Ninth Annual Festival

Ninth Annual Festival was organized by Gurukul Haripur.

28 Jan 2019
India
Gurukul Haripur Junvani

परमपिता परमात्मा की असीम अनुकम्पा से सहृदयी दानदाता महानुभावों के सहयोग व गुरुकुल हितैषी दिव्यत्माओं के परोक्ष-प्रत्यक्ष उपस्तिथि में गुरूकुल हरिपुर, जुनानी जि. नुआपाड़ा ओड़िशा का त्रिदिवसीय वार्षिक महोत्सव 26,27,28 जनवरी 2019 को अनेक प्रेरक कार्यक्रमों के साथ गुरुकुल के संचालक डा. सुदर्शन देव आचार्य जी के सान्निध्य में गुरुकुल के आचार्य, उपाचार्य एवं कर्मठ कार्यकर्ताओं के पुरुषार्थ से निर्विघ्न्न संपन्न हुआ |

गुरुकुल के विशिष्ट सहयोगी दिल्ली से पधारे आर्यजनों के शुभकरकमलों से ओ३म् ध्वजा एवं श्री बसन्त कुमार पण्डा राज्य भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तथा श्री सोमनाथ पात्र के शुभकरकमलों से तिरंगा पताका उत्तोलन के साथ त्रिदिवसीय महोत्सव का शुभारम्भ हुआ |

महोत्सवीय अवसर पर लगभग सौ साधू-सन्तों का शाल एवं नगद राशि से सम्मान, विधवा, दिव्यांग, अनाथों को साड़ी, शाल एवं कम्बल वितरण, छ: आदर्श गृहस्थी वानप्रस्थ दीक्षा से दीक्षित एवं पचास के लगभग श्रद्धालु महानुभावों यज्ञोपवीत धारण किये, पूज्य विद्वानों के द्वारा राष्ट्रोन्नति एवं आध्यात्मिक विषयक प्रवचन, गुरुकुल के ब्रह्मचारियों के द्वारा बौद्धिक एवं शारीरिक प्रतिभा प्रदर्शन जिसमें 19 ब्रह्मचारी अष्टाध्यायी, धातुपाठ, लिंगानुशाशन, उणादिकोष, पारिभाषिक, गणपाठ, निघण्टु, मीमांसा अतिरिक्त पांच दर्शन, छन्द: शास्त्र, काव्यालंकार, वर्णोच्चारण शिक्षा, अर्योदेश्य रत्नमाला, ईशोपनिषद्, पुरुष सूत्तक इन ऋषिकृत ग्रन्थों को आघोपन्त सुनाये तथा नाटिका, गीतिका, कबाली एवं विविध शिक्षाप्रद सांस्कृतिक कार्यक्रम ब्रह्मचारियों के द्वारा प्रदर्शन किया गया |

नवम वार्षिक महोत्सव की सबसे बड़ी उपलब्धि अनेक आदर्श परिवार दैनिक अग्निहोत्र करने का संकल्प लिये एवं ब्रह्चारियों के द्वारा बलि प्रथा व मूर्ति पूजा से हानि गीतिका व नाटिका प्रस्तुति से प्रभावित होकर अनेक सज्जन मूर्ति पूजा नहीं करने का व्रत लेकर यज्ञोपवीत धारण किये |

गुरुकुल के संरक्षक श्री खुशहालचन्द्र जी आर्य कोलकाता की अध्यक्षता में एवं श्री सुरेन्द्र कुमार जी बुद्धिराजा, श्री वेदप्रकाश जी मिगलानी ले मुख्यातिथ्य में गुरुकुल सम्मलेन कार्यक्रम का आयोजन किया गया |

महोत्सव में पधारे ओड़िशा के बीस जिलों से व भारत के छ.ग. झारखण्ड, म.प्र.आ.प्र दिल्ली, राजस्थान, कोलकाता, गुजरात आदि प्रदेशों के सहस्नाधिक श्रद्धालु महानुभावों को आशीर्वचन एवं मार्गदर्शन हेतु स्वामी शान्तानन्द सरस्वती, गुजरात, पूज्य डा. देवव्रत आचार्य जी, आचार्य ब्रह्मदत्त जी कोलकाता, स्वामी आत्मानन्द सरस्वती, स्वामी स्वतन्त्रानन्द सरस्वती, ओड़िशा ब्र. श्यामानन्द आर्य भजनोपदेशक कोलकाता उपस्थित थे |

 

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