राषà¥à¤Ÿà¥à¤° नायक नेताजी सà¥à¤à¤¾à¤· की राषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¤¾à¤·à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥€ की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿
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Manmohan Kumar AryaDate
02-Aug-2016Category
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HindiTotal Views
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amitUpload Date
17-Aug-2016Download PDF
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हिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚! बड़ी खà¥à¤¶à¥€ के साथ (कलकतà¥à¤¤à¤¾) नगर में हम लोग आपका सà¥à¤µà¤¾à¤—त करते हैं। जो सजà¥à¤œà¤¨ कलकतà¥à¤¤à¤¾ से वाकिफ हैं, उनको यह बतलाने की जरूरत नहीं कि कलकतà¥à¤¤à¤¾ में पांच लाख हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾-à¤à¤¾à¤·à¥€ रहते हैं। शायद हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ के किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ में--जो पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ हिनà¥à¤¦à¥€ वालों के घर हैं, उनमें à¤à¥€ कहीं इतने हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ जà¥à¤¬à¤¾à¤¨ बोलने वाले नहीं पाये जाते। साहितà¥à¤¯ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से à¤à¥€ कलकतà¥à¤¤à¤¾ का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ हिनà¥à¤¦à¥€ के इतिहास में बहà¥à¤¤ ऊंचा है। मैं हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ का पंडित नहीं हूं। बड़े खेद के साथ यह बात मà¥à¤à¥‡ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करनी पड़ेगी कि मैं शà¥à¤¦à¥à¤§ हिनà¥à¤¦à¥€ बोल à¤à¥€ नहीं सकता। इसलिठमà¥à¤à¤¸à¥‡ आप उमà¥à¤®à¥€à¤¦ नहीं कर सकते कि मैं हिनà¥à¤¦à¥€ साहितà¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤• इतिहास के विषय में कà¥à¤› कहूं। अपने मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ से मैंने सà¥à¤¨à¤¾ है कि आजकल के हिनà¥à¤¦à¥€ गदà¥à¤¯ का जनà¥à¤® कलकतà¥à¤¤à¤¾ में ही हà¥à¤† था। लालà¥à¤²à¥‚जी लाल ने अपना ‘पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¸à¤¾à¤®à¤—र’ इसी नगर में बैठकर बनाया और सदल मिशà¥à¤° ने ‘चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤µà¤²à¥€’ की रचना यहीं पर की। और ये ही दोनों सजà¥à¤œà¤¨ हिनà¥à¤¦à¥€ गदà¥à¤¯ के आचारà¥à¤¯ माने जाते हैं। हिनà¥à¤¦à¥€ का सबसे पहला पà¥à¤°à¥‡à¤¸ कलकतà¥à¤¤à¤¾ में ही बना और सबसे पहला अखबार ‘निहार बनà¥à¤§à¥’ यहीं से निकला। इसलिठहिनà¥à¤¦à¥€ संपादन कला के इतिहास में कलकतà¥à¤¤à¤¾ का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बहà¥à¤¤ ऊंचा है। सबसे पहले कलकतà¥à¤¤à¤¾ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ने हिनà¥à¤¦à¥€ को à¤à¤®.à¤. में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दिया। आजकल à¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥€ के लिठजो काम कलकतà¥à¤¤à¤¾ में हो रहा है, वह महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। इसलिठजिनकी मातृ à¤à¤¾à¤·à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥€ है, कलकतà¥à¤¤à¤¾ उनके लिठघर जैसा ही है। कम से कम वे तो हमारी सà¥à¤µà¤¾à¤—त की तà¥à¤°à¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ या अà¤à¤¾à¤µ के लिठहमें कà¥à¤·à¤®à¤¾ कर ही देंगे। (सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ को वेदों का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर हिनà¥à¤¦à¥€ में करने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ à¤à¥€ कलकतà¥à¤¤à¤¾ में बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤® समाज के नेता आचारà¥à¤¯ केशवचनà¥à¤¦à¥à¤° सेन ने की थी जिसे उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ततà¥à¤•à¥à¤·à¤£ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर लिया था।
सबसे पहले मैं à¤à¤• गलतफहमी दूर कर देना चाहता हूं। कितने ही सजà¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ का खयाल है कि बंगाली लोग या तो हिनà¥à¤¦à¥€ के विरोधी होते हैं या उसके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उपेकà¥à¤·à¤¾ करते हैं। बे पà¥à¥‡ लोगों में ही नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ सà¥à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ सजà¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की आशंका पाई जाती है। यह बात à¤à¥à¤°à¤®à¤ªà¥‚रà¥à¤£ है और इसका खणà¥à¤¡à¤¨ करना मैं अपना करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ समà¤à¤¤à¤¾ हूं।
