समलैंगिकता और ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ आदेश
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Naveen AryaDate
17-Sep-2018Category
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HindiTotal Views
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RajeevUpload Date
17-Sep-2018Download PDF
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वेद में बताया गया है कि "दà¥à¤¯à¥Œà¤°à¤¹à¤‚ पृथिवी तà¥à¤µà¤‚ तावेव विवहावहै सह रेतो दधावहै पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤‚ पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¥ˆ पà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤¨à¥ विनà¥à¤¦à¤¾à¤µà¤¹à¥‡ बहूनà¥à¥¤" अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ हे वधू ! मैं दà¥à¤¯à¥à¤²à¥‹à¤• के समान वरà¥à¤·à¤¾ आदि का कारण हूठऔर तà¥à¤® पृथिवी के समान गृहाशà¥à¤°à¤® में गरà¥à¤à¤§à¤¾à¤°à¤£ आदि वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को सिदà¥à¤§ करनेवाली हो । हम दोनों परसà¥à¤ªà¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• विवाह करें । साथ मिलकर उतà¥à¤¤à¤® पà¥à¤°à¤œà¤¾ को उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करें और बहà¥à¤¤ पà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होवें ।
इससे जà¥à¤žà¤¾à¤¤ होता है कि विवाहपूरà¥à¤µà¤• गृहाशà¥à¤°à¤® में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने का à¤à¤• मà¥à¤–à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤¨ होता है धरà¥à¤® पूरà¥à¤µà¤• उतà¥à¤¤à¤® सनà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ करना न कि अधरà¥à¤®à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• केवल इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का दास होकर, ईशà¥à¤µà¤° पà¥à¤°à¤¦à¤¤à¥à¤¤ इन शरीर, इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯ आदि साधनों का दà¥à¤°à¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— करके à¤à¥‹à¤—-विलास में डूबे रहना ।
इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वेदों में न जाने कितने ही सारे निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ हैं कि केवल सà¥à¤¸à¤¨à¥à¤¤à¤¾à¤¨ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठही विवाह आदि पॠपà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ है । जैसे कि - "गृà¤à¥à¤£à¤¾à¤®à¤¿ ते सौà¤à¤¾à¤—तà¥à¤µà¤¾à¤¯ हसà¥à¤¤à¤‚ मया पतà¥à¤¯à¤¾ " अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ हे वरानने ! मैं à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯ और सà¥à¤¸à¤¨à¥à¤¤à¤¾à¤¨ आदि सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ की वृदà¥à¤§à¤¿ के लिठतेरे हाथ को गà¥à¤°à¤¹à¤£ करता हूठ। मà¥à¤ पति के साथ वृदà¥à¤§à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ सà¥à¤– पूरà¥à¤µà¤• समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ जीवन को वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करो ।
इससे à¤à¥€ पता चलता है कि हमारे वेद तथा वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में यह à¤à¤• आदरà¥à¤¶ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ रही है कि विवाह केवल सनà¥à¤¤à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठही किया जाता था । यदि हम वरà¥à¤¤à¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ के सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤®à¤•à¥‹à¤°à¥à¤Ÿ के निरà¥à¤£à¤¯ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ विचार करें तो यह समलैंगिक विवाह को सà¥à¤µà¥€à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ मिलना à¤à¤• अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ ही घृणित, पाप-जनक, अपà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤•, और à¤à¤• अवैदिक कृतà¥à¤¯ है, जो कि कà¤à¥€ à¤à¥€ धरà¥à¤®à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ या उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¤• नहीं हो सकता बलà¥à¤•à¤¿ समाज के लिठयह à¤à¤• निनà¥à¤¦à¤¨à¥€à¤¯, अपमान जनक और महाविनाश और सामाजिक पतन का कारण है । इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की घटना न किसी धरà¥à¤® शासà¥à¤¤à¥à¤° में समाज शासà¥à¤¤à¥à¤° में उलà¥à¤²à¤¿à¤–ित है और न ही हमारे किसी इतिहास में à¤à¤¸à¥€ दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤£ घटना हà¥à¤ˆ है । यह तो आजकल के लोगों की मूरà¥à¤–ता की पराकाषà¥à¤ ा ही है ।
शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में कहा गया है "यथा राजा तथा पà¥à¤°à¤œà¤¾" । जब राजा ही मà¥à¤°à¥à¤– हो, जब देश के नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ ही मूरà¥à¤–ता का परिचय दे रहे हैं तो सामानà¥à¤¯ जनता à¤à¤²à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ कर सकती है । पà¥à¤°à¤œà¤¾ तो अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ में घूम ही रही है, ये जनता तो इतनी à¤à¥‹à¤²à¥€-à¤à¤¾à¤²à¥€ है कि इनको तो कोई à¤à¥€ बहका दे कोई à¤à¥€ गलत रासà¥à¤¤à¤¾ दिखा दे उसी पर चल पड़ते हैं । अब वैसे à¤à¥€ समाज में बहà¥à¤¤ कà¥à¤› अनैतिक, असामाजिक, अवैदिक, कारà¥à¤¯ होते रहते हैं, यह à¤à¥€ उस सामाजिक दà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ और पतन के कारणों में और à¤à¤• कड़ी बनकर सामने उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हो गया है । यह हम सबके लिठà¤à¤• दà¥à¤–द विषय है ।
आजकल जो नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ के कà¥à¤°à¥à¤¸à¥€ पर बैठे हैं, वे सोच रहे होंगे कि हम कà¥à¤› à¤à¥€ निरà¥à¤£à¤¯ सà¥à¤¨à¤¾ सकते हैं और कोई बोलनेवाला नहीं है । परनà¥à¤¤à¥ उनको यह अवशà¥à¤¯ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखना चाहिठकि आप सबके ऊपर à¤à¥€ सबसे बड़ा à¤à¤• नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ ईशà¥à¤µà¤° बैठा हà¥à¤† है जो कि इन मनà¥à¤·à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ इन लोगों की मूरà¥à¤–ता पर यथोचित दणà¥à¤¡ देने में सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ रखता है । इस निरà¥à¤£à¤¯ से आगे जाकर समाज का जो à¤à¥€ दà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ होगी, जितना à¤à¥€ पतन होगा, जितना à¤à¥€ पाप और अराजकता बà¥à¥‡à¤—ी उन सबका कारण यही नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ ही होंगे और यही इन सब परिणामों का उतà¥à¤¤à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¥€ होंगे । सावधान हो जाओ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹ ! जितना जितना वेद के विरà¥à¤¦à¥à¤§ ईशà¥à¤µà¤° आजà¥à¤žà¤¾ के विरà¥à¤¦à¥à¤§ आचरण करते जाओगे उतना ही दà¥à¤·à¥à¤ªà¤°à¤¿à¤£à¤¾à¤® à¤à¥‹à¤—तना पड़ेगा । ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ दणà¥à¤¡ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से कोई न आजतक बचा है और न ही कोई बाख पायेगा । ईशà¥à¤µà¤° हम सबका कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ करे ।
लेख - आचारà¥à¤¯ नवीन केवली
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