सिकà¥à¤•à¤¿à¤® में कà¥à¤› इस तरह खà¥à¤²à¥‡ आरà¥à¤¯ समाज के कपाट
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Vinay AryaDate
08-Apr-2020Category
संसà¥à¤®à¤°à¤£Language
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08-Apr-2020Top Articles in this Category
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यूठतो 14 मारà¥à¤š को राजधानी गंगटोक में सà¥à¤¬à¤¹ से ही वरà¥à¤·à¤¾ जारी थी लेकिन आरà¥à¤¯ समाज के पदाधिकारियों और कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤“ं में हरà¥à¤· पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¤à¤¾ उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ था। आरà¥à¤¯ समाज गंगटोक का नया à¤à¤µà¤¨ ओ३म पताका से सजा था। सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ à¤à¤µà¤‚ बाहरी आरà¥à¤¯à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ में कोई कमी नहीं दिख रही थी। वैदिक पताका ओ३म का धà¥à¤µà¤œà¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ के साथ पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ काल 10 बजे वैदिक विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¤à¥à¤µ में यजà¥à¤ž के साथ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आरंठहà¥à¤†à¥¤ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ वैदिक मंतà¥à¤°à¥‹à¤šà¤¾à¤°à¤£ से किया गया। जिसमें सिकà¥à¤•à¤¿à¤® राजà¥à¤¯ के महामहिम राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² गंगापà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ चैरसिया जी à¤à¤µà¤‚ राजà¥à¤¯ के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¸à¤¿à¤‚ह तमांग जी तथा आरà¥à¤¯ केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¤à¤¾ दिलà¥à¤²à¥€ व आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ दिलà¥à¤²à¥€, सारà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ समेत सिकà¥à¤•à¤¿à¤® आरà¥à¤¯ समाज के पदाधिकारियों, सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ छातà¥à¤° छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं ने अतà¥à¤¯à¤‚त शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• à¤à¤¾à¤— लिया।
महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² सेवा संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² à¤à¤µà¤‚ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने किया शिलानà¥à¤¯à¤¾à¤¸
यजà¥à¤ž उपरांत महाशय जी के नेतृतà¥à¤µ में वेद मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ और वैदिक जयघोष के बीच धà¥à¤µà¤œà¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ à¤à¤µà¤‚ शिलनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आरमà¥à¤ हà¥à¤†à¥¤ मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि के रूप में राजà¥à¤¯ के राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤², मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे। इस अवसर पर सेवा संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ को अपनी शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾ देते हà¥à¤ राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² गंगा पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ जी ने कहा आरà¥à¤¯ समाज जहाठà¤à¥€ गया पूरी निषà¥à¤ ा और ईमानदारी से कारà¥à¤¯ किया। à¤à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• वातावरण के बीच सिकà¥à¤•à¤¿à¤® राजà¥à¤¯ के होनहार मेधावी à¤à¤µà¤‚ निरà¥à¤§à¤¨ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठखोला गया यह संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ मानवता की à¤à¤²à¤¾à¤ˆ में à¤à¤• अनूठी मिसाल बनेगा। इसका शिलानà¥à¤¯à¤¾à¤¸ करके मà¥à¤à¥‡ अपार हरà¥à¤· हो रहा है। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¸à¤¿à¤‚ह तमांग ने सारà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• सà¤à¤¾ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ सà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤šà¤¨à¥à¤¦à¥à¤° आरà¥à¤¯, दिलà¥à¤²à¥€ सà¤à¤¾ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² समेत महाशय जी को बधाई देते हà¥à¤ कहा कि अà¤à¥€ ये आरमà¥à¤ है। हम आगे à¤à¥€ हर संà¤à¤µ मदद करते रहेंगे। इस अवसर पर महाशय जी ने अपनी अपार पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करते हà¥à¤ सà¤à¥€ को अपना आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ दिया। इसके उपरांत सà¤à¥€ आरà¥à¤¯à¤œà¤¨ à¤à¥‹à¤œà¤¨ à¤à¤µà¤‚ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के अगले चरण के लिठचिंतन à¤à¤µà¤¨ रवाना हà¥à¤à¥¤
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का अगला चरण गंगटोक का चिंतन à¤à¤µà¤¨ में आरमà¥à¤ हà¥à¤†
