गारंटी दो, फिर बेटी बचाà¤à¤‚गे!!
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Rajeev ChoudharyDate
24-May-2017Category
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जबकि हरियाणा ही वह राजà¥à¤¯ है जहां से पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढाओं अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ की श
हरियाणा के रेवाड़ी में सà¥à¤•à¥‚ली छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं के कई दिनों के अनशन के बाद समाचार पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ की खबर बनी कि “रेवाड़ी की छोरियों ने सरकार को à¤à¥à¤•à¤¾ दिया. राजà¥à¤¯ के शिकà¥à¤·à¤¾ विà¤à¤¾à¤— ने सà¥à¤•à¥‚ल के “अपगà¥à¤°à¥‡à¤¡à¤¶à¤¨” का नोटिस जारी कर दिया है जिसकी à¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अनशन पर बैठीं छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं को à¤à¥€ दी गई है. “à¤à¤²à¥‡ ही लोग इस घटना को छेड़छाड़ से पीड़ित छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं की जीत के तौर पर देख रहे हो लेकिन सच यह कि इस पà¥à¤°à¥‡ घटनाकà¥à¤°à¤® में वो अराजक ततà¥à¤µ, जीत गये जो हर रोज छेड़छाड़ की घटना को अंजाम देते थे और पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ उनके आगे हार गया.” गौरतलब है कि 10 मई को राजà¥à¤¯ के रेवाड़ी के गोठड़ा टपà¥à¤ªà¤¾ डहेना गांव की तकरीबन 80 सà¥à¤•à¥‚ली छातà¥à¤°à¤¾à¤à¤‚ à¤à¥‚ख हड़ताल पर बैठगई थीं. उनकी मांग थी कि उनके गांव के सरकारी सà¥à¤•à¥‚ल को 10 वीं ककà¥à¤·à¤¾ से बà¥à¤¾à¤•à¤° 12वीं तक किया जाà¤. दरअसल गांव में सà¥à¤•à¥‚ल न होने के चलते इन लड़कियों को 3 किलोमीटर दूर दूसरे गांव के सà¥à¤•à¥‚ल जाना पड़ता है, जहां रासà¥à¤¤à¥‡ में आते-जाते अकà¥à¤¸à¤° उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ छेड़छाड़ का सामना करना पड़ता है. इस वजह से वे गांव के सà¥à¤•à¥‚ल को 12वीं तक करने की मांग कर रही थीं. हरियाणा सरकार ने गांव के सà¥à¤•à¥‚ल को 12वीं तक करने की उनकी मांग मान ली जिसके बाद इन छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं ने à¤à¥‚ख हड़ताल वापस ले ली.
अà¤à¥€ पिछले दिनों हरियाणा पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने लड़कियों और महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ रोकने के लिठऑपरेशन दà¥à¤°à¥à¤—ा चलाया था. इसके बाद à¤à¥€ सोनीपत से à¤à¤• यà¥à¤µà¤¤à¥€ का अपहरण करके उसे रोहतक ले जाया गया और फिर उसके साथ सामूहिक बलातà¥à¤•à¤¾à¤°, हतà¥à¤¯à¤¾ के बाद शव को बà¥à¤°à¥€ तरह कà¥à¤·à¤¤-विकà¥à¤·à¤¤ कर दिया गया था. दिलà¥à¤²à¥€ के निरà¥à¤à¤¯à¤¾ कांड को दोहराती इस घटना अपराधियों के बढे होसले दरà¥à¤¶à¤¾à¤•à¤° साथ ही देश में बेटियों की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के सवाल पर à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¤šà¤¿à¤¨à¥à¤¹ लगा दिया है. जबकि हरियाणा ही वह राजà¥à¤¯ है जहां से पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढाओं अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की थी.
यह कोई पहली घटना नहीं है साल 2015 में बरेली से 45 किलोमीटर दूर à¤à¤• दरà¥à¤œà¤¨ गांवों के लोग छेड़छाड़ की वजह से अपनी बेटियों को सà¥à¤•à¥‚ल à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ से रोक लिया था. सà¥à¤•à¥‚ल जाने के लिठकरीब 200 लड़कियों को नदी पार कर अपने सà¥à¤•à¥‚ल शेरगॠजाना पड़ता था. लेकिन नदी के उस पार पहà¥à¤‚चते ही गà¥à¤‚डे उनसे छेड़छाड़ करते थे. विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की जाती थी. ठीक उसी तरह की घटना अब हरियाणा में हà¥à¤ˆ. धरने पर बैठी लड़कियां बताती है कि लड़के कà¤à¥€ चà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ खींच लेते हैं, कà¤à¥€ कà¥à¤› और. ये दà¥à¤¬à¤•à¤¤à¥€ हà¥à¤ˆ जाती हैं. वो बताती है शà¥à¤²à¥œà¤•à¥‡ पीछे से बाइक पर नकाब पहनकर आते हैं, चà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ खींचते हैं. रासà¥à¤¤à¥‡ में पà¥à¤¯à¤¾à¤Š के मटके रखे होते हैं, हमें देखकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ फोड़ते हैं और हमारे ऊपर पानी गिराते हैं. दीवारों पर मोबाइल नंबर लिखकर चले जाते हैं. हम मीडिया के आगे हर चीज तो बता नहीं सकते. लिमिट होती है.
