दि तले अधेरा


Author
Dr. Vivek AryaDate
03-Dec-2014Language
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SaurabhUpload Date
08-Jan-2015Download PDF
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क ईसाई परचारक बड़े जोश में पंजाब के देहात में जाकर परचार करने लगा। उसने सोचा की मसीह की शिकषा को बिया दिखाने के लि हिनदओं के पराणों की खिलली उड़ानी चाहि जिससे की हिनदू अपने ही पराणों से घृणा करने लगे और मसीह की शिकषा पर विशवास लाये। मगर उसकी किसमत ने उसे धोखा दिया और वह क पेशावरी टोपी पहने आरयसमाजी परचारक से टकरा गया।
पादरी- हिनदओं को पराणों की शिकषा को छोड़कर ईसा मसीह की शिकषाओं को अपनाना चाहि देखो विषण, मतसय, लिंग आदि पराणों में कया लिखा हैं की हिनदओं का अराधय देव बरहमा मदयपान करता था और क दिन उनमत होकर अपनी ही कनया से ककरम किया।
आरयसमाजी परचारक- क कहावत हैं छाज तो बोले किनत छाननी कया बोले जिसमें सहसतरों छेद हैं। पहली बात तो हम केवल वेद मकददस में विशवास रखते हैं। पराण आदि पिछले ६००-à¥à¥¦à¥¦ वरषों में बने हैं जिनमें सैकड़ों सी बातें à¤à¤°à¥€ हई हैं जो न तो सवीकारय हैं और न ही वेदानकूल हैं। जिसे तम इलहामी बाइबिल कहते हो उसमें कà¤à¥€ धयान नहीं देते। देखो उतपतति १९/३१-३६ में लिखा हैं नबी हजरत लूत ने शराब के नशे में अपनी दो पतरियों से वयà¤à¤¿à¤šà¤¾à¤° किया। इससे आगे सनों गिनती ३१/३५-४० में हजरत मूसा ने ३२,००० कंवारी लड़कियों से दराचार करने की आजञा दी। बाइबिल में सा पकर आप लोगों को लजजा नहीं आती। अपरमाणिक पराणों पर आकषेप करते फिरते हो। तम लोगों के बारे में तो क कहावत परसिदद हैं- तो आकाश के ऊपर कया जानता हैं कि कया हैं? जबकि तू नहीं जानता कि तेरे घर में कौन हैं?
पादरी- पदयपराण के अनसार विषण ने जालंधर वैदय का रूप धरा और उसकी पतनी संग सहवास किया?
आरयसमाजी परचारक-अपनी आख में शहतीर नहीं सूता, किनत दूसरे की आख में तिनका à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¥€ परतीत होता हैं। पदय पराण में किसी मरख ने कछ à¤à¥€ अनाप शनाप लिख दिया तो यह परामाणिक कैसे हो गया। वेदशासतर से परमाण होना चाहि। किनत सा परमाण वेदों में मिलना दषकर ही नहीं असंà¤à¤µ हैं। मगर आपको इंजील से परमाण देते हैं। २ शमूल अधयाय ११ में लिखा हैं कि दाऊद ने ऊरिययाह की पतनी से दराचार किया और ऊरिययाह को यदध में चिटठी à¤à¥‡à¤œà¤•à¤° मरवा दिया। लोगो का नाक अपना कटा हआ हैं मगर नकक कटा दूसरों को बता रहे हैं। शोक!