शिलानà¥à¤¯à¤¾à¤¸ की नीव रखने के उपरांत सà¤à¥€ आरà¥à¤¯à¤œà¤¨ गंगटोक के नामनांग सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ चिनà¥à¤¤à¤¨ à¤à¤µà¤¨ पहà¥à¤‚चे दोपहर के à¤à¥‹à¤œà¤¨ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को असली जामा पहनाया गया। सà¥à¤‚दर वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤µà¤¨ के अनà¥à¤¦à¤° सà¤à¥€ लोग अपनी-अपनी जगह विराजमान हà¥à¤à¥¤ विनय आरà¥à¤¯ ने कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का संचालन करते हà¥à¤ पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ समेत बंगाल आरà¥à¤¯ समाज सिलीगà¥à¥œà¥€ आरà¥à¤¯ समाज तथा दिलà¥à¤²à¥€ से à¤à¤¾à¤— लेने वाले सà¤à¥€ आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤ हà¥à¤ कि राजà¥à¤¯ के राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² गंगा पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ इस à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• कारà¥à¤¯ लिठआरà¥à¤¯ समाज के इतिहास में हमेशा जाने जायेंगे। हमने कà¥à¤› दिन पहले उसने गंगटोक में आरà¥à¤¯ समाज के लिठà¤à¥‚मि की मांग की थी जिसे उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बेहद अलà¥à¤ª समय में न केवल पूरा किया बलà¥à¤•à¤¿ आवंटित à¤à¥‚मि के कागज à¤à¥€ सौंप दिà¤à¥¤ आज सिकà¥à¤•à¤¿à¤® की धरा पर जो ये नया अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ जà¥à¥œà¤¾ यह राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² जी और मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ जी की संयà¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ का गठजोड़ है।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° राजà¥à¤¯ समेत पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल à¤à¤µà¤‚ नेपाल के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ तथा सासà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर सà¤à¥€ का मन मोह लिया।
महामहिम राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² à¤à¤µà¤‚ सिकà¥à¤•à¤¿à¤® मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ का सà¥à¤µà¤¾à¤—त मंच पर आगमन बेंडवादन की धà¥à¤¨ पर राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤—ान हà¥à¤†
सà¥à¤µà¤¾à¤—त à¤à¤¾à¤·à¤£ में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ आरà¥à¤¯ जी का वैदिक चिंतन
इसके उपरानà¥à¤¤ मंच पर सà¥à¤µà¤¾à¤—त à¤à¤¾à¤·à¤£ के लिठवैदिक चिनà¥à¤¤à¤•, कवि पà¥à¤°à¤–र वकà¥à¤¤à¤¾ वरिषà¥à¤ वकील सारà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• सà¤à¤¾ के मंतà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ आरà¥à¤¯ जी ने अपने सà¥à¤µà¤¾à¤—त उदà¥à¤à¥‹à¤§à¤¨ का आरमà¥à¤ करते हà¥à¤ कहा कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ ने कहा आगे बढों लेकिन सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ का चिंतन बेहद दूरदरà¥à¤¶à¥€ था सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि पहले वेदों की ओर लौटों फिर आगे बढों। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इसी रासà¥à¤¤à¥‡ से योगिराज शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ और मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤·à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® राम चनà¥à¤¦à¥à¤° जी उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के शिखर पर पहà¥à¤‚चे थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ के चिंतन पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डालते हà¥à¤ कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ का चिंतन वेद पर आधारित था और यही चिंतन आरà¥à¤¯ समाज के रूप में विशà¥à¤µ à¤à¤° में फैला। आज सिकà¥à¤•à¤¿à¤® में राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² और मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ और इनके मंतà¥à¤°à¤¿à¤®à¤‚डल में वेद à¤à¤µà¤‚ आरà¥à¤¯ समाज का चिंतन दिखाई पड़ रहा है इस कारण सिकà¥à¤•à¤¿à¤® के इतिहास में à¤à¤• और नया अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ जà¥à¥œ गया जिसकी सिकà¥à¤•à¤¿à¤® को महती आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ थी।
जब नेपाली बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया वेद के मंतà¥à¤°à¥‹ का गान
पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ आरà¥à¤¯ के उदबोधन के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ नेपाली बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बेहद सà¥à¤‚दर ढंग से वेद के मंतà¥à¤°à¥‹ के गान ने सà¤à¥€ को मंतà¥à¤°à¤®à¥à¤—à¥à¤§ कर दिया। उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ जनसमूह की करतल धà¥à¤µà¤¨à¤¿ से पूरा चिंतन à¤à¤µà¤¨ गूंज उठा। इसके पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नेपाली à¤à¤¾à¤·à¤¾ में आरà¥à¤¯ समाज का चिंतन पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ किया गया तथा साथ ही वेद का मनोरम सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिया।
सिकà¥à¤•à¤¿à¤® का आरà¥à¤¯ समाज तीन महानà¥à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² गंगापà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ जी, मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤® सिंह तमांग और आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ के धनी महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² जी को हमेशा सà¥à¤®à¤°à¤£ करेगा। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€
