Mahashay Dharmpal Ji will be Welcome head of Mahasammelan

Mahashay Dharmpal Ji will be Welcome head of Mahasammelan

25 Mar 2018
Delhi, India
Sarvadeshik Arya Pratinidhi Sabha

दिनांक 25 मार्च 2018 को सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के कैम्प कार्यालय 15 हनुमान रोड, नई दिल्ली में सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा की अंतरंग बैठक का दोपरह 2 बजे से आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता सभा प्रधान श्री सुरेशचन्द्र आर्य ने की। सभा मन्त्री श्री प्रकाश आर्य जी ने गायत्री मन्त्रोच्चार के साथ बैठक का आरम्भ की। सर्वप्रथम दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई  सार्वदेशिक सभा के एकता प्रकरण के विषय में बैठक में विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में उपस्थित प्रान्तीय आर्य प्रतिनिधि सभाओं अधिकारियों एवं सभा के अन्तरंग  सदस्यो ने इस सम्बन्ध में खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। उपस्थित सदस्यों ने एकमत से कहा कि आर्यसमाज का अपना एक सिद्धान्त पक्ष है और इसकी मजबूती को देखते हुए सिद्धान्त पक्ष से कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। कोई कमजोर नीति का निर्णय नहीं किया जाना चाहिए। इस सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विमर्श करने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया जिसमें सर्वश्री धर्मपाल आर्य जी, मा. रामपाल जी, विनय आर्य जी, प्रकाश आर्य जी एवं श्री प्रेम भारद्वाज जी  à¤•à¥‹ सदस्य के रूप में सम्मिलित किया गया। समिति अपने सुझाव सभा के समक्ष रखेगी। यह भी निर्णय हुआ कि श्री प्रकाश आर्य जी, श्री विनय आर्य जी एवं सभा  à¤ªà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ सुरेशचन्द्र आर्य जी को जजों के सामने अपना पक्ष रखने के लिए अधिकृत किया जाए। आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब के महामन्त्री श्री प्रेम भारद्वाज जी ने पंजाब विश्वविद्यालय में दयानन्द चेयर को निरस्त करने का मामला उठाया। इस पर सर्वसम्मति प्रस्ताव पारित हुआ कि प्रत्येक सभा की ओर से राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के नाम इस सन्दर्भ में पत्र लिखा जाए। आर्यसमाजों की संपत्ति सुरक्षा के विषय में हिमाचल सभा के प्रधान श्री प्रबोधचन्द्र सूद जी ने बात रखी। निर्णय हुआ कि संपत्ति सुरक्षा के लिए नियम होने चाहिए।

