बदसूरत होते पारिवारिक रिश्ते


Author
Vinay AryaDate
09-Apr-2019Category
लेखLanguage
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RajeevUpload Date
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बिलकुल नया ज़माना है लोग पत्र-पत्रिकाओं और किताबों की दुनिया से निकलकर इंटरनेट की रहस्यमयी दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं। ऐसे में एक से ज्यादा साथी रखने का रुझान अब सीमित दायरों में नहीं रहा है। बल्कि लोग आज ऐसे रिश्तों को आज़मा कर देख रहे हैं जिनको अब तक सामाजिक रूप से ग़लत समझा जाता था। देखा जाए तो इंटरनेट की अत्याधुनिक दुनिया में आजकल कई लोगों के साथ साझीदारीक सम्बन्ध बनाने वाले लोगों को भी आधुनिकता से जोड़ा जा रहा है, किन्तु इन आधुनिक रिश्तों के जो परिणाम सामने आ रहे हैं वो वाकई में सोचने वाले हैं कि आखिर हमारा समाज जा कहाँ रहा है!
अभी कई रोज़ पहले महाराष्ट्र के बल्लारपुर में कॉलेज में पढ़ाने वाले ऋषिकांत नाम के एक शख्स ने अपनी दो नाबालिग बेटियों को फांसी पर लटकाकर जान से मार डाला। इसकी तस्वीर अपनी पत्नी प्रगति को व्हाट्सएप करने के बाद उसने खुद भी आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार ऋषिकांत अपनी पत्नी प्रगति की बेवफ़ाई से परेशान था। दूसरा मामला बिहार के कंकड़बाग थाना क्षेत्र का है जहाँ एक बाप अपनी मासूम बच्ची को इसलिए शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना देता था, क्योंकि उसकी पत्नी उसे छोड़कर किसी दूसरे के साथ चली गई थी।
एक और मामला महाराष्ट्र के ठाणे जिले का कुछ समय पहले का है। यहाँ एक शख्स ने अपनी पत्नी को चाकू से बेरहमी से मार डाला था। घटना के वक्त उसकी पत्नी अपने ऑफिस में काम कर रही थी, पति चाकू लेकर उसके ऑफिस में पहुँचा और पत्नी पर एक-एक कर 26 वार कर डाले। कारण यह शख्स अपनी पत्नी पर शक करता था। पिछले साल मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में एक खौफनाक घटना ने तब सबके रौंगटे खड़े कर दिए थे जब एक पति ने अपनी पत्नी के चरित्र पर शक के चलते पत्नी की गर्दन काट कर थाना ले गया था।
सभी जगह सिर्फ महिलाएँ ही इन अवैध सम्बन्धों या शक का शिकार हैं नहीं। पिछले वर्ष फ़रवरी माह में ओडिशा के नबरंगपुर जिले में अवैध सम्बन्ध के शक में एक महिला ने अपने पति का प्राइवेट पार्ट काट दिया था। यहाँ महिला को अपने पति पर शक था कि उसके किसी अन्य महिला के साथ अवैध सम्बन्ध हैं। यही नहीं पिछले एक साल में इस तरह की दर्जनों शिकायतें महिलाओँ के पहुँच चुकी हैं। जिनमें कहा गया है कि "मेरे पति मेरी जासूसी कराते हैं। घर में मेरा मोबाइल चेक होता है। मैं फ़ेसबुक और व्हाट्सएप पर किसी से चैटिंग कर रही हूँ।" इसकी पूरी डिटेल पति रखते हैं, साथ ही घर आने के बाद ऑफिस से आने वाले फोन पर मेरे पति शक की नज़र से देखते हैं।
असली में एक से ज्यादा साथी की चाह और फेसबुक, व्हाट्सऐप पर चैटिंग का शौक आज पति-पत्नी के रिश्तों में दरार डाल रहा है। चैटिंग के चलते आए दिन पति और पत्नी के बीच शक गहरा रहा है। शक के बाद कई जगह रिश्ते टूट रहे हैं तो कई जगह हत्याएं तक भी पहुँच रही हैं। यानी अभी तक पति और पत्नी के बीच भावनाओं और विश्वास का जो मजबूत सेतु हुआ करता था आज अविश्वास और बेपरवाही होते रिश्तों ने उस सेतु को कमज़ोर कर दिया है।
कुछ सालों पहले तक ऐसी घटनाएं पश्चिमी देशों में देखने को मिलती थीं। एक से ज्यादा साथी रखने का प्रचलन उनकी सामाजिक दुनिया का हिस्सा था। जबकि हमारे यहाँ पति-पत्नी को एक-दूसरे के भरोसे प्रेम और एक-दूसरे की आपसी स्वीकार्यता को बढ़ावा देने वाला रहा है। किंतु जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे हमारे यहाँ भी सत्तर और साठ वर्ष से अधिक पुरुष रिश्तों में आज विवाह, पत्नि, अपारध, हत्या, आत्महत्या आदि बड़ी तेजी से पांव पसार रहे हैं। या कहें कि सामाजिक सीमाएं और मर्यादाएं खोखली होकर बिखरती नजर आ रही हैं। देखा जाए तो आपसी संवाद स्थापित करने का साधन स्मार्टफोन भी पति-पत्नी के रिश्ते में दूरियां लाने में कम जिम्मेदार नहीं है। आज परिवरों में दिन की शुरुआत फेसबुक या व्हाट्सऐप से होती है और देर रात तक आने वाले नोटिफिकेशन जगाए रखते हैं और इस लत की कीमत रिश्तों को चुकानी पड़ रही है।
शादी के बाद अक्सर भावनाओं को न समझने के बहाने से लेकर जब दोनों अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए किसी तीसरे की तरफ आकर्षित होने लगते हैं। यानी तीसरा इंसान उनके बीच में आता है तब वैवाहिक रिश्ते का अंत शक से शुरू हो होता है और एकल परिवार में उन्हें समझाने वालों की कमी के चलते हालाात मारपीट, हमले और हत्या तक पहुँच जाते हैं।
शादी के बाद जहाँ वैवाहिक रिश्ते को बनाए रखने में पति और पत्नी दोनों की जिम्मेदारी होती है वहीं इसके खत्म करने में भी दोनों का हाथ होता है। एक-दूसरे के प्रति विश्वास, समर्पण और आत्मीयता का भाव रिश्तों को मजबूती बनाता है। अगर आप आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं तब आप उस तकनीक का सदुपयोग आपसी रिश्तों में नजदीकी लाने में करें न कि उसे रिश्तों में दूरियां बनाने का कारण बनाएं। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा बाहरी सम्बन्ध दोनों के बीच शक का आधार बनते हैं और ऐसे सम्बन्धों को न हमारा समाज स्वीकार करता न धर्म और न ही हमारा संविधान। ऐसे में पति-पत्नी दोनों को एक-दूसरे पर विश्वास रखना होगा और सामने वाले को उस विश्वास को मजबूती करना होगा और यह आप पर निर्भर करता है कि आपको एक हंसता-खेलता खुबसूरत रिश्ता चाहिए या दुख, क्लेश और हिंसा के अंधकार में जाता एक बदसूरत रिश्ता। यह सब सर्फ आपका ही सोचना है कि कौनसा विकल्प आपका है।
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