अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ में असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² या असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸
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Rajeev ChoudharyDate
12-Oct-2019Category
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HindiTotal Views
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RajeevUpload Date
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पिछले दिनों कोटा के à¤à¤®à¤¬à¥€à¤à¤¸ असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में à¤à¤• अजीब नजारा देखने को मिला, असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में दरà¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ लोग दो साल बाद à¤à¤• बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ की आतà¥à¤®à¤¾ लेने पहà¥à¤‚च गठथे। दरअसल बूंदी के हिंडोली कसà¥à¤¬à¤¾ के चेता गांव के रहने वाले à¤à¤• यà¥à¤µà¤• के à¤à¤• वरà¥à¤·à¥€à¤¯ बेटे की 2 साल पहले असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। किसी à¤à¥‹à¤ªà¥‡ ने बता दिया कि मृतक बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ की आतà¥à¤®à¤¾ असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में à¤à¤Ÿà¤• रही है और असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² से आतà¥à¤®à¤¾ लाने की सलाह दी। इसी के चलते करीब 24 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ महिला-पà¥à¤°à¥à¤· मृतक बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ की आतà¥à¤®à¤¾ लेने à¤à¤®à¤¬à¥€à¤à¤¸ असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² पहà¥à¤‚च गये थे।
अब इसे कौन सा यà¥à¤— कहे विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‹à¤œà¥€ का या फिर अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ का शायद इसे विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ दोनों का यà¥à¤— कहना चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि विजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤‚ के इस यà¥à¤— में आज à¤à¥€ इंसान अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ में उलà¤à¤¾ हà¥à¤† है। यह केवल à¤à¤• किसà¥à¤¸à¤¾ नहीं है। मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के मंदसौर जिला असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में ओपीडी के मà¥à¤–à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤° पर थोड़े समय पहले करीब à¤à¤• दरà¥à¤œà¤¨ से अधिक महिला-पà¥à¤°à¥à¤· पूजा-अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ और तंतà¥à¤°-मंतà¥à¤° करने लगे थे। पूछने पर पता चला कि यह लोग अमरलाल à¤à¤¾à¤Ÿ की नौ साल पहले जिला असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में इलाज के दौरान मौत हो गई थी किसी ओà¤à¤¾ के कहने पर उसकी आतà¥à¤®à¤¾ लेने आये थे।
à¤à¤¸à¥‡ ही गà¥à¤°à¤¾à¤® कà¥à¤‚डालिया निवासी कारूलाल बारेठकी मृतà¥à¤¯à¥ 35 वरà¥à¤· पहले जिला असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में हà¥à¤ˆ थी। मई, 2018 को कारूलाल का परिवार उसकी आतà¥à¤®à¤¾ लेने जिला असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² पहà¥à¤‚चा था और आतà¥à¤®à¤¾ लेने जाने के लिठटोने टोटके किये थे। ठीक इसके तीन दिन बाद चितà¥à¤¤à¥Œà¥œà¤—ॠनिवासी दिनेश जायसवाल की फरवरी 2017 में मौत हो गई थी अगले साल उसके परिजन ने जिला असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² के आपातकालीन ककà¥à¤· के समीप à¤à¤• घंटे तक तंतà¥à¤°-मंतà¥à¤° किया। परिवार का कहना था कि मृतक की आतà¥à¤®à¤¾ à¤à¤Ÿà¤• रही है, उसे हम लेने आठहै।
ये कोई पांच या सात मामले नहीं है à¤à¤¸à¥‡ न जाने कितने मामले आये दिन अखबार के किसी न किसी कोने में देखे जा सकते है। à¤à¤¾à¤°à¤–ंड के सबसे बड़े सरकारी असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² रिमà¥à¤¸ में अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ का खेल बेरोक-टोक जारी है। यहां वारà¥à¤¡à¥‹à¤‚ में ओà¤à¤¾-à¤à¤¾à¥œà¤«à¥‚ंक करने वालों की टीम à¤à¤¸à¥‡ राउंड लगाती है, मानो यूनिट के इंचारà¥à¤œ डॉकà¥à¤Ÿà¤° राउंड लगा रहे हों। रिमà¥à¤¸ में हर दिन ओà¤à¤¾ व तांतà¥à¤°à¤¿à¤• आकर मरीजों के इलाज के नाम पर उनके परिजनों को बेवकूफ बनाते हैं. इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ न तो कानून का खौफ होता है और न रिमà¥à¤¸ पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन का पिछले दिनों असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में à¤à¤• तरफ बेड पर महिला का इलाज चल रहा था, तो दूसरी तरफ ओà¤à¤¾ à¤à¤¾à¥œ-फूंक करता रहा। ये डà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾ वहां घंटों चलता रहा. असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² के सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾à¤•à¤°à¥à¤®à¥€ से लेकर नरà¥à¤¸, वारà¥à¤¡ बॉय या फिर जूनियर डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥à¤¸ सब इससे वाकिफ हैं, लेकिन कोई कà¥à¤› कहता नहीं है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हमारे समाज में हर इंसान कà¥à¤› ना कà¥à¤› अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ जरूर मानता है और जिससे à¤à¥€ पूछो वो यही कहता है कि ये तो हमारी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ है हमारे यहाठसदियों से चली आयी है।