मंच से सामूहिक वेदगान के बाद आरà¥à¤¯ समाज के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ ने वैदिक उदà¥à¤˜à¥‹à¤· करते हà¥à¤ कहा कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की सबसे ताकतवर हथियार विचार होता है सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी के दिठविचार के कारण देश आजाद हà¥à¤†à¥¤ उनके विचार का ही बल था कि सैंकड़ों लोग देश की सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ में आहूत हो गये। विशà¥à¤µ को वेद का सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिया। आज उनकी वैदिक विचारधारा हम सà¤à¥€ को सिकà¥à¤•à¤¿à¤® ले आई उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कई मिसाल देते हà¥à¤ सिकà¥à¤•à¤¿à¤® के राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² à¤à¤µà¤‚ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ को सादगी à¤à¤µà¤‚ सरलता की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ बताते हà¥à¤ कहा कि सिकà¥à¤•à¤¿à¤® में जली यह वेद की जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ à¤à¤• दिन विशà¥à¤µ को जगमग करेगी तथा सिकà¥à¤•à¤¿à¤® का आरà¥à¤¯ समाज तीन महानà¥à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² गंगापà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ जी, मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤® सिंह तमांग और आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ के धनी महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² जी को हमेशा सà¥à¤®à¤°à¤£ करेगा।
अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ के तम को मिटाकर उजाले की ओर बà¥à¥‡à¤‚गे... सà¥à¤°à¥‡à¤¶ चनà¥à¤¦à¥à¤° आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ सारà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾
इसके उपरांत जब मंच पर आरà¥à¤¯ समाज दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की 10 हजार से अधिक संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं के यशसà¥à¤µà¥€ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ सà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤šà¤¨à¥à¤¦à¥à¤° जी आरà¥à¤¯ मंच की ओर बढे। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ समसà¥à¤¤ लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनका करतल धà¥à¤µà¤¨à¤¿ से सà¤à¥€ ने उनका सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। सौमà¥à¤¯à¤¤à¤¾ की जीवित पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤šà¤¨à¥à¤¦à¥à¤° जी आरà¥à¤¯ ने वैदिक धà¥à¤µà¤¨à¤¿ से अपने उदबोधन का आरमà¥à¤ करते हà¥à¤ सà¤à¥€ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अपना आà¤à¤¾à¤° अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करते हà¥à¤ कहा कि आरà¥à¤¯ समाज जहाठà¤à¥€ गया वहां से अंधकार का तम मिटाकर उजाले का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ किया। आज इस संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की नीव आरà¥à¤¯ समाज और सिकà¥à¤•à¤¿à¤® के लिठà¤à¤• मील का पतà¥à¤¥à¤° साबित होगी। इस संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से सà¤à¥€ का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ होगा और जलà¥à¤¦ ही यह संसà¥à¤¥à¤¾ सिकà¥à¤•à¤¿à¤® के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को सामाजिक, बौदà¥à¤§à¤¿à¤•, नैतिक आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤•à¤¾à¤° देते हà¥à¤ शिकà¥à¤·à¤¾ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति लाà¤à¤—ी। हमारे देश की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ देश के लिठकारà¥à¤¯ करेगी तà¤à¥€ इससे सà¤à¥€ का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ होगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤·à¤£ के दौरान राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² गंगापà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ जी मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¸à¤¿à¤‚ह समेत सà¤à¥€ दानदाताओं तथा उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ आरà¥à¤¯à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ का आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤ आगे कहा कि आज परमपिता परमातà¥à¤®à¤¾ ने यहाठआने का अवसर दिया। सिकà¥à¤•à¤¿à¤® के लोगों के लिठउनके कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ के दरà¥à¤¶à¤¨ अनà¥à¤¸à¤¾à¤° हमेशा आरà¥à¤¯ समाज कारà¥à¤¯ करता रहेगा।
वेद की वाणी से होगा संसार का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£.. पà¥à¤°à¥‡à¤® सिंह तमांग मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ सिकà¥à¤•à¤¿à¤® सरकार