इस सम्बन्ध में सभा प्रधान श्री सुरेशचन्द्र आर्य जी को समिति गठित करने के लिए अधिकृत किया गया। बैठक में अन्तरंग सदस्य श्री गंगा प्रसाद जी के मेघालय के राज्यपाल बनने à¤•à¥‡ बाद प्रथम बार पधारने पर सभी अधिकारियों ने पीत वस्त्र व शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। श्री गंगा प्रसाद जी ने कहा ‘‘मेरी जो भी उपलब्धि है वह आर्य समाज के कारण ही है। हमारे राजभवन में हमेशा शाकाहारी भोजन ही बनता है। मैंने शपथ ग्रहण करने के बाद हवन करके ही घर में प्रवेश किया था।’’ श्री गंगा प्रसाद जी ने आगे कहा ‘अन्धविश्वास बड़ी तेजी से बढ़ रहा है तथा मीडिया वाले भी इसे बढ़ाने को अपना कर्तव्य मानते हैं। ईसाईयों ने हमारे समाज को झूठा चमत्कार दिखाकर, समाज को गुमराह किया है। इन सबसे देश व समाज को बचाने के लिए आर्य समाज को और दृढ़ बनाने की जरूरत है।’’ गुरुकल देवघर के विषय में  à¤œà¤¾à¤¨à¤•à¤¾à¤°à¥€ देते हुए सभा प्रधान श्री सुरेशचन्द्र आर्य जी ने बताया कि शासन ने बिना पूर्व सूचना के प्राचीन गुरुकुल को तोड़ दिया, यह सनातन संस्कृति पर बड़ा आघात है। गुरुकुल हमारे महत्वपूर्ण स्थान हैं इसलिए शासन से क्यों न वही गुरुकुल बनाने की मांग की जाये? यदि सरकार हमारी बात नहीं मानती है तो वहां आन्दोलन किया जाये। इस पर चर्चा करते हुए यह निर्णय हुआ कि पहले आन्दोलन की पूरी रूपरेखा तैयार की जाए और इस सम्बन्ध में विरोध पत्र भेजे जावें। अन्तर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन के सम्बन्ध में श्री प्रकाश आर्य ने कहा कि सन् 2006 से यह कार्यक्रम चल रहा है कि अन्तर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन 5 वर्ष विदेश में होगा और 6वें वर्ष भारत में होगा। इसका लाभ भी मिला, नेपाल सिंगापुर एवं अन्य देशों में महासम्मेलन आयोजित हुए। इस वर्ष 25 से 28 अक्टूबर 2018 को दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में यह अन्तर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन आयोजित किया जाएगा। महाशय धर्मपाल जी को इस वर्ष आयोजित होने वाले महासम्मेलन के स्वाताध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। श्री प्रकाश आर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि सन् 2024 में महर्षि के जन्मदिवस को 200 वर्ष होंगे जिसे हम लोगों को विस्तृत रूप से मनाना है। अगर इसकी तैयारी अभी से प्रारम्भ की जावे तो 2024 में अभूतपूर्व विशाल कार्यक्रम करेंगे। 6 साल तक उसकी जानकारी जन-जन तक पहुंचाने की भावना से कार्यक्रम किये जावें। इस पर श्री विनय आर्य ने कहा कि इस वर्ष 2018 का यह महासम्मेलन वर्ष 2024 में महर्षि दयानन्द जी के द्वि जन्म शताब्दी वर्ष के शुभारम्भ के रूप में आयोजित होगा और उस वर्ष के  à¤µà¤¿à¤¶à¤¾à¤² सम्मेलन की रूपरेखा तय करेगा। प्रधान श्री सुरेश चन्द्र आर्य जी ने इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सभी प्रान्तीय सभाओं के पदाधिकारियों और उपस्थिति प्रतिनिधियों से कहा कि वे पूरी क्षमता से सहयोग करें ताकि सम्मेलन ऐतिहासिक बन सके। उन्होंने कहा कि देश विदेश में बड़ी-बड़ी सभाएं एवं बैठकों का आयोजन किया जाएगा। उन्होने प्रांतीय सभाओं के अधिकारियों से निवेदन किया कि वे देश के कोने-कोने में जाकर आर्यजनों को महासम्मेलन में पधारने के लिए आमन्त्रित करें। श्री विनय आर्य जी बताया कि यज्ञ की एकरूपता के विषय में कार्य चल रहा है और महासम्मेलन से पूर्व यज्ञ की एकरुपता पह्ति के प्रकाशन का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।  à¤‰à¤¨à¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि महाशय धर्मपाल जी ने अपने 95वें जन्मदिवस के अवसर पर वैदिक धर्म के प्रचार-प्रसार को बढ़ाने के लिए ‘महाशय धर्मपाल सार्वदेशिक प्रचारक निधि’ की स्थापना करने की घोषणा की है। इसके अन्तर्गत उपस्थित आर्य प्रतिनिधि सभाओं को अपने यहां यह निधि स्थापित करने के लिए 1 लाख इक्यावन हजार रुपये की राशि के चैक दिए जाएंगे। महाशय जी इस अवसर पर अपने एकाउंटेंट एवं सी.ए. को भी साथ लेकर आए है। बैठक लगतार 4 घंटे तक चली। बैठक में प्रान्तीय आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान, मन्त्री, अन्तरंग सदस्यों विशेष आमन्त्रित सदस्यों के रूप में भाग लिया और प्रचार प्रसार को बढ़ाने के लिए कार्य करने के लिए सभा का धन्यवाद किया। 

इस अवसर पर सार्वदेशिक सभा द्वारा देश विदेश में लिए जा रहे कार्यों को भी जानकारी हेतु साझा किया गया। - मन्त्री

 

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