Lala Lajpatrai Jyanti Samaroh

Lala Lajpatrai Jyanti Samaroh organised by Zila Arya Pratinidhi Sabha Kota.

शेरे पंजाब हिन्द केसरी लाला लाजपतराय देश के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे। भारतीय स्वाधीनता संग्राम की लड़ाई में उनका बहुत योगदान रहा। उन्होंने अछूतोद्धार एवं समाज सुधार का बहुत काम किया तथा वर्ष 1894 में पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना की। वे कहते थे कि आर्यसमाज मेरी माता व देव दयानन्द मेरे धर्म पिता हैं। उक्त विचार कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आर्य समाज के जिला प्रधान अर्जुनदेव चढ्डा ने बालाजी इंस्ट्टीट्यूट आॅफ एजूकेषन रंगबाड़ी में बी.एड. काॅलेज व एस.टी.सी. काॅलेज के शिक्षक छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वैदिक विद्वान रामप्रसाद याज्ञिक ने लालाजी के जीवन व कार्यों पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि लालाजी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों का भरपूर विरोध किया जिसके फलस्वरूप उन्हें जेल जाना पड़ा, देश निकाला सहना पड़ा तथा ‘‘साइमन कमीशन‘‘ के विरोध का नेतृत्व करते हुए लाठियां खाईं, जिसमें उनका बलिदान हुआ। उन्होने कहा कि अंग्रेजों की एक एक लाठी अंग्रेजी सामाज्य के ताबूत में एक एक कील साबित होगी।
विशिष्ट  अतिथि आर्य समाज तलवंडी के प्रधान श्रीचंद गुप्ता ने लालाजी के जीवन पर प्रकाष डालते हुए उनके आदशों  पर चलने की प्रेरणा दी।
संस्था की निदेशक बृजबाला निर्भीक ने कहा कि लाला लाजपतराय देश के महान सपूत थे। उन्होंने उपस्थित सभी से गायत्री मंत्र का सस्वर पाठ करवाया।
संस्था के प्रबंधक कमल सक्सेना ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। शांति पाठ के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

 

Baby Show & Fancy Dress Competition

Purohit Avam Updeshak Prashikshan Shivir