यूठतो सिकà¥à¤•à¤¿à¤® राजà¥à¤¯ में अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ नेपाली लिमà¥à¤¬à¥‚ लेपà¥à¤šà¤¾ कई à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ठका मूल संगम है। लेकिन जब मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¸à¤¿à¤‚ह ने हिंदी में अपना à¤à¤¾à¤·à¤£ शà¥à¤°à¥‚ किया तो खचाखच à¤à¤°à¤¾ चिंतन à¤à¤µà¤¨ तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा। हालाà¤à¤•à¤¿ उनका हिंदी में यह दूसरा à¤à¤¾à¤·à¤£ था लेकिन जब वह बोले तो सà¤à¥€ हिंदीà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का मन मोह लिया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने à¤à¤¾à¤·à¤£ में महाशय जी और आरà¥à¤¯ समाज से जà¥à¥œà¥‡ लोगों का आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि परम आदरणीय पदà¥à¤®à¤à¥‚षण आदरणीय महाशय जी का सिकà¥à¤•à¤¿à¤® की धरा पर सà¥à¤µà¤¾à¤—त है। इस हिमालयी राजà¥à¤¯ में सब कà¥à¤› यदि कà¥à¤› कमी थी तो सिरà¥à¤« आरà¥à¤¯ समाज की जो आज पूरी हो गयी। मेरी ओर से आरà¥à¤¯ समाज का सà¥à¤µà¤¾à¤—त है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आरà¥à¤¯ समाज à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ संसà¥à¤¥à¤¾ है जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ को पूरà¥à¤£ विकसित करने की हिमà¥à¤®à¤¤ रखती है और आचरण को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देती है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आगे कहा कि हमें सोचना होगा कि à¤à¤• समय हमारे देश का नाम आरà¥à¤¯à¤µà¥ƒà¤¤ था और सोà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ जाति और मनà¥à¤·à¥à¤¯ ही इस देश में जनà¥à¤® लेते रहे है। हम सà¤à¥€ को गरà¥à¤µ करना चाहिठकि हम सब à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ है।
मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤® सिंह तमांग ने अपने उदबोधन में वैदिक दरà¥à¤¶à¤¨ के मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से परिचित कराते हà¥à¤ कहा कि à¤à¤•à¤¤à¤¾, अखंडता à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¥‡ को आगे बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ की à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ यजà¥à¤ž है। हमें नहीं à¤à¥‚लना चाहिठकि पंचततà¥à¤µ में à¤à¤• ततà¥à¤µ अगà¥à¤¨à¤¿ à¤à¥€ है उसी का रूप यजà¥à¤ž है जो समसà¥à¤¤ महामारी को समापà¥à¤¤ कर देता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने राजनितिक विरोधियों पर हमला करते हà¥à¤ सà¤à¥€ को बताया कि पिछली 25 साल की सरकार ने आरà¥à¤¯ समाज को कोई à¤à¤µà¤¨ नहीं दिया लेकिन हमारी दस महीने की सरकार ने आज महाशय जी के आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ से सिकà¥à¤•à¤¿à¤® में आरà¥à¤¯ समाज को खड़ा कर दिया। पिछली सरकार ने 25 साल में सिरà¥à¤« 27 संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• दिठलेकिन हमने 6 माह में 170 संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ अदà¥à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¥‹à¤‚ को नियà¥à¤•à¥à¤¤ किया ताकि हमारी वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का तेजी से बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के मन में फैलाव हो। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने आरà¥à¤¯ समाज के अतीत और वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ विसà¥à¤¤à¤¾à¤°à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• बताते हà¥à¤ कहा कि आरà¥à¤¯ समाज की संसà¥à¤¥à¤¾ ही देश और सिकà¥à¤•à¤¿à¤® को आगे ले जा सकती है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वेद सबके लिठहै और वेद में सब कà¥à¤› है। अब हमारी सरकार जलà¥à¤¦ ही गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ से शिकà¥à¤·à¤£ कारà¥à¤¯ आरमà¥à¤ करने जा रही है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• कारà¥à¤¯ के लिठसिकà¥à¤•à¤¿à¤® के राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² गंगापà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ का आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤ आगे कहा कि 6 दशक पहले सिकà¥à¤•à¤¿à¤® में आरà¥à¤¯ समाज आया था लेकिन आज राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² गंगापà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ जी बदोलत सिकà¥à¤•à¤¿à¤® में à¤à¤• आशा की नई जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ जल गयी। हमें उमà¥à¤®à¥€à¤¦ है महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ छातà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¾à¤¸ à¤à¤µà¤‚ महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² सेवा संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में आरà¥à¤¯ समाज के दà¥à¤µà¤¾à¤° खोलने के साथ ही सिकà¥à¤•à¤¿à¤® को à¤à¤• आदरà¥à¤¶ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की ओर ले जायेगा। हमारे बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ संसà¥à¤•à¤¾à¤° और शिकà¥à¤·à¤¾ के धनी होंगे। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने हिंदी à¤à¤¾à¤·à¤¾ को लेकर à¤à¥€ अपनी चिंता वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ ही देश को à¤à¤•à¤¤à¤¾ अखंडता के सूतà¥à¤° में बांध सकती है। सिकà¥à¤•à¤¿à¤® की धरती पर सà¤à¥€ आरà¥à¤¯à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ का सà¥à¤µà¤¾à¤—त है आकर पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के लिठकारà¥à¤¯ करें तथा सिकà¥à¤•à¤¿à¤® को सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• रूप से और अधिक समरà¥à¤§ करें।
