औरंगजेब और कलाम मसलमान आदरश कौन?
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Rajeev ChoudharyDate
09-Sep-2015Category
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HindiTotal Views
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09-Sep-2015Download PDF
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कहते है,ï€ à¤‡à¤‚à¤¸à¤¾à¤¨ जिस पल में जीता है,ï€ à¤¸à¤¿à¤°à¤« उसी पल का उततरदायी होता है,ï€ à¤…à¤¤à¥€à¤¤ का उततरदातिवय हम पर नहीं पर यदि हम देश धरम के लिये आज कछ गलत करेगें तो à¤à¤µà¤¿à¤·à¤¯ के लिये जरर उततरदातिवय होगें। मिडिया का क धडा à¤à¤²à¥‡ ही इनदराणी मखरजी के रिसते सलाने में लगा हो लेकिन कछ लोग अब à¤à¥€ दिलली में ओरंगजेब रोड का नाम बदलकर डॉकटर . पी. जे. अबदल कलाम रोड किये जाने से इतने दखी ह कि देश के मसलिमों के साथ इसे अनयाय तक बता डाला। कया कोई इजराइल में हिटलर के नाम की रोड की कलपना कर सकता है, जिसने लाखों बेगनाह यहूदियो को कतल कर दिया था। या जापान में अमेरिकी राषटरपति रजवेलट के नाम से कोई राजमारग जिसने लाखों जापानियो को परमाण हमला कर मौत की नींद सला दिया था। पर ये लोग शायद ये à¤à¥‚ल गये कि कोई à¤à¥€ देश अपनी तिहासिक इमारत,ï€ à¤¸à¤¡à¤•à¥‡ ï€ à¤°à¤¾à¤œà¤®à¤¾à¤°à¤— सकूल-कालिज असपताल आदि पर अपने देश के महापरषों के नाम से इसिलिये बनाते है ताकि हम उनहें आदरश मानकर हमेशा उनके पदचिनहों पर चले। ओरंगजेब जैसे निरदयी शासक से हम कया सीखे! यही कि उसने अपनी बहन जहांआरा को कैद में डाल दिया था,ï€ ï€ à¤¸à¤¤à¤¤à¤¾ के लिये अपने चार à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ को कतल कर दिया था,ï€ à¤…à¤ªà¤¨à¥‡ à¤à¤¤à¥€à¤œà¥‡ सलेमान शिकोह को जहर दिया था,ï€ à¤…à¤ªà¤¨à¥‡ पिता को कारागार में डाल दिया था,गर तेगबहादर को सली पर चढाया था, वीर शिवाजी के पतर संà¤à¤¾ जी की हतया कर दी थी,ï€ à¤”à¤° तो और यदि मसलमान औरंगजेब को अपना रहनमा या फरिसता समते हो तो में बता दू कि उसने दिलली जामा मसजिद के सूफी संत सरमद का सिर कटवा दिया था। 49ï€ à¤¸à¤¾à¤² तलवार के दम पर विचारो,ï€ à¤¶à¤¾à¤¸à¤¤à¤°à¥‹ को दफन करने वाले 700ï€ à¤›à¥‹à¤Ÿà¥‡ -बडे हिनदू मनदिरो को तोडने वाले ओरंगजेब को कौन अपना आदरश मानेगा, या तो वो मानेगा जिस के अनदर मजहब का जहर à¤à¤°à¤¾ हो या फिर वो जो अपनी थोडी सी सनक के लिये अपने परिवार को à¤à¥€ मोत की गरत में धकेल सकता है। अब में दूसरी और अबदल कलाम का नाम लेते है तो मन में शरदधा .सममान की क लौ जलती है जो समसत समाज को अशिकषा के अंधियारे से निकालकर शिकषा सà¤à¤¯à¤¤à¤¾ का परकाश दिखाती है। ओरंगजेब ने 49 ï€ à¤µà¤°à¤· अतयाचार करके à¤à¥€ मसलिम समाज से इतना सममान ना पा सका जितना अबदल कलाम 5 ï€ à¤µà¤°à¤· राषटरपति रहकर ले गया। देश के लिये तरककी का रासता खोजा,ï€ à¤—à¤°à¥€à¤¬ परिवार में पैदा हआ,गरीबी में पला बा पर आधनिक शिकषा से जडकर à¤à¤¾à¤°à¤¤ देश के सरवोच पद राषटरपति पद तक पहंचकर कलाम ने दिखा दिया था कि यदि देश परेम की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ मन में हो तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¤à¥‚मी जाति मजहब को à¤à¥‚लकर पैर चूमती है। पर आज दख होता है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ का कछ मसलमान कलाम और ओरंगजेब को धरम के चशमे से देखकर ओंरगजेब का सडक के बोरड से नाम हटाये जाने पर विरोध करता है तो मे पाकिसतानी मूल के लेखक विचारक तारेक फतेह का वो विचार परà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करता है कि यह à¤à¤¾à¤°à¤¤ के मसलमान को तय करना है कि अपनी तरककी के रासते खोजने के लिये ओरंगजेब को आदरश मानना है या दाराशिकोह को ओवेसी के विचारो से परà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होना है या अबदल कलाम के विचारो को आदरश मानकर अपना अपनी कौम के तरककी के रासते खोजने है |
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