ आज कितना खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤² है? à¤à¤• बार जाकर खà¥à¤¦ देख ले हद से अधिक दीन की राह पर चलकर आज पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ समेत सीरिया, अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨, टà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¤¿à¤¯à¤¾, सोमालिया आदि देश तबाही के खंडहरों में बैठे है| इस पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ में आज कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ अपनी समसà¥à¤¯à¤¾ देख ले और सोचे यदि कशà¥à¤®à¥€à¤° में बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में धरà¥à¤®à¤ªà¤°à¤¿à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¨ ना हà¥à¤† होता और आज वहां बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में बोदà¥à¤§, सिख और हिनà¥à¤¦à¥‚ हà¥à¤ होते तो कà¥à¤¯à¤¾ यह हाल हà¥à¤† होता? हाठà¤à¤¸à¤¾ तो हो सकता था कि देश के अनà¥à¤¯ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की तरह कà¥à¤› जगह गरीबी, बेरोजगारी तो हà¥à¤ˆ होती किनà¥à¤¤à¥ रकà¥à¤¤ से सना कशà¥à¤®à¥€à¤° ना होता| देशी विदेशी परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ à¤à¥€ खूब होता जिससे बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ लोगों को रोजगार के अवसर मिलते|
असà¥à¤¸à¥€ के दशक में चरमपनà¥à¤¥à¥€ मानसिकता रखने वाले लोगों ने 87 के चà¥à¤¨à¤¾à¤µ के बाद धांधली का आरोप लगाकर हथियार उठाकर आजादी की मांग कर डाली इस अà¤à¥‚तपूरà¥à¤µ गà¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ की लहर को पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से à¤à¤°à¤ªà¥‚र मदद मिली किनà¥à¤¤à¥ इस आजादी की मांग के पतà¥à¤¤à¥‡ 1990 में उस समय खà¥à¤² गये जब कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडितों पर आजादी का नारा लेकर हमला कर बैठा था| यदि यह लड़ाई कशà¥à¤®à¥€à¤° की आजादी के लिठहोती या à¤à¤¾à¤°à¤¤ वहां कà¥à¤› अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° कर रहा होता तो इस जंग में हिनà¥à¤¦à¥‚, मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®, सिख बोदà¥à¤§ मिलकर हिसà¥à¤¸à¤¾ लेते जैसे à¤à¤¾à¤°à¤¤ की सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® में सबने मिलकर लिया था| यधपि आजादी के नाम पर कशà¥à¤®à¥€à¤° को मजहब की à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ में à¤à¥‹à¤•à¤¨à¥‡ वाले इन जेहादियों के फन उसी समय की ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ सरकारों को ने कà¥à¤šà¤² दिठहोते तो आज यह सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ जनà¥à¤® ना लेती| कहते है जब राजनीति में धरà¥à¤® घà¥à¤¸ जाता है तो उसके पास किसी समसà¥à¤¯à¤¾ का समाधान नहीं रहता| असल में हमारी समसà¥à¤¯à¤¾ कशà¥à¤®à¥€à¤° नहीं है हमारी समसà¥à¤¯à¤¾ वो लोग है जो धरà¥à¤® के नाम पर इन लोगों के हाथ में बंदूके थमा रहे है| à¤à¤• बार हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ के नेता बिलाल गनी लोन ने सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया था कि यहाठकी कायर जमाते पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के हाथों बिक चà¥à¤•à¥€ है| जब पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ कशà¥à¤®à¥€à¤° में पैसा फेंकना बंद कर देगा कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पतà¥à¤¥à¤° फेंकना बंद कर देगा|
कशà¥à¤®à¥€à¤° के अलगाववादियों के आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ को à¤à¥€ सब जानते है किस तरह वो पाक पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‹à¤œà¤¿à¤¤ है| अब राजà¥à¤¯ और केंदà¥à¤° की सरकार को समà¤à¤¨à¤¾ होगा पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के कहो या इन अलगाववादियों के रहते जब तक ये लोग इनका समरà¥à¤¥à¤¨ करेंगे वहां धारà¥à¤®à¤¿à¤• संकट बरकरार रहेगा| आखिर कब तक पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ वहां के आतंक की मूल जड़ को ना पकड़कर कà¥à¤› चेहरे पकड़ते रहेंगे? सब जानते है मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• बिमारियों का इलाज शरीर की चीर फाड़ से नहीं होता| अब à¤à¤¾à¤°à¤¤ को à¤à¤• सशकà¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की तरह वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° पेश करना होगा| हमेशा नरमी के रà¥à¤– को à¤à¥€ सामने वाला कायरता समà¤à¤¤à¤¾ है| हर रोज कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ कटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थी कानून वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को चà¥à¤¨à¥‹à¤¤à¥€ देते है सेना कारवाही करती है तो मà¥à¤²à¥à¤²à¤¾ मौलवी और मीडिया का à¤à¤• बड़ा हिसà¥à¤¸à¤¾ इस बात का रोना रोता है कि कशà¥à¤®à¥€à¤° में हालात खराब है| आखिर किसने पैदा किये यह खराब हालात? उमर अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾ ने जिस तरह कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ वानी बनà¥à¤¦à¥à¤• उठाने वाला ना पहला कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ है ना अंतिम| तो उसे समà¤à¤¨à¤¾ चाहिठसेना के पास à¤à¥€ आतंकियों से निपटने के लिठकोई पहली या अंतिम गोली नहीं है| यदि राषà¥à¤Ÿà¥à¤° रकà¥à¤·à¤¾ के लिठयà¥à¤¦à¥à¤§ जरूरी है तो यà¥à¤¦à¥à¤§ जरà¥à¤° होगा| आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ को आतंक से निपटने के लिठकहीं चीन से तो कहीं इजराइल से सीखना होगा| हमेशा कमजोरी के वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° से à¤à¥€ किसी समसà¥à¤¯à¤¾ का समाधान नहीं होता| अब सरकार को इसका हल सोचना होगा किस तरह इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जबाब दिया जाये कà¥à¤¯à¥‹à¤•à¤¿ इस समय कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के पास ना तरà¥à¤• ना इस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ के लिठउपयà¥à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ उनके पास यदि कà¥à¤› है तो अलगाववादियों का समरà¥à¤¥à¤¨ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के हथियार, हिंसा, तोड़फोड़ और दहशत|
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