Swami SHraddhanand Balidan Diwas

Swami SHraddhanand Balidan Diwas was organized by Arya Samaj Bazar Shraddhanand.

23 Dec 2018
India
Arya Samaj Bazar Shraddhanand

आर्य समाज मंदिर, बाजार श्रद्धानन्द अमृतसर में स्वामी  श्रद्धानन्द जी का बलिदान दिवस प्रधान शशि कोमल की अध्यक्षता में श्रद्धापूर्वक मनाया गया | कार्यक्रम का शुभारम्भ समज सेवक अशोक कपूर द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया | इस मौके पर स्वामी वेद प्रकाश सरस्वती जी ने स्वामी श्रद्धानन्द जी के जीवन पर प्रकाश डाला | उन्होंने बताया कि स्वामी श्रद्धानन्द जी का बलिदान दिवस अजेय प्रेरणा का प्रतीक है | आर्य धर्म की परम्पराएं त्याग और बलिदान पर आधारित रही है | महर्षि दयानन्द और धर्मवीर लेखराम के बलिदान और उसके बाद भी लक्ष्य के लिए प्राणों की आहुति देने की कड़ी परम्परा टूटी नहीं है | स्वामी श्रद्धानन्द ने उनकें ही आदर्शो को पूरा करते हुए उस बलिदान की परम्परा को आगे बढ़ाया | स्वामी श्रद्धानन्द जी महाराज ने अपने धर्म के लिए, महर्षि दयानन्द के कार्यों को पूरा करने के लिये अपने आपको सर्वात्मना समर्पित किया हुआ था | मुंशीराम से यात्रा प्रारम्भ करके महात्मा मुंशीराम बने और महात्मा मुंशीराम के स्वामी श्रद्धानन्द बने | स्वामी श्रद्धानन्द जी की एक विशेषता यह थी कि उन्होंने कभी भी विपरीत प्रस्तिथियों से मुँह नहीं मोड़ा | चुनौतियों का, कठिनाईयों का, मुसीबतों का सामना किया और अपने उद्देश्य प्राप्ति के लिए निरंतर बढ़ते रहे | कोई भी बाधा, कोई भी चुनौती उन्हें धर्म मार्ग से विचलित नहीं कर सकी | यही कारण था कि वे इतने महान कार्यों को करने में सफल हुए | इससे पहले आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब के प्रसिद्ध भजनोपदेश श्री अरुण कुमार विद्यालंकार ने आए श्रद्धालुओं को भजनों के माध्यम से मंत्रमुग्ध किया | इस दौरान प्रधान शशि कोमल ने मेहमानों और अधिकारीयों के साथ मिल कर 2019 के कैलेंडर को भी जारी किया | मंच संचालन की भूमिका वैदिक प्रवक्ता पंडित पवन त्रिपाठी द्वारा बखूबी निभाई गई | इस मौके पर आर्य समाज के संरक्षक ओम प्रकाश भाटिया, महामंत्री पुरुषोत्तम चंद शर्मा, मंत्री संजय गोस्वामी, उप प्रधान पवन टंडन, रमन वाही, रवि दत्त आर्य, बलराज जूली, राकेश मेहरा, इन्द्रपाल आर्य, प्रो. अरुण महाजन, स्वराज ग्रोवर, विद्या सागर आदि शहर के गणमान्य आर्य जन उपस्थित थे |

 

92nd Swami Shraddhanand Balidan Diwas

Swami Shraddhanand Balidan Diwas