जोखिम à¤à¤°à¤¾ है हलाला
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Rajeev ChoudharyDate
27-Apr-2017Category
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HindiTotal Views
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27-Apr-2017Download PDF
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आप à¤à¤• तलाकशà¥à¤¦à¤¾ औरत की हालत नहीं समठसकते. उस दरà¥à¤¦ को à¤à¤•à¤¾à¤•à¥€à¤ªà¤¨ को नहीं समठसकते. कà¥à¤› औरतें जैसा महसूस ï
बात किसी धरà¥à¤®-मजहब या समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ की नहीं है. बात है इंसानी संवेदनाओं की जो हमें à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ से जोड़कर à¤à¤• परिवार, समाज, देश और दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ बनाती है. तीन तलाक और हलाला के खिलाफ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में नहीं पà¥à¤°à¥‡ विशà¥à¤µ में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिलाà¤à¤‚ मà¥à¤–र हो चली है. हाल ही में à¤à¤• मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिला ने अपना वीडियो अपलोड कर तलाक और हलाला के खिलाफ जमकर मोरà¥à¤šà¤¾ खोला. जिसमें तलाक से दà¥à¤–ी उस महिला ने मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिलाओं को हिनà¥à¤¦à¥‚ अपनाने की à¤à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ दे डाली. दरअसल मौखिक तलाक और उसके बाद हलाला अब सिरà¥à¤« धरà¥à¤® विशेष के धारà¥à¤®à¤¿à¤• कानून की आड़ में शारारिक शोषण और वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° का हिसà¥à¤¸à¤¾ बनता जा रहा है. बीबीसी की à¤à¤• पड़ताल में पता चला है कि तलाकशà¥à¤¦à¤¾ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिलाओं को इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• विवाह शà¥à¤¹à¤²à¤¾à¤²à¤¾à¤¶à¥ का हिसà¥à¤¸à¤¾ बनाने के लिठकई ऑनलाइन सेवाà¤à¤‚ उनसे हजारों पाउंड की कीमत वसूल रही हैं. इन मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिलाओं हलाला का हिसà¥à¤¸à¤¾ बनने के लिठपहले पैसे देकर à¤à¤• अजनबी से शादी करनी होती है, उसके साथ शारारिक संबध बनाने होते है, फिर उस अजनबी को तलाक़ देना होता है ताकि वे अपने पहले पति के पास लौट सकें.
फराह जब 20 साल की थीं तब परिवारिक दोसà¥à¤¤ के माधà¥à¤¯à¤® से उनकी शादी हà¥à¤ˆ. दोनों के बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¥€ हà¥à¤, लेकिन फराह का कहना है कि आगे चलकर उनकी पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¨à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ हो गई. फराह बताती हैं, शà¥à¤¶à¥à¤®à¥ˆà¤‚ घर में अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के साथ थी और वो काम पर थे. à¤à¤• गरà¥à¤®à¤¾à¤—रà¥à¤® बहस के दौरान उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• टेकà¥à¤¸à¥à¤Ÿ मैसेज à¤à¥‡à¤œà¤¾- तलाक़, तलाक़, तलाक.शà¥à¤¶à¥ यह तीन तलाक है जिसमें पति अपनी पतà¥à¤¨à¥€ को तीन बार तलाक़ कहता है. मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ के बीच यह पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¨ में है और à¤à¤¸à¤¾ कहने से इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• विवाह ख़तà¥à¤® हो जाता है. फराह का कहना है कि वह बà¥à¤°à¥€ तरह से घबरा गई थीं, लेकिन वह अपने पूरà¥à¤µ पति के पास लौटना चाहती थीं. लेकिन हलाला à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° उपाय है जिसके सहारे तलाक़शà¥à¤¦à¤¾ जिंदगी ख़तà¥à¤® हो सकती है और विवाह को फिर से बहाल किया जा सकता है. लेकिन कई मामलों में जो महिलाà¤à¤‚ हलाला चाहती हैं, उनके लिठयह जोखिम à¤à¤°à¤¾ रहता है. मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ के à¤à¤• बड़े वरà¥à¤— का मानना है कि आरà¥à¤¥à¤¿à¤• रूप से इनका दोहन किया जाता है, बà¥à¤²à¥ˆà¤•à¤®à¥‡à¤² किया जाता है और यहां तक की यौन पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¨à¤¾ का à¤à¥€ सामना करना पड़ता है.
फराह हताशा के कारण अपने पति से जà¥à¥œà¤¨à¤¾ चाहती थीं. फराह ने हलाला को अंजाम देने वाले लोगों की तलाश शà¥à¤°à¥‚ की. जिसमें कई लोग तो ऑनलाइन इस हलाला के जिसà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥€ और आरà¥à¤¥à¤¿à¤• कारोबार से जà¥à¥œà¥‡ है जो à¤à¤• रात के दो से ढाई लाख रूपये वसूलते है. फराह बताती है शà¥à¤¶à¥à¤®à¥ˆà¤‚ जानती थी कि जो लड़कियां परिवार से पीछे छूट गई थीं, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वापसी के लिठà¤à¤¸à¤¾ किया. वे मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ गईं. वहां पर à¤à¤• ख़ास कमरा होता है जिसे बंद कर दिया जाता है. यहां इमाम या कोई और इसे अंजाम देता है. वह महिला के साथ सोता है और वह अनà¥à¤¯ लोगों को à¤à¥€ उस महिला के साथ सोने की इजाजत देता है.शà¥à¤¶à¥ फराह ने आख़िर में तय किया कि वो अपने पूरà¥à¤µ पति के साथ नहीं जाà¤à¤‚गी और न ही हलाला का रासà¥à¤¤à¤¾ अपनाà¤à¤‚गीं. वो कहती हैं, आप à¤à¤• तलाकशà¥à¤¦à¤¾ औरत की हालत नहीं समठसकते. उस दरà¥à¤¦ को à¤à¤•à¤¾à¤•à¥€à¤ªà¤¨ को नहीं समठसकते. कà¥à¤› औरतें जैसा महसूस करती हैं आपको अंदाजा à¤à¥€ नहीं होता.
