बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¨ में अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ का विरोध


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Dr. Ved Prtap VedicDate
22-Mar-2017Category
लेखLanguage
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Sandeep AryaUpload Date
22-Mar-2017Download PDF
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दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सà¤à¥€ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ को बहà¥à¤à¤¾à¤·à¥€ या कम से कम दà¥à¤µà¤¿à¤à¤¾à¤·à¥€ होना चाहिठताकि उनका लाठसबको मिल सके।
यह अपने आप में बड़ी खबर है कि बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¨ के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ के à¤à¤•à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤° के विरà¥à¤¦à¥à¤§ आवाज उठा रहे हैं। यà¥à¤†à¤¨ गोंजालीज़, विलियम सदरलैंड और तातà¥à¤¸à¥à¤† अमानो नामक वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ ने à¤à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨-पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ में लेख लिखकर इस बात पर नाराजी जाहिर की है कि आजकल विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ संबंधी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° शोधकारà¥à¤¯ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में होता है। गैर-अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ लोग à¤à¥€ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करते हैं। इसका à¤à¤• बà¥à¤°à¤¾ नतीजा यह होता है कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° लोग इन नठशोध-कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का फायदा नहीं उठा पाते हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने चीन का उदाहरण दिया। 2004 में चीन में लाखों पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को नहीं बचाया जा सका, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वहां के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ को अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में लिखे नà¥à¤¸à¥à¤–े समठमें नहीं आà¤à¥¤ इसका उलà¥à¤Ÿà¤¾ à¤à¥€ सतà¥à¤¯ होता है। रà¥à¤¸ और जापान के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• अपना शोध-कारà¥à¤¯ अपनी à¤à¤¾à¤·à¤¾ में करते हैं, जिसका लाठदà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के कई देश तब तक उठा ही नहीं पाते, जब तक कि उनका अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में ठीक-ठाक अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ न हो जाà¤à¥¤ बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¨ के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ का आगà¥à¤°à¤¹ है कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सà¤à¥€ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ को बहà¥à¤à¤¾à¤·à¥€ या कम से कम दà¥à¤µà¤¿à¤à¤¾à¤·à¥€ होना चाहिठताकि उनका लाठसबको मिल सके।
इन वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ का à¤à¤• तरà¥à¤• यह à¤à¥€ है कि पराई à¤à¤¾à¤·à¤¾ में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤¨à¤¾ और पà¥à¤¾à¤¨à¤¾ आपकी मौलिकता नषà¥à¤Ÿ करता है। विदेशी à¤à¤¾à¤·à¤¾ को माधà¥à¤¯à¤® बनाने से आपके सोच-विचार का तरीका बदलने लगता है और बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ पर à¤à¥€ बोठबॠजाता है। अजनबी à¤à¤¾à¤·à¤¾ के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— में बौदà¥à¤§à¤¿à¤• शकà¥à¤¤à¤¿ का अपवà¥à¤¯à¤¯ होता है। विदेशी माधà¥à¤¯à¤® सहज नहीं होता। विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के अनेक महारथी कोपरनिकस, नà¥à¤¯à¥‚टन, केपलरà¥à¤¸ आदि ने अपनी खोजें लेटिन में ही की थीं। किसी जमाने में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की मà¥à¤–à¥à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ जरà¥à¤®à¤¨ ही थी। इसका मतलब यह नहीं कि गैर-अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¾à¤¨à¤¿à¤• अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ न सीखें या अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में काम न करें। इन वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ की जोर इसी बात पर है कि अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ के शोध-पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ को अनà¥à¤¯ विदेशी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ या सार-संकà¥à¤·à¥‡à¤ª जरà¥à¤° दिया जाठऔर विदेशी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में होनेवाले शोध का अता-पता अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€à¤¦à¤¾à¤‚ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ मिलता रहे। कà¥à¤¯à¤¾ हमारे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• इन अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ की राय पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देंगे? à¤à¤¾à¤°à¤¤-जैसे पूरà¥à¤µ-गà¥à¤²à¤¾à¤® देशों में अà¤à¥€ à¤à¥€ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ तो कà¥à¤¯à¤¾, सà¤à¥€ शोध-कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ का à¤à¤•à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤° चला आ रहा है। डॉ. वेदपà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª वैदिक
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