The Arya Samaj | Article : मेरा आर्यसमाज

जिसने बाँतो से अधिक कार्य करके दिखाए । सबको ज्ञात होगा जगतगुरु शंकराचार्य जी को जैनियो ने मारा , आर्यजगत के सुप्रसिद्ध बलिदानी तुलसीराम जी को जैनियो ने मारा और देखिए आश्चर्य कुछ समय पहले की ही बात है आर एस एस के मंच पर एक जैनी साधु योगीराज श्री कृष्ण जी के प्रति अपशब्द बोल गया भरी सभा से कोई प्रतिरोध न हुआ ये वही जैनी थे जिन्होने हमारे जगतगुरु शंकराचार्य को मारा लेकिन एक आर्यसमाज का साधारण सा व्यक्ति ये दावा करसकता है डंके की चोट पर कि यदि आर्यसमाज के मंच पर योगीराज श्री कृष्ण जी के प्रति एक भी अपशब्द कोई भी बोलता है तो उसे उसी क्षण छटी का दूध याद दिला दिया जावेगा । 
सबको ज्ञात होगा भारत माता का अश्लील चित्र बनाने वाले प्रसिद्ध मुस्लिम चित्रकार को आर्यसमाज के बेटे तेजपाल धामा जी ने हैदराबाद मे एक मंच पर ऐसा झन्नाटेदार थप्पड़ रसीद किया कि मारे बेज्जती के उसने भारत देश छोड़ दिया । 
बौद्ध हो या जैनी या अन्य मतानुयायी सबको मुँहतोड़ पावक उत्तर देने का साहस / सामर्थ्य यदि कोई रखता है तो मात्र आर्यसमाज ।
 
कुछ भाइयों को यह आपत्ति है कि आर्यसमाज हमारी आस्था पर चोट करता है भाइयों एक बात विचारिए आर्यसमाज मूर्तिपूजा का विकल्प क्या देता है ? 
क्या दयानंद जी की पूजा ? 
क्या आर्यसमाज की पूजा ?
 
नहीँ आर्यसमाज विकल्प देता है नित्य प्रात: अपने अपने घरो मे यज्ञ ।
 
क्या यह विकल्प ग़लत है ? 
क्या इससे ईश्वर स्तुति नहीँ होती ?
क्या इससे बड़े स्तर पर पर्यावरण शुद्धि नहीँ होती ?
क्या किसी ऋषि ने किसी शास्त्र ने यज्ञ निषेध बतलाया है ?
 
वेद तो सारे कार्यो से भी श्रेष्ठ कुछ बताते है तो वो है ' यज्ञ ' । 
भोपाल गैस कांड सबको ज्ञात होगा यज्ञ से एक परिवार सुरक्षित बच गया और 700 परिवार मृत्यु को प्राप्त हुए यदि सब यज्ञ कर रहे होते तो सब बच नहीँ सकते थे क्या ?
 
यह दावा है यदि हर घर मे नित्य यज्ञ हो अग्निहोत्र हो तो भारतवर्ष अपने खोये गौरव को पुनः प्राप्त कर लेना । अनेको समस्याओ का स्वत: निदान हो जावेगा वर्तमान मे जितने दवाख़ाना है वे आधे से भी कम हो जावेगे चहुओर बीमारियो से कोसो दूर एक स्वस्थ शरीर दिखेगा कुछ खर्चे बचाने के चक्कर मे यज्ञ नही करते पर डॉक्टर के पास जाकर दुगना धन बर्बाद करते है । 
ईश्वर मे आस्था स्वयमेव प्रबल होवेगी ।
 
कुछ भाइयों का कथन है आर्य समाज हमारे आराध्यो(राम , कृष्ण ) को नहीँ मानता !
 
भाइयों आराध्यो को वास्तविकता मे मानना तब सिद्ध होता है जब हम उनकी शिक्षा को उनकी सीखो को उनके परम चरित्र को आत्मसात करे । 
श्री राम ने एक सीता के लिए रावण का सम्पूर्ण विध्वंस कर डाला आज गली गली मे कोई बहन आँसू बहा रही है रक्षा तो छोड़िए कोई सुनने वाला नहीँ है कहने तो श्री राम श्री कृष्ण के अनुयायी उस गली मे भी रहते है । 
योगीराज श्री कृष्ण द्वारा हजारो हज़ार गौ माता का पालन होता था आज हमारी गौ माता हमारे घरो के सामने गली मे पालीथीन खाती दिखती है हमारा हृदय नहीँ पसीजता विचार करिए कि उस स्थान के सारे श्री राम श्री कृष्ण के अनुयायी एक एक रोटी भी अपनी थाली से दे देवे तो क्या हमारी गौ माता कभी वो पालीथीन खायेगी ?
 
कुछ भाइयों को आपत्ति है आर्य सत्यार्थ प्रकाश के आगे किसी को मानते नही!
 
जरा विचारिए वर्तमान मे हिन्दुओ के कितने देश मुस्लिम के कितने और ईसाईयो के कितने भान हो जायेगा वास्तव मे हमारे विपक्षी कौन !
मुस्लिम और ईसाई का प्रथम बार इतना प्रबल सैद्धान्तिक खंड खंड विखंडन यदि है कही तो सत्यार्थ प्रकाश मे जिसको पढने मात्र से ही मुस्लिमो को सत्यासत्य का परिचय होने लगता है ।
 
आर्य समाज एक अग्नि है यह दाहक नही परम् पावक है । 
ऐसे आर्यसमाज हेतु मेरे तो यही विचार है -
 
मेरी महफ़िल है, मेरा सेहरा है, मेरा कफ़न है, आर्यसमाज मेरा..
 
एक ज़िन्दगी नहीं,
हर जनम वारं दूँ, अपने आर्यसमाज पर..
 
मेरा जूनून है, मेरा सनम है, मेरा कर्म है, आर्यसमाज मेरा..
 
मेरा इश्क है, मेरा फख्र हैं, मेरी जान है, आर्यसमाज मेरा...!!!
 
'' सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय ''

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