सà¥à¤•à¥‚लों में बचà¥à¤šà¥‡ कितने सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ हैं
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Vinay AryaDate
29-Mar-2019Category
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RajeevUpload Date
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à¤à¤• समय था जब सà¥à¤•à¥‚लों में छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के आपसी à¤à¤—डे में या तो किताब कॉपी के à¤à¤• दो पनà¥à¤¨à¥‡ फट जाते थे या सà¥à¤•à¥‚ल डà¥à¤°à¥‡à¤¸ का कोई बटन या हà¥à¤• टूट जाया करता था। इसकी सजा के रूप में सà¥à¤•à¥‚ल में दोनों को मà¥à¤°à¥à¤—ा बनकर और घर में अलग से मार खानी पड़ती थी। पर आज à¤à¤¸à¤¾ नहीं रहा, यदि अखबारों की खबरें देखें तो अब सà¥à¤•à¥‚लों में आपसी à¤à¤—डे का नतीजा हतà¥à¤¯à¤¾, हिंसा के रूप में देखने को मिल रहा है और माता-पिता बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के अपराध करने के जà¥à¤°à¥à¤® में कोरà¥à¤Ÿ के चकà¥à¤•à¤° काटते दिखाई दे रहे है।
अà¤à¥€ की ताजा घटना देखें तो देहरादून के à¤à¤• बोरà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग सà¥à¤•à¥‚ल में à¤à¤• बारह साल के बचà¥à¤šà¥‡ की निरà¥à¤®à¤® हतà¥à¤¯à¤¾ से à¤à¤• बार फिर शिकà¥à¤·à¤¾ के मंदिर कहे जाने वाले सà¥à¤•à¥‚ल के दामन पर खून के धबà¥à¤¬à¥‡ दिखाई दे रहे है। इस हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड में सà¥à¤•à¥‚ल पà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¨ पर à¤à¥€ सवाल उठरहे है। सातवीं वीं ककà¥à¤·à¤¾ में पà¥à¤¨à¥‡ वाले छातà¥à¤° वसॠयादव को दो 12वीं के छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने कà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ बैट से पीट-पीटकर मार डाला और आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ की बात ये है कि सà¥à¤•à¥‚ल पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने बिना किसी को बताठयहां तक कि बचà¥à¤šà¥‡ के अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ बिना बताठबचà¥à¤šà¥‡ को सà¥à¤•à¥‚ल परिसर में ही दफना दिया। इससे फिर यह सवाल खड़ा हो गया है कि सà¥à¤•à¥‚लों में बचà¥à¤šà¥‡ कितने सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ हैं।
पिछले दिनों की कà¥à¤› घटनाओं को देखें तो दिलà¥à¤²à¥€ के करावल नगर के जीवन जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ सà¥à¤•à¥‚ल की पहली मंजिल के बाथरूम में पंदà¥à¤°à¤¹ साल के à¤à¤• छातà¥à¤° वैà¤à¤µ की लाश मिली थी। जनवरी, 2018 को लखनऊ के à¤à¤• सà¥à¤•à¥‚ल में पहली ककà¥à¤·à¤¾ के 7 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ छातà¥à¤° ऋतिक शरà¥à¤®à¤¾ को 12 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ चौथी ककà¥à¤·à¤¾ में पà¥à¤¨à¥‡ वाली à¤à¤• छातà¥à¤°à¤¾ ने सà¥à¤•à¥‚ल के शौचालय में बंद करके उसकी छाती और पेट में छà¥à¤°à¤¾ घोंप कर गंà¤à¥€à¤° रूप से घायल कर दिया था। इसी दौरान दिलà¥à¤²à¥€ के जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ नगर इलाके के à¤à¤• सरकारी सà¥à¤•à¥‚ल में कà¥à¤› छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने 10वीं के छातà¥à¤° की पीट-पीटकर हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी थी। दिलà¥à¤²à¥€ से सटे गà¥à¤°à¥à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® के रेयान इंटरनेशनल सà¥à¤•à¥‚ल में हà¥à¤ बहà¥à¤šà¤°à¥à¤šà¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¯à¥à¤®à¥à¤¨ हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड से कौन अनà¤à¤¿à¤œà¥à¤ž होगा, इसके बाद देश के अनà¥à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को देखें तो गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के वड़ोदरा में à¤à¤• छातà¥à¤° की चाकू से 31 बार वार कर हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी थी। 21 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को जींद में पिलà¥à¤²à¥‚खेड़ा के à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ सà¥à¤•à¥‚ल में 12वीं ककà¥à¤·à¤¾ के 18 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ छातà¥à¤° अंकà¥à¤¶ को उसके कà¥à¤› साथी छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने छà¥à¤°à¤¾ घोंप कर घायल कर दिया था जिससे अगले दिन उसकी मौत हो गयी थी। देशà¤à¤° में इस तरह की न जाने कितनी घटनाà¤à¤‚ हैं, जो सà¥à¤•à¥‚ली छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ में पनप रही हिंसा की पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ की ओर इशारा करती हैं और ये घटनाà¤à¤‚ समाज के लिठखतरे की घंटी हैं।