यही नही बिहार के केमूर जिले के सदर असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में तो अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ की वजह से कई लोगों की जान à¤à¥€ चली गयी लेकिन इसके बावजूद लोग अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के चकà¥à¤•à¤° में असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में à¤à¥€ à¤à¤¾à¥œ-फूंक कराने के लिठओà¤à¤¾ को बà¥à¤²à¤¾ लेते हैं। कà¥à¤› समय पहले à¤à¤¸à¤¾ ही नजारा देखने को मिला था दरअसल à¤à¤• महिला को किसी कीड़े ने काट लिया, जिसके बाद परिजनों ने उसे सदर असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ कराया. वहां उसका इलाज चल रहा था। हालांकि इस दौरान उसके परिजनों को लगा कि किसी ने काला जादू कर दिया है। इसके बाद उसके परिजनों ने असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में ही à¤à¤¾à¥œ-फूंक करने के लिठओà¤à¤¾ को बà¥à¤²à¤¾ लिया वहां à¤à¥€ ये डà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾ घंटों चलता रहा. यह नजारा देख असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में सà¤à¥€ हैरान थे लेकिन मौन थे।
à¤à¤²à¥‡ ही आज का यà¥à¤— साइंस और टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ का है, जहां इंसान तरकà¥à¤•à¥€ के लिठनà¤-नठअविषà¥à¤•à¤¾à¤° कर रहा है, लेकिन आज à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के कई इलाकों में अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ की घटनाà¤à¤‚ आधà¥à¤¨à¤¿à¤• विकास को चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ देती नजर आती है। इसकी à¤à¤• मिसाल देखने को मिली गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के चोटीला में यहाठà¤à¤• 28 साल के à¤à¤• यà¥à¤µà¤• ने पारिवारिक तनाव के चलते जहरीली दवा पी ली थी, लेकिन उसके घरवाले उसे असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² ले जाने के बजाय मंदिर ले गठऔर इलाज न मिल पाने की वजह से उसकी मौत हो गई थी।
कहा जाता है हमारा देश साधॠसंतो का देश है। लेकिन उनमें से अनगिनत ढोंगी बाबा à¤à¥€ खà¥à¤¦ को सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर बैठगये है। जो à¤à¥‹à¤²à¥‡ à¤à¤¾à¤²à¥‡ लोगों को धन, विदà¥à¤¯à¤¾, बीमारी के ठीक होने, मृतà¥à¤¯à¥ दोष दूर करने, सौतन से छà¥à¤Ÿà¤•à¤¾à¤°à¤¾ पाने, संतान व बेटे की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ आदि अनेक लालच देकर ना जाने कà¥à¤¯à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤‚ड व टोने-टोटके करवाते हैं। à¤à¤¸à¥‡ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से दूसरों का तो नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ होता ही है, साथ ही लोग खà¥à¤¦ का à¤à¥€ नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ कर बैठते हैं और इन ढोंगी बाबाओं का वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° चलता रहता है।
इनमें सिरà¥à¤« गरीब और अशिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ ही नहीं इनके यहां तो हर छोटे से छोटा व बड़े से बड़ा आदमी बैठा मिल जाà¤à¤—ा। लालच के अंधकार में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अचà¥à¤›à¤¾-बà¥à¤°à¤¾ कà¥à¤› नजर नहीं आता। होली-दिवाली, अमावसà¥à¤¯à¤¾-पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ की रात को पता नहीं कितने ही चौराहों पर कहीं न कहीं कà¥à¤›-कà¥à¤› रखा हà¥à¤† मिल जाता है। आज असà¥à¤¤à¤ªà¤¾à¤²à¥‹à¤‚ में डॉकà¥à¤Ÿà¤° है विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° हैं। दोनों का कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° पूरी तरह तरह वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• हैं। कहने को यह कोई अंध-विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नहीं मानते। मगर पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—शाला के बाहर सफलता के लिठसाईं बाबा की à¤à¤à¥‚त, शनि-शांति, मंतà¥à¤°-जाप कराते आसानी से मिल जायेंगे ये वो लोग है। जो पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ के गà¥à¤£ जानते हैं उनकी परसà¥à¤ªà¤° रासायनिक कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ जानते हैं। लेकिन फिर à¤à¥€ कहेंगे कि à¤à¤¾à¤ˆ, संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से मन में यह बात पड़ी है कि इससे à¤à¥€ कà¥à¤› होता है। बस यही इसी पल विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ अविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ से हार जाता है और अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ असà¥à¤¤à¤ªà¤¾à¤² में आतà¥à¤®à¤¾ लेने चल पड़ता है। यदि इस पर रोक नहीं लगी तो आने वाले समय में असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤²à¥‹à¤‚ में बजाय चिकिसà¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ के ओà¤à¤¾ à¤à¤¾à¥œà¤«à¥‚ंक करने वाले और आतà¥à¤®à¤¾ लेने वाले खड़े मिलेंगे।
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