इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नागरिकता का अधिकार कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं?
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Rajeev ChoudharyDate
04-Jan-2017Category
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HindiTotal Views
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Sandeep AryaUpload Date
04-Jan-2017Download PDF
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पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से आठशरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को लेकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दिकà¥à¤•à¤¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ है?’’
अलगाववादियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤• बार फिर कशà¥à¤®à¥€à¤° घाटी में बनà¥à¤¦ का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ किया है। हर बार की तरह बनà¥à¤¦ के आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ के कारण में वही कलà¥à¤·à¤¿à¤¤ मानसिकता की à¤à¤²à¤• दिखाई दे रही जो पिछले तीन दशकों से घाटी को अशांत किये हà¥à¤ है। इस बार बंटवारे के समय पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से à¤à¤¾à¤—कर जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° आठपरिवारों को आवास पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤° देने का मामला पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में तूल पकड़ रहा है। हाल ही में महबूबा मà¥à¤«à¥à¤¤à¥€ सरकार ने विà¤à¤¾à¤œà¤¨ के समय पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से à¤à¤¾à¤—कर जमà¥à¤®à¥‚ आठलोगों को आवास पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤° देने का à¤à¤²à¤¾à¤¨ किया था। इस विवाद के कारण à¤à¤• बार फिर पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• आधार पर बंट गया है। सरकार का कहना है कि इस फैसले का मकसद इन परिवारों को केंदà¥à¤° सरकार की नौकरियों में आवेदन करने की योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ देना है। पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ सरकार के पास à¤à¤¸à¥‡ करीब 19,960 परिवारों का रेकॉरà¥à¤¡ है। सरकार का कहना है कि आवासीय पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£-पतà¥à¤° की मदद से ये परिवार खà¥à¤¦ को à¤à¤¾à¤°à¤¤ का नागरिक दिखाकर नौकरियों व अनà¥à¤¯ जरूरी फायदों के लिठआवेदन कर पाà¤à¤‚गे। इस मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ को लेकर ना केवल कशà¥à¤®à¥€à¤° और जमà¥à¤®à¥‚ के बीच, बलà¥à¤•à¤¿ इन दोनों की राजनैतिक पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बीच à¤à¥€ लकीर खिंच गई है।
बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ वानी की मौत पर सवाल उठाने वाले कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ और तथाकथित सेकà¥à¤²à¤° दल इस मामले से किनारा सा करते नजर आ रहे हैं। लेकिन पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ रिफà¥à¤¯à¥‚जी à¤à¤•à¥à¤¶à¤¨ कमिटी के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· लाठराम गांधी ने सरकार के फैसले का विरोध करने वालों की निंदा करते हà¥à¤ कहा, ‘‘सरकार रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का समरà¥à¤¥à¤¨ करे, इससे किसी को परेशानी नहीं है, लेकिन पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से आठशरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को लेकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दिकà¥à¤•à¤¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ है?’’ आखिर इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नागरिकता का अधिकार कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं? कà¥à¤¯à¤¾ अलगाववादी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¿à¤°à¥‹à¤§à¥€ हैं? कà¥à¤¯à¤¾ वह घाटी की तरह जमà¥à¤®à¥‚ को मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® बहà¥à¤² कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में बदलना चाहते हैं? आधिकारिक आंकड़ों के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° में करीब 13,384 विदेशी à¤à¥€ रहते हैं। इनमें बरà¥à¤®à¤¾ से आये रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® à¤à¥€ शामिल हैं। दरअसल पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से à¤à¤¾à¤—कर आठशरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पहली बार किसी सरकार ने पहचान पतà¥à¤° देने का फैसला किया है। जबकि यह लोग जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° सरकार को पूरा हाउसिंग टैकà¥à¤¸ à¤à¥€ देते हैं। इस सबके बावजूद à¤à¥€ इनके असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ पर सवाल उठाया जा रहा है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ?