मैं वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ नहीं करना चाहता पर इतना तो अवशà¥à¤¯ कहूंगा कि हिनà¥à¤¦à¥€ साहितà¥à¤¯ के लिठजितना कारà¥à¤¯ बंगालियों ने किया है उतना हिनà¥à¤¦à¥€-à¤à¤¾à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ छोड़कर और किसी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ के निवासियों ने शायद ही किया हो यहां मैं हिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° की बात नहीं कहता, उसके लिठसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ ने जो कà¥à¤› किया और महातà¥à¤®à¤¾ गांधी जो कà¥à¤› कर रहे हैं, उसके लिठहम सब उनके कृतजà¥à¤ž हैं।
बिहार में हिनà¥à¤¦à¥€-à¤à¤¾à¤·à¥€ और देवनागरी लिपि के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° के लिठसà¥à¤µà¤°à¥à¤—ीय à¤à¥‚देव मà¥à¤•à¤°à¥à¤œà¥€ ने जो महान उदà¥à¤¯à¥‹à¤— किया था, कà¥à¤¯à¤¾ उसे हिनà¥à¤¦à¥€-à¤à¤¾à¤·à¤¾-à¤à¤¾à¤·à¥€ लोग à¤à¥‚ल सकते हैं? और पंजाब में सà¥à¤µà¤°à¥à¤—ीय नवीन चनà¥à¤¦à¥à¤° राय ने हिनà¥à¤¦à¥€ के लिठजो पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया, कà¥à¤¯à¤¾ वह कà¤à¥€ à¤à¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ जा सकता है? मैंने सà¥à¤¨à¤¾ है कि यह काम इन दोनो बंगालियों ने सनॠ1880 के लगà¤à¤— à¤à¤¸à¥‡ समय में किया था, जबकि बिहार और पंजाब के हिनà¥à¤¦à¥€-à¤à¤¾à¤·à¤¾-à¤à¤¾à¤·à¥€ या तो हिनà¥à¤¦à¥€ के महतà¥à¤µ को समà¤à¤¤à¥‡ ही न थे अथवा उसके विरोधी थे। ये लोग उतà¥à¤¤à¤°à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में हिनà¥à¤¦à¥€ आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ के पथ-पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤• कहे जा सकते हैं। (सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ बिहार व पंजाब दोनों पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ में सनॠ1875 से सनॠ1883 तक हिनà¥à¤¦à¥€ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° कर चà¥à¤•à¥‡ थे जिसे उसके बाद उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ संसà¥à¤¥à¤¾ आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ ने à¤à¥€ जारी रखा।
संयà¥à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ (अब उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¤‚) में इणà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¨ पà¥à¤°à¥‡à¤¸ के सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सà¥à¤µà¤°à¥à¤—ीय चिनà¥à¤¤à¤¾à¤®à¤£à¤¿ घोष ने पà¥à¤°à¤¥à¤® सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ मासिक पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ ‘सरसà¥à¤µà¤¤à¥€’ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ और पचासों हिनà¥à¤¦à¥€ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ को छापकर हिनà¥à¤¦à¥€ साहितà¥à¤¯ की जितनी सेवा की है उतनी सेवा हिनà¥à¤¦à¥€-à¤à¤¾à¤·à¥€ किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤• ने शायद ही की होगी। जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ शारदा चरण मितà¥à¤° ने à¤à¤• लिपि-विसà¥à¤¤à¤¾à¤°-परिषद को जनà¥à¤® देकर और ‘देव नागर’ पतà¥à¤° निकालकर हिनà¥à¤¦à¥€ के लिठपà¥à¤°à¤¶à¤‚सनीय कारà¥à¤¯ किया था। ‘हितवारà¥à¤¤à¤¾’ के सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ à¤à¤• बंगाली सजà¥à¤œà¤¨ ही थे और ‘हिनà¥à¤¦à¥€ बंगाली’ अब à¤à¥€ इसी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ के à¤à¤• निवासी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निकाला जा रहा है। आजकल à¤à¥€ हम लोग थोड़ी बहà¥à¤¤ सेवा हिनà¥à¤¦à¥€ साहितà¥à¤¯ की कर ही रहे हैं। कौन à¤à¤¸à¤¾ कृतघà¥à¤¨ होगा, जो शà¥à¤°à¥€ अमृतलाल जी चकà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¥€ की, जो 45 वरà¥à¤· से ही हिनà¥à¤¦à¥€ पतà¥à¤°-समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ का कारà¥à¤¯ कर रहे हैं, हिनà¥à¤¦à¥€ सेवा को à¤à¥‚ल जाये? शà¥à¤°à¥€ नागेनà¥à¤¦à¥à¤° नाथ बसॠलगà¤à¤— 15 वरà¥à¤· से हिनà¥à¤¦à¥€ विशà¥à¤µà¤•à¥‹à¤· दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥€ की सेवा कर रहे हैं। शà¥à¤°à¥€ रामाननà¥à¤¦ चटरà¥à¤œà¥€ ‘विशाल à¤à¤¾à¤°à¤¤’ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥€ की सेवा कर रहे हैं। हमारी à¤à¤¾à¤·à¤¾ के जिन पचासों गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ हिनà¥à¤¦à¥€ में हà¥à¤† है और उनसे हिनà¥à¤¦à¥€-à¤à¤¾à¤·à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ में जो वृदà¥à¤§à¤¿ हà¥à¤ˆ है, उसकी बात मैं यहां नहीं कहूंगा।