यह सिरà¥à¤« à¤à¤• मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिला की कहानी नहीं है अमूमन हर जगह किसी न किसी के साथ यह घटना घट रही है. विवाह जैसी पवितà¥à¤° रसà¥à¤® की मौखिक रूप तीन बार तलाक कहकर धजà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ उड़ा दी जाती और à¤à¤• महिला को उसके हालात पर छोड़ दिया जाता यदि किसी कारण उसे अपनाना à¤à¥€ चाहें तो à¤à¤• इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• कानून के तहत उसे हलाला जैसे अमानवीय कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾ से गà¥à¤œà¤°à¤¨à¤¾ पड़ता है. आज इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤§à¤¾à¤° को लेकर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में के मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ इसà¥à¤²à¤¾à¤® के जानकर इसमें सà¥à¤§à¤¾à¤° करने की बात को दबे सà¥à¤µà¤° ही सही लेकिन उठा रहे है. लेखक, विचारक तà¥à¤«à¥ˆà¤² अहमद लिखते है कि इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ सà¥à¤§à¤¾à¤° के बारे में à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सवाल ये है कि- कà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ यà¥à¤µà¤¾ पीà¥à¥€ अपने माता-पिता और इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ मौलवियों से विरासत में मिले विचारों का तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर सकती है? सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से, इतिहास से हमें आशावादी सबक मिलते हैं- यà¥à¤µà¤¾ पीà¥à¥€ ने इटली और जरà¥à¤®à¤¨à¥€ में नाजीवाद और फासीवाद को लेकर अपने माता-पिता की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं को तà¥à¤¯à¤¾à¤— दिया था. à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¥€, हिंदू यà¥à¤µà¤¾à¤“ं ने जाति और सती पà¥à¤°à¤¥à¤¾ का तà¥à¤¯à¤¾à¤— किया. ईसाई धरà¥à¤® और यहूदीवाद ने आंतरिक संघरà¥à¤· à¤à¥‡à¤²à¥‡, बाइबल और टोरा आम लोगों की जिंदगी से हट गया. चूंकि मधà¥à¤¯ पूरà¥à¤µà¥€ धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ में इसà¥à¤²à¤¾à¤® सबसे कम उमà¥à¤° का है, तो उमà¥à¤®à¥€à¤¦ की जा सकती है. कि तीन तलाक आदि कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾à¤“ं पर सही फैसला हो. कà¥à¤°à¤¾à¤¨ की à¤à¥‚मिका मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ तक सीमित होनी चाहिà¤. न की उसका हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª सामानà¥à¤¯ जीवन में.
मेरा मकसद किसी à¤à¤• कौम को निशाना बना कर उसके मजहब का मजाक उड़ाना नहीं है. हम अगर किसी बात को नहीं मानते तो जरूरी नहीं कि सब न मानें, लेकिन ये सोचना जरूरी है कि कà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ ये समà¤à¤¤à¥‡ हैं कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में उनको à¤à¤• आने वाले बेहतर कल के लिठकिस किसà¥à¤® की सोच से छà¥à¤Ÿà¤•à¤¾à¤°à¤¾ पाना जरूरी है? मैं टीवी आदि पर या नà¥à¤¯à¥‚ज पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® की बहस देखता हूठकि हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का à¤à¤• धडा परà¥à¤¸à¤¨à¤² लॉ बोरà¥à¤¡ को बचाने में लगे हà¥à¤ हैं, पिछले माह ही केरल हाई कोरà¥à¤Ÿ के à¤à¤• यह कहते हà¥à¤ ही जज ने सवाल उठाया कि अगर à¤à¤• मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ मरà¥à¤¦ चार बीवियां रख सकता है, तो à¤à¤• मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिला चार पति कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं रख सकती? कोà¤à¤¿à¤•à¥‹à¤¡ में महिलाओं के à¤à¤• सेमिनार में जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ बी कमाल पाशा ने कहा था मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® परà¥à¤¸à¤¨à¤² लॉ बोरà¥à¤¡ में महिलाओं से जà¥à¥œà¥‡ कई मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ को लेकर à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ है.ख़ासकर दहेज, तलाक़ और उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤° के मामले पर à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ होता है और जिन धारà¥à¤®à¤¿à¤• नेताओं ने ये हालात पैदा किठहैं, वे इससे पीछा छà¥à¥œà¤¾à¤•à¤° नहीं à¤à¤¾à¤— सकते.” चूंकि कà¥à¤°à¤¾à¤¨ और हदीस में बदलाव नहीं हो सकते, तो कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ के बीच परिवरà¥à¤¤à¤¨ लाने का कोई रासà¥à¤¤à¤¾ है?
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