194th Maharishi Dayanand Saraswati Janmotsav

194th Maharishi Dayanand Saraswati Janmotsav organize by Delhi Arya Pratinidhi Sabha

10 Feb 2018
India
Delhi Arya Pratinidhi Sabha

नई दिल्ली, ‘आधुनिक भारत के निर्माता, महान सुधारक महर्षि दयानन्द सरस्वती ने वेदों के ज्ञान से आलौकित कर संसार से अज्ञानता का अंधकार मिटाया व विश्व में वेदों का प्रकाश फैलाया। देश की एकता अखण्डता तथा समाज में जागरूकता की आवश्यकता है।’ ये उद्गार समाज सेवी महाशय धर्मपाल चेयरमैन एम.डी.एच. ने दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के तत्त्वावधान में आयोजित ऋषि दयानन्द के 194वें जन्मोत्सव पर 10 फरवरी 2018 को दशहरा ग्राउन्ड श्रीनिवासपुरी नई दिल्ली में व्यक्त किये। सभा महामंत्री श्री विनय आर्य ने कहा कि ‘महर्षि दयानन्द का सपना था कि सामाजिक प्रदूषण दूर हो, इस लक्ष्य को  लेकर घर-घर यज्ञ-हर घर यज्ञ से सामाजिक चेतना उत्पन्न करने की जरूरत है।’

वैदिक विदुषी विमलेश आर्या ने कहा, समाज में नारियों की स्थिति अत्यधिक शोचनीय थी पर्दाप्रथा, नारी अशिक्षा तथा सती प्रथा जैसी घोर कुरीतियों को दूर करके उन्होंने नारी को समानता का अधिकार दिलाया। कार्यक्रम में दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने भी अपने प्रेरक विचारों में महर्षि दयानन्द के जन-कल्याण कार्यों की सराहना करते हुए उनके पद चिन्हों पर चलने का आह्वान किया। कार्यक्रम में विधायक श्री अवतार सिंह कालका व अन्य प्रतिष्ठित जन भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर आर्य समाज के वरिष्ठजनों, कर्मठ विद्वानों व कार्यकत्ताओं को शॉल व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। महर्षि दयानन्द सरस्वती जन्मोत्सव श्रीनिवासपुरी को सफल बनाने में ओम प्रकाश वर्मा, सुशील आर्य, ओम प्रकाश चतुर्वेदी, चतर सिंह नागर, का विशेष योगदान रहा। आर्य समाज श्रीनिवासपुरी के स्वर्णजयन्ती के उपलक्ष्य में युवा विद्वान कुलदीप आर्य के सान्निध्य में संगीतमय राम कथा का भी भव्य आयोजन हुआ। इसी के साथ

 à¤¦à¤¿à¤²à¥à¤²à¥€ आर्य प्रतिनिधि सभा एवं आर्य समाज रोहिणी की ओर से रामलीला मैदान सैक्टर-7 में महर्षि दयानन्द सरस्वती जन्मदिवस पर वैदिक भजनोपदेशिका श्रीमती अंजली आर्या के मनोहर भक्ति गीतों की अमृत वर्षा की।श्रीमती पुष्पा जी ने महर्षि दयानन्द सरस्वती के कार्यों पर मार्मिक कविता प्रस्तुत की। श्री ओम प्रकाश चुघ ने ‘चमकें जब तलक ये सूरज चांद तारे...’ सुन्दर कविता प्रस्तुत की। वैदिक विद्वान डॉ. महेश विद्यालंकार ने कहा ‘महर्षि दयानन्द सरस्वती ने 16 बार विषपान करके समाज से अंधविश्वास व पाखण्ड को दूर किया। समस्त पर्वतों में हिमाचल की अलग पहचान है उसी प्रकार महान व्यक्तियों में महर्षि दयानन्द की अलग पहचान है।’ निगम पार्षद आलोक शर्मा ने कहा, ‘महर्षि दयानन्द के हिन्दू जाति पर अनेक उपकार है जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता तथा भारत निमार्ण में महर्षि जी का विशेष योगदान है।’ दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा प्रधान धर्मपाल आर्य अपने उद्बोधन में कहा कि ‘सत्यार्थ प्रकाश की रचना करके महर्षि दयानन्द समाज में वैचारिक क्रांति की। सत्यार्थ प्रकाश की विद्यमानता में कोई भी मतावलम्बी अपने मत की शेखी नहीं मार सकता।’ एस.एच.ओ. श्री विरेन्द्र कुमार, रोहिणी क्षेत्र ने अपने वक्तव्य में कहा ‘वैज्ञानिक बताते हैं प्रदूषण बहुत है लेकिन प्रदूषण दूर कैसे हो यह आर्य समाज बताती है।’ एस.एच. ओ. ने कहा बदलते माहौल में माता-पिता को अपने युवा होते बच्चों पर विशेष ध्यान रखना होगा जिससे वे बिगड़ने न पाएं। हमें अपने बच्चों से रोज बात-चीत करनी चाहिए वे कहां जाते हैं किससे बातें करते हैं उनकी दिनचर्या क्या रहती है यह आपको ज्ञात होना चाहिए। तभी एक स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण हो सकेगा।’

कार्यक्रम का शुभारम्भ आचार्य सुखिदेव तपस्वी, आचार्य विष्णु बन्धु शास्त्री एवं श्री रवि शास्त्री ने संयुक्त रूप से यज्ञ सम्पन्न कराया। इस अवसर पर बालक उद्वीर का अन्नप्राशन भी सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम का संचालन श्री धर्मपाल आर्य प्रधान दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा एवं श्री नरेश पाल मंत्री आर्य समाज रोहिणी ने किया। इस अवसर पर सूरीनाम डॉ. सुश्री रामअवतार ने अपनी महत्त्वपूर्ण भागीदारी निभाई। कार्यक्रम में सर्वश्री ओम प्रकाश आर्य उपप्रधान, सुरेन्द्र आर्य प्रधान, जोगेन्द्र खट्टर महामंत्री वेद प्रचार मण्डल, अरुण प्रकाश वर्मा प्रधान आर्य समाज हनुमान रोड, राजेन्द्र आर्य, नरेश पाल आर्य, संजीव आर्य, सुरेन्द्र बुद्धि राजा, वीरेन्द्र आर्य पूर्व संचालक , जितेन्द्र खरबन्दा, आलोक शर्मा, सर्वश्रीमती वीणा आर्या, प्रकाश कथूरिया महामंत्री महिला सभा, कंचन आर्या एवं आर्य समाज रोहिणी के समस्त पदाधिकारियों की अपनी-अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

इस अवसर पर आर्य समाज के वरिष्ठजनों, कर्मठ विद्वानों व कार्यकत्ताओं को शॉल व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सर्वश्री धर्मपाल आर्य प्रधानमहर्षि दयानन्द सरस्वती जन्मोत्सव को सफल बनाने में  नरेश पाल आर्य, संजीव गर्ग, सुरेन्द्र आर्य, जोगेन्द्र खट्टर का विशेष योगदान रहा। शान्तिपाठ के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

-चन्द्र मोहन आर्य

 

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