Kashi Mahasammelan - Day 1

Grand Opening of Swarn Shatabdi Vaidik Dharm Mahasammelan organised by Sarvadeshik Arya Pratinidhi Sabha & Arya Pratinidhi Sabha Uttar Pradesh

11 Oct 2019
Uttar Pradesh, India
Sarvadeshik Arya Pratinidhi Sabha

गुजरात राजभवन में हर रोज होता है यज्ञ...आचार्य देवव्रत राज्यपाल गुजरात 
स्वामी दयानंद ने वेदों का प्रमाण देकर कुरूतियों विधवा विवाह आदि कुप्रथाओं पर आघात किया.. आचार्य देवव्रत राज्यपाल गुजरात
स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपना सारा जीवन समाज उत्थान को दिया.. राज्यपाल सिक्किम 
आर्यसमाज संगठन की ओर से काशी में महर्षि दयानंद सरस्वती के प्रसिद्ध काशी शास्त्रार्थ की 150 वी वर्षगांठ के अवसर पर 11 से 13 अक्टूबर, 2019 तक तीन दिवसीय स्वर्ण शताब्दी वैदिक धर्म महासम्मेलन का शुभारम्भ हुआ शुक्रवार से नरिया लंका में शुरू हुए इस तीन दिवसीय कार्यक्रम आरम्भ  वैदिक यज्ञ के साथ किया गया. जिसके ब्रह्मपद को आचार्य नंदिता एवं गुरुकुल पाणिनि महाविद्यालय की ब्रहमचारिणयों ने शुशोभित किया. देश भर से आये आर्य समाज के हजारो कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में पद्म भूषण महाशय धर्मपाल गुलाटी द्वारा ध्वजारोहण किया गया. विशाल संख्या में आर्यजनों, महिलाएं, युवाओं ने आर्य समाज स्वामी दयानन्द सरस्वती जी एव वैदिक नारों के साथ आकाश गुंजायमान हो उठा.
इस अवसर पर एमडीएच समूह के चेयरमैन पद्म भूषण महाशय धर्मपाल गुलाटी, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, सिक्किम के राज्यपाल गंगाप्रसाद चौरसिया, महापौर वाराणसी मृदला जायसवाल सन्यासी गण एवं सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा प्रधान सुरेशचन्द्र आर्य, उत्तरप्रदेश आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान स्वामी धर्मेश्वरानन्द समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे.
उल्लेखनीय है कि आज से 150 वर्ष पहले महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने मंगलवार 16 नवम्बर, 1869 को काशी के आनन्दबाग में लगभग पांच हजार दर्शकों की उपस्थिति में विद्यानगरी काशी के शीर्षस्थ 30 पण्डितों से अकेले मूर्तिपूजा पर शास्त्रार्थ हुआ था. घटना के उपलक्ष्य में सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के निर्देशन में आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा काशी शास्त्रार्थ स्मृति न्यास के संयुक्त तत्वावधान में काशी शास्त्रार्थ की 150 वी वर्षगांठ मनाई जा रही है.
मंच से संबोधित करते हुए सार्वदेशिक सभा के उपमंत्री विनय आर्य ने कहा स्वामी दयानंद सरस्वती ने शिक्षा की नगरी काशी से अपने विचार दुनिया को दिए. उन्होंने राष्ट्र के नैतिक मूल्यों की रक्षा करने तथा विभाजनकारी शक्तियों से एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया. अंधविश्वास और पाखंड से दूर रहने सन्देश दिया. इस अवसर पर महापौर मृदला जायसवाल ने कहा स्वामी दयानंद सरस्वती ने कुरूतियों पर हमला करते हुए नारी शिक्षा के द्वार खोले. सुरेश चन्द्र आर्य ने अपने उदबोधन से सभी कार्यकर्ताओं शुभकामनायें देते हुए आर्य समाज के प्रचार-प्रसार तथा सभी से वेदों के बताये मार्ग पर चलने आह्वान किया. कार्यक्रम का संचालन विनय आर्य व अध्यक्षता सुरेश चन्द्र आर्य ने की. इस अवसर पर देश विदेश से पांच हजार से अधिक आर्य समाज से जुड़ें महिलाए, पुरुष, छात्र छात्राएं पहुंचे है...
 
कार्यक्रम के वीडियो आर्य समाज के यूट्यूब चैनल पर देखे जा सकते हैं 

 

125th Maharshi Dayanand Saraswati Nirvan Utsav