हालांकि शिकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¥€ ने गांव के सà¥à¤•à¥‚ल को बारहवीं तक अपगà¥à¤°à¥‡à¤¡ करवाने का वादा कर दिया है. लेकिन पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¤•à¤¾à¤°à¥€ इस पर लिखित में आशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨ चाहते थे. वो कहती है शà¥à¤µà¤¾à¤¦à¥‡ हर साल होते हैं, à¤à¤• à¤à¥€ पूरा नहीं हà¥à¤†. फिर à¤à¥€ लगा रखा है- बेटी पà¥à¤¾à¤“, बेटी बचाओ. कà¥à¤¯à¤¾ मतलब है इस नारे का. बंद कर देना चाहिà¤. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ यह मà¥à¤¹à¤¿à¤® छेड़ रखी है? या फिर सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ की पूरà¥à¤£ गारंटी दो इसके बाद लोग बेटी बचा à¤à¥€ लेंगे और पà¥à¤¾ à¤à¥€ लेंगे.
à¤à¤¸à¤¾ नहीं है यह कोई दà¥à¤°à¥à¤²à¤ घटना है और साल दो साल में à¤à¤• आध बार घट गयी, नहीं यह हर रोज की कहानी है. बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड हो या निजी व सरकारी बसों तक में à¤à¥€ बेटियों की हिफाजत के लिठकड़े कदम उठाने की जरूरत है. यह à¤à¥€ कड़वा सच है कि पà¥à¤²à¤¿à¤¸ को à¤à¤¸à¥‡ मामलों में लिखित में शिकायत देने से बचà¥à¤šà¥à¤¯à¤¿à¤¾à¤‚ कतराती हैं और शायद कानूनी पचड़ों से बचने के लिठआम नागरिक à¤à¥€ कà¥à¤› नहीं करते लेकिन à¤à¤¸à¥‡ मामलों में लड़कियों को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ माहौल देने के लिठपà¥à¤²à¤¿à¤¸ के सà¥à¤¤à¤° पर कड़ी कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ की जरूरत जरूर महसूस की जा रही. लेकिन बावजूद इस तरह के अराजक ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ पर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ के बजाय बाहर ही समà¤à¥Œà¤¤à¤¾ करा दिया जाता है. इस वजह से à¤à¥€ पीडिता कमजोर पड़ जाती है वरना देश की बचà¥à¤šà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ कà¤à¥€ à¤à¥€ पूरी तरह से कमजोर नहीं रहीं और अब तो वो अपने लिठऔर सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ जगह ढूंढ रही हैं.
सवाल और à¤à¥€ है कि आखिर यह बीमारी à¤à¤¾à¤°à¤¤ में दिन पर दिन कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बॠरही है. आप हिंदी फिलà¥à¤® देखिये अमूमन हर à¤à¤• फिलà¥à¤® में नायक सà¥à¤•à¥‚ल जाती, ऑफिस जाती नायिका का रासà¥à¤¤à¤¾ रोककर पà¥à¤°à¥‡à¤® निवेदन करता है उसके कपडें, उसकी चाल, उसकी नजर पर कमेनà¥à¤Ÿ करता है. तब सिनेमा घर में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ लोग तालियाठबजा रहे होते है, सीटियाठबजाते आसानी से देखे जा सकते है. जिनमे कà¥à¤› लोग इसे जायज कृतà¥à¤¯ समà¤à¤•à¤° निजी जीवन में इसका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करने से नहीं चà¥à¤•à¤¤à¥‡ है. हरियाणा की ताजा घटना इसका सबसे बड़ा उदहारण है.
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर à¤à¤• महिला की पोसà¥à¤Ÿ ने समाज की आंख खोलते हà¥à¤ लिखा कि हरियाणा में छेड़छाड़ से तंग आकर लडकियों ने धरना पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ किया और अपने ही गांव में सà¥à¤•à¥‚ल खà¥à¤²à¤µà¤¾ लिया. धरना देने वाली लड़कियां दसवीं की छातà¥à¤°à¤¾ थीं. मतलब लगà¤à¤— 16-17 आयॠवरà¥à¤— की? इस उमà¥à¤° में पलायन वादी सोच? गमà¥à¤à¥€à¤° बात है. अराजक ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ का डटकर मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¤¾ करना चाहिà¤. कल अगर इस सà¥à¤•à¥‚ल में कोई परेशानी हà¥à¤ˆ, तो कà¥à¤¯à¤¾ पढाई छोड़ देगी या सà¥à¤•à¥‚ल घर में खà¥à¤²à¤µà¤¾ लेगी? घर में शोषण हà¥à¤† फिर? पलायनवादी सोच को तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर संघरà¥à¤·à¤¶à¥€à¤² पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ को अपना होगा. सरकार à¤à¥€ चंद आपराधिक पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿ के लोगों के सामने कैसे à¤à¥à¤• गयी? गौरतलब है कि 2016 में रेवाड़ी जिले में ही सà¥à¤•à¥‚ल जाते समय à¤à¤• छातà¥à¤°à¤¾ के साथ बलातà¥à¤•à¤¾à¤° होने के बाद दो गांवों की लड़कियों ने डर के कारण सà¥à¤•à¥‚ल जाना छोड़ दिया था. मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ की à¤à¤• बात ये à¤à¥€ है कि महिलाओं के कपड़े, मोबाइल फोन और चाउमिन को रेप आदि के लिठजिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° बताने वाले नेता अगर समाज की मानसिकता को दोषी मान ले तो शायद सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ ओर बेहतर हो सके वरना दीवारों पर लिखे नारे बेटी बचाओं सिरà¥à¤« हासà¥à¤¯ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• बनकर रह जायेंगे.
राजीव चौधरी
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