à¤à¤ªà¥€à¤œà¥‡ अबà¥à¤¦à¥à¤² कलाम
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Acharya AnoopdevDate
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Vikas KumarUpload Date
27-Jul-2019Download PDF
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अबà¥à¤¦à¥à¤² कलाम का जनà¥à¤® 15 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर, 1931 को तमिलनाडॠमें रामेशà¥à¤µà¤°à¤® के धनà¥à¤· कोडी गांव में à¤à¤• मधà¥à¤¯à¤® वरà¥à¤—ीय मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® परिवार में हà¥à¤† था। उनके पिता पेशे से नाविक थे और पढ़े- लिखे नहीं थे। वह मछà¥à¤†à¤°à¥‹à¤‚ को नाव किराठपर दिया करते थे। पांच à¤à¤¾à¤ˆ और पांच बहनों वाले परिवार को चलाने के लिठपिता के पैसे कम पड़ जाते थे।
इसलिठशà¥à¤°à¥à¤†à¤¤à¥€ शिकà¥à¤·à¤¾ जारी रखने के लिठकलाम को अखबार बेचने का काम à¤à¥€ करना पड़ा। परिवार को सहारा देने के लिेठकलाम हमेशा आगे रहते थे। बता दें, कि à¤à¤ªà¥€.जे अबà¥à¤¦à¥à¤² कलाम साल 2002 से 2007 तक 11वें राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ के रूप में देश की सेवा की। मिसाइल मैन के रूप में पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ कलाम देश की पà¥à¤°à¤—ति और विकास से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ विचारों से à¤à¤°à¥‡ हà¥à¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ थे।
आठसाल की उमà¥à¤° से ही कलाम सà¥à¤¬à¤¹ 4 बचे उठते थे और नहाने के बाद गणित की पढ़ाई करने चले जाते थे। सà¥à¤¬à¤¹ नहा कर जाने के पीछे कारण यह था कि पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• साल पांच बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को मà¥à¤«à¥à¤¤ में गणित पढ़ाने वाले उनके टीचर बिना नहाठआठबचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को नहीं पढ़ाते थे। टà¥à¤¯à¥‚शन से आने के बाद वो नमाज पढ़ते और इसके बाद वो सà¥à¤¬à¤¹ आठबजे तक रामेशà¥à¤µà¤°à¤® रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ और बस अडà¥à¤¡à¥‡ पर नà¥à¤¯à¥‚ज पेपर बांटते थे।
1992 में कलाम जी इसरो में डायरेकà¥à¤Ÿà¤° रहते हà¥à¤, à¤à¤¾à¤°à¤¤ का पहला अपना सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ उपगà¥à¤°à¤¹ पà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ªà¤£ यान à¤à¤¸à¤à¤²à¤µà¥€-3 बनाया। 1980 में रोहिणी उपगà¥à¤°à¤¹ को पृथà¥à¤µà¥€ की ककà¥à¤·à¤¾ के समीप सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया गया और à¤à¤¾à¤°à¤¤ अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤•à¥à¤· का सदसà¥à¤¯ बन गया। à¤à¤¾à¤°à¤¤ को उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अगà¥à¤¨à¤¿ और पृथà¥à¤µà¥€ जैसी मिसाइलें दी। कलाम ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ को विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में तरकà¥à¤•à¥€ के जरिà¤, अतà¥à¤¯à¤¾à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤• करने की खास सोच दी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने 1998 में रूस के साथ मिलकर à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने सà¥à¤ªà¤°à¤¸à¥‹à¤¨à¤¿à¤• कà¥à¤°à¥‚ज मिसाइल बनाने पर काम शà¥à¤°à¥‚ किया और बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¥‹à¤¸ पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ लिमिटेड की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की गई। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¥‹à¤¸ को धरती, आसमान और समà¥à¤¦à¥à¤° कहीं à¤à¥€ दागी जा सकती है।
कलाम को 1981 में à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने देश के सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नागरिक समà¥à¤®à¤¾à¤¨ दिया और 1990 में पदà¥à¤® विà¤à¥‚षण और 1997 में à¤à¤¾à¤°à¤¤ रतà¥à¤¨ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š पद पर नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ से पहले à¤à¤¾à¤°à¤¤ रतà¥à¤¨ पाने वाले अबà¥à¤¦à¥à¤² कलाम देश के तीसरे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ थे। उनसे पहले यह मà¥à¤•à¤¾à¤® सरà¥à¤µà¤ªà¤²à¥à¤²à¥€ राधाकृषà¥à¤£à¤¨ और जाकिर हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ ने हासिल किया था।
कलाम जी रकà¥à¤·à¤¾ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• के रूप में रकà¥à¤·à¤• à¤à¥€ थे और शिकà¥à¤·à¤¾ मनीषी के रूप में शिकà¥à¤·à¤• à¤à¥€à¥¤ उनके अंदर à¤à¤• महामानव बसता था। वे गीता को पढ़ते ही नहीं, उस पर मनन कर अपना जीवन वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करते थे। उनके मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ था तो हृदय में कला सदैव à¤à¤• सचà¥à¤šà¥‡ मानव को गढ़ते रहती थी। राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ उनकी रगों में रकà¥à¤¤ बनकर बसी थी। अपने चिंतन से वे à¤à¤¾à¤µà¥€ पीढ़ी को सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ दे गठतो वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ पीढ़ी को अà¤à¤¯à¥¤
27 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2015 को शाम के समय à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता का à¤à¤• महान सपूत उसकी गोद में सदा के लिठसो गया। विशà¥à¤µ ने à¤à¤• महान वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• को खोया। देश ने अपने पूरà¥à¤µ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ को तो खोया ही, पर साथ ही करोड़ों बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का à¤à¥€ उनके पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ 'काका कलाम' का वियोग था यह।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ मां के इस सचà¥à¤šà¥‡ सपूत को उनकी पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ पर सचà¥à¤šà¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि à¤à¤¾à¤°à¤¤ मां का सचà¥à¤šà¤¾ सपूत बनकर ही दी जा सकती है।
काश देश का हर जवान कलाम हो जाये ।
मेरा देश फिर से महान हो जाये ।।
-आचारà¥à¤¯ अनूपदेव
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