à¤à¤¸à¥‡ सà¤à¥€ मामलों में पà¥à¤²à¤¿à¤¸ हतà¥à¤¯à¤¾ का कारण बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में आपसी à¤à¤—ड़ा बताकर अपनी रिपोरà¥à¤Ÿ पूरी करती है या फिर इन हतà¥à¤¯à¤¾à¤“ं में शामिल छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° कर जेल à¤à¥‡à¤œ देती है। किनà¥à¤¤à¥ इसकी बाद अगली कहानी फिर वही से शà¥à¤°à¥‚ हो जाती है कि आखिर सà¥à¤•à¥‚ली बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ अनà¥à¤¦à¤° ये हिंसा कà¥à¤‚ठा आ कहाठरही है? जो विवाद आपसी संवाद से सà¥à¤²à¤à¤¾à¤¯à¥‡ जा सकते है, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हतà¥à¤¯à¤¾ या हिंसा से कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ सà¥à¤²à¤à¤¾à¤¯à¤¾ जा रहा हैं। अà¤à¥€ तक à¤à¤¸à¥‡ मामले पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ देशों खासकर अमेरिका के राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में देखने सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ को मिलते थे। बंदूक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में पैदा हà¥à¤ वहां के बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ अपना जरा सा हित टकराते ही सà¥à¤•à¥‚लों में गोलाबारी की घटनाओं को अंजाम देते रहते है। पिछले साल फà¥à¤²à¥‹à¤°à¤¿à¤¡à¤¾ में हà¥à¤ˆ गोलीबारी में 14 छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ सहित 17 लोगों की जानें गईं थी और टेकà¥à¤¸à¤¾à¤¸ के à¤à¤• हाई सà¥à¤•à¥‚ल में हà¥à¤ˆ हिंसक घटना में कम से कम 10 छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ की मौत हà¥à¤ˆ थी।
अब सवाल ये उà¤à¤°à¤¤à¤¾ है कि आखिर हमारे देश में à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ होने लगा है, अचानक बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¦à¤° ये हिंसा कैसे पनप रही है? इस सवाल हल तलाश करने की कोशिश करें तो इसके दो सबसे बड़े कारण दिखाई देते है। à¤à¤• तो आज के मोडरà¥à¤¨ सà¥à¤•à¥‚लों या संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¨ अपना मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¤¾ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ देखता हैं। वह बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¦à¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¸à¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾ तो पैदा करते है लेकिन इस पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¸à¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾ में नैतिकता और सयम की शिकà¥à¤·à¤¾ नहीं दे पा रहे है।
इस कारण आगे निकलने की दौड़ में अमूमन छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¦à¤° ईरà¥à¤·à¥à¤¯à¤¾ के à¤à¤¾à¤µ पैदा होने लगते है, जो कई बार हिंसातà¥à¤®à¤• à¤à¥€ हो जाते हैं। दूसरा कारण धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दीजिठकहीं हिंसा के पीछे सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤«à¥‹à¤¨ या टीवी तो नहीं! कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वीडियो गेमà¥à¤¸ जिसमें खूब मार-धाड़ हो या मार पीट करने वाली फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ आदि à¤à¥€ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के दिमाग पर गहरा असर करती है और वे कई बार वो खà¥à¤¦ को वीडियो गेमà¥à¤¸ के हीरो समà¤à¤¨à¥‡ लगते हैं। à¤à¤• कारण घर का माहौल à¤à¥€ बनता है। जिसमें पिता दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ माता को पीटना या पिता का बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को मारना शामिल है। कई बार अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤• बात मनवाने के लिठहिंसा का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करते हैं। जैसे थपà¥à¤ªà¥œ मारना। à¤à¤¸à¤¾ होने पर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के मन में ये धारणा घर कर जाती है कि हिंसा का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² सही है और वह à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ करके अपनी बात को बड़ा रख सकते हैं। अब बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ तो जो देखेंगे वहीं सीखेंगे। आप उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ रचनातà¥à¤®à¤• गतिविधियों में लगाà¤à¤‚, तो उनका मन वहां लगेगा सिरà¥à¤« पà¥à¤¾à¤ˆ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ न दें, सिरà¥à¤« पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® पà¥à¤¾à¤¨à¥‡ से बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का à¤à¤²à¤¾ नहीं होगा। उनका à¤à¤²à¤¾ होगा संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹ से परिपूरà¥à¤£ शिकà¥à¤·à¤¾ से। वरना सà¤à¥à¤¯ आचरण, उतà¥à¤¤à¤® वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°, नैतिकता और शिकà¥à¤·à¤¾ के मंदिरों में à¤à¤¸à¥€ हिंसातà¥à¤®à¤• आपदा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ आ रही है? इसके लिठसà¥à¤•à¥‚ल जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° है या परिवार या फिर आधà¥à¤¨à¤¿à¤• समाज का रहन सहन आदि यदि आज इन सवालों के जवाब नहीं तलाशे गये तो शायद कल पछतावे के अलावा हमारे पास कà¥à¤› नहीं बचेगा।
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