पादरी- महादेव अपने विवाह में नगन होकर बैल पर चा।
आरयसमाजी परचारक- उतपतति अधयाय ९ आयत २०-२३ में लिखा हैं नूंह शराब पीकर नंगा हो गया। यह बात आपकी इलहामी पसतक कहती हैं।
पादरी- राम ने रावण बराहमण को मारा और अपनी सतरी सीता को जो रावण के घर परविषट हई थी को पन: सवीकार किया जबकि लोगों ने उसे अशदध वं अपवितर ठहराया था।
आरयसमाजी परचारक- शरी राम तो महापरष थे। उनकी जैसी वीरता तो देखने को à¤à¥€ नहीं मिलती। उस काल में बिना अपने पिता के राजय की सहायता के शरी राम ने २५ कोस लमबा पल बनाया, रावण को यमलोक à¤à¥‡à¤œà¤¾ और सीता को जो बैरियों के मधय रहकर à¤à¥€ पवितर रही सवीकार किया। जरा अपने घर को देखो। उतपतति अधयाय ३४ में लिखा हैं कि याकूब की बेटी दीना को हमोर के पतर शकेम ने à¤à¤°à¤·à¤Ÿ कर अपवितर कर दिया और बाद में विवाह का परसताव à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ पर à¤à¥€ याकूब ने अपवितर हई अपनी लड़की को अपने घर में रख लिया। इन को देखकर कर तो क ही कहावत समरण होती हैं "आख के अंधे नाम नैनसख"
पादरी- à¤à¤¾à¤—वत में लिखा हैं कि कृषण ने गोपियों संग दषकरम किया।
आरयसमाजी परचारक- बाइबिल के उतपतति पसतक के ३८ अधयाय की आयत १à¥-१९ में लिखा हैं की यहूदा नबी ने अपनी विधवा पतरवध तामार के संग वयà¤à¤¿à¤šà¤¾à¤° किया। सी न जाने कितनी असà¤à¤¯ बातें बाइबिल में à¤à¤°à¥€ पड़ी हैं। शरी कृषण जी महाराज विदवान, पणयातमा, करमठ, साहसी महापरष थे। उन पर दोष लगाने वाली à¤à¤¾à¤—वत सरवथा अपरमाणिक वं असवीकारय हैं।
पादरी- ईसाईयों का ईशवर दयावान हैं।
आरयसमाजी परचारक-
वेदों में ईशवर का वरणन पवितर, नयायकारी, दयाल, सरवजञ, सतयधरमा आदि गणों वाला हैं जबकि बाइबिल का परमेशवर अजञानी, छलि, कमजोर, करोधी, ईरषयाल वं हिंसा में विशवास रखने वाला हैं।
उतपतति पसतक के अनसार क आदम के पाप के लि समपूरण संसार के सà¤à¥€ मनषयों को पापी ठहराना कहा की दयालता हैं?
क के फांसी दि जाने से समपूरण संसार के सà¤à¥€ मनषयों के पापों का कषमा होना कहा का नयाय हैं?
१ शमूल अधयाय ६ की १९ आयत के अनसार पचचास हजार सततर परषों को मारने वाला खदा दयावान कैसे हआ?
१ शमूल अधयाय १५ की ३ आयत के अनसार कया परूष, कया सतरी, कया बचचा, कया दूधपिउवा, कया गाय-बैल, कया à¤à¥‡à¤¡à¤¼-बकरी, कया ऊंट, कया गदहा, सब को मार डालने की आजञा देने वाला खदा दयावान कैसे हआ?
गिनती अधयाय २५ की ९ आयत के अनसार चौबीस हजार मनषयों को मार डालने की आजञा देने वाला खदा दयावान कैसे हआ?
होशे अधयाय १३ की १६ आयत के अनसार बचचों और गरà¤à¤µà¤¤à¥€ सतरियों को मार डालने की आजञा देने वाला खदा दयावान कैसे हआ?
से से अनेक परमाण बाइबिल से दि जा सकते हैं जिनसे सपषट हैं की बाइबिल का ईशवर हिंसा में विशवास रखता हैं वं उनका दयावान होना à¤à¤°à¤® मातर हैं।
पादरी ने जब देखा कि उसकी हर बात का यकति वं तरक संगत सपरमाण खंडन हो गया तो वह अपना बोरियां बिसतर समेत कर वहां से नौ दो गयारह हो गया और हमारे आरयसमाजी परचारक पंडित लेखराम जी सतय का मंडन वं असतय का खंडन करने के लि आगे ब ग।
सà¤à¥€ पाठकों को अब यह निरणय करना हैं की उनहें सतय जञान वेद में विशवास रखना हैं अथवा अविदया के कूप बाइबिल में डूबना हैं।
(पंडित लेखराम के लेखों का संगरह अमर गरनथ "कलयात आरय मसाफिर" से सà¤à¥€ परमाण लि ग हैं।)
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