à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤¯à¥€ गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€


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Dr. Ved Prtap VedicDate
11-Aug-2017Category
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HindiTotal Views
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RajeevUpload Date
11-Aug-2017Download PDF
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à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤¯à¥€ गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€
डॉ. वेदपà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª वैदिक
सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं की कितनी दà¥à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¾ है ? इस दà¥à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¾ को देखते हà¥à¤ कौन कह सकता है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ वासà¥à¤¤à¤µ में सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° है ? ‘पीपलà¥à¤¸ लिंगà¥à¤µà¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• सरà¥à¤µà¥‡ आॅफ इंडिया’ नामक संसà¥à¤¥à¤¾ ने कई शोधकरà¥à¤¤à¤¾à¤“ं को लगाकर à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं की दशा का सूकà¥à¤·à¥à¤® अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करवाया है। कल इसके 11 खंड पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤ हैं। इस अवसर पर वकà¥à¤¤à¤¾à¤“ं ने दो महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बातें कहीं। à¤à¤• तो यह कि पिछले 50 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ की 250 à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ लà¥à¤ªà¥à¤¤ हो गई हैं, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इन à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं को बोलनेवाले आदिवासी बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को सिरà¥à¤« देश की 22 सरकारी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में ही पà¥à¤¾à¤¯à¤¾ जाता है। उनकी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ सिरà¥à¤« घरों में ही बोली जाती हैं। जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ही लोग अपने घरों से दूर होते हैं या बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों का साया उन पर से उठजाता है तो ये à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम बोलियां कहते हैं, उनका नामो-निशान तक मिट जाता है। इनके मिटने से उस संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के à¤à¥€ मिटने का डर पैदा हो जाता है, जिसने इस à¤à¤¾à¤·à¤¾ को बनाया है। इस समय देश में à¤à¤¸à¥€ 780 à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ बची हà¥à¤ˆ हैं। इनकी रकà¥à¤·à¤¾ जरà¥à¤°à¥€ है।
अपनी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं की उपेकà¥à¤·à¤¾ का दूसरा दà¥à¤·à¥à¤ªà¤°à¤¿à¤£à¤¾à¤® यह है कि हम अपनी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के माधà¥à¤¯à¤® से अनà¥à¤¸à¤‚धान नहीं करते। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में जà¥à¤žà¤¾à¤¨-विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का खजाना उपलबà¥à¤§ है लेकिन हम लोग उसकी तरफ से बेखबर हैं। हम पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¥‹, सातà¥à¤°à¥à¤° और चोमà¥à¤¸à¤•à¥€ के बारे में तो खूब जानते हैं लेकिन हमें पाणिनी, चरक, कौटिलà¥à¤¯, à¤à¤°à¥à¤¤à¥ƒà¤¹à¤°à¤¿ और लीलावती के बारे में कà¥à¤› पता नहीं। हमारे जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤œà¤¨ के तरीके अà¤à¥€ तक वही हैं, जो गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ के दिनों में थे। इस गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ को 1965-66 में सबसे पहले मैंने चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ दी थी। 50-52 साल पहले मैंने दिलà¥à¤²à¥€ के ‘इंडियन सà¥à¤•à¥‚ल आॅफ इंटरनेशनल सà¥à¤Ÿà¤¡à¥€à¥›’ में मांग की थी कि मà¥à¤à¥‡ अपने पीà¤à¤š.डी. का शोधगà¥à¤°à¤‚थ हिंदी (मेरी मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾) में लिखने दिया जाà¤à¥¤ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ तो मैं जानता ही था, मैंने फारसी, रà¥à¤¸à¥€ और जरà¥à¤®à¤¨ à¤à¥€ सीखी। पà¥à¤°à¤¥à¤® शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ के छातà¥à¤° होने के बावजूद मà¥à¤à¥‡ सà¥à¤•à¥‚ल से निकाल दिया गया। संसद में दरà¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ बार हंगामा हà¥à¤†à¥¤ यह राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ बहस का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बन गया। आखिरकार सà¥à¤•à¥‚ल के संविधान में संशोधन हà¥à¤†à¥¤ मेरी विजय हà¥à¤ˆà¥¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के माधà¥à¤¯à¤® से उचà¥à¤š शोध के दरवाजे खà¥à¤²à¥‡à¥¤ इन दरवाजों को खà¥à¤²à¥‡ 50 साल हो गठलेकिन इनमें से दरà¥à¤œà¤¨ à¤à¤° पीà¤à¤š.डी. à¤à¥€ नहीं निकले। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ की गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ सरà¥à¤µà¤¤à¥à¤° छाई हà¥à¤ˆ है। जब तक हमारे देश की सरकारी à¤à¤°à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, पà¥à¤¾à¤ˆ के माधà¥à¤¯à¤®, सरकारी काम-काज और अदालातें से अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ की अनिवारà¥à¤¯à¤¤à¤¾ और वरà¥à¤šà¤¸à¥à¤µ नहीं हटेगा, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ लंगड़ाती रहेंगी और हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ दोयम दरà¥à¤œà¥‡ का देश बना रहेगा।
04.08.2017
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