मैं शेखी नहीं मारता, वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ नहीं करता। पर मैं नमà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• आपसे पूछना चाहता हूं कि कà¥à¤¯à¤¾ यह सब जानते हà¥à¤ à¤à¥€ कोई यह कहने का साहस कर सकता है कि हम लोग हिनà¥à¤¦à¥€ के विरोधी हैं। मैं इस बात को मानता हूं कि बंगाली लोग अपनी मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾ से अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ पà¥à¤°à¥‡à¤® करते हैं और यह कोई अपराध नहीं है। शायद हममें से कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ आदमी à¤à¥€ हैं, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इस बात का डर है कि हिनà¥à¤¦à¥€ वाले हमारी मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾ बंगला को छोड़कर उसके सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में हिनà¥à¤¦à¥€ रखवाना चाहते हैं। पर यह à¤à¥à¤°à¤® निराधार है। हिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ केवल यही है कि आजकल जो काम अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ से लिया जाता है, वह आगे चल कर हिनà¥à¤¦à¥€ से लिया जाये। अपनी माता से अधिक पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥€ मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾ बंगला को तो हम कदापि नहीं छोड़ सकते। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨-à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के à¤à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ से बातचीत करने के लिठहिनà¥à¤¦à¥€ या हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ तो हमको सीखनी ही चाहिà¤à¥¤ और सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के नवयà¥à¤µà¤•à¥‹à¤‚ को हिनà¥à¤¦à¥€ के अतिरिकà¥à¤¤ जरà¥à¤®à¤¨, फà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤š आदि यूरोपियन à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में से à¤à¥€ à¤à¤•-दो सीखनी पड़ेंगी, नहीं तो हम अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ मामलों में दूसरी जातियों का मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¤¾ नहीं कर सकेंगे। लिपि का à¤à¤—ड़ा मैं नहीं उठाना चाहता। महातà¥à¤®à¤¾ जी की इस बात में मैं सहमत हूं कि हिनà¥à¤¦à¥€ और उरà¥à¤¦à¥‚ लिपि दोनों को जानना जरूरी है। आगे चलकर जो लिपि अधिक उपयà¥à¤•à¥à¤¤ सिदà¥à¤§ होगी, वही उचà¥à¤š सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पायेगी। इसके लिठà¤à¤—ड़ा करना वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ है। सरल हिनà¥à¤¦à¥€ और सरल उरà¥à¤¦à¥‚ दोनों à¤à¤• ही हैं।
महातà¥à¤®à¤¾ जी से और आप लोगों से मैं पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करूंगा कि हिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° का जैसा पà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§ आपने मदà¥à¤°à¤¾à¤¸ में किया है, वैसा बंगाल और असम में à¤à¥€ करें। सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ खोलकर आप लोग बंगाली छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ तथा कारà¥à¤¯à¤•à¤¤à¥à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤“ं को हिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤¾à¤¨à¥‡ का इनà¥à¤¤à¤œà¤¾à¤® कीजिà¤à¥¤ इस कलकतà¥à¤¤à¤¾ में कितने ही बंगाली छातà¥à¤° हिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤¨à¥‡ को तैयार हो जायेंगे। पà¥à¤¾à¤¨à¥‡ वाले चाहिà¤à¥¤ बंगाल धनवान पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ नहीं है और न यहां के छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के पास इतना पैसा है कि वे शिकà¥à¤·à¤• रखकर हिनà¥à¤¦à¥€ पॠसकें। यह कारà¥à¤¯ तो अà¤à¥€ आप लोगों को ही करना होगा और कलकतà¥à¤¤à¤¾ के धनी-मानी हिनà¥à¤¦à¥€-à¤à¤¾à¤·à¤¾-à¤à¤¾à¤·à¥€ सजà¥à¤œà¤¨ इधर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दें, तो कलकतà¥à¤¤à¤¾ में ही नहीं, बंगाल तथा असम में à¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥€ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° होना