पिछले दिनों ही ओपन सोरà¥à¤¸ इंसà¥à¤Ÿà¥€à¤Ÿà¥à¤¯à¥‚ट के à¤à¤•à¥à¤œà¥€à¤•à¥à¤¯à¥‚टिव डायरेकà¥à¤Ÿà¤° तà¥à¤«à¥ˆà¤² अहमद दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सवालिया निशान लगाते हà¥à¤ पूछा गया था कि हाल के महीनों में मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार से आ रहे रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° में कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बसाया जा रहा है? अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ है कि अà¤à¥€ करीब 36000 रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ शरणारà¥à¤¥à¥€ असम, पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल, केरल, आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, दिलà¥à¤²à¥€ और जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° सहित à¤à¤¾à¤°à¤¤ के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में रह रहे हैं। कठिनाई के वकà¥à¤¤ किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को à¤à¥‹à¤œà¤¨ और आशà¥à¤°à¤¯ उपलबà¥à¤§ कराना इंसानी सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ है। लेकिन à¤à¤• बड़ा सवाल यह है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार इन शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° में ही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बसा रही है, जहां इसà¥à¤²à¤¾à¤® और पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के कारण जिहादी पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ का संघरà¥à¤· छिड़ा हà¥à¤† है? हिनà¥à¤¦à¥‚ शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के इस मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ पर सà¤à¥€ सरकारी और गैर सरकारी लोग इतने बैचेन कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दिखाई दे रहे हैं। दूसरी ओर मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार की सरकार ने कहा कि रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ और बौ(ों के बीच संघरà¥à¤· में जिहादी ततà¥à¤µ शामिल हैं। इस साल सशसà¥à¤¤à¥à¤° रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® उगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने हमला कर हमारे करीब 17 जवानों की हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी थी। जिसके जवाब में à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार को बरà¥à¤®à¤¾ में सरà¥à¤œà¤¿à¤•à¤² सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤• करनी पड़ी थी 30 सितंबर, 2013 को जारी अपने बयान में अलकायदा के सरगना उसà¥à¤¤à¤¾à¤¦ फारूक ने मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार, थाईलैंड, शà¥à¤°à¥€à¤²à¤‚का और à¤à¤¾à¤°à¤¤ में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤•à¥‹à¤‚ का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ उठाया था। इसे अलकायदा की लà¥à¤• ईसà¥à¤Ÿ पॉलिसी कहा जा सकता है। फारूक ने दà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¸à¤¿à¤• रूप से à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार को चेतावनी दी थी कि कशà¥à¤®à¥€à¤°, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के बाद असम में हà¥à¤ˆ हिंसा का बदला लिया जाà¤à¤—ा। पहले ही असम के मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ में जिस कदर कटà¥à¤Ÿà¤°à¤¤à¤¾ बॠरही है वह हमारी चिंताओं में लगातार इजाफा कर रही है।
यदि इस पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग में बात संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दी गई शरणारà¥à¤¥à¥€ या अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤•à¥‹à¤‚ की परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ की करें तो मैं नहीं समठपाता कि यह परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में रहने वाले हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं पर लागू होती है या नहीं! लेकिन वे सरेआम उनको शरणारà¥à¤¥à¥€ मानने को तैयार नहीं हैं। आखिर कोई à¤à¥€ दल या सरकार इन हिनà¥à¤¦à¥‚ शरणारà¥à¤¥à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ के किसी à¤à¥€ सà¥à¤–-दà¥à¤– को समà¤à¤¨à¥‡ को तैयार कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं है? जबकि मैं इससे à¤à¥€ आगे जाकर à¤à¤• बात और कहना चाहता हूं कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के अंदर रहने वाले हिनà¥à¤¦à¥‚ या वहां से आने वाले हिनà¥à¤¦à¥‚ ये वो लोग हैं जो देश के विà¤à¤¾à¤œà¤¨ के समय हमारे नेतृतà¥à¤µ पर à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ करके वहां पर रह गये थे और वहां से कà¥à¤› वापस आ गये थे। पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ या बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ से आये हिनà¥à¤¦à¥‚ उपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ हैं और उसकी तरफ किसी का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं है। जबकि वो लोग वहां से जान नहीं सिरà¥à¤« अपना धरà¥à¤® बचाकर à¤à¤¾à¤— आये हैं। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जान तो धरà¥à¤® बदलकर à¤à¥€ बच सकती थी। आखिर कब सरकार इस तरफ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देगी?
पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से आये हिनà¥à¤¦à¥‚ शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की बात हो या घाटी से विसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ पंडितों की, हमेशा यह सोचकर मामले को टाल दिया जाता है कि सारा मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ तबका नाराज हो जाà¤à¤—ा। जबकि यह बात सच नहीं है। कà¥à¤› लोग होंगे और à¤à¤¸à¥‡ लोग सब जगह होते हैं। जो हर जगह à¤à¤¸à¥€ सोच का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ करते हैं। जब तक राजनीति या राजनीतिक निरà¥à¤£à¤¯ इस तरह के दबाव में होते हैं तो वोट बैंक की राजनीति के परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प उन लोगों की चिंता à¤à¥€ नहीं कर पाते जिनकी चिंता करना हमारा करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है। मानवाधिकार के नाते हमारी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ बनती है कि हमारे नेतृतà¥à¤µ का à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ करके यदि वे आना चाहते हैं तो उनकी चिंता करें। यदि उनकी चिंता हम नहीं करेंगे तो कौन करेगा? हम उनकी नागरिकता की बात को उठाà¤à¤‚, यह हमारी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है। अगर हम इन विषयों को उठाà¤à¤‚गे तो अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संगठन à¤à¥€ इसका संजà¥à¤žà¤¾à¤¨ लेंगे तà¤à¥€ इस समसà¥à¤¯à¤¾ का हल होगा। वरना यह कलà¥à¤·à¤¿à¤¤ मानसिकता हमेशा नये खतरे पैदा करती रहेगी!!...राजीव चौधरी
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