आज सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ देखे गये सपने को और à¤à¤• पंख लग गया अब सिकà¥à¤•à¤¿à¤® में à¤à¥€ जल उठी वेद की जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿
गंगापà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ चैरसिया महामहिम राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² सिकà¥à¤•à¤¿à¤®
जैसे ही गंगापà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ जी अपने à¤à¤¾à¤·à¤£ के लिठखड़े हà¥à¤ सà¤à¥€ ने खड़े होकर उनका सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। सादा-सरल जीवन और धारà¥à¤®à¤¿à¤•-सामाजिक मनोà¤à¤¾à¤µ लिठगंगापà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ जी ने मंच से सà¤à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ के सपने कृणà¥à¤µà¤‚तो विशà¥à¤µà¤®à¤¾à¤°à¥à¤¯à¤® को सà¥à¤®à¤°à¤£ कराते हà¥à¤ आरà¥à¤¯ समाज के नियमों का हवाला देते हà¥à¤ कहा आरà¥à¤¯ समाज दूसरे की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ में हमेशा अपनी उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ समà¤à¤¤à¤¾ आया है। अब निसंदेह सिकà¥à¤•à¤¿à¤® में आरà¥à¤¯ समाज का आना इसे à¤à¤• नई ऊंचाई पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करेगा। सिकà¥à¤•à¤¿à¤® में आरà¥à¤¯ समाज काम करेगा उसके पीछे खड़ी है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी सादगी और सरलता और आरà¥à¤¯ समाज के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ निषà¥à¤ ा को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कहा कि मेरा अनà¥à¤°à¥‹à¤§ है बाहर सà¥à¤Ÿà¤¾à¤² पर सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ आदि आरà¥à¤· गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ है सà¤à¥€ को कोई ना कोई पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• खरीदकर अवशà¥à¤¯ ले जानी चाहिà¤à¥¤ आरà¥à¤¯ समाज और इन गà¥à¤°à¤‚थो से अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ दूर होगी और वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° होगा। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ धरà¥à¤® à¤à¤µà¤‚ सामाजिक रूप से संपनà¥à¤¨ करने का कारà¥à¤¯ करेगी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¤à¥€ आरà¥à¤¯à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ का आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के अंत में विनय आरà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के लिठराजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤², मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤¥à¤¾ के सà¤à¥€ पदाधिकारियों समेत सà¤à¥€ को बधाई दी। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का संचालन दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ के महामंतà¥à¤°à¥€ विनय आरà¥à¤¯ ने किया। इस अवसर पर सारà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ सà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤šà¤¨à¥à¤¦à¥à¤° आरà¥à¤¯, मंतà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ आरà¥à¤¯, दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² आरà¥à¤¯ अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दयानंद सेवाशà¥à¤°à¤® संघ के महामंतà¥à¤°à¥€ जोगेंदà¥à¤° खटà¥à¤Ÿà¤°, आरà¥à¤¯ केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ सà¤à¤¾ दिलà¥à¤²à¥€ राजà¥à¤¯ के महामंतà¥à¤°à¥€ सतीश चडà¥à¤¢à¤¾, अरà¥à¤£ वरà¥à¤®à¤¾, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ बीना आरà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ सिकà¥à¤•à¤¿à¤® आरà¥à¤¯ समाज की ओर से मेघनाथ उपà¥à¤°à¥‡à¤¤à¥€, रूपनारायण शिवाकोटी, पदमलाल बतोला आरà¥à¤¯ समाज गंगटोक के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ जगदीश जी समेत पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल, à¤à¤¾à¤°à¤–णà¥à¤¡, असम नागालेंड के कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾, छातà¥à¤° छातà¥à¤°à¤¾à¤à¤‚ शिकà¥à¤·à¤• सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।
महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² जी ने सà¤à¥€ आरà¥à¤¯à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ को आगे बà¥à¤•à¤° आरà¥à¤¯ समाज के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को करने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ दी और आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ दिया। सà¤à¥€ ने मिलकर शांति पाठकिया और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤—ान की धà¥à¤¨ पर कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° समापन हà¥à¤†à¥¤
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