कोई बहà¥à¤¤ कठिन कारà¥à¤¯ नहीं है। आप बंगाली छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को छातà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ देकर हिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤• बना सकते हैं। बोलचाल की à¤à¤¾à¤·à¤¾ चार-पांच महीने में पà¥à¤¾à¤•à¤° और फिर परीकà¥à¤·à¤¾ लेकर आप लोग हिनà¥à¤¦à¥€ का कोई पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ पतà¥à¤° दे सकते हैं। मेरे जैसे आदमी को à¤à¥€, जिसे बहà¥à¤¤ कम समय मिलता है, आप हिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤¾à¤‡à¤ और फिर परीकà¥à¤·à¤¾ कीजिये। हम लोग जो मजदूर आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ में काम करते हैं, हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ की जरूरत को हर रोज महसूस करते हैं। बिना हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ जाने हम उतà¥à¤¤à¤°à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के मजदूरों के दिलों तक नहीं पहà¥à¤‚च सकते। अगर आप हम सबके लिठहिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤¾à¤¨à¥‡ का इनà¥à¤¤à¤œà¤¾à¤® कर देंगे, तो मैं यह विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ दिलाता हूं कि हम लोग आपके योगà¥à¤¯ शिषà¥à¤¯ होने का à¤à¤°à¤ªà¥‚र पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करेंगे।
अनà¥à¤¤ में बंगाल के निवासियों और खास तौर से यहां के नवयà¥à¤µà¤•à¥‹à¤‚ से मेरा अनà¥à¤°à¥‹à¤§ है कि आप हिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¥‡à¥¤ जो लोग अपने पास से शिकà¥à¤·à¤• रखकर पॠसकते हैं, वे वैसा करें। आगे चलकर बंगाल में हिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° का à¤à¤¾à¤° उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ पर पड़ेगा, यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ सà¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ से सहायता लेना अनिवारà¥à¤¯ है। दस-बीस हजार या लाख-दो लाख आदमियों के हिनà¥à¤¦à¥€ पॠलेने का महतà¥à¤µ केवल पà¥à¤¨à¥‡ वालों की संखà¥à¤¯à¤¾ पर ही निरà¥à¤à¤° नहीं है, यह कारà¥à¤¯ बड़ा दूरदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤£ है और इसका परिणाम बहà¥à¤¤ दूर आगे चलकर मिलेगा। पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥€à¤¯ ईषà¥à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤µà¥‡à¤· को दूर करने में जितनी सहायता इस हिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° से मिलेगी, उतनी दूसरी किसी चीज से नहीं मिल सकती।
अपनी-अपनी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं की à¤à¤°à¤ªà¥‚र उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ कीजिà¤à¥¤ उसमें कोई बाधा नहीं डालना चाहता और न हम किसी की बाधा को सहन ही कर सकते हैं, पर सारे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤·à¤¾ का पद हिनà¥à¤¦à¥€ या हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ को ही मिले। नेहरू रिपोरà¥à¤Ÿ में à¤à¥€ इसकी सिफारिश की गई है। यदि हम लोगों ने तन-मन-धन से पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया, तो वह दिन दूर नहीं है जब à¤à¤¾à¤°à¤¤ सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥€à¤¨ होगा और उसकी राषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¤¾à¤·à¤¾ होगी ‘हिनà¥à¤¦à¥€’।
यह लेख पं. बनारसीदास चतà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¥€ के निजी संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर दैनिक हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ समाचार पतà¥à¤° के 14-9-1987 अंक में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤† था। अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ हटाओ आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ के पà¥à¤°à¤¥à¤® समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ इनà¥à¤¦à¥Œà¤° 1990 दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इसे अपनी सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤¿à¤•à¤¾ में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ किया गया। यहीं से हम इसे साà¤à¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚ सधनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर रहे हैं।
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